This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मेरा नाम अनुराग शर्मा है, मैं इन्दौर में रहता हूँ। मेरी यह कहानी एक गे पति और उसकी बीवी कि चुदाई के बारे में है, यह एक सच्ची घटना है इसलिये मैं यहाँ पात्रों के असली नाम नहीं बताऊंगा.
मैं पाँच माह पहले नये फ्लैट में शिफ्ट हुआ। मेरा नया फ्लैट तीसरे फ्लोर पर था, तीसरे फ्लोर क्या… छत पर था. उस फ्लोर पर एक और फ्लैट था, दोनों फ्लैट आमने सामने थे और बीच में खुला भाग था। बहुत ही शानदार जगह थी खुले छत पर रहना बहुत अच्छा लगता था।
जिस दिन मैं वहाँ गया, उसी दिन से मैं सामने वाले फ़्लैट को देखने लग गया कि वहाँ कौन रहता है क्योंकि उनका दरवाजा हमेशा बन्द रहता था।
अगली सुबह रविवार होने की वजह से मैं देर तक सोता रहा, सुबह करीब 10 बजे किसी ने दरवाजा खटखटाया, मैंने दरवाजा खोला, देखा कि एक बहुत खूबसूरत भरे-पूरे बदन की, बड़े बड़े बूब्स वाली मस्त गोरी करीब 27 साल की लड़की और एक दुबले-पतले शरीर व फेयर कलर का करीब 30 साल का बन्दा खड़े थे.
मैंने हैलो कहा, उन्होंने भी हैलो कहते हुए बताया कि वे मेरे पड़ोसी हैं. मैंने उन्हें अन्दर बुलाया अपना परिचय दिया, उन्होंने अपना नाम अजय और निशा (बदला हुआ नाम) बताया। उनकी शादी को दो साल हुए थे। निशा हाउसवाईफ थी.
दोस्तो, मैं तो कमीना हूँ और यह बात निशा को पता चल गई थी क्योंकि मुझे उसने उसके बड़े बूब्स को घूरते हुए कई बार देख लिया था. खैर हम कुछ 10 मिनट बात कर एक दूसरे के बारे में जानते रहे और फिर वो चले गये.
जब वो जा रहे थे तो मैंने निशा की गांड देखी, मेरा तो दिमाग खराब हो गया, क्या मस्त बड़ी गांड थी… चलने पर हिलते देख कर तो लंड खड़ा हो गया! पर क्या कर सकता था… वो किसी और का माल था.
उस दिन से करीब दस दिन हो गये थे. निशा तो मेरे यहाँ कभी नहीं आई पर अजय अक्सर शाम को मेरे यहाँ आ जाया करता था और मैं भी कभी-कभी उनके यहाँ चला जाता था। हम लोग अच्छे दोस्त बन गये थे और अपनी पर्सनल बातें भी शेयर करने लगे थे।
एक दिन शाम को मेरे फ़्लैट में मैं और अजय बैठे बात कर रहे थे, तभी अजय ने पूछा- तुम 26 साल के हो और कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है तो काम कैसे चलता है? मैंने भी मजाक में कह दिया- जो मिल जाये उसकी ले लेते हैं… और हम हंसने लगे.
अजय बोला- यह तो बहुत अच्छी बात है.
फिर अजय ने पूछा- तुम्हारे लंड का साइज कितना है? मैंने कहा- क्या करोगे जान कर? तो वो बोला- बस ऐसे ही पूछ रहा हूँ! मैंने कहा- ठीक-ठाक है. तो अजय बोला- दिखाओ?
उसकी बातें सुन कर मेरा लोड़ा थोड़ा थोड़ा खड़ा होने लगा था और मुझे लगा कहीं ये गे यानी गांडू तो नहीं? फिर मेरे मन में ख्याल आया कि इसकी बीवी नहीं तो ये ही सही! वैसे भी कई दिन हो गये थे किसी की चुदाई करे!
इतनी देर में अजय फिर बोला- दिखाओ तो!
और मैं उठा और अपना लोवर नीचे खिसका दिया, मेरा आधा खड़ा लोड़ा उसके सामने था। मेरा लंड देख कर वो बोला- यार, ये तो सोलिड है!
कहते हुए उसने पकड़ लिया और हिलाने लगा, मैं मन में कहने लगा- कर ले मजे तू भी बेटा! अब तो मेरा 7 इंच का लोड़ा पूरा खड़ा हो गया था, अजय तो मस्त होकर मेरे लंड से खेल रहा था, अब मैं तो जोश में आ गया और अजय को मेरा लंड चूसने को बोला.
वो चुसने लगा, 2-3 मिनट चुसाने के बाद मेरा मन चुदाई का होने लगा और अजय को बोला- गांड मारने देगा क्या? तो उसने हाँ कह दिया. फिर मैंने अजय की गांड मारी और अपना वीर्य भी पिलाया।
हमारी चुदाई खत्म होने के बाद अजय ने बताया कि उसे गांड मरवाने और लोड़ा चूसने का बहुत मन करता है, यह उसका पहली बार था।
फिर अजय ने कहा- आगे भी वह मुझसे मरवाना चाहता है. मैंने भी कहते हुए अपने मन की बात रख दी कि मैं उसकी बीवी को चोदना चाहता हूँ. तो उसने कहा- मैं तो निशा को कहूँगा नहीं… तुम खुद उसे पटा लो तो चोद सकते हो।
फिर तो मैंने निशा को पटाने का काम चालू कर दिया क्योंकि मुझे मालूम था कि मैं उसके सामने कुछ भी करुँगा तो वो गुस्सा हो भी गई तो अपने पति को बतायेगी और पति उसका मुझे कुछ नहीं कहेगा। बात तो मेरी निशा से अच्छी होती ही थी, कभी कभी मजाक करते हुए उसके यहाँ वहाँ छू लो, तब भी कुछ नहीं कहती थी. पर बहुत दिन हो गये थे, मुझे कभी नहीं लगा कि मुझे उसे कभी चोदने को मिलेगा.
एक दिन शाम को करीब 7.30 बजे मैं अपने घर में बेठा था और निशा को चोदने के बारे में सोच रहा था कि कैसे पटाऊँ उसे… मेरा दिमाग खराब हुआ आज तो कुछ करके आऊँगा. मैं फट से उठा और अजय के फ़्लैट में गया, अजय हाल में बैठ कर टीवी देख रहा था.
थोड़ी देर तक मैं अजय के साथ बैठा, फिर अन्दर किचन में गया जहाँ निशा खाना बना रही थी। उसने टाईट सलवार-सूट पहन रखा था उसमें उसकी गांड क्या उभर कर बाहर आ रही थी, मन किया कि अभी पीछे से पकड़ के लोड़ा डाल दूँ, पर क्या करें… मैं उसके पास खड़ा होकर बातें करने लगा।
बातें करते करते मैंने सोचा ‘कुछ भी हो, देखा जायेगा…’ और मैंने धीरे से निशा की गांड दबा दी. तो मैंने देखा वो तो हिली भी नहीं, चुपचाप रोटी बनाती रही. तो मैंने फिर से उसकी गांड दबाई, फिर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
फिर क्या था, मैं तो फट से कुत्ते की तरह पीछे से उसकी गांड से चिपक गया और उसके बूब्स पकड़ लिये और अपना मोटा लम्बा लंड गांड की दरार में फंसा दिया तो वो झट से दूर हटी और बोली- क्या कर रहे हो? मैंने खींच कर उसे अपनी बांहों में भर लिया तो वो जल्दी से छुटते हुए बोली- खाना बना के… अभी जाओ!
मैं वहाँ से अपने फ़्लैट में आ गया और इंतजार करने लगा. करीब 11 बजे निशा आई, आते ही मैं तो उस पर टूट पड़ा क्योंकि 3-4 घन्टे से इंतजार करते करते बहुत ही बेचैन हो गया था।
मैं तो पहले से ही सिर्फ अन्डरवीयर में बैठा था, उसके आते ही नंगा हो गया और उसे भी नंगी कर दिया, बिस्तर पर पटक कर सीधे लंड चूत में डाल कर दनादन चोदने लगा. पहले तो वो दर्द से चिल्ला उठी, फिर तो उसने टाँगें पूरी चौड़ी कर दी और जोर जोर से आह आह करने लगी, बोलने लगी- जोर से चोदो.. फक मी उम्म्ह… अहह… हय… याह… फक मी…
10 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये.
फिर वो बोली- पहली बार इस तरह से चुदवाया… पर मजा बहुत आया, ऐसा लगा जैसे पहली बार चुद रही हूँ!
अब तक मैंने कई बार निशा को चोद दिया है. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000