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दोस्तो, मेरा नाम आकृति है, मैं 23 साल की हूँ. घर में मम्मी-पापा और एक छोटा भाई है. हमारा परिवार गाँव में रहता है.
मैं बचपन से ही हॉट और सेक्सी थी. मेरी माँ 38 साल की है, बहुत सेक्सी और गठीला बदन, बड़ी बड़ी चूचियाँ और गोल गोल गांड. मेरी माँ बहुत सेक्सी है और इसी कारण से ना जाने कितने सेक्स अफयेर थे मेरी माँ के! पापा नौकरी के लिए गाँव से दूर रहते थे जो साल भर में एक बार आते थे. ताऊ जी, चाचा जी… ना जाने कितने थे गाँव के मर्द जिनके साथ मम्मी के नाजायज सम्बन्ध थे.
जब मुझे यह बात पता चली तो मुझे विश्वास नहीं हुआ और मैं सच जानने के मौके की तलाश में थी.
एक दिन मम्मी ने कहा- मैं खेत में जा रही हूँ, तू घर पे ही रहना अपने भाई के साथ. और खेत में चली गई.
मैंने उसके बाद चाय बनाई, पी और दिन के खाने की तैयारी करने लग गई.
इतने देर में मेरे छोटे भाई की तबीयत ख़राब हो गई तो वो रोने कहा और कहने लगा- मम्मी को बुला के ला! मैं खेत में चली मम्मी को बुलाने! दूर मेरी नज़र पड़ी तो मम्मी किसी के साथ झाड़ी में बैठी थी. मुझे उस इन्सान का चहेरा साफ़ नहीं दिखाई दे रहा था तो मैं साइड से एक पेड़ के सहारे देखने लगी. मुझे वहाँ से वो दोनों साफ़ नज़र आ रहे थे. उस दूसरे इन्सान को देख कर मैं हक्की-बक्की रह गई. वो कोई और नहीं बल्कि मेरा बॉय फ्रेंड यश था.
हम दोनों के दूसरे से बहुत प्यार करते थे मगर सेक्स कभी नहीं किया था. मैंने देखा कि मम्मी ने अपनी साड़ी घुटनों तक ऊपर कर रखी थी और यश के ओंठ चूस रही थी और यश एक हाथ से मम्मी की मोटी मोटी जांघें सहला रहा था. अब मुझे यकीन हो गया था कि लोग जो कहते थे वो सच था. मुझे बहुत बुरा लगा कि मेरा ही बॉय फ्रेंड और मेरी ही मम्मी… सोचा सामने जाऊं और खूब सुनाऊँ उन दोनों को… मगर चुप रही और सोचा कि देखूँ तो सही आगे क्या क्या करते हैं.
इतनी देर में मम्मी ने यश की पेंट की जिप खोली और लंड बाहर निकाला. ‘बाप रे…’ मैं देख के चौंक गई कि इतना बड़ा और मोटा… सच में बहुत बड़ा था. मम्मी उसे हाथों में लेकर सहलाने लगी. मम्मी ने अपने ब्लाउज के ऊपर के दो बटन खोल रखे थे जिससे उनकी चूचियाँ रह रह के बाहर निकलने के लिए उतारू थी. मम्मी दोनों हाथों से यश ले लंड को सहला रही थी और मालिश भी कर रही थी.
काफी देर तक मम्मी ऐसा ही करती रही, उसके बाद मम्मी नीचे झुकी और यश के लंड को अपने मुख में ले लिया. ज्यादा मोटा और बड़ा होने के कारण वो मुख में बड़ी मुश्किल से घुस रहा था. अब मम्मी यश का लंड मुख में लेकर चूसने लगी. इतनी देर में यश ने मम्मी के शरीर से ब्लाउज का आजाद कर दिया. मम्मी कच्छी और ब्रा नहीं पहनती. सच में इस उम्र में इतने लोगों से चुदने के बाद में मम्मी की चूची कितनी कड़क थी.
कुछ देर बाद यश ने मम्मी के बदन से साड़ी भी निकाल दी. अब मम्मी सिर्फ लाल पेटीकोट में थी, बहुत सेक्सी लग रही थी.
पहले मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था मगर अब धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा. मैं छिपते छिपाते उनके बिल्कुल पास पहुँच गई और एक पेड़ के पीछे से अपनी माँ की चुदाई देखने लगी.
मम्मी यश के लंड को अपनी चुची पे रगड़ने लगी. यश अब मम्मी का पेटीकोट भी निकाल चुका था. माय गॉड क्या चूत थी. इतनी लम्बी लम्बी झांटें… शायद कभी बनाती ही नहीं थी. यश मम्मी की चूत को सहालने लगा और मम्मी हाथ से यश का लंड हिला रही थी और साथ में जोर जोर से चूमा-चाटी भी कर रही थी. मम्मी पागलों की तरह लंड को हाथ में लेकर जोर जोर से आवाजें निकाल रही थी… उम्म्ह… अहह… हय… याह… शायद मम्मी को बहुत दिन के बाद मिल रहा था लंड का स्वाद… मम्मी बहुत गर्म हो चुकी थी और कहने लगी- यश अब रहा नहीं जा रहा है, चोद दे मुझे आज यहीं खेत में… पर यश कहाँ सुनने वाला था, यश अब मम्मी की चूत पे अपने जीभ फेरने लगा, मम्मी और तड़पने लगी. यश चूत का रस-पान करता रहा.
ये सब देख कर मैं भी गर्म हो चुकी थी और अपनी चूत में वहीं पेड़ के सहारे सहलाने लगी. मम्मी और यश दोनों नंगे थे. मेरा भी बहुत मन कर रहा था कि मैं भी नंगी हो जाऊँ पर डर लग रहा कहीं कोई देख ना ले. वो दोनों तो झाड़ियों की ओट में थे. खेत में एक कोने में झाड़ियाँ और उस झाड़ी में मम्मी अपनी चूत चुदवा रही थी.
अब यश ने कहा- तू मेरे ऊपर से आ जा! मम्मी यश के ऊपर आकर हाथ में लंड पकड़ के अपनी चूत में घुसाने लगी और एक झटके में नीचे लंड पर बैठ गई और एकदम चिल्लाने लगी. शायद कई दिनों के बाद चुदवा रही थी. ऊपर से यश का लंड इतना मोटा और बड़ा… कुछ देर ऐसे ही रही सूरत रोने जैसी जैसे अभी रो देगी.
थोड़ी देर के बाद धीरे धीरे मम्मी ऊपर नीचे होने लगी. अब तो मम्मी सातवें आसमान पर थी, खूब जोर जोर से ऊपर से झटके मार रही थी. मेरे मुख से गाली निकल आई- साली कुत्ती रंडी… पता नहीं कितनों के लंड के मजा लेती है. मेरे यश को भी नहीं छोड़ा.
वो दोनों तो चुदाई में मस्त थे, खूब जमकर चुदाई चल रही थी.
अब यश ने मम्मी को नीचे उतारा और एक पेड़ के सहारे खड़ा करके एक टांग उठा के चोदने लगा. मम्मी आह… ओह… अयी… उम्म्ह… की आवाजें निकाले के कहने लगी- हाँ यश चोद ऐसे ही, आज तक मुझे इस पोजीशन में किसी ने नहीं चोदा. यश एक टांग खड़ी करके मम्मी को चोदे जा रहा था झटके पर झटके लगाये जा रहा था.
मुझसे नहीं रहा जा रहा था मगर क्या करती… मैं उंगली के अलावा कुछ नहीं कर सकती थी. अब यश ने मम्मी को कुतिया बनने को कहा, मम्मी कुतिया बन गई. अब यश उस कुतिया को कुत्ता बन कर चोद रहा था.
पता नहीं कितनी बार मम्मी ऐसे चुदी होगी… मम्मी ने पहले भी यश से ऐसे ही खेत के कोने में चुदवाया होगा. मम्मी काम करते करते अपनी साड़ी ऊपर की होगी और यश का मन ललचाया होगा… मम्मी ने ऊपर ऊपर से अपनी चूचियाँ दिखाई होगी और यश ने ना जाने इस खेत में कितने झटके मारे होंगे मम्मी की चूत में.
आज भी यश जोर जोर से झटके पे झटके मारे जा रहा था… मम्मी जोर जोर से चिला रही थी… आहह उईई माँ… अआह… ओहह उम्म्हाह… पूरा खेत मेरी माँ की चुदाई की सेक्सी सेक्सी आवाजों से गूंजने लगा.
मेरा भी इतना मन कर रहा था कि बस अभी जाऊं और यश को बोलूँ- इस रंडी को बाद में चोदना… पहले मुझे आज रंडी बना दे. पर कुछ न कर पाई.
उधर उन दोनों का चुदाई का नजारा देख कर मुझे बहुत मजा आ रहा था. अगर उस समय में उधर से कोई भी मर्द जा रहा होता तो मैं उससे चुदवा देती चाहे भाई या मेरे पापा ही क्यूँ ना होते… मगर कोई ना था… मन कर रहा था कि भाग के घर जाऊँ और अपने भाई से कहूँ कि ‘भाई, अपनी दीदी की चूत में लंड डाल के अपनी दीदी की चूत फाड़ दे…’
उधर यश मम्मी को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था, अब यश ने मम्मी को गोदी में उठा दिया और ऐसे ही धक्के मारने लगा. मम्मी को खूब मजा आ रहा था… खूब मजे ले ले के अपनी गांड उचका रही थी. मम्मी की चूचियाँ खूब हिल रही थी. यश धक्के पर धक्के मारता रहा और मम्मी यश के ओंठ चूसती थी… आह क्या नजारा था… बहुत देर हो गई थी उन्हें चुदाई करते करते… इस बीच में मैं भी झड़ चुकी थी.
यश ने अब मम्मी को वहीं नीचे खेत में लिटा दिया और दोनों टाँगें खड़ी करके मेरी माँ चोदने लगा. अब थी असली की स्पीड.. क्या स्पीड से चोद रहा था मेरा यश मेरी मम्मी को! मम्मी भी नीचे से गांड उठा उठा कर यश के लंड से मजा ले रही थी. एक साथ साथ में यश मम्मी चूचियाँ भी दबा रहा और किस भी कर रहा था.
मम्मी चुदाई और बड़े बड़े झटकों के खूब मजे ले रही थी. कैसी चुदक्कड़ रांड है मेरी माँ… यहाँ मुझे एक भी लंड नहीं मिल रहा था और ये रंडी ना जाने कितने लंडों से चुदवा रही थी… मेरे ही हक़ पर डाका डाल दिया मेरी रंडी माँ ने!
यश के झटके और स्पीड तेज हो गये, मम्मी चिल्लाने लगी- यश फाड़ दे आज मेरी चूत को… आह मेरे राजा… और चोद… निचोड़ दे मुझे. यश कहने लगा- मैं झड़ने वाला हूँ… बता लंड का माल कहाँ गिराऊँ? मेरी चुदक्कड़ मम्मी में कहा- मेरी चूत में ही गेर दे और मुझे फिर से माँ बना दे. मैं तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ… तुझसे जैसे चोदने वाला आज तक नहीं मिला… आज रात को भी मेरे कमरे में आना और जम के चोदना मुझे… मुझे रात भर चुदना है तुझसे…
यश ने कहा- ठीक है… रात को तुझे माँ बनाऊंगा, इस समय लंड का माल मुंह में ले ले. उसने लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाला और सारा माल मम्मी के मुख में छोड़ कर कहा- आई लव यू मेरी रानी… मेरी डार्लिंग! तो मम्मी ने भी बदले में आई लव यू मेरे यश मेरा राजा कहा.
क्या नज़ारा था… काश मैं भी यश के लंड का माल मुंह में ले सकती… सारा माल यश ने मम्मी के मुख में डाल दिया और मम्मी ने लंड मुंह में लेकर सारा साफ़ कर दिया.
उसके बाद दोनों एक दूसरे के गले लगे और ओंठ चूसने लगे, दुबारा आई लव यू कहा और घर को निकल पड़े.
अँधेरा हो चुका था… आस-पास ना कोई था और ना कुछ था तो मम्मी ने कहा- यश, कुछ दूर तक मेरे साथ ऐसे ही नंगा होके चल ना! तो यश ने कहा- ठीक है. दोनों कुछ दूरी तक ऐसे ही नंगे होके गये एक दूसरे को चूमते और दबाते हुए… यश पीछे से मम्मी की गांड खूब दबा रहा था.
मम्मी ने कहा- क्या ख्याल है? तो यश ने कहा- आज रात मैं तेरी गांड मारना चाहता हूँ. तो मम्मी ने कहा- ठीक है, मैं तेल ला के रखूंगी.
वो लोग बातों में इतने मगन थे कि मुझे भी नहीं देख पाए.
इस कहानी में बस इतना ही. आगे मैंने कैसे अपनी चूत की प्यास बुझाई, इस कहानी का इंतजार करना, मैं अपनी कहानी लेकर जरूर आऊँगी. धन्यवाद. आपकी प्यारी आकृति [email protected]
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