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मित्रो, हिंदी चुदाई स्टोरी साईट अन्तर्वासना पर लड़की की चुत में लंड डाल कर चोदा चोदी की यह मेरी पहली कहानी है.
नाम है मेरा राज… मैं अपने को बहुत सुंदर तो नहीं कहूँगा पर 25 साल साँवला रंग का सामान्य कद काठी का लड़का हूँ.
यह कुछ साल पहले की घटना है, तब मैं मारुति सर्विसिंग में जूनियर मैनेजर था. मेरे ऑफिस में मेरे साथ 3 लड़कियां भी थी जिनमें सीमा बहुत सुंदर थी पर मैंने कभी उसके बारे में ग़लत नहीं सोचा. उसके दो कारण थे, पहला कि वो मुझसे सीनियर थी और गुस्सैल भी… कुछ इधर उधर होता तो मेरी नौकरी खा जाती चुड़ैल… और दूसरी कि उसे देख कर लगता था कि इसके 2-4 प्रेमी जरूर होंगे आखिर इतनी सुंदर जो ठहरी.
पर सीमा की एक आदत थी कि जब भी लंच होता तो अपने साथ सभी स्टाफ को बुला लेती, चूंकि मैं अकेला रहता था तो लंच बॉक्स कभी नहीं बनाता था और बाहर जो समोसा वगैरा मिल जाता उसी से काम चला लेता! पर एक महीने बाद मेरी वो प्रॉब्लम भी खत्म हो गई क्योंकि वहाँ एक और लड़की आराधना काम करती थी, उसका भाई 4 साल पहले सड़क दुर्घटना में मर गया था जो 22 साल का था और उसके अनुसार वो काफी हद तक मेरे जैसा था, इस कारण आराधना मुझे अपना भाई मानती थी और राखी भी बांधती थी.
आराधना और सीमा में कुछ ज्यादा ही हँसी मजाक चलता था पर इससे मुझे फायदा ही था क्योंकि अगर मुझसे कुछ ग़लत भी हो जाता तो आराधना सीमा को मेरी अच्छाइयां गिना गिना कर बचा लेती थी.
मैं भी थोड़ा मस्तमौला टाइप ही रहता और हँसी मजाक भी खूब करता था सभी के साथ.
पर एक दफा मेरे साथ थोड़ी प्रॉब्लम हो गई, घर पर कुछ ज्यादा ही पैसे की जरूरत पड़ी तो मैंने अपनी पूरी सेलरी और 5000 आराधना से उधार माँग कर घर भेज दिए, मगर इस आपा धापी में मैंने ना किराया दिया और ना ही खाने की व्यवस्था बनाई. अब समस्या 1 महीना बिताने क और खाने की थी. दोस्तों के मामले में भी मैं वहाँ कंगाल ही था क्योंकि मैं वहाँ नया था तो कोई खास दोस्ती भी किसी से नहीं थी.
मैं बहुत परेशान रहने लगा, तब एक दिन आराधना ने पूछा- राज, क्या हुआ? परेशान क्यों रहते हो, दो दिन से ना हँस रहे हो, ना मजाक कर रहे हो, तबीयत तो ठीक है ना तुम्हारी? मैंने सकुचाते सकुचाते सारी समस्या आराधना को बताई, वो एकदम से परेशान हो गई और बोली- रुको, मैं कुछ करती हूँ.
फिर जब शाम को ऑफिस बंद हो गया तो आराधना मेरे पास आकर बोली- मैंने सीमा से बात कर ली है, शाम को उसके फ्लैट पर चले जाना, वो तुमको कुछ पैसे दे देगी. मैंने सीमा की ओर जब देखा तो वो हमें नजरअंदाज करते हुए चली गई जैसा कि उसकी आदत थी. मगर मजबूरी मेरी थी तो जाना ही था मैं थका था तो नहा धो कर पहले फ्रेश हुआ और शाम 7 बजे सीमा के फ्लैट पर पहुँचा. सीमा ने जब दरवाजा खोला तो क्या लग रही थी… सुंदर तो थी पर इतनी… मैंने कभी देखा नहीं ठीक से!
वो मुस्कुराई और अन्दर बुला कर कुर्सी पर बैठा दिया. वो मुर्गा बना रही थी. आराधना ने कहा था कि खाना रात का वहीं खा लेना तो मुझे भी कोई दिक्कत नहीं थी, मैं भी आराम से बैठ गया.
सीमा मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली- क्या दिक्कत हो गई है तुम्हे पैसों की? सेलरी तो तुम्हारी ठीक ठाक है! तब मैंने उसको सारी बात बताईं. सीमा बोली- चलो कोई नहीं, माँग लेना था हमसे! मैं कुछ नहीं बोला क्योंकि मेरी नजर उसकी चुची से हट ही नहीं रही थी और सीमा खाना बनाने में मशगूल थी.
वो एकदम से उठी और मेरे पास आ गई, इतनी पास कि मैंने उसकी खुशबू को भी महसूस किया, बोली- बियर पीते हो ना? मेरा तो गला ही सूख गया उसके इतना पास आने से… मैंने बस हां में सिर हिलाया.
वो हँसने लगी और 200 रुपये ब्रा में से निकाल कर दिए बोली- स्ट्रॉन्ग वाली लेना! फिर हम दोनों ने साथ में बैठ कर मुर्गा व बीयर का आनंद लिया और उस पर नशा छाने लगा, वो बोली- रुक जाओ… सुबह जाना! वैसे भी तुम्हारी कौन वेट करेगा? उसकी आवाज़ से लग रहा था कि नशा चढ़ गया है उस पर! मैं बोला- एक ही बैड है, दोनों सोयेंगे कैसे? वो बोली- तुम होश में हो ना… बस सो जायेंगे, अपने आप को संभाले रखना! खाना खाने के बाद जैसे ही मैं सोया, वो एकदम से मेरे ऊपर आ गई और किस किया, कहने लगी- तुम बहुत अच्छे लड़के हो!
इसके बाद उसने मुझे ज्यादा बोलने ही नहीं दिया, बस लगातार किस किए जा रही थी पागलों की तरह… मेरा सीना कभी चूमती, कभी होठों को चूसती… अब मैं भी ठहरा लड़का… नीचे से लंड खड़ा हो गया. वैसे भी मुझे काफी दिन बाद ये सब करने को मिल रहा था… वो भी इतना मस्त माल जो ख़ुद चुदने को तैयार थी और चुदवा रही थी.
मैंने भी धीरे धीरे उसके कपड़े निकालने शुरू किए यह सोच कर कि नौकरी रहे चाहे भाड़ में जाए… जब होश में आएगी तो देखा जायेगा, अभी चोद के मजे लो! सीमा मेरा पूरा साथ दे रही थी.
मैंने उसके कपड़े उतारने के बाद देखा, सिर्फ़ ब्रा और कच्छी ही बची थी वो कच्छी भी चुत के पास से एकदम गीली थी, ऐसा लग रहा था कि किस करने में ही झड़ गई हो एक बार!
मैं भी उसकी चुची को ब्रा से आज़ाद करके चूसने लगा और अपने हाथ को उसकी कच्छी के अन्दर डाल दिया. मित्रो, क्या बताऊँ, जैसे ही मैंने उसकी चुत को छुआ वो एकदम सिहर कर काम्प गई और जोर से मुझे अपनी बांहों में भींच लिया. इतने में मेरा ताव भी परवान चढ़ चुका था. उसने तो कब का मुझे नंगा कर दिया था.
मैंने एक झटके में उसकी कच्छी उतारी और चढ़ गया उसके ऊपर पर… पेला नहीं, बस लंड को उसके चुत के फांक पर रख कर सहला रहा था और उसकी सिसकारियों का मजा ले रहा था पर वो तड़प रही थी लंड को चुत में लेने के लिए… बार बार सिसकारियों के साथ कह रही थी- राज प्लीज़ अब डाल दो चुत में अपना लंड… मैं कहता- थोड़ा और रुको! वो फिर कहती- नहीं प्लीज़… बात को समझो, पेल दो मुझे! मैंने थोड़ा सा सुपारा डाला और वापस निकाल कर बोला- थोड़ा और रुको…
वो एकदम लंड के लिए पगला गई कहने लगी- चोदेगा या नहीं ठीक से तू मुझे? मैंने कहा- चोद तो रहा हूँ… बोली- नाटक मत कर, चुत में घुसा दे अपना पूरा लंड… मैंने कहा- सच्ची? वो चिल्लाई- साले, मैं मजाक करते दिख रही हूँ… चोद मेरे को… पेल दे मेरी चुत में लंड… मैंने भी आव देखा ना ताव… वैसे भी मेरा मूड बन चुका था… पेल दिया पूरा लंडा एक बार में ही…
उसने नहीं सोचा होगा कि मैं एक झटके में चुत में लंड पेल दूँगा उसकी… और चुत में चिकनाहट होने के कारण एक ही बार में चुत में लंड सरर्रर्र से अन्दर चला गया. वो एकदम से लगभग चीख ही पड़ी पर मुझे कस के अपनी बाहों में भींच लिया… यह हिंदी चुदाई स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
फिर मैंने थोड़ा रुक कर चुत में धक्का लगाना शुरू किया तो पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ गूँजने लगी. उसकी सीईई ईईई… उम्म्ह… अहह… हय… याह… सस्स्स स्स्स्सरर… निकल रही थी, वो मेरे बाल कस कर पकड़े हुए थी और कभी पीठ पर नाखूनों से खरोंचती थी.
इस बीच उसने पानी छोड़ दिया. जब मेरे छोड़ने का वक्त आया तो वो बोली- चुत में ही छोड़ो… आज अपने लंड के पानी से नहला दो मेरी चुत को… मैं भी उसकी चुत में झड़ गया.
बाद में उसने बताया कि वो दो सालों से चुदी नहीं थी, लोग इसलिए उसके पास नहीं फटकते थे कि एक तो वो अकड़ वाली थी और दूसरे कि किसी से पटी होगी और वो रोज़ चोदता होगा सीमा को! उस रात हमने उसके बाद 3 बार और चोदा चोदी की. वो भी पूरा मस्त हो गई थी अपनी चुत में मेरा लंड पिलवा के!
सुबह उठा तो उसने मुझे 5000 रुपये दिए, बोली- वापस नहीं चाहियें… बस जब बोलूँ आ जाना मेरी प्यास बुझाने… और पैसे जितने भी कम पड़ें, मुझ से ले लेना!
दोस्तो, अब वहाँ मेरी मस्ती थी… चुत और पैसा दोनों मिल रहा था…
लड़की की चुत में लंड डाल कर चोदा चोदी की मेरी पहली हिंदी चुदाई स्टोरी कैसी लगी, जरूर बताइयेगा! [email protected]
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