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दोस्तो.. मैं रोशनी हूँ. मैंने एक बार एक अजनबी लड़के से अपनी चूत की चुदाई करवा ली.
मैं 24 साल की हूँ, हाइट 5’4″ है और 36-30-34 मेरी फिगर साइज़ है. मैं ऑनलाइन काफ़ी सारी सेक्स स्टोरीज पढ़ती हूँ। मैं भी काफी दिनों से अपनी सच्ची कहानी लिखने की सोच रही थी और आज मैं आप लोगों को मेरी सच्ची चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ। मेरी हिन्दी काफ़ी अच्छी नहीं है.. प्लीज़ कहीं भूल दिखे तो उसे सुधार कर पढ़िएगा और पढ़ने बाद फीडबैक ज़रूर दीजिएगा।
मैं जब कॉलेज में थी, तब से मेरे पीछे काफ़ी लड़के पड़े थे लेकिन मेरा एक ही ब्वॉयफ्रेंड था वो भी मेरे शहर में था। मेरे दोस्त बोलते हैं कि मेरी चूचियां काफ़ी बड़ी-बड़ी हैं और मैं बहुत सेक्सी हूँ। ये सुन कर मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं बहुत पोर्न सेक्स देखती हूँ और कभी ना कभी उसमें जैसे चुदाई होती है वैसे चुदवाने की सोचती रहती हूँ। मेरे बड़े-बड़े मम्मों पर कई लोग मरते हैं.. मैंने अब तक 8 लोगों को अपने चूचों को दबाने का मौका दिया है। मैंने एक बार मेरे ब्वॉयफ्रेंड के साथ चुदने की कोशिश भी की थी, पर जब खून निकला.. तो मैं डर गई और चुदाई अधूरी रह गई थी। इसके बाद अब तक फिर कभी मौका ही नहीं मिला।
लेकिन अब मेरा इंतज़ार खत्म होने जा रहा था।
मैं इंजीनियरिंग में तीसरे साल में थी.. तब की बात है। मैं 6वें सेमेस्टर के लिए कॉलेज जा रही थी। वहाँ मैं हॉस्टल में रहती थी। मैंने रिज़र्वेशन करवा लिया था और मैं शाम 7 बजे वाली ट्रेन में बैठ गई। मेरी ऊपर वाली बर्थ थी.. तो मैंने देखा कि वहां कोई चादर ओढ़ कर सो रहा है। मैंने जाके उसे हिलाया और बर्थ छोड़ने के लिए कहा। वो चादर से सर निकाल कर बोला- जब आप सोने जाओगे तो आप मुझे बोलिएगा.. मैं बर्थ छोड़ दूंगा। मैंने जानकारी कि तो मालूम हुआ कि मिड्ल वाली बर्थ उसकी थी।
फिर मैंने खिड़की बंद कर दी और बैठ गई। एक घंटे बाद मैंने डिनर कर लिया.. उस वक्त तक एक ओल्ड कपल नीचे वाली दोनों बर्थ के लिए आ चुके थे। उन लोगों ने खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे।
मैं उनकी लोअर बर्थ से उठी और ऊपर वाले को उठाया.. तो वो नीचे आने लगा। उतरते टाइम उसका पैर मेरी लेफ्ट चुचि पर लग गया.. मेरे मन में अजीब सी हलचल होने लगी।
फिर उसने कहा- सॉरी.. ‘कोई बात नहीं.. इट्स फाइन..’ ‘ज्यादा जोर से तो नहीं लगा?’ ‘जी नहीं..’ ‘कहाँ जा रहे हो आप? ‘कोलकाता..’ ‘वाऊ.. मैं भी वहीं जा रहा हूँ।’ ‘ओके मैं सोने जा रही हूँ।’ ‘गुड नाइट’ ‘गुड नाइट..’
अब मैं ऊपर की बर्थ पर आ गई और सोने की तैयारी कर रही थी। मैं उससे नजरें नहीं मिला पा रही थी। वो एक 5 फुट 8 इंच का लंबा युवक था.. उसकी उम्र करीब 30 साल की रही होगी और वो एक हैण्डसम लड़का था। वो अपनी बर्थ ठीक करके मुझे देख रहा था।
मेरी उससे नजरें मिलीं तो वो बोला- आपको अपना स्वेटर उतार कर सोना चाहिए। ‘क्यूँ?’ ‘आपका स्वेटर काफ़ी टाइट है.. आपको कंफर्टबल रहेगा।’ ‘राइट..’
मैंने अपना स्वेटर उतार दिया। अन्दर मैंने एक टॉप पहना हुआ था और ठंड के मारे मेरे निप्पल कड़े हो गए थे.. जो कि साफ़ नज़र आ रहे थे।
‘ओह.. ब्यूटीफुल.. आप बहुत खूबसूरत हो मेम।’ ‘थैंक्यू..’ ‘योर टॉप इस नाइसली फिट’ ‘या.. थैंक्यू..’
तभी टीटी आया तो मैंने टिकट चैक करवा लिया और इसके बाद मैं कम्बल ओढ़ कर सो गई। उसने लाइट ऑफ की और वो भी अपनी बर्थ पर सो गया।
अचानक रात को 12 बजे के लगभग मुझे लगा कि मेरे कम्बल के अन्दर कुछ है। मैंने देखा कि वो एक हाथ था जो कि मेरे पास आ रहा था। मुझे पता चल गया कि ये वो ही है। फिर भी मैं जानबूझ कर उसके हाथ के पास को हो गई। उसने मुझे छू लिया.. वो भी मेरी चुची को.. मुझे सिहरन सी हुई तो मैं थोड़ा दूर को हो गई।
मैंने महसूस किया कि वो फिर से मुझे छूने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन नहीं कर सका। मैं सोने का नाटक करने लगी.. साथ ही अब मैं खुद ही अपनी चूचों को दबा रही थी। फिर कुछ पल बाद मैंने अपने कम्बल को हल्का सा हटाकर देखा तो वो वहाँ खड़ा था।
‘मैं आ रहा हूँ..’ ‘क्या..??’
मेरे सवाल का जबाव दिए बिना वो अगले ही पल मेरी बर्थ पर आ गया। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ.. मैं कन्फ्यूज़ थी।
‘प्लीज़ चिल्लाना मत.. मुझे पता है तुम भी यही चाहती हो।’ ‘मैं कुछ नहीं चाहती.. तुम जाओ अब..!’
मैं उठ कर बैठ गई.. वो बिल्कुल मेरे सामने था। फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मुझे चूमने लगा। कुछ पलों बाद पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैं भी उसे चूमने लगी।
फिर मैंने उसे दूर कर दिया और कहा- मुझे टॉयलेट जाना है। ‘तो मतलब टॉयलेट में चलें।’ ‘नॉट यू.. पागल हो.. कोई देख लेगा!’ यह हिंदी चूत की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मैं टॉयलेट चली गई.. जब मैं टॉयलेट से निकल रही थी तो वो भी अन्दर आ गया। अन्दर आते ही उसने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और मुझे किस करने लगा। ट्रेन हिल रही थी.. जिससे मेरे दूध भी हिल रहे थे। उसने मुझे दरवाजे पर सटा दिया और मेरे दोनों मम्मों को दबाने लगा।
‘क्या मस्त दूध है तेरे.. बड़े-बड़े रसीले आम जैसे हैं.. आहह.. जी भर के दबाऊंगा।’ ‘ओह.. क्या कर रहे हो.. छोड़ो मुझे.. यहाँ बहुत गंदी स्मेल आ रही है।’ ‘तो बर्थ पर चलते हैं.. मुझे बस बॉल से खेलना है।’
मैंने सोची कि थैंक गॉड ये मेरे साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं करने वाला।
मैंने मूक सहमति दी और अब हम दोनों मेरी बर्थ पर आ गए। हम दोनों कम्बल के अन्दर आ गए।
‘मुझे तुम्हारे दूध देखना है और दबाना है।’ ‘नहीं.. यहाँ कोई देख लेगा।’ ‘कोई नहीं देखेगा.. सब सो रहे हैं।’ ‘कोई उठ गया तो..?’ ‘ठीक है.. मैं जो कुछ करूँगा कम्बल के अन्दर ही करूँगा।’ ‘उम्म.. ओके..’ ‘मेरी गोदी में आ जाओ।’
फिर वो पीछे आ गया और मैं उसकी गोदी में बैठ गई। हम दोनों कम्बल से गले तक ढके हुए थे। अब उसने मेरी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और सहलाने लगा। ‘आअहह.. क्या मस्त दूध हैं तेरे.. किसी को भी दीवाना बना दें.. आह.. एकदम मक्खन जैसे सॉफ्ट और बड़े..’ ‘सच में?’ ‘हूँ.. तेरा नाम क्या है?’ ‘रोशनी..’ ‘मैं अनूप!’ ‘टॉप के ऊपर ही सब कुछ करना है?’ ‘बाहर इतना मज़ा है तो अन्दर कितना मजा होगा?’ ‘तुम खुद ही देख लो ना..!’
अब उसने अपने दोनों हाथ मेरे टॉप के अन्दर डाल दिए और मेरी ब्रा को नीचे सरका कर जोरों से मेरे मम्मों को भंभोड़ने और दबाने लगा।
इधर मेरी चुत में गुदगुदी होने लगी.. पर मैंने जीन्स पहनी हुई थी.. तो कुछ कर नहीं पा रही थी।
वो मेरी दोनों चुचियों को खींच रहा था। साथ ही मेरे कान के पास कुछ-कुछ कह रहा था।
हम दोनों बहुत मुश्किल से एक-दूसरे को रोक रहे थे। अब मैं लेट गई और वो मेरे बगल में लेट गया, ठीक मेरी चूचियों के पास। वो मेरा टॉप ऊपर उठा कर मेरे एक निप्पल को चूसने लगा। वो एक चुची को दबाता तो दूसरे को चूसता।
हम दोनों वहां अच्छे से कुछ नहीं कर पा रहे थे। फिर हम दोनों बैठ गए और बात करने लगे।
‘रोशनी मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।’ ‘आर यू आर मैड.. यहाँ..?’ ‘नहीं..’ ‘यहाँ नहीं तो कहीं और?’ ‘मतलब?’ ‘हम कोई होटल या लॉज में चलेंगे।’ ‘हमको कोई होटल नहीं मिलेगा।’ ‘कोशिश तो कर सकते हैं.. किसी छोटे होटल में चलेंगे। कुछ एक्स्ट्रा पैसे देंगे तो मिलेगा।’ ‘हम्म काफ़ी जानते हो.. कब से ये सब कर रहे हो?’ ‘अरे मैं कभी नहीं गया किसी होटल में.. कोशिश करने में क्या है?’ ‘ओके.. ठीक है देखते हैं।’ ‘ओह बेबी काफ़ी मज़ा आएगा.. हम खूब मस्ती करेंगे।’ ‘चलो अब सो जाते हैं।’ ‘हाँ..’
हम दोनों अपनी-अपनी बर्थ पर सो गए, पर नहीं सो पाए। वो फिर से मेरे पास आ गया और मेरे साथ सो गया। हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे। वो मेरी चुचियो को मसलता रहा.. कभी चूसता रहा। हम दोनों को नींद तो आ ही नहीं रही थी। मैं सोच रही थी कि बस किसी तरह एक रूम मिल जाए तो चूत की चुदाई करवा के खुजली मिटवा लूँ।
करीब 6.30 हम दोनों स्टेशन पर उतरे। दोनों एक साथ एक लॉज में गए। वहाँ हम दोनों को डर लग रहा था कि कोई रूम मिलेगा या नहीं। लेकिन बड़ी आसानी से हमको रूम मिल गया। रूम मिलते ही हम दोनों कमरे के अन्दर चले गए। मैं रूम के चारों तरफ देखने लगी कि कहीं कोई कैमरा आदि तो नहीं लगा है। अनूप भी चारों तरफ देखने लगा। फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया..
मैं सोच रही थी कि पहले मैं फ्रेश हो जाऊं.. लेकिन अनूप ने पीछे से आकर मेरी चूचियों को पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाने लगा। मैं सिसकारी भरने लगी.. मुझे मज़ा आ रहा था। अनूप के दो ताकतवर हाथ मेरे मम्मों के साथ खेल रहे थे। फिर मैं ऐसे ही बोली कि अनूप पहले फ्रेश हो जाते हैं..
‘यहाँ कौन फ्रेश होने आया है.. अभी तो मुझे खेलना है।’ ‘बाद में खेल लेना यार..’ ‘नहीं मेरी जान.. मैं काफ़ी देर से प्यासा हूँ.. मुझे दूध तो पीने दो।’
ये बोलकर उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया.. और मेरे ऊपर आ कर मेरा टॉप उतारने लगा। मैंने भी उसकी टी-शर्ट उतार दी। उसका सीना एकदम मस्त था। उसने अगले ही पल अपनी जींस को उतार दिया। अब वो केवल अंडरवियर में था। मैं उसे देख रही थी.. और अपनी चूत की चुदाई होने पर मन ही मन खुश हो रही थी।
अभी तक हम एक-दूसरे के बारे में नाम के अलावा और कुछ नहीं जानते थे।
मेरी चूत की चुदाई की कहानी पर आपके टपकते लंड का स्वागत है.. मेल कीजिएगा। [email protected] कहानी जारी है।
चूत की चुदाई करवा ली एक अजनबी से-2
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