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मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, यहाँ की कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं अपने आप को अपना अनुभव शेयर करने से रोक ही नहीं पाया. पहले मैं अपना परिचय देता हूँ. मेरा नाम राज है, मेरे पापा हमारे शहर के पुलिस आयुक्त है. मेरी माँ प्रोफेसर है और मैं इंजिनियरिंग स्टूडेंट हूँ.
यह कहानी उस वक्त की है जब मैं फर्स्ट ईयर में था. उन दिनों मेरी छुट्टियां चल रही थी इसलिये दोपहर में मैं घर पर अकेला ही रहता था. दोपहर में मैं अकेला बहुत बोर हो जाता था इसलिये मैं दोपहर में मैं बहुत पोर्न मूवी और चुदाई के वीडियो देखता था, पूरा नंगा हो जाता था और अपना लंड हिलाता था.
मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी इसलिये मेरा लंड चुत का भूखा था. पापा पुलिस में होने के वजह से मैं चुदाई केंद्र में जाने से डरता था क्योंकि इन जगगों पर तो हमेशा पुलिस की रेड तो पड़ती रहती है.
एक दिन दोपहर में मैं घर पर अकेला था, तभी घर की डोर बेल बजी. मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक 22-23 साल की गोरी सुंदर लड़की खड़ी थी, उसके पास एक बैग था. अपने बैग को संभालते हुये उसने मुझे कहा- मेरा नाम जूही है, मैं xyz इलेक्ट्रॉनिक कंपनी से आई हूँ, हमारी कंपनी नई है इसलिये हम डोर टू डोर मार्केटिंग कर रहे हैं, क्या मैं अंदर आ सकती हूँ?
उसकी खूबसूरती देख कर मैं उसको मना ही कर नहीं पाया. मैं तो मन ही मन में उसे चोदने लग गया था.
वो अंदर आई, मैंने उसे पानी दिया और मुझे अपने कंपनी के उत्पाद दिखाने लगी. प्रोडक्ट देखने के बहाने मैं उसके करीब जा रहा था और उसके शर्ट के अंदर झाँकने की कोशिश कर रहा था. शायद उसे पता चल गया था कि मैं उस पर गंदी नजर डाल रहा हूँ. इसलिये उसने मुझे अपना नम्बर दिया और कहा- कुछ चाहिये हो तो फोन पर आर्डर देना, हम घर पर डिलीवरी कर देंगे. और वो चली गई.
उसके बाद मैं बस उसके बारे में ही सोचता रहा. उसका जिस्म, उसकी चुची, उसके चूतड़… वाह… मैंने रात में पापा को कनविंस किया कि मुझे कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना है और पापा भी बड़ी असानी से मान गये.
फिर मैंने जूही को फोन किया और कुछ सामान का आर्डर दिया. मैं पूरी रात जूही के सपने सजा रहा था. मैं नहीं जानता था कि कल क्या होने वाला है, मैं तो बस उसे और उसके मादक जिस्म को देखना चाहता था.
दूसरे दिन मैं सुबह से जूही का इंतजार कर रहा था पर करीब 12 बजे तेज बारिश शुरु हो गई. मैं उदास हो गया, मुझे लगा कि अब जूही नहीं आयेगी.
पर तभी घर की डोर बेल बजी, मैं दरवाजे की ओर दौड़ पड़ा. मैंने दरवाजा खोला तो सामने जूही खड़ी थी. आज उसने टी शर्ट और जीन्स पहनी थी. बारिश की वजह से वो पूरी तरह भीग चुकी थी.
मैंने उसे अंदर आने को कहा. वो कुछ बोलती, उसके पहले मैंने उसे कहा- तुम पूरी भीग चुकी हो, ऐसे तो तुम बीमार हो जाओगी, तुम कुछ देर मेरे कुछ कपड़े पहन लो मैं तुम्हारे कपड़े वाशिंग मशीन में सुखा दूँगा. उसने भी मुझे हाँ कहा और फिर मैंने उसे अपने बेडरुम का रास्ता दिखाया और अपने कुछ कपड़े उसे दे दिये. उसने बेडरूम का दरवाजा बंद कर लिया.
मैं हाल में आ गया.. उसका चेहरा मैरे सामने से जा नहीं रहा था. भीगे हुए जीन्स टी शर्ट में जूही बहुत सेक्सी लग रही थी. मैं अपने आपको कंट्रोल कर ना पाया. मैं बेडरूम की ओर गया और की-होल से अंदर झांकने लगा.
अब तक जूही नंगी हो चुकी थी, वो कुछ अलग मूड़ में लग रही थी, वो आँखें बंद कर अपनी चुची दबा रही थी. वो सी सी रही थी. वो बहुत होट और सेक्सी लग रही थी.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था, मैं अपना लंड हिला रहा था. मैंने आँखें बंद कर ली थी.
लैंड हिलाते हुई मेरे मुजख से एक सिसकारी निकल गई सस्स…
फिर मैंने की-होल से अंदर देखा तो जूही वहाँ नहीं थी, मैं डर गया कि कहीं उसने मेरी आवाज तो नहीं सुन ली. मैं की-होल से झांकता रहा.
तभी अचानक से जूही की-होल के सामने आ गई और बोली- बहनचोद, टू अपनी माँ बहन को भी ऐसे ही देखता है क्या? और उसने दरवाजा खोला. वो बिल्कुल नंगी थी, उसकी चुची बहुत बड़ी और गोरी थी. उसकी चूत पर हल्के सुनहरी बाल थे.
मैं खड़ा हो गया और उसके पास गया. वो मुझसे चिपक गई. मुझे तो यह सब एक सपना लग रहा था.
उसका जिस्म बहुत गरम था.
जूही ने मुझे भी पूरा नंगा कर दिया. मेरा बड़ा लंड देख कर वो बोली- कमीने, मैं तो कल ही समझ गई थी कि तेरा लंड मेरी चूत की सैर करना चाहता है. मैं कुछ नहीं बोला और उसे होंठों पर चूमने लगा.
हम दोनों बहुत जोश से एक दूसरे को चूम रहे थे, कभी मेरी जीभ उसके मुख की सैर करती तो कभी उसकी जीभ मेरे मुख की! यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
चूमते चूमते जूही को छींक आई- आक…छि! उसके नाक का पानी मेरे चेहरे पर पड़ा. वो हंसने लगी और बोली- मादरचोद, तेरी वजह से मेरी नाक का यह हाल हुआ है… अब तू ही इसे साफ करेगा, वो भी अपने जीभ से! मैं भी हंसने लगा और मैंने अपनी जीभ उसकी नाक में डाली और उसका नाक चाटने लगा.
जूही बहुत मजा ले रही थी.
मैंने उसको धक्का दिया और वो बेड पर जाकर गिर गई. उसकी आँखों में चुदास की भूख दिख रही थी, वो बोली- आ जा भोसड़ी के… आज मेरी चूत फाड़ दे! मुझे चुदाई की जन्नत में ले जा!
मैं विलम्ब न करते हुए जूही पर कूद गया उसे चाटने लगा. उसने मेरा मुंह पकड़ कर अपनी चूत पर टिकाया और दबाने लगी, मैं उसकी चूत चाटने लगा. उसने जल्दी ही अपना पानी छोड़ दिया.
फिर वो मेरा लंड चूसने लगी. मैं सिसकारियाँ भर रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उसको बेड पर लिटा दिया, उसने अपने पैर फैला दिये. मैंने अपना लंड उसकी चूत पर टिकाया और एक ही झटके में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया. वो चिल्लाने लगी- उईईईई मा.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई रे…. साले टू क्या सात जन्मों से चुदाई का भूखा है क्या? अहह… शसस… चोद साले चोद… मेरी माँ चुद गई रे…
‘अहह हह…’ मैं भी सिसकारियां भर रहा था.
थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया, मैंने जूही की चूत चाट कर साफ कर दी, उसने भी मेरा लंड चूस कर साफ कर दिया. उसके बाद हम वैसे ही नंगे बेड पर पड़े रहे.
फिर थोड़ी देर बाद जूही चली गई. उसके बाद वो हमेशा मेरे घर आती रही और हम ऐसे ही चूत चुदाई का खेलते रहे!
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