शादी के तीन साल बाद सुहागरात की चुदाई

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नमस्ते दोस्तो, यह मेरी सुहागरात की चुदाई की सेक्स स्टोरी है, जिसे मैं अन्तर्वासना पर भेज रही हूँ। मेरा नाम नीलम रेशमा पटेल है, ये मैंने बदला हुआ नाम लिखा है। मैं गुजरात से हूँ मेरी उम्र 27 साल है। मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और फिगर साइज़ 34-28-36 की है।

मेरी सेक्स स्टोरी शादी के बाद की है, शादी के बाद सुहागरात की चुदाई का जो सुख मिलना चाहिए था, वो मुझे शादी के तीन साल बाद मिला था। मेरे पति मुझे चोदने के लिए मेरे ऊपर चढ़ते और लंड को मेरी चुत में पेलने से पहले ही झड़ जाते थे। लंड से पानी गिराने के बाद मेरे लुल्ल पति मेरे बाजू में गिर कर सो जाते थे। मैं चुदासी और प्यासी मनमसोस कर चुत में उंगली करके रह जाती थी।

शादी के 15 दिन बाद मेरे पति मुझे शहर लिवा ले गए, जहाँ वो जॉब करते थे। अब मुझे यहीं रहना था, मेरे साथ मेरी ननद भी थी ताकि पति की गैरमौजूदगी में मुझे बोरियत न हो। मेरी ननद भी जवान थी, उससे मेरी ठीक बनती थी।

शहर में रहते हुए तीन महीने बीत गए थे। मेरी चुत की आग बढ़ती ही जा रही थी। इस बीच मेरी यहाँ सभी से जान पहचान होने लगी थी।

मेरे घर पर एक दूध वाला दूध देने आता था, उससे दूध लेने मेरी ननद जाती थी। दूध वाला दूध देते समय घर के अन्दर झाँक कर मुझे गौर से देखने की कोशिश करता रहता था, ख़ास तौर से जब मैं नाइटी में होती थी। उसके इस तरह देखने से मुझे कुछ कुछ होने लगटा था और मैं चुत को थपकी देकर समझाने लगी थी कि शायद इस दूध वाले का लंड मेरी प्यास बुझा दे। ये सब सोच कर मैं दूध वाले से दूध लेने जाने लगी थी।

दो दिन बाद ही मैंने नाइटी के अन्दर ब्रा पहनना छोड़ दी और ऊपर का एक बटन खोल कर झुक कर उससे दूध लेने लगी ताकि वो अपनी मदभरी आँखें सेंक सके। अब वो मुझसे बात करने लगा था- मेम साब आप दूध लेने आने लगी हो.. तो मुझे अच्छा लगने लगा है। मैं भी उसकी बात पर उसे तिरछी निगाहों से देख कर हंस देती थी।

फिर छह दिन बाद उसने मुझसे पूछा- मेम साब, साहब कहाँ हैं दिखाई नहीं दे रहे हैं? मैंने कहा- उन्हें काम से ही फुर्सत नहीं रहती है, उनकी दो शिफ्टों की नौकरी है। दूध वाला मुस्कुराया और बोला- एक बात बोलूँ मेम साब, आप बुरा तो नहीं मानोगी? मैंने मुस्कुराते हुए कहा- नहीं.. मैं क्यों बुरा मानूँगी.. बोलो क्या कहना चाहते हो? बोला- मेम साब, आप बहुत खूबसूरत हो। आपकी आँखें बहुत मस्त हैं।

मैंने उसकी इस बात पर अपनी चुत में बड़ी ठंडक सी महसूस की और हंस दी।

उसने मुझसे फिर कहा- आपकी ननद नहीं दिख रही हैं? मैंने कहा- वो देर रात तक पढ़ती रही हैं इसलिए सो रही हैं.. देर से उठेगीं। उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहा- ठीक है, उन्हें सोने दो। मैंने कहा- बस वो कल चली जाएंगी, उनके पेपर हैं। दूध वाला हंस कर बोला- ठीक है चलता हूँ.. फिर कल ही मिलूँगा।

उसने ये बात धीरे से कही और मुझे आँख मारते हुए दूध का डिब्बा मुझे पकड़ाने की बजाए नीचे रख दिया। मैंने उसे मस्त नशीली निगाहों से देखा और उसके मंतव्य को समझते हुए नीचे झुक कर उसे अपने दूध दिखाते हुए दूध का डिब्बा उठा लिया। दूध वाले ने अपना लंड सहला कर मुझे चुदासी निगाहों से देखा और चला गया।

दूसरे दिन दूध वाला आया और उसने आते ही पूछा- आपकी ननद चली गईं? मैंने हंस कर कहा- हाँ आ जाओ.. चाय पी लो।

वो तो जैसे घर के अन्दर घुसने को बेताब था, मेरे चाय के ऑफर के साथ ही वो अन्दर आ गया। मैंने उससे कहा- तुम बैठो.. मैं अभी आती हूँ। यह कह कर मैं अपनी गांड मटकाते हुए अपने बेडरूम की तरफ जाने लगी।

वो शायद मेरा इशारा समझ गया था सो बजाए बैठने के मेरे पीछे-पीछे मेरे बेडरूम में आ गया। मैंने ऐसा शो किया जैसे मुझे मालूम ही न हो कि वो मेरे पीछे आ रहा है।

कमरे में अन्दर आते ही उसने दरवाजा बंद किया और मुझे मेरी कमर में हाथ डाल कर पकड़ लिया। अभी मैं कुछ समझ पाती कि उसने अपने एक हाथ से मेरे एक मम्मे को दबोच लिया। मैं अपना दिखावे का विरोध देखाने के लिए उसकी तरफ मुड़ी कि उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर मुझे अपनी तरफ खींचा। मुझे उसका कड़क लंड मेरी चुत के पास चुभता सा महसूस हुआ, मेरी चुत मचल उठी।

अब मैं उससे छूटने का झूट-मूट का नाटक करने लगी और उससे छोड़ने को कहने लगी। लेकिन वो भी समझदार था, उसने मुझे नहीं छोड़ा और लगातार मुझे चूमते हुए मेरे दूध मसलता रहा। कुछ ही पलों बाद मैंने अपना दिखावटी विरोध छोड़ दिया और उसके साथ लिपट गई।

कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- अभी मुझे छोड़ दो, जब मैं सही वक्त देखूंगी, तब आना! मगर वो मुझे छोड़ने को तैयार नहीं था। मैंने उसे मना करती रही तो वो कुछ देर बाद बोला- अच्छा एक शर्त पर तुमको छोड़ सकता हूँ.. तुम मेरे इसको शांत कर दो। मैंने बोला- किसको? ‘मेरे लंड को चूस कर शांत कर दो।’

मैंने उसके लंड को चूसने से मना कर दिया क्योंकि मुझे उसके लंड को चूसने में घिन आ रही थी। लेकिन वो नहीं माना उसने एक हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और मुझे जबरन नीचे बैठाते हुए मेरे मुँह के ऊपर लंड रगड़ने लगा। मुझे उसके लंड से अजीब से गंध आ रही थी जो कुछ ही पलों में मुझे उत्तेजित करने लगी।

तभी उसने मेरी नाईटी ऊपर कर दी और मेरे मम्मों को मसलने लगा। मैंने भी गर्म हो कर उसके लंड को अपने में घुसने की इजाजत दे दी। कुछ ही देर में मुझे उसका लम्बा लंड चूसने में मजा आने लगा। लंड एकदम टनटना कर लोहा हो गया था उसने भी उत्तेजित होकर मेरे गले तक अपना मोटा लवड़ा ठूँसना चालू कर दिया। बस मेरे मुँह की चुदाई होने लगी।

मुझे दिन में डर लग रहा था कि कोई आ ना जाए। इसलिए मैंने उसके लंड को जल्दी ही झाड़ देना चाहती थी। वही हुआ भी.. उसने अगले 5 मिनट में अपने लंड का रस मेरे मुँह में ही छोड़ दिया, जिसे मैं मजे से चाट गई।

इसके बाद मैं बहुत चुदासी हो गई थी और किसी भी हाल में अभी ही चुत चटवाने के मूड में आ गई थी, मुझे किसी का भी डर न रहा था।

दूध वाले ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे पूरे शरीर को चूमना और चाटना शुरू कर दिया। वो मुझे चूमते चाटते हुए मेरी चुत पर आ गया और मेरी चुत को चाटने लगा। उसकी जुबान मुझे अपनी चुत पर महसूस होते ही मेरी आग एकदम से भड़क गई।

कुछ देर चुत चुसाई के बाद मेरी चुत के अन्दर तक वो अपनी जीभ घुसेड़ने लगा और उसका नतीजा ये हुआ कि मैं उसके मुँह में ही झड़ गई। अब हम दोनों ही झड़ चुके थे।

उसने लंड पेलने की मंशा जाहिर की तो मैंने उससे कहा- अभी नहीं तुम कल रात को 11 बजे आना, मेरे पति नौ बजे तक काम पर चले जाते हैं.. और उनके आने का कोई समय निश्चित नहीं रहता है.. हो सकता है कि वो अभी आ जाएं।

यह सुनकर दूध वाले की गांड फट गई और वो जल्दी से अपने कपड़े ठीक करके चला गया, जाते समय उसने मुझे अपने नम्बर पर कॉल करने का कह दिया।

दूसरे दिन मैंने उसे फोन कर दिया और 11 बजे तक आने को कह दिया। मैंने उससे कहा कि आने से पहले एक मिस कॉल जरूर दे देना, यदि पति नहीं हुए तो मैं तुम्हें कॉल करूँगी.. अन्यथा तुम मत आना। उसने कहा- ठीक है।

रात को 9 बजे पति के जाते ही मैंने अपनी चुत को चिकना किया और शादी के जोड़े को पहन कर अपने बेडरूम में सुहागरात जैसी दुल्हन बन कर बैठ गई और दूधवाले को फोन का इन्तजार करने लगी। उसका फोन आया तो मैंने उसे समय पर आने के लिए कह दिया।

वो समय से 15 मिनट पहले ही आ गया.. उसने दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा सिर्फ उड़का हुआ था। वो अन्दर आ गया और उसने दरवाजे को कुण्डी लगा दी। मैंने भी उसकी आहट पाकर पूछा- कौन? उसने कहा- मैं हूँ मेम साब। ‘आ जाओ राजा..’

मेरी चहकती आवाज सुन कर वो दौड़ कर बेडरूम में आया और उसने मुझे दुल्हन के लिबास में सजी हुई देखा तो वो मचल गया। ‘आज तो तुम बहुत ही मस्त लग रही हो रानी।’ ‘तेरे लिए ही सजी हूँ राजा.. आओ और मुझे अपनी बना लो..’

वो मेरे करीब आया और मुझे चूमने लगा उसने किसी दूल्हे की तरह ही मेरे घूँघट को उठाया और मेरे होंठों को चूमने लगा। इसके बाद उसने मेरे पल्लू को हटा दिया और मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरे मम्मों को सहलाने लगा। मैंने उसे मस्त निगाहों से देखा और कहा- उतार कर मजा लो ना। उसने एक झटके में ही मेरे ब्लाउज को खींच कर उतार डाला और इसके बाद कब मैं नंगी गई मुझे पता ही नहीं चला।

उसने मुझे चोदने के लिए चित्त लिटाया तो मैंने उसे रोकते हुए कहा- ये मेरा पहली बार है। वो मुझे आश्चर्य से देखने लगा।

मैंने उससे कहा- कुछ क्रीम वगैरह लगा लो। उसने झट से पास रख क्रीम अपने लंड पर लगा ली और मेरे ऊपर चढ़ गया।

उसने मेरी टांगें फैलाईं और अपना मूसल लंड मेरी चुत के मुँह पर लगा दिया। इसके बाद उसने मेरे मुँह पर अपने होंठों का ढक्कन जड़ते हुए एक जोरदार थाप लगाई तो उसका लंड मेरी चुत को फाड़ता हुआ लगभग आधा अन्दर घुस गया। मेरी आँखें फ़ैल गईं और मेरी चीख मेरे गले में घुट कर रह गई। मैं तड़फ उठी और उसे अपने ऊपर से हटाने का प्रयास करने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई दहकता हुआ सरिया मेरी चुत में जबान ठूंस दिया गया हो।

अभी मैं कुछ सम्भलती कि उसने दूसरा झटका मारा और अपना पूरा लंड मेरी चुत की जड़ तक पेल दिया। अब वो ठहर गया था.. मैं तड़फ रही थी तो वो मुझे चूमने लगा।

कुछ ही देर में मेरी चुत को मजा आने लगा तो मैंने कमर को कसमसाया, बस उसको समझ आ गया और दमदार चुदाई आरम्भ हो गई। कमरे में मेरी और उसकी मदभरी सीत्कारें ही गूँज रही थीं।

कुछ ही देर में मैं झड़ गई लेकिन वो मुझे चोदता रहा। करीब बीस मिनट की दमदार चुदाई में मैं पूर्णतः तृप्त हो गई थी और वो मेरे अन्दर ही झड़ चुका था।

चुदाई के बाद मैंने उठ कर देखा कि मेरी चुत से खून निकल गया था यानि आखिर मेरी सील टूट ही गई थी।

इसके बाद उसने मुझे पूरी रात में तीन बार चोदा और सुबह चार बजे वो चला गया।

दो दिन तक उसने मुझे चोदा इसके बाद मेरी ननद वापस आ गईं तो मुझे चुत में कुलबुली होने लगी।

दूध वाले से कहा तो उसने मुझे अपने तबेले में बुलाया।

मैं काम के बहाने से निकल कर उसके तबेले में पहुँच गई। उसने भैसों के बीच में मुझे नंगी किया और मेरी दमदार चुदाई की।

अब तक उसने मेरी सैकड़ों बार चुत चोदी है। मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी सुहागरात की चुदाई सेक्स स्टोरी पसंद आई होगी, मुझे अपने कमेंट्स भेजिएगा। [email protected]

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