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हैलो मित्रो, मेरा नाम योगू है मैं एक स्टूडेंट हूँ और महाराष्ट्र से हूँ.
यह मेरी पहली स्टोरी है. मैंने देसी भाभी की यह सेक्स स्टोरी कल्पना करके बनाई है.. पसंद आई या नहीं, तो मेल करके बताना और ख़ासकर आंटी भाभी मुझे जरूर मेल करना.
मैं दिखने में सेक्सी हैंडसम लड़का हूँ मेरी उम्र 23 साल है. मेरे घर के सामने एक सेक्सी और भरे हुए बदन वाली मस्त देसी भाभी रहती हैं. उनका नाम मालविका है. भाभी की उम्र 36 साल की होगी. उनके भरे हुए चूतड़ों के कारण उठी हुए गांड और मदमस्त भरी हुई चूचियाँ… गहरी नाभि, नंगा पेट देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था. क्या बताऊँ दोस्तो, मेरा कुंवारा लंड तो टाइट होकर पैन्ट में ही तंबू बना देता था.
एक दिन भाभी ने मुझे बुलवाया, मैं उनके घर गया तो देखा कि उस वक्त मालविका भाभी बर्तन साफ़ कर रही थीं. मुझे देख कर भाभी बोलीं- अरे इतने दिन से कहाँ था.. कितनी बार तुझे बुलावा भेजा, आजकल तू दिखता ही नहीं..! क्या बात है.. तेरा कहीं कोई चक्कर तो नहीं शुरू हो गया? मैं उनके सामने बैठ कर बोला- अरे भाभी आप भी ना कुछ भी बोलती रहती हो.. भला मेरा क्या चक्कर होगा!
उस वक्त वो अपनी जांघें चौड़ी करके और साड़ी को कमर में बाँध कर बर्तन धोने बैठी हुई थीं. भाभी ने मुझे देखा तो और जानबूझ कर अपना पल्लू गिरा लिया. मेरी तो आँखें उनकी गोरी और एकदम टाइट ब्लाउज से बाहर आने वाली चूचियों पर टिकी थीं, ख़ास तौर से मैं भाभी के मम्मों के बीच वाली घाटी में अपनी नजरें में टिकाए था. मैं भाभी को ऐसी अवस्था में देख कर गर्म होने लगा और अपने लंड को थोड़ा एड्जस्ट करने लगा.
भाभी मुझे लंड ठीक करते हुए देखने लगीं और मुस्कान देने लगीं. मैं बोला- क्या बात है भाभी आज आप बड़ी मस्त मस्त बातें कर रही हो.. मुझसे कोई काम करवाना है क्या? वो बोलीं- अरे तुझसे काम तो बहुत करवाना है लेकिन वो सब बाद में बताती हूँ. मैं बोला- ऐसा क्या ख़ास काम है भाभी जी? ‘अरे योगू मेरी कमर में मोच आ गई है और कोई मालिश करने वाला नहीं था इसलिए तुझे बुला रही थी.’
मैं मन ही मन सोच रहा था कि ये तो आज मेरे साथ ज्यादा ही खुल रही हैं.. काश मालिश के बहाने कुछ और भी हो जाए और मेरे लंड को भाभी की चुत को चोदने का मौका मिल जाए.
‘तू दो मिनट रुक बस अभी कमरे में चलती हूँ.’ ‘ठीक है भाभी जी.’
वो चूचे हिलाते हुए बर्तन धोती रही और मैं उनकी चूचियों का मजा लेता रहा.
फिर कुछ देर बाद भाभी सभी निपटा कर मुझे अपने बेडरूम में ले गईं. मैंने पूछा- भाभी, बच्चे नहीं दिखाई दे रहे हैं? भाभी ने कमरे का दरवाज़ा बंद करते हुए कहा- बच्चे अपने पापा के साथ गाँव गए हैं.. कल लौटेंगे.
फिर भाभी मुझे आँख मारते हुए हंस कर बोलीं- आज रात भर में मेरा दर्द दूर कर दो. मैं बोला- हाँ भाभी आपका सारा दर्द दूर कर दूँगा.. मसल-मसल कर करूँगा आपकी.. भाभी हंसते हुए बोलीं- क्या करोगे मसल मसल के? मैं- मालिश.. भाभी ने कहा- हां.. इसीलिए तो तेरे घर पर तुझे आज यहाँ सोने भेजने बोला हुआ था. मैंने हंसते हुए कहा- भाभी आप तो आज पूरी सेवा लेकर ही दम लोगी.. चलो बताओ कहाँ दर्द है?
मेरी देसी भाभी गांड ऊपर करके लेट गई. उनके इस पोज से मुझे समझ में नहीं आया कि कहाँ से मालिश शुरू करूँ.
भाभी ने अपनी गांड के ऊपर वाले हिस्से पर मेरे हाथ रख कर दबाते हुए बोला- यहाँ से शुरू कर और सारे बदन की मालिश कर दे. मैं बोला- भाभी जी.. इस साड़ी का क्या करूँ? ये गंदी हो ज़ाएगी और अच्छे से मालिश भी नहीं हो पाएगी. भाभी साड़ी को निकालते हुए बोलीं- हाँ बात तो सही है मैं ब्लाउज भी उतार देती हूँ. तू बस पूरे शरीर की मालिश कर दे.
मैं तो भाभी की उफनती जवानी को देखता ही रह गया.
यार क्या चूचे थे.. हालाँकि भाभी जल्दी से औंधी हो गई थीं, सो मैं उनके चूचे ठीक से देख नहीं पाया था.
अब मैं हौले-हौले उनकी चिकनी कमर को सहलाते हुए दबाने लगा. मैं जानबूझ कर नीचे पेटीकोट के अन्दर हाथ डालते हुए उनकी गोल-मटोल गांड को दबाए जा रहा था. मेरा लंड पूरा टाइट होकर सलामी दे रहा था और झटके मार रहा था.
भाभी बोलीं- अरे तकलीफ़ हो रही है तो मेरी जाँघों पर बैठ जा.. और अच्छे से मालिश कर दे. मैंने उनके पेटीकोट को जाँघों तक उठाया तो भाभी बोलीं- अरे तेरे कपड़ों को तेल लग जाएगा.. इन्हें भी तो उतार दे.
मैंने झट से अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ अंडरवियर पर आ गया और सीधे भाभी की जाँघों पर बैठकर मालिश करने लगा. मेरा लंबा मोटा लंड उनकी गांड पर रगड़ने लगा. मैं भाभी के ऊपर के हिस्से की मालिश करने लगा तो उसी वक्त अचानक उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर दबोच लिया, मैं ज़ोर से चीख पड़ा और भाभी की गांड पर एक जोरदार चांटा मार दिया.
भाभी हंसते हुई खुल कर बोलीं- गांड की मालिश कर ना जानू! मैं ज़ोर से भाभी के मम्मों को दबाते हुए बोला- आज तो आपकी गांड चुत सबकी मालिश करूँगा भाभी जान.
यह कहते ही मैं उनके ऊपर सीधा लेट गया. अब मैंने उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनकी ब्रा को निकाल फेंका. भाभी ऊपर से एकदम नंगी थीं.. मैंने भाभी के मम्मों को अपने हाथों में भरा और जोरों से दबाने लगा. भाभी के गले पर चूमना चालू करते हुए पेटोकोट को नीचे करके उन्हें सीधा कर दिया. फिर देखते ही देखते उनको नीचे से पेट को किस करते हुए ऊपर को आता जा रहा था. मैं अपनी गर्म गर्म साँसें उनकी जाँघों पर छोड़ रहा था.
भाभी की गोरी-गोरी मादक जाँघें मुझे मखमल की तरह लग रही थीं, जाँघों को चूसते हुए उनकी पेंटी पर आ गया और पेंटी को सूंघने लगा. पेंटी की मस्त और मादक महक सूंघते हुए मैंने मेरे होंठ चुत पर रख कर पेंटी को खींचकर निकाल दिया.
अब मेरा एक हाथ भाभी की गोरी और मादक गांड को मसलते हुए मजा ले रहा था. मैंने मुँह को भाभी की देसी चुत पर रखा और जैसे गुब्बारे में हवा भरते हैं वैसे अपनी गरमागरम साँसें चुत में भरने लगा. जैसे मैंने उनकी चुत में साँसें भरनी शुरू की.. भाभी तो छटपटाते हुए अपनी गदराई जाँघों को मेरे सर पर दबाते हुए दबोचने लगीं ‘आहह अहह हाहह ओहू ओ सस्सी सिसीसीई मर गगई.. ऊयायेयायई योगू.. उउह..’ भाभी कसमसाते हुए सीत्कारने लगीं.
मैंने हल्के से जीभ को उनकी गर्म चुत में घुसानी शुरू की. अब तो उनकी चीखें और बढ़ गईं. उसी वक्त मैंने एक उंगली से उनकी गांड के छेद को कुरेदना चालू किया.. तो वो सिहर उठीं ‘आह.. ओह योगू मैं मर गई..’ मैंने एक उंगली उनकी गांड में घुसा दी. साथ ही मैं एक कुत्ते की तरह अपनी जीभ उनकी चुत में घुसा कर लपलपाने लगा. भाभी तो बहुत छटपटाते हुए मेरे सर को हाथ से दबोचते हुए मेरे बाल खींचे जा रही थीं. उनकी मदमस्त कामुक आवाजें कमरे को रूमानी बना रही थीं- नई.. लग रहीई है.. अहहा हहस जान क्या मस्त चुत चूसते हो.. मैं तो पागल हुई जा रही हूँ अहहह…
मैं जोर-जोर से देसी भाभी की चुत को चूसते हुए उनकी गांड में उंगली अन्दर-बाहर करने लगा. भाभी के नाज़ुक गोरे-गोरे भरे पेट पर हल्के से हाथ फिराते हुए उनके मम्मों को दबाने लगा. कभी भाभी की चुत में जीभ चलाता, कभी उनकी नाभि में जीभ से चूसते हुए उनके मम्मों को दबाता. उनके टाइट निप्पलों को उंगलियों के बीच में लिक करके कुरेदने लगा.
‘उह माँहह उहह ऑश योगू..’ भाभी को कुछ समझ नहीं आ रहा था बस बड़बड़ाए जा रही थीं. मैं नीचे से अपनी जाँघों को उनकी जाँघों में रगड़ते हुए पाँव पर पाँव घिस रहा था ‘आह हाहा..’
भाभी ने मुझे ज़ोर से ऊपर खींचा और मेरे होंठों को चूसना चालू किया. मेरे होंठ चूसते वक्त उन्होंने अपने हाथ मेरी पीठ पर गाड़ते हुए मुझे कसना चालू किया ‘मुउउः पुकघ पच्छ..’
वो और मैं दोनों वासना की आग में कसमसाते हुए एक-दूसरे की बांहों में लिपटे हुए प्यार की हवस को शांत करने में जुटे थे. कमरे में सिर्फ हमारी कामुक आवाजें गूँज रही थीं.
कुछ पल बाद भाभी बोलीं- योगू अब चोद दे मुझे.. वरना मैं सहन नहीं कर पाऊंगी.
भाभी ने मेरा 7.2 इंच का लंड अपने हाथ लिया और अपनी रसीली चुत के ऊपर घिसना चालू कर दिया. भाभी अपने आप लंड को अपनी चुत के अन्दर घुसाने लगीं. मैं भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था.. मैंने झट से लंड को चुत पर लगा कर एक झटका दे मारा. मेरा लंड सनसनाता हुआ भाभी की गरमागरम चुत में घुस गया. भाभी की आह निकल गई. उनकी चुत बहुत ज्यादा टाईट थी. वो मेरे मोटे लंड से दर्द महसूस कर रही थीं.
तब भी हम एक-दूसरे को चूसते हुए किस करते हुए कर रहे थे. मैंने ज़ोरदार धक्कों पे धक्के मारना चालू कर दिए. कुछ सटासट धक्कों के साथ मैंने लंड बड़ी मुश्किल के साथ पूरा घुसा दिया. दो पल लंड को चुत की गर्मी देने के बाद मैंने भाभी की गदराई और मदमस्त गांड को चमाट लगाते हुए ज़ोरदार ठुकाई करना शुरू कर दी. इसी के साथ रूम हमारी कामुक आवाजों से गूँज उठा था ‘आह ऑश ईसस्स एसस्स योगू..’
मैं भाभी को दे दनादन चोद रहा था और भाभी भी नीचे से गांड उठा कर मेरे लंड से युद्ध कर रही थीं. मैं बीच-बीच में भाभी के मम्मों को दबाता जा रहा था. चुदाई की रफ़्तार की वजह से भाभी के मम्मों जोरदार तरीके से ऊपर-नीचे हिचकोले खा रहे थे.
आह.. क्या हसीन नज़ारा था.
भाभी के मम्मों को हिलते हुए देख कर मैं और जोश में आ जाता. अब मैं पूरा लंड चुत के बाहर निकाल कर झटके से अन्दर पेल रहा था, जिससे भाभी की चुत रोने लगी थीं. उनकी चुत ने पानी छोड़ दिया था. अब रसीली चुत के कारण लंड और भी तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था.
भाभी निढाल सी हो गईं लेकिन मैं उनको धकापेल चोदता ही रहा.. जिससे वे फिर से गर्म हो गईं. फिर मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में करके उनके पीछे से उनकी भरी हुई गोरी चिकनी गांड को देखकर गांड को चाटने लगा और किस करने लगा. वो हंस कर बोलीं- योगू, आज से तेरे लिए ये हमेशा तैयार रहेगी.
भाभी के मुँह से ये मैंने ये सुना तो मुझे उनकी गांड मारने का मन हो गया. मैं और अधिक उत्तेजित हो गया और भाभी की गांड को ज़ोर से चमाट मारते हुए थपथपाते हुए अपने लंड को उनकी चुत में डालने से पहले उनकी दोनों टांगों को चिपका दिया.
जिससे भाभी की चुत और टाइट हो गई.
अब मैंने पूरे ज़ोर से लंड घुसाते हुए भाभी की चुत को चोदना चालू किया. मेरा लंड पूरी स्पीड से चुत में अन्दर-बाहर होते हुए तूफानी गति पकड़ता जा रहा था. साथ ही मैं भाभी की गांड को ज़ोर-ज़ोर से थपथपा रहा था. मेरे झटकों से उनके बड़े-बड़े चुचे भी इधर-उधर हिलते हुए मचलने लगे. भाभी भी मचलने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… औह ऑश ससस्स आत्त्त ऐसे ही चोद दो जानू..’
हम अब चुदाई की चरम सीमा पर आ गए थे. मैंने मेरा सारा पानी भाभी की चुत में छोड़ दिया और नंगे ही एक-दूसरे की बाहों में लिपट कर गिर गए. अगला राउंड उनकी गांड मारने का था, वो फिर कभी सुनाऊंगा.
कैसी लगी मेरी देसी भाभी की चुदाई सेक्स स्टोरी.. ज़रूर बताना. [email protected]
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