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छुट्टी वाले दिन ग्रुप सेक्स की स्टोरी-1
पूरे जोर शोर से चुदाई का एक दौर खत्म हुआ तो हम सभी एक साथ नंगे ही बैठ कर ताश खेलने लगे और हँसते हुए बातें करने लगे. रुचिका ने नेहा को इशारा किया और वो दोनों उठ कर नीचे चलीं गईं.
अब मैं, मनोज, अरमान और सुलेखा ताश खेल रहे थे. मैं अरमान को मजाक करने लगा- अरमान यार, सुलेखा को मेरे पास छोड़ दो और तुम नेहा को ले जाओ! अरमान बोला- हाँ हाँ.. जरूर ले जा सुलेखा को यार… मुझे भी छुट्टी मिलेगी! सुलेखा बोली- ओह, तो तुझे छुट्टी चाहिए मुझसे… दिलाती हूँ, तुझे छुट्टी! कह कर अरमान की पीठ पे हल्के हल्के से प्यार से मारने लगी.
मनोज बोला- ओह रवि यार, तुमने तो झगड़ा ही करवा दिया मियाँ बीवी में! जा मेरे वाली ले जा तू! सुलेखा मनोज को बोली- ओह आप भी… अभी बताती हूँ रुचिका को!
हमारी बातें और हंसी मजाक चल ही रहा था, तभी नेहा और रुचिका चाय की ट्रे और पानी लेकर आईं और बोली- हमने सोचा पहले थोड़ी थोड़ी काफ़ी ले लो, हम आपके लिए काफ़ी बना कर लाई हैं, मैंने कहा- ओह अच्छा… तुमने क्या सोचा कि काफी पीने से मर्द माइलेज अच्छी देंगे! सभी हंसने लगे.
रुचिका और नेहा ने सभी को काफी सर्व की और खुद भी काफी का कप लेकर हमारे बीच आकर बैठ गईं, सुलेखा को मैंने पहले ही अपने पास बिठा लिया था जब हम अरमान को छेड़ रहे थे, तो हमें देख कर नेहा बोली- ओह इधर ये जनाब जी, फिर सुलेखा को पास लिए बैठे हैं. रुचिका हमें देखकर बोली- रहने दे यार, इन दोनों का मैच भी हो ही लेने दे, हम अब इनमें कोई दखलंदाज़ी नहीं करेंगे.
तभी अरमान बोला- वाह साली… हम कोई दखलंदाजी नहीं करेंगे, बहनचोद खुद तूने गांड मरवा ली रवि से, अब तेरी दखलंदाजी बंद… ये क्या हुआ? अब तक हम सभी ने काफी ख़त्म कर दी थी और नेहा ने कप उठा कर साइड पे रख दिए.
सुलेखा बोली- अरे गांड मत बोल यार, इस साली का तो चूत मरवाने से ही बुरा हाल हो गया! मनोज बोला- कोई बात नहीं, गांड अरमान से मरवा लेगी.
मैंने सुलेखा को साइड पे किया और बोला- लगता है गांड मरवाने का शौक सुलेखा को ज्यादा है. तभी सुलेखा बोली- सोच लो, अभी उठ कर अरमान के पास चली जाऊँगी.
यह सुनकर मनोज बोला- अरे अरमान तो रुचिका को संभाल चुका है, वैसे भी पहले तो भाग कर रवि के पास आई हो तुम खुद ही! यह सुनकर रुचिका बोली- अरे आपको नहीं कह रही, आप अपना काम करो, बात हम दोनों के बीच की है. हम सभी दूसरे राउंड के लिए तैयार थे.
मैंने सुलेखा के मम्मों को दबाना शुरू किया और उन्हें हल्के हल्के मसल रहा था और फिर धीरे धीरे उनपे अपनी जीभ घुमाने लगा. इस बार सुलेखा और मुझे गर्म होने में देर नहीं लगी, क्योंकि सुलेखा वैसे ही हॉट ज़ल्दी हो जाती है. मैंने पहले सुलेखा के मम्मों पे किस की और उसकी चूचियाँ को चुसना शुरू किया और फिर उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया. हमने इतना डीप किस किया कि दोनों ने एक दूसरे की जीभ को जीभ लगा कर उसके ऊपर लार टपका कर किस का मज़ा दुगना कर दिया.
फिर मैंने सुलेखा की पीठ पे जीभ से मसाज़ की, जिससे सुलेखा को और मज़ा आने लगा. ऐसे करते करते जब मैं सुलेखा के नीचे के भाग की तरफ यानि चूत पे पहुंचा तो सुलेखा ने मेरा सर पकड़ लिया और मैंने उसकी चूत की किस की और फिर उसकी चूत को हाथ से खोल कर उसके लाल भाग के ऊपर अपनी जीभ को चलाना शुरू कर दिया.
मेरे इस वार से सुलेखा मज़े से तड़पने लगी, सिसकारियाँ लेने लगी. मैंने उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ उतार दी और चूत को अंदर से कुरेदने लगा जिससे वो और तड़प उठी- उई अहह अहह सी सी बस बस… करो.. अब अहह चोदो.. प्लीज़ चोदो… परन्तु मैं सुलेखा को इस कदर तड़पना चाहता था कि वो डर्टी शब्द बोलने शुरू कर दे, क्योंकि मुझे मालूम है जब सुलेखा बहुत ज्यादा उतेजित मूड में होती है तो डर्टी शब्द बहुत इस्तेमाल करती है. मैंने अपना एक हाथ सुलेखा की गांड के नीचे ले जा कर, अपनी एक ऊँगली नीचे से पहले उसकी चूत में डाली और फिर जब वो अपने टांगों को सिकोड़ने लगी और बहुत तेज तेज सिसकारने लगी तो मैंने अपनी ऊँगली वहां से निकाल कर उसकी गांड में डाल दी जिस से वो बहुत तड़पने लगी.
मेरे दांतों में उसकी चूत का दाना था और उसे हल्के हल्के दांत से मैं कुरेद रहा था. वो बोलने लगी- उफ्फ्फ आह्ह्ह्ह सी सी मज़ा बास चोदो चोदो अब चोद दो चोदो… उफ़ अहह अहह ई उई… उफ़ फाक फ़क मी… साले लंड में दम नहीं .. उह बहनचोद मेरी… आह आ चोद .. दो दो लंड से चोद आज चोद… अह उई!
मैंने उसकी चूत को छोड़ा, उसकी टांगों को ऊपर उठाया और उसकी चूत पे लंड का निशाना लगाकर लंड को अंदर डाल दिया, बोला- उफ़ ले साली चुद.. अहह ले चुद साली बहन की लौड़ी कमीनी आज तुझे दो दो लंडों से चोदूँ कुतिया.. आह आह चुदक्कड़ साली… आह आज तेरी गांड तक चुद जाएगी!
मैं झटकों पे झटके लगाता हुआ अपना लंड उसकी चूत की गहराई तक उतारता चला गया. मैंने साइड पे देखा तो अरमान ने रुचिका की चूत को अपने मुंह में लिया हुआ था, उसे चूस रहा था और रुचिका उसके नीचे पड़ी सिसकार रही थी. सामने मनोज और नेहा दोनों 69 की पोजिशन में थे और पूरा मज़े में थे.
मैंने अपनी एक उंगली सुलेखा की गांड में कर दी, सुलेखा चुदाई के मज़े से सिसकार रही थी और बोले जा रही थी- उफ़ उई आह आह चोद चोद साले चोद.. आह आह गांड फाड़ मेरी आह आह चोद ले मेरी उई आह आह… चोद! और मैं भी तेज तेज चोदते हुए बोले जा रहा था- उफ़ आई उई उई सी सी चुद साली चुद… चुदवा बहनचोद साली… तेरी चूत अब फटेगी हम दो लौड़ों से कुतिया ये ले आह… उफ़ ये ले और शॉट साली.. तेरी गांड को अंदर तक चोदेंगे साली… .उई साली तेरी जवानी का रस मेरे लंड और टट्टे भिगो रहा है मादरचोद!
सुलेखा अपने पूरे जोश में चुद रही थी, मैं उसकी चूत को लंड से चोद रहा था, उसकी गांड में अपनी उंगली को भी चलाये जा रहा था. यह देखकर मनोज ने मुझे आँख मारी तो मैंने उसे नेहा को छोड़ कर मेरे सामने आने का इशारा किया तो मनोज मेरे सामने आ गया और मैंने सुलेखा को अपने कूल्हों पे कर लिया और उसके मम्मों को अपनी छाती से दबा कर उसके होंठों को अपने होंठों में लॉक कर दिया.
अब मैंने अपने दोनों हाथों को सुलेखा के चूतड़ों के नीचे किया और सुलेखा की गांड को बाहर को खोल दिया और मनोज मेरा इशारा पाकर उसकी गांड के करीब आया, उसने अपना लंड धीरे से सुलेखा की गांड पर रख दिया और मैंने सुलेखा को पीछे कर दिया. मेरा लंड सुलेखा की चूत में ही था, मनोज ने अपने दोनों हाथों से सुलेखा को अपने लंड पे बिठा दिया अब सुलेखा को अहसास हुआ कि उसकी तो गांड भी चुदने लगी है तो वो चीखने लगी परन्तु मैंने उसकी चूत में अपने लंड के धक्के और तेज कर दिए उधर से मनोज भी उसकी गांड में झटके लगा रहा था जिस से सुलेखा को मज़ा भी मिल रहा था और सुलेखा खुद भी अटपटे शब्द बोलती हुई जोर जोर से सिसकार रही थी- उफ़ उई आह सालों फाड़ दिया मुझे कमीनो छोड़ो… आह अह अह सी सी … मेरी गांड फाड़ दी कुत्तों… उई .. उफ़…
मेरे टट्टे तक सुलेखा की चूत के साथ टच करते थे और नीचे से मनोज के टट्टे भी सुलेखा की गांड को लगते थे.
हम दोनों के पास आकर नेहा ने अपनी चूत को मनोज के मुंह पर रख दिया, मनोज नेहा की चूत चाट रहा था और नेहा ने अपने होंठ ऊपर से नीचे को मुंह करके सुलेखा के होंठों से मिला लिए. परन्तु नेहा को चूत चुदवाते हुए ऐसे सुलेखा को किस करने से हमें थोड़ा दिक्कत हो रही थी तो नेहा ने अपने होंठ सुलेखा के होंठों से निकाल लिए और नेहा जोर जोर से सिसकारती हुई अपनी चूत मनोज से चुसवाने लगी.
सुलेखा तो झड़ने के बहुत करीब थी तो मैंने उसकी चूत में झटके और तेज कर दिए और मनोज भी शायद ज्यादा उतेजित हो गया, उसने नेहा की चूत में अपनी जीभ स्पीड से चलानी शुरू कर दी, नेहा जोर जोर से चिल्लाती हुई बोलने लगी- उई आह आह… सालों चुद गई उई उई आह.. आह चुद गई रवि तेरी रानी… चोद दी साले तेरे यार ने उई आह आह… मादरचोद बस बस बस.. ये ले मेरा पानी पी कमीने …पी मेरी जवानी का रस.. ले पी मेरे कुत्ते पी ले मेरी जवानी पी गया तू… उई आह आह मेरा पिशाब तक निकल गया आह आह आह आह आई… कहती हुई नेहा ठंडी हो गई और मनोज के मुंह से उठ कर बाथरूम में भाग गई.
अब मनोज बैठ कर झटके लगाने लगा और हम दोनों ने सुलेखा को अपनी बाजुओं में कस कर अच्छी तरह से सैंडविच बना लिया. मनोज बोलने लगा- उफ़ ले चुद मेरी बिच साली कुतिया.. तेरी बहन की चूत, मादरचोद ले ले चुद बहन की लौड़ी साली आह आह ले ले मेरा लौड़ा तेरी गांड चोद रहा है, रवि इस मादरचोद का अंग अंग चोद डाल आज… उई आह आह ये ले ये ले!
हम तीनों ही झड़ने के करीब थे, सुलेखा ने मुझे कस कर पकड़ लिया और अपने मम्मों को मेरी छातियों पे दबाते हुए अपने होंठों को मेरे होंठों में दबा लिया, शायद वो झड़ रही थी, तभी नीचे से उसकी गांड में मनोज के लंड का फव्वारा फूट पड़ा. वो बोलने लगा- उई आह आह चुद चुद साली चुद गई तू मादरचोद आह आह उफ़…
मनोज का काम हो गया था तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मैंने सुलेखा की चूत में जोर का एक ही झटका लगाया तो उसकी पानी हुई चूत के रस से मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया- उई आह आह सी सी चुद चुद गई साली, बहनचोद ये ले तेरे यार का लौड़ा भी चुद गया साली कुतिया आह आह उफ़ उई…!
हम जैसे ही अलग अलग हुए तो देखा अरमान और रुचिका की चुदाई जोरों पे थी, रुचिका को अरमान ने गोद में बिठाया हुआ था और अपना लंड उसकी चूत में उतारा हुआ था और नीचे से अरमान पूरी स्पीड से रुचिका की चूत में झटके लगा रहा था, दोनों बस झड़ने ही वाले थे. रुचिका सिसकार रही थी और जोर जोर से चिल्ला रही थी ‘उई आह आह सी सी सी चोदो चोद चोदो आह आह आह सीसी सीसी ऐसे ही चोदो चोदो सीए ही आह आह आह उई उई सी सी सी सी… मैं चुद गई आह गई चुद… सिसीई उई उइउ ई ईईई! अरमान भी उसकी चूत को जोर जोर से चोदता हुआ बोल रहा था- उई आह ये ले चुद साली ले चुद कमीनी ऐसे ही चुद.. मेरे लौड़े से.. देख मेरा लौड़ा तेरी बच्चेदानी तक ठोकर मार रहा है कुतिया आह आह उई उफ़ सी सी…
वो दोनों जोर जोर से एक दूसरे को चोद रहे थे और तभी रुचिका की एक जोरदार धार अरमान के ट्टटों पे निकली मानो ऐसा लगा जैसे वो पेशाब कर रही है. और वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- ‘उईईइ आईईई अह्ह्ह… सी सी सी बस चुद गई… चुद गई… चोद दिया… फाड़ दी मेरी फुद्दी सालों तुमने.. आह कुत्तों…उई!
उसके झड़ते ही अरमान भी पिघल गया और उसने भी अपना माल रुचिका की जवानी में खाली कर दिया और बोला- उई आह आह ये ले कुतिया ले संभाल अपने यार को आह आह चुद मादरचोद… आह आह आह मैं आ… गया… उई उफ़!
इस बार के राउंड में सभसे ज्यादा चुदाई सुलेखा की हुई थी और सबसे कम नेहा की क्योंकि उसकी चूत को इस बार लंड नहीं नसीब हो पाया.
हम सभी इस टाइम बहुत थक चुके थे और कुछ देर रेस्ट करना चाहते थे तो सभी कुछ देर के लिए सो गये.
उम्मीद है मेरी ये कहानी भी आप सभी को बाकी कहनियाँ की तरह पसंद आएगी. जो दोस्त फेसबुक से जुड़े हैं वो मुझे अपनी फेसबुक आई डी ईमेल कर सकते हैं, मैं उन्हें खुद रिक्वेस्ट भेजूंगा. मेरे फेसबुक प्रोफाइल पे भी कहानियाँ अपडेट होती रहती हैं, बाकी ईमेल का तो मैं रिप्लाई देता ही हूँ. [email protected] https://www.facebook.com/profile.php?id=100014369581232
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