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मेरा नाम राधिका है, मेरी उम्र 19 साल है। मैं एक बहुत ही सेक्सी लड़की हूँ। मेरी फिगर 38-28-38 है। मुझे चुदाई का बहुत शौक है। मैं बिहार के एक गाँव में अपनी माँ के साथ रहती हूँ। मेरे पापा कोलकाता में नौकरी करते हैं। हम लोग भी कभी-कभी वहाँ जाते हैं। मैं ज़्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हूँ।
मेरा एक मौसेरा भाई है.. चंदन.. जो मुझसे एक साल छोटा है, वो बहुत गोरा, खूबसूरत, सजीला जवान है, उसकी हाइट 6 फीट है.. वो दिखने में काफ़ी सेक्सी रितिक रोशन जैसा दिखता है।
मैं काफ़ी दिनों से उससे चुदना चाहती थी.. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उसे चोदने के लिए कैसे कहूँ। मैं भी जानती थी कि वो मेरे बड़े-बड़े मम्मों को घूरता है.. वो भी मुझे चोदना चाहता है।
एक बार हम लोग अपने नानी के गाँव गए हुए थे। ठंडी का समय था.. हम सारे भाई-बहन एक कंबल के अन्दर घुसे हुए थे। मैं चंदन के बगल में थी.. मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए उसके लण्ड पर हाथ फेर दिया। वो भी मौके का फायदा उठाते हुए मेरी चूत मसलने लगा। मैं सिहर उठी.. मेरे तो जैसे बदन में आग लग गई।
उसने धीरे से अपना हाथ मेरी सलवार और पेंटी के अन्दर डाल दिया, फिर वो मेरी चूत में उंगली करने लगा। मैं तो पगला ही गई थी.. लेकिन किसी तरह मैंने अपनी उत्तेजना से भरी हुई आवाज़ को रोका।
मैंने भी अब उसके पैन्ट में हाथ डाल दिया था और उसके लण्ड को ऊपर-नीचे करने लगी। थोड़ी देर के बाद हम दोनों झड़ गए.. इसके बाद हम दोनों के बीच कुछ नहीं हो सका। क्योंकि हमारे आस-पास हमेशा कोई ना कोई रहता था। कुछ दिनों बाद हम सभी अपने-अपने घर वापस आ गए।
मैं अब उससे चुदना चाहती थी, मैं बस अपने भाई से अपनी चूत की खुजली मिटवाने को मौका तलाश रही थी। कुछ महीनों के बाद मुझे मौका मिला.. जब मैं उसके यहाँ कुछ दिनों के लिए गई थी। क्योंकि मम्मी को कोलकाता जाना था.. तो उन्होंने मुझे अपनी मौसी के यहाँ छोड़ दिया।
मैं बहुत खुश थी और जल्दी से चूत चुदवाने का मौका तलाश रही थी। लेकिन हमें मौका नहीं मिल पा रहा था। हम बस एक-दूसरे के अंगों को छू कर ही काम चला रहे थे। मेरी चूत की खुजली दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही थी।
तभी एक दिन हमें मौका मिल गया.. मेरे मौसा और बाकी के दोनों मौसेरे भाई-बहन सुबह ही ऑफिस और स्कूल चले जाते थे।
एक दिन मेरी मौसी को एक रिश्तेदार को देखने अस्पताल जाना था.. हम दोनों घर में अकेले थे। मौसी के जाने के बाद हम दोनों कुछ देर रुके.. उसके बाद चंदन ने जाकर गेट बंद कर दिया।
मैं पीछे से गई और उसे अपनी बांहों में भर लिया। वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगा.. मैं भी उसे चूमे जा रही थी। वो मेरी चूचियों को भी दबाने लगा.. मैं आवाज़ें करने लगी।
तभी उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और जाकर अपने बिस्तर पर पटक दिया। उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी और मेरे पास आ गया। उसने मेरी कुरती उतार दी.. उसके बाद मेरे पूरे शरीर को चूमने लगा। यही कहानी लड़की की मधुर आवाज में सुनें! अन्तर्वासना ऑडियो सेक्स स्टोरीज सुनने के लिए सबसे अच्छा ब्राउज़र क्रोम Chrome है. यहाँ से download करें!
मैंने उसकी पैन्ट उतार दी.. उसने अंडरवियर नहीं पहन रखी थी, शायद मुझे चोदने की तैयारी में उसने अपनी अण्डरवीयर पहले ही उतार दी थी। उसका 6 इंच का लण्ड मेरे सामने खड़ा हो गया, उसका लण्ड काफ़ी मोटा था.. मुझे डर लगने लगा।
मैंने उसके लण्ड को अपने हाथों में लेकर कुछ देर तक ऊपर-नीचे किया.. फिर उसे अपने मुँह में ले लिया। उसने मेरे बालों को पकड़ कर अपने लण्ड को मेरे गले तक अन्दर तक धकेल दिया.. मेरे गले में अजीब सा लगने लगा.. मेरी तो आँखें ही निकल आई थीं।
वो लगातार मेरे मुँह को चोदे जा रहा था। लगभग पाँच मिनट तक मुँह चोदने के बाद उसने मेरे मुँह में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया। मैंने उसका पूरा रस पी लिया।
अब उसने मेरी सलवार भी खोल दी। मैं अब बस ब्रा और पेंटी में थी।
फिर वो मेरी जांघों को चूमने लगा.. मेरी चूत से धार बह रही थी।
तब उसने मेरी पेंटी भी उतार दी.. उसने अपनी जीभ को मेरी चूत पर रख दिया.. उसकी लपलपाती जीभ के स्पर्श से मैं सिहर उठी। मैं उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी। वो और ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था। मैं तो सातवें आसमान में थी।
फिर दो मिनट के बाद वो रुक गया.. मैं उससे कहने लगी- प्लीज़.. अब ना तड़पा अपनी बहना को मेरे भाई.. डाल दे मेरी चूत के अन्दर अपना ये लण्ड.. मुझे लड़की होने का मजा दे!
इतना सुनते ही उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और एक झटके में ही मेरी चूत के अन्दर अपना लण्ड पेल दिया।
झटके के कारण मेरी चूत में बहुत दर्द हुआ और मैं दर्द के मारे चिल्ला उठी.. लेकिन मेरी आवाज़ नहीं निकल पाई। मेरी आँखों से आँसू बहने लगे।
वो कुछ देर के लिए रुका.. फिर धीरे-धीरे मुझे चोदने लगा, अब मुझे भी मजा आ रहा था, मैं भी अपने कूल्हे उछाल-उछाल कर उससे चुदवा रही थी।
मैं उससे मस्ती में बोल रही थी- मेरे भैया राजा.. आज मेरी चूत फाड़ डाल.. मुझे एक रंडी की तरह चोद.. मुझे अपनी पत्नी बना ले.. अपनी बहन की चुदाई कर दे! वो धकाधक मुझे चोदे जा रहा था और ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को मसल रहा था।
लगभग दस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद उसने कहा- दीदी, मैं अब झड़ने वाला हूँ। तो मैंने कहा- भाई, मेरे अन्दर ही अपना सारा माल डाल दे.. मैं महसूस करना चाहती हूँ तेरे गर्म वीर्य को.. वो मेरी प्यासी चूत को पानी पिलाने के लिये अन्दर ही झड़ गया.. मैं भी उसके साथ झड़ गई।
कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे.. फिर मैं उठकर नहाने चली गई।
तो मेरे दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी यह कहानी.. मुझे लिखना ना भूलिएगा [email protected] पर।
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