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जब XXXi या XXXy लिख कर गूगल सर्च करते हैं तो गूगल हिन्दी इसे क्सक्सक्सई में बदल कर रिजल्ट दिखाता है. यह मुझे तब पता लगा जब हमारी कामवाली ने मेरे स्मार्ट फोन में इसी तरह से XXXi या XXXy सर्च किया तो गूगल ने उसे क्सक्सक्सई से सम्बन्धित परिणाम दिखाए. पूरी कहानी पढ़िए:
अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार! मैं इस सेक्सी स्टोरी साइट का नियमित पाठक हूँ और इस पर प्रकाशित स्टोरीज पढ़कर अपनी एक स्टोरी आप लोगों की नज़र पेश करने का मुझे भी मन हो रहा है।
मैं 29 वर्षीय अविवाहित युवक हूँ, 5’9″ कद और रंग गोरा है। मैं एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में पुणे में कार्यरत हूँ। मुझे ख़ास कर अधेड़ उम्र की महिलायें बहुत पसंद हैं, उन के साथ सेक्स करते समय जो आनन्द मिलता है वो कम उम्र की लड़कियों की चुदाई करने में नहीं मिलता।
आज तक मैंने कई विवाहित महिलाओं से सेक्स सम्बन्ध बनाए हैं जिनमें कुछ मेरी सहकर्मी भी हैं। आज जो मैं कहानी पेश कर रहा हूँ वह मेरे घर में काम करने वाली महिला सोनिया और मेरे बीच घटित हुई है।
जब मैंने अपना घर शिफ्ट किया तो नए मकान मालिक ने मुझसे घर के काम के लिए किसी काम वाली बाई की ज़रूरत के बारे में पूछा। मुझे बाई की जरूरत थी तो मैंने उन्हें हाँ कर दी।
रविवार जब मैं घर पर था तो एक 38-40 साल की औरत ने दरवाजा खटखटाया। सांवला सा रंग था उसका, मध्यम कद और गदराया शरीर, शादीशुदा थी। चूचियाँ ऐसी की बस दबा ही डालो… ब्लाउज में समाती ही नहीं थी।
मैं मन ही मन सोचने लगा कि उसका घरवाला कितना किस्मत वाला होगा, साला इसकी खूब चुदाई करता होगा। मैंने उसे काम पर रख लिया।
मैं घर में अकेला ही रहता हूँ तो अपने घर की एक चाबी उसको दे दी। वह सुबह जल्दी आती थी और काम निपटा कर नाश्ता बना देती थी, तब तक मैं तैयार हो जाता था।
एक दिन छुट्टी थी तो मैं देर तक सोता रहा। गर्मी की वजह से उस दिन मैं सिर्फ़ अंडरवीर पहन कर सोया था। कमरा साफ करने के लिये सोनिया अंदर आई तो दरवाजे के खुलने की आवाज़ सुन कर मैं जाग गया पर सोते रहने का नाटक करने लगा। मैंने गौर किया कि सोनिया मेरे बदन को बहुत देर तक निहारती रही और फिर चली गई। मैं अपनी अधखुली आँखों से यह सब देख रहा था।
मैंने ऐसा कई छुट्टियों वाले दिनों पर किया और हर बार मैंने उसे मुझे निहारते हुए पाया। कहते हैं कि सब्र का फल मीठा होता है तो मैं जल्दीबाजी नहीं करना चाहता था।
एक बार मैं ऐसे ही सोने का नाटक कर रहा था, वो आई, मुझे निहारने लगी कि उसकी नकर मेरे पास रखे मोबाईल पर पड़ी और उसने मेरा मोबाईल उठा लिया और उस पर उंगली चलाने लगी, फ़िर वो मेरे मोबाईल के साथ दूसरे कमरे में चली गई। 15-20 मिनट बाद वो आई और मेरा मोबाईल उसी जगह रख कर चली गई।
उसके काम निपटा कर जाने के बाद मैंने देखा तो उसने मेरे स्मार्ट फ़ोन में गूगल पर क्सक्सक्सई मतलब सेक्सी XXXi या XXXy सर्च कर रखा था। यानि वो कुछ गर्मागर्म वीडियो या सेक्सी स्टोरी जैसा कुछ देखना चाहती थी। पहले पहल तो मुझे क्सक्सक्सई का मतलब समझ नहीं आया परन्तु जब मैंने उसका सर्च वर्ड देखा तो उसने XXXi और XXXy सर्च किया था जिसे गूगल ने हिंदी में क्सक्सक्सई कर दिया था। अब उसने हिंदी सर्च पर क्लिक किया होगा तो क्सक्सक्सई के रिजल्ट गूगल ने दिखाए।
इस सब से मैं समझ गया कि यह सोनिया काफ़ी गर्म है और जल्दी ही मेरे बिस्तर पर आ जाएगी।
जब वो हॉल में झाड़ू लगाती तो हमेशा उसकी चुची के दर्शन होते थे।
अब वो कुछ ज़्यादा ही झुक कर अपनी चुची दिखाने लगी थी और बीच बीच में मेरी तरफ देखती। मैं एकटक उसकी चुची को घूरता रहता था, वो बस स्माइल करके फिर से झाड़ू लगाने में बिज़ी हो जाती थी।
मैं अब समझ गया था कि अब उसकी चूत को मेरा लंड चाहिए और वो चुदाई के लिए तैयार है।
एक दिन मुझे मौका मिल गया, वो स्टूल पर खड़ी होकर झाड़ पौंछ कर रही थी तो अचानक उसका बैलेन्स बिगड़ गया और वो गिर गई। मैंने तुरन्त जाकर उसे उठाया। उसका पल्लू गिर गया था और उसकी भारी भरकम चुची मुझे आधी नंगी दिखाई देने लगी।
मौके का फ़ायदा उठाते हुए मैंने उन्हें छुआ। अब उसे सहारा देकर मैंने पलंग पर लिटा दिया। उसके पैर में मोच आ गई थी। मैं उसके पैरों की मालिश करने लगा। मालिश करते करते इधर उधर की बातें भी कर रहा था।
थोड़ी देर बाद वो उठने लगी तो मैंने सहारा देकर उसे उठाया। जैसे ही वह उठी, पैर में दर्द के कारण वह फिर से पलंग पर वापस गिर पड़ी। मैं उसे पकड़े हुए था तो इस कारण मैं भी उस पर गिर पड़ा। मेरा सर अब उसके सीने पर था। मुझे तो जन्नत का अहसास होने लगा। मैंने तुरंत मौके का फ़ायदा उठाया और मैंने तुरंत ही उसके होठों पर चुम्बन कर दिया।
वो एकदम शर्मा गई पर विरोध नहीं किया। मैं समझ गया कि आज उसका चुदाई का मन है।
मैंने धीरे से अपना दाहिना हाथ थोड़ा नीचे किया जो उसकी चुची को टच करने लगा और अपने बायें हाथ से उसकी चूत को साड़ी पर से सहलाने लगा। वो मेरे से पूरी तरह से चिपक गई, वो भी खुल के मेरा साथ दे रही थी।
लिप किस ख़त्म होने के बाद मैं उसकी चुची को मसालने लगा। इतनी बड़ी चुची दबाने में बहुत आनन्द आ रहा था। मैंने झट से उसका ब्लाउज उतार कर दूर फेंका, उसने अंदर कुछ नहीं पहना था। अब उसकी चुची आज़ाद हो गई और मैं उन्हें चूसने लगा। वह शर्म के मारे अपने हाथों से अपनी चुची ढकने लगी तो मैंने उसके हाथ साइड में कर दिए। बीच बीच में मैं उसके उभरे हुए निप्पल भी काट लेता तो वो चिल्ला उठती।
धीरे धीरे में उसके गले को किस करने लगा और कुत्ते की तरह चाटने लगा और सक करने लगा। दबाने और काटने से चुची लाल हो चुके थी। फिर में धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी नाभि पर फेरने लगा और किस करते करते मैंने उसकी साड़ी निकाल दी। अब वो सिर्फ़ पेटिकोट में थी, मैंने उसके पेटिकोट का नाड़ा खोला और मेरा हाथ अन्दर डाला, उसकी पेंटी नीचे करके मैं उसकी चूत को रगड़ने लगा और एक उंगली चूत में अन्दर बाहर करने लगा।
वो सिसकारियाँ लेने लगी और अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। मैंने अपनी बनियान उतारी और शॉर्ट भी, अब मैं केवल जॉकी की अंडरवीयर में उसके सामने था। उसका पेटिकोट और पेंटी मैंने उतार कर पलंग से दूर फेंक दी।
उसका मादक जिस्म देखकर मेरे मुँह और लंड दोनों में पानी आ गया। अब मैं 2 उंगलियाँ उसकी चूत में डाल कर अंदर बाहर करने लगा तो उसके मुँह से ‘अहह ह्म्म्म्म मममहहा’ की आवाज़ आने लगी। पूरे बेडरूम सिर्फ़ उसके आह और मेरी चाटने की आवाज़ गूंजने लगी।
फिर मैं उसकी चूत में अपनी जीभ और उंगली घुमाने लगा और वो अपनी गांड उठा उठा के मेरा साथ देने लगी। थोड़ी देर के चूत चूसने पर वो झड़ गई।
अब मैंने अपनी अंडरवीयर उतार दी और अपना 6″ का कड़क लंड उसके मुँह में दे दिया। तकरीबन 2 मिनट उसने मेरा लंड चूसकर एकदम सख्त कर दिया और अब मेरे से कंट्रोल नहीं हो पा रहा था।
मैंने उसे लेटने को कहा तो उसने लेट कर अपने पैर फैला दिये। फिर क्या था, मैंने अपना लंड उसकी चिकनी चूत पर रखा और एक ज़ोर का झटका दिया पर निशाना ग़लत रहा और लंड फिसल गया उसकी जाँघों पर! उसने तुरंत मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के छेद पे रखा और मैंने दूसरी बार ट्राई किया और इस बार एक ही बार में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया क्योंकि उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
वो शादीशुदा औरत थी और उसकी चूत खुली हुई थी, मुझे और उसे कोई तकलीफ़ नहीं हुई।
फिर क्या था मैंने ज़ोर ज़ोर के झटके लगाने चालू कर दिए, वो भी अपनी गांड उठा उठा कर पूरा साथ दे रही थी। बीच बीच में मैं उसकी गर्दन पर किस करता, कभी उसकी चुची चूसता तो कभी कभी उसके निप्पल पे हल्के से काट लेता! वो मेरी हर हरकत का मजा ले रही थी।
फिर मैं उठ कर साइड में लेट गया और उसको अपने ऊपर आने का इशारा किया। वो मेरे खड़े लंड को अपनी चूत पर टिका कर बैठी और मेरा लंड एक बार फिर से उसकी चूत में पूरा समा गया। फिर वो ऊपर नीचे हो कर चुदाई करने लगी। मैं उसकी चुची से खेलता और साथ साथ उसकी गांड पर हाथ रख कर उसको झटके लगाने में सपोर्ट भी कर रहा था।
इसके बाद मैंने डॉगी स्टाइल भी ट्राई करने का सोचा, मैंने उसे इशारा किया डॉगी स्टाइल में होने को… वो तुरंत डॉगी स्टाइल में झुक गई फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल कर उसे पेलना चालू कर दिया। उसके भारी मोटे वक्ष नीचे लटक रहे थे। हम दोनों पूरा मजा ले रहे थे इस चुदाई सेशन का! और इस बीच वह झड़ चुकी थी।
चूँकि मैं कई दिनों से उसको चोदने की सोच कर मुठ मार रहा था तो मैं इतनी जल्दी नहीं झड़ पाया। फिर मैंने उसके पैर अपने कंधों पर रखे और अपना लंड अंदर तक उसकी चूत में डाल दिया। इस बार मेरा लंड काफ़ी अंदर तक घुस गया था उसके मुंह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकल गया और मैं भी पूरी तरह उत्तेजित हो गया था, अब मैंने ज़ोर ज़ोर से शॉट लगाने शुरू कर दिए।
उसकी गीली चूत में लंड तेज़ी से अंदर बाहर होने से ‘पच पच… पच पच…’ की आवाज़ आने लगी। आख़िर मैं कंट्रोल नहीं कर पाया और मैंने अपने वीर्य की पिचकारियों से उसकी चूत पूरी तरह भर दी।
इतनी लंबी चली चुदाई की वजह से हम दोनों ही बुरी तरह तक गये थे तो नंगी हालत में हम ऐसे ही कुछ देर लेटे रहे।
उसके बाद वह उठी और हमने साथ में शावर लिया।
अब से हर शनिवार और रविवार सुबह या शाम को मैं उसकी चूत की खूब सेवा करता हूँ। घर बैठे बैठे ही मुझे सेक्स का भरपूर आनन्द मिलने लगा है। मैं अपने आप को खुशनसीब समझता हूँ कि मुझे इतनी कामुक रखैल नौकरानी के रूप में मिली है।
आशा करता हूँ मेरे यह अनुभव की क्सक्सक्सई मतलब XXXi या XXXy सेक्सी स्टोरी आपको पसंद आई होगी। आपके कॉमेंट्स का मुझे इंतज़ार रहेगा। [email protected]
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