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नमस्कार, देसी कहानी डॉट नेट के सभी नए पुराने पाठक दीप पंजाबी का प्यार भरा हैलो, आदाब, सत श्री अकाल कबूल करे। उम्मीद है के सब राजी ख़ुशी से रह रहे होंगे। हमारी आज की कहानी भी अजय मट्टू नाम के एक दोस्त की खुद की आप बीती है। वो लुधियाना से ही है।
वहीँ दूसरी तरफ हमारी आज की कहानी की नायिका की बात करे तो उसका नाम मीनाक्षी है। वो अम्बाला से है। उसकी उम्र 28 वर्ष के करीब थी। उसके फिगर की बात करे तो न ज्यादा मोटी, न ज्यादा पतली बस गदराया सा बदन, नाटे से कद वाली लड़की थी।
एक बार क्या हुआ अजय ऐसे ही अपने किसी दीप बंगड़ नाम के दोस्त को काल करने लगा। गलती से एक नम्बर की गलती से फोन किसी और जगह जाकर लग गया। जिसे एक लड़की ने उठाया। शुरू में लगा के दीप के परिवार में से कोई लड़की होगी। उसने कहा,” हलो जी, दीप से बात करवादो ?
लड़की – (दिल को छू लेने वाली मीठी सी आवाज़ में) – हलो, कौन दीप जी, आपने कहाँ फोन मिलाया है? यहां कोई दीप नही रहता। शायद आपका नम्बर गलत लग गया। कृपया नम्बर जाँच कर दुबारा लगाएं।
अजय ने भी सॉरी कह कर बात बन्द करदी और इतना कह कर उस लड़की ने फोन काट दिया। उसकी मीठी सी आवाज़ दिल को चीर गयी। ना चाहते हुए भी अजय का मन उसकी आवाज़ बार बार सुनने को कर रहा था।
अगले दिन ही अजय ने फ्रेंडशिप के मौके पे कुछ चुटकुले उसके इनबॉक्स में भेज दिए। लड़की ने वो पढ़ लिए और वापिस फोन किया।
लड़की – हलो, आप वो ही हो न, जिनका कल गलत नम्बर लग गया था???
अजय – हांजी, सही पहचाना आपने।
लड़की – आप चुटकुले बहुत अच्छे भेजते हो। पहले तो उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मेरी तो पढ़ पढ़ के हंसी ही बन्द नही हो रही थी। सोचा आपका थैंक्स करदूँ। मुझे हंसाने के लिए।
अजय – मोस्ट वेलकम जी, धन्य भाग हमारे जो हम आपकी हंसी की वजह बन सके। मुझे तो लगा था के आप फोन पे झगड़ा करेंगी के जब एक बार बोल दिया फेर बार बार फोन लगाकर क्यों तंग करते हो।
लड़की – नही, नही जी हर लड़का लड़की बुरी नही होती।
अजय – हांजी, ये तो सही बोला आपने, अगर आप बुरा न माने तो मेसज आगे से भी भेज सकता हूँ क्या ?
लड़की – हाँ क्यों नही? बस मेसज ऐसा होना चाहिए के अगर घर का कोई सदस्य भी पढ़ ले तो उसे बुरा ना लगे। वैसे तुम्हारा नाम क्या है, मेसज भेजने वाले अजनबी दोस्त ?
अजय – जी मेरा नाम अजय मट्टू फ़्रॉम लुधियाना और आप ?
लड़की – वाओ, नाईस नेम मट्टू जी, मेरा नाम मीनाक्षी है और मैं अम्बाला से हूँ। प्यार से घर के लोग मुझे “मनी” कहते है।
अजय – नाम तो आपका भी बहुत सुंदर है मनी जी। आप करते क्या हो मतलब पढ़ाई या कोई जॉब वगैरह??
लड़की – मैं फ़िलहाल फ्री हूँ। पढ़ाई पूरी हो चुकी है। आप क्या करते हो मट्टू जी और आपकी फेमली में कौन कौन है ?
अजय – मैं एक लोकल कपड़ा फैक्ट्री में वर्कर के तौर पे काम करता हूँ और मेरी फेमली में मैं, मेरे माता पिता, 2 भाई उनकी बीवी बच्चे। कुल मिलाकर 10 मेंम्बरस है। और आपकी ?
लड़की – मेरी फेमली में मैं, मेरे 2 भाई और माता पिता कुल 5 मेंम्बर्स है। आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा। फेर किसी दिन बात करेंगे। अभी थोडा काम है। फोन काट रही हूँ। बाय, सी यू नेक्स्ट टाइम!
अजय – बाय, अपना ख्याल रखना मनी जी।
इस तरह से दोनों की पहले दिन की बातचीत खत्म हुई।
अब अजय रोज़ाना 5-10 हल्के फुल्के जोक मनी को भेजता। मनी भी अब आगे से reply देने लग गयी। बात इतनी बढ़ गई के सुबह गुड मोर्निंग का मेसज, शाम को गुड नाईट का मेसज किये बिना एक दूसरे को नींद न आती।
कुल मिलाकर कहे तो उन दोनों को एक दूसरे की लत लग गयी थी। सारी सारी रात वो फोन में घुसे रहते। जैसी के जवानी की दहलीज़ पे पैर रखते हर इंसान के दिल में ख्याल आते है। दोनों दिल ही दिल में एक दूसरे को चाहने लगे थे।
एक दिन अजय ने बताया वो कल अपने मामा जी से मिलने उसके शहर अम्बाला में आ रहा है। यदि तुम चाहो तो मिल सकती हो।
अब मनी भी अपने मन के मीत को आँखों से देखना चाहती थी। दोनों में टाइम और जगह निर्धारित की गयी।
अगले दिन अजय अम्बाला पहुंचा। अपने मामा के घर थोड़ी देर रहा। फेर उनकी बाइक लेकर बाहर घूमने आ गया। बताई जगह पे वो एक गिफ्ट लेकर पहुंचा। पार्क में बहुत सी लड़किया घूम रही थी। अब मुश्किल थी के कैसे पहचाने मनी को ?
उसने फेर मनी को कॉल लगाई। मनी ने फोन उठाया और पूछा,” कहाँ रह गए हो यार, सुबह से वेट कर रही हूँ, पार्क में आपका।
अजय – लेकिन मै तो पार्क में ही हूँ। आप पार्क में कहाँ हो ?
मनी – मैं पार्क में गेट के लेफ्ट साइड बने झूले के पास ब्लू ड्रेस में हूँ। झूले के पास आ जाओ।
अजय ने फोन काटा और झूले की तरफ चला गया। झूले के पास बने पत्थर पे एक नाटे से कद वाली लड़की किसी और दोस्त से बात कर रही थी। ब्लू ड्रेस की पहचान से ये जाहिर था के वो मनी ही थी। अजय ने उसके कन्धे पे हाथ रखकर उसे बुलाया, हलो मनी।
मनी ने पीछे मुड़कर देखा तो एक 6 फ़ीट कद का सांवला सा लड़का उसे बुला रहा था। उसने उस लड़के को कहा,” यदि मैं गलत नही तो आप मट्टू साब लुधियाना वाले हो।
अजय – हांजी, सही पहचाना आपने ?
मनी ने उस से बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया और अपने दूसरे दोस्तों से अजय का परिचय करवाया। फेर उनसे विदा लेकर वो अजय के साथ नज़दीक के एक होटल में चली गयी। अब दोनों 2 कुर्सियो वाले टेबल पे एक दूसरे के सामने बैठे थे। इतने में वेटर ने उनका आर्डर लिया और 5 मिनट में उनका आर्डर किया सामान उनको दिया।
थोड़ी देर बाद अजय ने उसके लिए लिया गिफ्ट उसे दिया। जिसे देखकर मनी को बहुत अच्छा लगा। मनी वहीँ ही गिफ्ट खोलने लगी तो अजय ने उसे रोक दिया और घर पे जाकर खोलने के लिए विनती की।
माहौल एक दम खुशनुमा था। इतने में मनी थोडा उदास सी हो गयी और बोली,” अजय एक बात बोलने को मन कर रहा है। लेकिन समझ नही आ रहा कैसे बोलू? डर लग रहा है के कही आप बुरा न मान जाओ।
अजय – नही, नही मनी जी, आपका बुरा क्यों मानना। जो भी दिल में है बोलदो। जिससे आपका भी मन हल्का हो जायेगा। अब ज्यादा भाव मत खाओ, बताओ क्या है दिल में आपके ?
मनी – मैं ये कहना चाहती हूँ के…
अजय – अब बोलो भी यार…
मनी – ……. के मैं शादीशुदा हूँ।
अजय को ये सुनकर काफी अजीब लगा क्योंके एक महीने से वो तो यही समझ रहा था के होने वाली दोस्त कुंवारी है और शायद हमारा ये मोह प्रेम हमारी शादी तक बात ले जाये।
मनी – मैं हाथ जोकर माफ़ी मांगती हूँ के मैंने आपसे ये बात छुपाई। लेक़िन मुझसे रहा नही गया बात बताने बिना। क्योंके यदि यही बात तुम्हे किसी और से और से पता चलती शायद आपको बहुत ही बुरा लगता। एक बात तो पक्की है। आपको चाहे बुरा लगा या नही। परन्तु मेरे दिल से हज़ारो क्विंटल वजन उत्तर गया है। अब मैं खुद को रिलैक्स महसूस कर रही हूँ।
एक बात और एक महीने में पता ही नही चला के कब तुम मेरे दिल में समा गए हो। इतना मोह मुझे मेरे पति का नही आता। जितना तुम पर आ रहा है। मुझे चाहे अच्छी समझो या बुरी लेकिन इन रियली आई लव यू सो मच. आई होप तुम भी मुझसे उतना ही प्यार करने लगे हो और मेरी शादीशुदा वाली बात को माइंड नही करोगे।
अजय ने सोचा जब दिल ही तो टूट गया है। जाते जाते इसका बदला तो लेता जाऊ।
अजय (झूठी सी मुस्कान लिए) – नही नही मनी जी, आपकी बात का बुरा नही लगा। बस थोडा अजीब जरूर लगा के यदि पहले पता चल जाता तो शायद हम इतना नजदीक न होते। अब मुझे भी आपसे दूरी बनाकर रखनी पड़ेगी। क्योंके मेरे ऐसा करने से आपकी शादीशुदा लाइफ प्रभावित होगी। सो आप भी मुझसे कम से कम बात करने की कोशिश करनाl
मनी – ना… ना… ऐसा सा कहिए मट्टू जी, मुझे अब आपकी लत लग चुकी है। अब अपने से दूर न करो मुझे। मेरा पति काम काज में ज्यादातर उलझा ही रहता है। सो मुझे समय नही दे पाता। इस लिए मैं ज्यादातर फोन पर बिजी रहती हूँ। बाकि आप समझ ही सकते हो। मुझे आपका साथ पसन्द है। यदि मैं शादीशुदा न होती पक्का आपसे शादी करके आपकी सेवा करती।
अजय – अब कुछ नही हो सकता यार, अब तो आप अपने पति के साथ ज़िन्दगी बसर कीजिए। इसी में आपका भला है।
फेर दोनों उठकर बाहर आ गए।
फिकर मत कीजिये, कहानी आगे जारी रहेगी, अगला पार्ट जल्द ही पढने को मिलेगा सिर्फ देसी कहानी डॉट नेट पर!
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