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अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभी को नमस्कार.. मैं अभय जालंधर से हूँ. मैं दिखने में गोरा और 5’10” गठीला और छरहरा शरीर का हूँ, स्मार्ट और डैशिंग हूँ.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, यह मेरी पहली कहानी है. दो साल पहले की बात है, मैं ट्रेनिंग के लिए 3 महीने चंडीगढ़ पीजी में रहा था. जो मकन मालकिन थी, उसका नाम संजना (बदला हुआ नाम) था. मैं उनको भाभी कहता था. वो बहुत हॉट थी, उसकी उम्र 32 साल थी, पर इस उम्र में भी वो गजब लगती थी, रंग उसका बिल्कुल गोरा था, 36 साइज के टाइट मम्मे थे.
जब पहली बार देखा तो देखता ही रह गया, उसने पंजाबी सूट पहना था, और पंजाबन तो होती ही हॉट है. उस दिन तो ज्यादा बात बात नहीं हुई.
अब मैं रोज उसको देखता और उसके नाम की मुठ मारता था, मेरे कमरे मैं पीने का पानी नहीं होता था, तो रोज उनसे लेने जाता था. और फिर इस बहाने से बात करना शुरू हो गया. अब जब भी समय मिलता तो मैं भाभी के पास चला जाता. शायद उसको मेरा आना पसंद था. पर वो कुछ उदास सी लगती थी.
मैं रोज रात को देर से ही सोता था, रोज मुझे कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई देती थी. एक दिन मैंने गौर से सुना तो देखा कि ये तो भैया और भाभी की आवाज़ थी. ऐसे लग रहा था कि भैया गुस्से में भाभी को डांट रहे थे.
उस दिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अगले दिन भाभी से बातों बातों में पूछा- भैया से झगड़ा हुआ है क्या? तो वो काम करते करते अचानक रुक गई और घबरा कर बोली- नहीं तो, तुझे ऐसे क्यों लगा? मैंने कहा- ऐसे ही कल रात आवाज़ आ रही थी, इसलिए पूछा. उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया.
उसके बाद वो मुझे ज्यादा बात नहीं करती थी. मैंने कारण पूछा पर बताया नहीं.
रविवार को छुट्टी थी, तो मैं कमरे में अकेला था, पोर्न फिल्म देख कर मुठ मार कर सो गया. थोड़ी देर बाद मेरा लंड टाइट होने लगा, मुझे ऐसे लगा जैसे कोई मेरे लंड को हिला रहा हो. मेरी आँख खुल गई.
मैंने देखा तो भाभी मेरे लंड से खेल रही थी. मैंने फिर से आँखें बंद कर ली जैसे में सोया हुआ हूँ.
भाभी ने देखा कि अभी भी सोया हूँ तो उनका होंसला और बढ़ गया. और वो लंड को जीभ से चाटने लगी. मैं बता नहीं सकता कि कितना अच्छा लग रहा था. पहली बार मेरे लंड को कोई लड़की चूस रही थी… मैं तो किसी ओर ही दुनिया में पहुँच गया था. भाभी के होंठों से लिपस्टिक मेरे लंड पर लग गई थी.
अब मुझसे बर्दाश नहीं हो रहा था, मैं अपने हाथ भाभी के सर पर रख कर अपने लंड पे दबाने लगा. अब भाभी भी और जोर से चूसने लगी. कुछ देर में मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली. पहले कभी भी इतना वीर्य नहीं निकल था. भाभी पूरा वीर्य पी गयी और मेरे लंड को मुख में लेकर साफ़ करने लगी.
इससे पहले कि मैं कुछ और करता, दरवाजे पे घंटी बज गई. भाभी ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किये और मेरे होंठों पे किस करके चली गई.
थोड़ी देर के बाद जब मैं उनके पास गया तो उदास बैठी थी. मैंने उनसे कारण पूछा तो वो रोने लगी. मैंने उनको संभाला और सीने से लगा लिया. उन्होंने कुछ नहीं कहा.
मेरे बार बार पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पति का शादी के एक साल बाद एक्सीडेंट हो गया था जिसकी वजह से वो नपुंसक हो गए हैं और बाप नहीं बन सकते! यह बात मैंने अपने पति और घर में किसी को नहीं बताई. अब घरवाले पूछते हैं बच्चे के बारे में… मैं हर बार टाल देती हूँ, इस बार मेरी सासू माँ और ननद ने बहुत बुरा भला कहा, और यह भी कहा कि अगर बच्चा नहीं कर सकती तो तलाक दे देंगे.
मेरे और मेरे पति के बीच इसी बात को लेकर झगड़ा होता है. इसलिए ही मैं काफी दिनों से परेशान हूँ. जब दिन में तुम मुठ मार रहे थे, तब मैं तुम्हें देख रही थी और मुझे एक उम्मीद की किरण दिखी. अब तुम मेरी शादी बचा सकते हो.
इतनी देर में भैया आ गए तो भाभी मेरी पढ़ाई के बारे में पूछने लगी. मैंने भी बात घुमा दी, भैया को शक नहीं होने दिया. फिर मैं अपने कमरे में आ गया और भाभी के ख़यालों में खोने लगा. वो भाभी के नर्म नर्म होंठों का स्पर्श अभी भी मैं महसूस कर रहा था. मैं तो बस अब अगले दिन का इंतज़ार कर रहा था कि कब भईया काम पे जायें और मैं भाभी की चुदाई करूँ.
आज रात बहुत लम्बी लग रही थी, भाभी के बारे में सोचते सोचते कब आँख लग गई, पता ही नहीं चला. सुबह होते ही मैं भाभी के पास पानी लेने गया तो देखा कि भाभी आज खुश दिख रही थी और आज मैं उनकी ख़ुशी की वजह जानता था. फिर मैं पानी लेकर वापिस आ गया और भईया के जाने की राह देख रहा था.
मैंने देखा कि भईया काम पे जा रहे थे. जैसे ही भईया गए, मैं भाग कर भाभी के पास पहुँच गया और भाभी को गले से लगा लिया. भाभी की चुची बिल्कुल सख्त और तनी हुई थी.
भाभी ने मुझे हटाया और कहा- अभी घर का काम करना है, उसके बाद प्यार करेंगे. मैंने कहा- भाभी, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा! और भाभी के रस भरे होंठों को चूमने लगा और उनके होंठों पे काटने लगा.
अब भाभी भी गर्म हो रही थी, खुद को मुझे सौंप रही थी.
मैंने एक हाथ भाभी की चुची पर रख दिया और दबाना शुरू कर दिया. भाभी ने जोर जोर से सांस लेना शुरू कर दिया. मैं जोर जोर से बूब्स दबा रहा था और उतनी ही जोर से उनको किस कर रहा था.
भाभी की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं! भाभी ने धीरे से मेरे कान में ‘आई लव यू’ कहा. यह सुन मैं और तेज हो गया.
उस दिन भाभी को देख कर पता चला कि एक औरत कितनी गर्म हो सकती है.
फिर मैंने एक हाथ उनके कमीज के अंदर दाल दिया. भाभी और जोर से सिसकारियाँ लेने लगी. अब भाभी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और दबाने लगी.
मैं तो आज स्वर्ग में था. मैंने भाभी की कमीज़ उतार दी और उनके बूब्स तो कच्चे आम लग रहे थे. भाभी ने कहा- आज चूस ले भाभी के रसीले आम! पी ले सारा रस!
मैंने जोश में आकर भाभी की ब्रा फाड़ दी. अब भाभी के आम मेरे सामने नंगे थे और मैंने जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया. भाभी भी अब मेरे सर को अपनी चुची पे दबा रही थी.
भाभी ने अब मेरी निक्कर खोल के मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी. भाभी ऐसे चूस रही थी जैसे कोई भूखी शेरनी अपने शिकार को खाती है. मैं भी उनके सर को अपने लंड पे दबा रहा था.
मैंने फिर एक एक करके भाभी के सारे कपड़े उतार दिए. भाभी तो जैसे किसी पोर्न हीरोइन जैसे लग रही थी. मैंने भाभी के जिस्म को चूमना शुरू कर दिया. अब एक उंगली भाभी की चुत में घुसा दी. भाभी की चुत पहले से पानी छोड़ चुकी थी. मैं धीरे धीरे उंगली को अंदर बाहर करने लगा.
भाभी के मुँह से अब गलियां निकलने लगी- भेनचोद चोद दे अपनी भाभी को… बना ले अपनी रखैल… पी ले मेरी जवानी का रस मेरे राजा! अब मैं भी जोश में आ गया और भाभी को चुत पर अपनी जुबान रख दी. भाभी ने जोर से सिसकारी ली. मैंने भाभी की चुत को चाटना शुरू कर दिया.
‘आआआ उम्म्ह… अहह… हय… याह… ह्ह्ह…’ आज तक इतना मजा तेरे भईया ने नहीं दिया जितना आज तूने दिया. खा जा चुत को हरामजादे. अपनी रखैल की आग बुझा मादरचोद!’ भाभी के मुँह से गालियां सुन मुझे और जोश आ रहा था. भाभी छूटने वाली थी तो मैंने चुची को और जोर से दबाना शुरू कर दिया, जुबान को पूरा चुत के अंदर डाल दिया और एक जोरदार सिसकारी के साथ भाभी की चुत ने पानी छोड़ दिया.
अब मैंने मोर्चा संभाला और अपने लंड को भाभी की चुत पे टिका दिया और एक जोरदार झटका मारा. चुत गीली होने के कारण लंड एक झटके में आधा अंदर चल गया. भाभी ने मुझे कस के पकड़ लिया और मुझे रुकने का इशारा किया… पर अब मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने एक और धक्का लगाया तो भाभी की आँखों में आँसू आ गए- मादरचोद… हरामजादे मेरी चुत है… आराम से चोद ले मादरचोद.. मैं कहीं भागी जा रही हूँ!
मैं कहाँ रुकने वाला था.. एक और जोरदार स्ट्रोक मारा और पूरा लंड भाभी की चुत में समां गया. भाभी की हालत तो ऐसे थी जैसे बिन पानी की मछली… भाभी जोर जोर से चीख रही थी पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं था. 15 मिनट की धुआँधार चुदाई के बाद मैं छूटने वाला था तो एक जोरदार स्ट्रोक के साथ सारा माल भाभी की चुत में डाल दिया. भाभी की चुत में से माल बाहर निकल रहा था.
मैंने भाभी को उठाया तो भाभी से उठा नहीं जा रहा था तो मैं उसको गोद में उठा के बाथरूम ले गया. वहाँ मैंने भाभी को साफ़ किया और वापिस बिस्तर पे लेटा दिया और खुद भी लेट गया. मैंने भाभी से माफ़ी मांगी कि चुदाई के वक़्त मैंने आपकी बात नहीं मानी. तो उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझे चूम लिया और कहा- कोई बात नहीं.. शायद यह जरूरी था. और कहा- तेरी बीवी बहुत किस्मत वाली होगी.
उस दिन भईया के आने तक मैंने भाभी को 3 बार चोदा. फिर यह सिलसिला 2 महीने तक चलता रहा. फिर मैं वापिस अपने घर आ गया तो मुझे भाभी का फ़ोन आया कि वो माँ बनने वाली हैं और घर में सब बहुत खुश है. ये सब तुम्हारी वजह से हुआ. दोस्तो, आपको ये मेरी जिंदगी की पहले सेक्स की कहानी मेरी भाभी की चुदाई कैसी लगी, आपको कैसी लगी, जरूर बतायें! आपकी ईमेल का इंतज़ार रहेगा. [email protected]
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