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क्लासमेट की गांड मारी: मेरी गे सेक्स स्टोरी-2
अब रामू को मैं लगभग रोज़ ही चोदता था। चूँकि उससे मुझे अपना लंड चुसवाने में बहुत मज़ा आता था.. तो मैं लंड मुँह में दे देता था.. और वो बड़े आराम से लंड को चूसता था।
जब मैं स्कूल की आगे की क्लास में गया था तो मुझे अपनी क्लास की एक लड़की बहुत अच्छी लगती थी, उसका नाम दिव्या था। मैं उसे पहले से ही प्यार करता था, पर कभी कह नहीं पाया था। मुझे लगता था शायद वो भी मुझे बहुत चाहती थी।
एक बार हमारे स्कूल से लड़के गेम के लिए बाहर खेलने गए। मैंने एक दूसरी प्रतियोगिता में भाग लिया था। उसने भी मेरे साथ ही हिस्सा लिया था। हम बस से जयपुर जा रहे थे। हमारे साथ एक लड़की और थी सविता.. वो देखने में मस्त थी। उसका फिगर भी 32-30-34 का था। वो बहुत मस्त लगती थी.. उसकी चूचियाँ भी ज़्यादा बड़ी नहीं थीं, पर मस्त थीं।
वो मुझे घूर रही थी.. और मैं भी उसे देख रहा था। मैं मन ही मन सोच रहा था कि इसकी चूत कैसे मिले, शायद आज मेरी किस्मत मेरे साथ थी।
जब हम जयपुर पहुँचे.. तो मैं लास्ट में रह गया.. वो मेरे पास आई और बोली- नाइट में मिलना.. तुमसे बात करनी है। फिर क्या था.. मैं रात का इंतज़ार करने लगा।
वो 11 बजे के आसपास आई, पर उसके साथ में कोई था। मैं चौंक गया ये तो वो थी.. जिसे मैं प्यार करता था। मेरे दिमाग़ में बहुत सारे सवाल आने लगे.. पर मैं चुप रहा। सविता मेरे पास आई और बोली- दिव्या तुमसे बात करना चाहती है।
सविता वहाँ से दूर चली गई.. दिव्या चुपचाप मेरे पास आई और उसने मुझे गले से लगा लिया और मेरे होंठों को एक प्यारा सा किस करते हुए कहा- आई लव यू राज! मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि आज ऐसा होगा.. मेरी आँखों से आँसू निकल आए। उसने कहा- क्यों रो रहे हो..? मैंने उसे गले लगाते हुए कहा- आई लव यू टू.. अब हम एक-दूसरे को किस करने लगे।
शायद पहली बार किस था.. या फिर कुछ और था.. हम एक-दूसरे को 10 मिनट तक किस करते रहे। थोड़ी देर बाद वहाँ सविता आई और उसने हम दोनों को चूमते हुए देख लिया। सविता ने कहा- टाइम बहुत हो गया है, अब चलो। वो दोनों वहाँ से चली गईं.. मैं चुपचाप वहाँ खड़ा था।
फिर मैं अपने रूम की तरफ जाने लगा.. पर मैंने देखा कि कोई मेरी तरफ आ रहा है। मैं बुदबुदाया- अरे ये तो सविता है.. अब क्यों आई है? वो मेरे पास आई और बोली- मुझे भी किस करो। मैंने कहा- यार मैं उससे प्यार करता हूँ। तुम्हें कैसे किस करूँ?
पर उसने मुझे वहीं ज़मीन पर गिरा दिया और मेरे ऊपर आ गई। ‘यार ये क्या कर रही हो?’ पर फिर भी मेरे होंठों को चूसने लगी।
फिर मैं भी उसका साथ देने लगा। हम बहुत तेज़ एक-दूसरे को किस कर रहे थे.. एक-दूसरे को काट रहे थे, हमें इस बात की कोई परवाह नहीं थी कि हम कहाँ हैं.. कामुकता हमारे दिमाग में चढ़ गई थी, बस अब तो एक-दूसरे में खो गए थे।
थोड़ी देर बाद उसने मेरे पेंट की चैन खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल कर मुँह में ले लिया। मेरे मुँह से ‘आअह.. सीईइ..’ की आवाज़ निकल गई। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं जन्नत में था। उस अहसास को मैं बता नहीं सकता।
वो मेरे लंड को मुँह में अन्दर-बाहर कर रही थी.. उसने मेरे लंड के सुपारे को निकाला और जीभ से चाटने लगी। मुझे लगा जैसे मेरी जान निकल जाएगी.. पर वो तो मेरे लंड को चूसे जा रही थी। थोड़ी देरी बाद मेरे लंड का पानी निकलने को हुआ.. मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है। उसने कहा- मुँह में निकाल दो।
मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में डाल दिया.. और वो सारे पानी को पी गई। उसने मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया। अब वो मेरी तरफ अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए देख रही थी, बोली- यार, तुम्हारे लंड का स्वाद बहुत अच्छा है। यह कह कर कामुकता भरी मुस्कान के साथ वो एक हाथ से अपनी चूत को खुजाने लगी। मैं समझ गया कि ये क्या चाहती है।
उसने अपनी टी-शर्ट निकाल दी फिर जींस भी निकाल दी.. और अपनी चूत मेरे सामने खोल दी। मैं समझ गया कि वो अपनी चूत चटवाना चाहती है। मैंने उसकी चूत को चाटना चालू कर दिया। मैं धीरे-धीरे उसकी चूत को चाट रहा था.. कभी-कभी जीभ को अन्दर डाल देता था।
वो फुल मस्ती में ‘अहह.. उहह..’ की आवाज़ निकाल रही थी। थोड़ी देर मैंने उसकी चूत चाटी और फिर हम 69 की पोज़िशन में आ गए। वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर बाद उसने चूत का पानी छोड़ दिया और मैं धीरे-धीरे उसके पानी को चाट गया।
अब उसने कहा- राज प्लीज़ अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डालो.. इसमें बहुत खुजली हो रही है।
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर का झटका दे दिया। एक ही बार में आधा लंड अन्दर चला गया.. उसके मुँह से आवाज़ निकली.. पर मैंने मुँह दबा दिया। मैं उसी पोज़िशन में रुक गया.. फिर वो अपनी गांड हिलाने लगी तो मैं समझ गया कि अब ये तैयार हो गई है।
मैं धीरे-धीरे धक्के देने लगा।
फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी- अह.. और जोर से राज.. और जोर से.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आज फाड़ दो साली इस चूत को.. बहुत खुजली होती है इसमें.. अह.. आज सारी खुजली मिटा दो। मैं और जोर से धक्के देने लगा। उसकी आवाज़ बहुत दूर तक जा रही थी। अंधेरे में ‘फट.. फट..फच फच..’ की आवाज़ गूँज रही थी।
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.. पर मेरा नहीं निकला। अब मैंने स्पीड और तेज कर दी। कुछ देर की धकापेल चुदाई के बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया.. और उसके ऊपर लेट गया। थोड़ी देर बाद मैंने उससे जाने को कहा.. वो मुझे किस करके जाने लगी। उसने ‘आई लव यू..’ बोला, पर मैंने मना कर दिया। ‘यार सॉरी मैं किसी और को प्यार करता हूँ!’ उसने कहा- कोई बात नहीं..
वो मेरे लंड को हाथ में लेकर बोली- ये तो मेरा है ना..! मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई और आँख मार दी।
अब हम अपने-अपने रूम पर आ गए। मैं पूरी रात ये सोचता रहा कि मैं दिव्या को प्यार करता हूँ, तो फिर मैंने किसी और को क्यों चोदा। ये बात मुझे गलत लगी.. पर फिर मुझे लगा कि क्यों ना इसे अपनी रंडी बना के रखूँ.. और बस मैं सो गया।
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