This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
दोस्तो और प्यारी भाभियो, जवानी की मस्ती में झूम रही जवान लड़कियो… कैसी हालत है चूत की! तो दोस्तो मेरी कहानी में अभी तक आपने दिव्या और मेरी दोस्त निधि की मस्तियाँ पढ़ी.
अगले दिन सुबह दिव्या उठी तो मुझे देख रही थी, मैं उठा और उसको अपने ऊपर लिया उसको चूमा और उसकी एक चुची पर काटा तो कहने लगी- सुबह सुबह ही चालू हो गए? रात को नाराज़ थे? मैंने कहा- यार सही बोलूँ तो तेरी नज़दीकियाँ राम से समझ नही आ रही! तो कहती- वो दोस्त है… मेरा बदन तेरा ही है यार! और मेरा पति बनने की कोशिश मत करो..
मुझे थोड़ा गुस्सा आया, मैंने कहा- तेरी फ़िक्र है… वरना मुझे क्या! तो हंस के कहती- जल रहा है? मैंने कहा- मुझे क्यूँ जलन होगी? तो बहुत हंसी और मुझे छू के बोली- आई लव यू! मैंने कहा- क्या बात, आज मान लिया? कहती- अब तंग मत करो… बोल दिया तो बोल दिया!
मैंने उसको दबोचा तो कहती- नो… अभी नहीं, जाने दो! वो मेरी शर्ट पहन कर किचन में गई कॉफी बनाई तो किचन में मैंने पकड़ के पीछे से लंड से टीज़ किया. कहती- किचन में तुमको तो सबसे हॉट सेशन रहता? मैंने कहा- रियली? तो करें? कहती- नो… ना मत करो उहह, प्लीज हटो… उउफ्फ़!
मैंने उसकी कमीज़ उतार दी इतने में! उसको झुकाया तो उसके बाल उसके मुँह पे थे और पीछे से मैंने उसकी गांड में लंड पेल दिया. ‘उहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अहह’ ‘वाउ…’ उसके बोबे उछलते रहे!
वो मुझसे छुट कर बच के ड्रॉयिंग रूम में आ गई. वहाँ सोफे पे बैठ के हाँफने लगी. बिल्कुल नंगी और उसके बोबे साँस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे! वाह…
मैं दूर खड़ा था, लंड मेरा टाइट था रॉड की तरह… वो हंस रही थी, मैं झट से गया, उसको सीधा किया और पेल दिया. ‘आ उहह… आराम से करो… उउउहह… औच्च मत करो… अमित अमित!’
मैंने कहा- यार छुटने वाला है! कहती- बाहर निकालो! मैंने कहा- अंदर… एक बार! कहती- नहीं, निकालो… आई डोंट वॉंट तो टेक एनी चान्स, आई डोंट वॉंट तो हॅव एनी चाइल्ड! मैंने बहुत मनाया, वो मानी नहीं, कहती- यू नो इट, मुझे नहीं करवाना बच्चा! या चान्स लेना! मैंने निकाला और चूत पे गिरा दिया.
वो तैयार होने लगी और ऑफिस चली गई. मेरा मूड ठीक भी था और नहीं भी!
ऑफिस में निधि मिली, कहती- क्या हुआ बे? क्यूँ मुँह लटकाया हुआ है? मैंने कहा- बस थका हुआ हूँ! कहती- क्यूँ बे? ओहो लगता है रात काफ़ी मेहनत की जनाब ने! और ज़ोर से हंसने लगी.
मैंने कहा- क्या करें, दिल माँगे मोर! कहती- वाह! मैंने कहा- तू बता, कल रात तेरा कोई अफ़साना बना या नहीं? कहती- हट साले!
फिर दोपहर तक वो मेरे साथ रही, फिर गायब… शाम को मिली तो कहती- यार मुझे घर ड्रॉप करेगा अगर टाइम है तो? मैंने कहा- हाँ बे, चल!
हम उसके रूम गये, वहाँ कहती- थोड़ी देर बैठ ना मेरे साथ! मैंने कहा- क्या हुआ? डाउन लग रही है? कहती- यार आज हम रूम पे आए थे, उसका मूड ठीक नहीं था तो बात करने आ गये, यहाँ आए तो वो मुझसे लिपट गया और बोला ‘यार, तेरे बिन रहा नहीं जाता.’ तो मैंने कहा- ओ इतनी आग? बोली- चुप साले, आगे सुन! फिर उसने मुझे कसके खुद से चिपका लिया और चूमने लगा. मैंने- फिर?
कहती: फिर हम बातें कर रहे थे… उसके साथ टाइम स्पेंड करना अच्छा लगता है, यार आज उसने मुझे कहा कि सुहागरात कैसे मनाते हैं सिखाऊँगा. मैंने हामी भरी तो उसने मुझे मेरा कुर्ता उतारने को कहा, फिर ब्रा के ऊपर चुन्नी डाल दी, दुल्हन टाइप से! फिर कहा दूध लेकर आने को! तो मैंने कहा- अभी? तो कहता- डाइरेक्ट पी लूँगा! उसने मेरे बोबे दबा दिए. ‘ओउच…’
फिर उसने बैठने को कहा, फिर चुन्नी उतारी, बहुत चूमा और फिर मुझे लिटा कर पजामी उतार दी और पेंटी भी. फिर वो साला मेरी चूत चाटने लगा. उफ़ यार क्या नशा है उसके ऐसा करने में! और वो मुझसे लिपट गई, मैंने उसकी पीठ सहलाता रहा.
मैंने कहा- फिर? कहती- तू साले मेरे मज़े ले! मैंने कहा- साली तू गंदी औरत… तू क्यूँ बता रही है? कहती- यार तुझपे भरोसा है, तू अपना खास दोस्त है. तो मैंने कहा- सोच ले फ्रेंड्स विद बेनेफिट का! कहती- भक्क साला!
मैंने उसको बाहों में लिया और बोला- आगे बता! कहती- यार फिर मेरी ब्रा खोल के जो उसने चूसे मेरे उफ! उसका बदन कसमसाया. फिर कहती- उसने मेरी मार ली!
मैंने कहा- बस? उसने फिर हंस के कहा- अब यह भी सुनेगा कि कैसे घुसाया… या कितने धक्के दिए? हम दोनों हंसने लगे.
फिर मैंने उसको चूमा और कहा- चल अब जाने दे! कहती- यार तू मेरे साथ है ना? मैंने कहा- हाँ रे… बस सोच के कर… ठीक नहीं लगे तो निकल जा इन सबसे!
उसने कहा- बस तू साथ रहियो! तो मैंने उसके होंठ चूमे और कहा- पक्का बे!
एक दिन शनिवार को मैं और निधि ऑफिस गये काम के लिए तो चाय के लिए 3 बजे उसके कॅबिन में गया तो कहती- थक गई यार! मैंने कहा- आ जा मसाज करूँ! फिर उसकी गर्दन सहलाने लगा और कंधे दबाने लगा. कहती- अच्छा लग रहा है. फिर वो थोड़ा कसमसाई, फिर धीरे से मैंने उसे चूमा… गर्दन और गाल और फिर होंठ और हाथ बोबे दबाने लगे. मैंने उसकी शर्ट के अंदर हाथ डाला तो उसने हाथ हटाया और मुझे धक्का दिया, फिर कहती- तू यह ग़लत कर रहा था, मैं तुझे सिर्फ़ दोस्त मानती हूँ, यह ग़लत है. और फिर चली गई.
शाम को उसका मैसेज आया- मिलना है. मैंने कहा- कहाँ? तो कहती- तेरा रूम? ‘ठीक है.’
वो आ गई, आकर थोड़ा गुस्सा दिखाया, फिर कहती- आज जो हुआ, वो क्या था? मैंने कहा- बस हो गया! कहती- यार, फ्रेंड्स विद बेनेफिट नहीं हो पाएगा. मैंने कहा- ठीक… जो हुआ ग़लत था माफ़ कर दे! तो उसने कहा करीब आकर- मुझे माफ़ कर दे, तुझपे गुस्सा किया! और लिपट गई, कहती- यार तू दोस्त है. अजीब लगा तूने छुआ तो!
मैंने उसको पकड़ा और उसका चेहरा अपने करीब लाकर पूछा- यह बता कि अच्छा लगा या नहीं? तो बोली- हाँ! तो मैंने कहा- प्यार कौन कह रहा है. अपन अपना एक रिलेशन रखेंगे, जहाँ खुल के जियेंगे, नो प्यार सिर्फ़ एक दूसरे की रेस्पेक्ट आंड फीलिंग्स को पूरा करेंगे! कहती- पक्का! मैंने कहा- हाँ!
कहती- मेरा लवर? मैंने कहा- यह धोखा नहीं है… तुझे लगता है कि तेरा और उसका प्यार सच्चा है तो कभी हम नज़दीक आएँगे ही नहीं! लेकिन अगर सिर्फ़ वासना है तो भरोसा रख! वो आकर मुझे छू कर बोली- वादा कर, तू मुझे नहीं छोड़ेगा? उसको मैंने चूमा और उसका कुर्ता निकाल दिया तो वो शर्मा के भागने लगी कमरे में! मैंने कहा- अब ना भाग! तो वो अपनी चुची छुपा कर बोली- साले इतना उतावला?
मैंने उसके सामने अपना शॉर्ट उतारा तो पास आई, कहती- रुक! उसने लंड पकड़ के कहा- साले मेरे लिए इतना टाइट, बेचारे को आज़ाद कर! उसने मेरा लंड निकाल लिया और पकड़ के मसलने लगी और छोटे बच्चे की तरह चूसने लगी जी लॉलिपोप हो! कहती- वाह… रॉड गर्म है.
तो मैंने भी उसकी पाजामी फाड़ दी और उसकी पेंटी निकाल दी. कहटी- साले जानवर! मैंने कहा- तुझे चोदना इसलिए भी है क्योंकि अपनी सोच, जवानी की मस्ती के विचार मिलते हैं!
वो जाकर बेड पे लेट गई और अपनी चुची दबा कर बोली- आराम से करियो! मैंने देखा और कहा- तेरे यार ने बहुत रस पिया? उसकी चुची पे निशान थे. यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
कहती- साला वो और तू पीछे पड़े हो बेचारी मेरी चुची के! इतना कहते ही मैं बोला- नींबू हैं! उसने मुझे मुक्का मारा, कहती- साले बड़े हैं. मैंने एक मुँह में लिया और कहा- हाँ रे संतरा!
तो हंसने लगी. मैं उसके ऊपर आ गया और कहा- सह लियो! तो कहती- आराम से अमित! मैंने आराम से घुसा दिया और वो हल्का सा दर्द सह गई.
फिर हमने धीरे से शुरू किया और जब वो गर्म हुई तो हमने ताबड़तोड़ पलंगतोड़ पेलमपेल चुदाई की.
वो थक गई और दोनों का छुट गया. मैंने उसको कहा- मुँह में ले! उसने पहले मुँह बनाया, फिर मैंने उसके मुँह में दिया और वहाँ झाड़ा तो कहती- उफ अजीब था! मैंने उसको चूमा तो कहती- यार क्या करता है? मैंने कहा- और गंदे काम होंगे अब!
फिर वो मुझसे पूरी नंगी लिपट के मेरे रूम पे सो गई, और पूरी रात बातें की और उसने मुझसे से एक बार और चुदाई करवाई. सुबह उसकी नींद खुली तो मुझे प्यार से उठाया और बोली- उठ यार, मुझे जाना है!
मैंने कहा- रुक जा, आज छुट्टी ले ले! कहती- नहीं यार, ज़्यादा हो जाएगा. तो मैंने भी मान ली.
तैयार होते वक़्त पूछने लगी- तू किसको चोदता है? मैंने कहा- यार उनका भरोसा है मेरे पे तो नहीं बताऊँगा. कहती- वाह साले… असूलों वाला चोदू है तू! और आकर मुझे चूम लिया.
मैंने उसकी गांड दबाई और कहा- साली मजा आया? कहती- बहुत! मैंने कहा- कमीनी औरत! कहती- चोदू सांड!
फिर हम रोज़ ऑफिस में लड़कियाँ और लौंडे देख कर मज़ाक करते… वो मेरे लिए लड़कियाँ देख कर अश्लील बातें करती और मैं उसके लिए लौंडे देख कर सेक्सी बातें करता.
दोस्तो, लड़का लड़की चुदाई करे या दोस्ती रखे… मेरे ख्याल से कुछ ग़लत नहीं जब तक दोनों खुश हैं तो! समाज सिर्फ़ तकलीफ़ देता है, बुरे वक़्त में साथ नहीं! तो जो जैसे सुख दे वैसे अच्छा!
दिव्या को देख कर मुझे लगा की औरत की इच्छाएँ और उसकी खुशी कितनी ज़रूरी होती है, हमारा रिश्ता जैसा था दोनों को खुशी दे रहा था, वहीं निधि और मेरा… चुदाई का हर मजा, हर पोज़िशन, और हर हद हम पार करके खुश थे!
दोस्तो कोई सलाह या कहानी के लिए फीडबैक ज़रूर भेजें. कहानी जारी रहेगी. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000