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मेरा नाम सत्येन्द्र है, मेरी उम्र 22 साल है व हाइट 5 फिट 11 इंच है, रंग गोरा और हृष्ट-पुष्ट शरीर है। लगभग 2 साल पहले की बात है, जब मैं कॉलेज में हुआ करता था। मैं एग्जाम के टाइम अपने मामाजी के लड़के के पास रहता था। मेरे अंतिम वर्ष के एग्जाम चल रहे थे। मैं एग्जाम के टाइम अपने मामाजी के लड़के के पास रह रहा था।
मेरे भैया चूंकि आर्मी में हैं, इसलिए वो शहर से दूर अपनी पोस्ट पर तैनात थे। उनका एक लड़का भी है। उनके घर में मैं भाभी और उनका लड़का ही रहते थे।
एक दिन मैं अपने कमरे में स्टडी कर रहा था। मुझे स्टडी करते हुए काफ़ी देर हो चुकी थी, तभी मेरी भाभी ने आकर मुझसे कहा- लाइट ऑफ कर दो, काफ़ी रात हो गई है, सुबह जल्दी उठ जाना!
मेरी भाभी जिनका नाम श्रेया है, उन्होंने नाइटी पहन रखी थी, वो उसमें बहुत हॉट लग रही थीं। वैसे भी वो बहुत सुंदर हैं.. उनका साइज 34-30-32 का एकदम जानलेवा है। इस फिगर में वो बहुत ही गर्म माल लगती हैं।
श्रेया भाभी को नाइटी में देख कर मेरा उनको चोदने को मन करने लगा।
दो दिन बाद भाभी ने लड़के को अपने मायके में छोड़ दिया.. अब मैं और भाभी दो ही जन घर में रह गए थे। हम दोनों शाम को खाना खा रहे थे, उस वक्त भाभी ने पिंक कलर की साड़ी पहन रखी थी।
इस साड़ी में भाभी सेक्सी लग रही थीं। भाभी जब मुझे और खाना परोसने लगीं.. तो वो थोड़ा सा झुकीं, जिससे उनकी साड़ी का पल्लू नीचे हो गया।
मैंने जब उनकी तरफ देखा, तो देखते ही रह गया। उनके एकदम गोरे-चिट्टे और भरे हुई चुची दिख रही थी, मेरी नजरें उनकी चुची पर ही टिकी रहीं। तभी भाभी ने मेरी आँखों के सामने हाथ किया और कहा- ओ हैलो.. किधर ध्यान है? मैं शर्मा गया.. तो भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा- खाना ठंडा हो रहा है।
हम दोनों ने खाना खाया। इसके बाद से तो मेरा मन और भी भाभी को चोदने को होने लगा था। शायद मेरी भाभी को भी मेरा उनकी चुची देखना अच्छा लगा था। खाने के बाद वो मेरे कमरे में आईं.. मैं स्टडी कर रहा था।
वो मेरे पास आकर बैठ गईं और मुझसे पूछने लगीं- खाना खाते टाइम क्या देख रहे थे? तो मैंने शर्म से गर्दन को नीचे कर लिया।
उन्होंने मेरे माथे पर किस किया और पूछने लगीं- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? तो मैंने कहा- नहीं! तो वो हंसते हुए बोलीं- तो मुझे बना लो ना! मैंने कहा- भाभी आप भी क्या बोल रही हैं! उन्होंने कहा- इसमें ग़लत क्या है?
मैं कुछ नहीं बोला और उन्होंने मुझे फिर से मेरे गालों को चूमते हुए कहा- मुझे किस नहीं करोगे? मैं तो पहले से ही अन्दर ही अन्दर काफ़ी खुश था, उनके मुँह से यह सुनते ही मैं उनके होंठों पर किस करने लगा। मैं समझ गया कि भाभी आज मुझसे चुदना चाहती हैं।
मैं काफ़ी देर तक उनके होंठों को चूमता रहा.. फिर मैंने अपना एक हाथ धीरे से उनकी मस्त चुची पर रख दिया। भाभी की चुची बहुत गर्म लग रही थी। धीरे धीरे मैं भाभी की चुची को सहलाने लगा। भाभी भी अब मस्त हो रही थीं.. उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और हाथ से मेरा लंड दबाने लगीं।
मेरे लंड अपनी फुल साइज 7 इंच में आने लगा.. कुछ ही पल में लंड पूरा खड़ा हो गया।
मैंने भाभी की साड़ी को उतार दिया, साथ ही ब्लाऊज को भी! अब वो पेटीकोट और ब्रा में रह गई। उनका गोरा रंग देख कर मैं मदहोश होता जा रहा था।
फिर मैंने उनकी आँखों में देखा तो भाभी मुस्कुरा दी तो मैंने भाभी का पेटीकोट भी उतार दिया। वो मेरे सामने एक मस्त आइटम गर्ल जैसे लग रही थीं। भाभी एक बड़ी ही सुंदर सी ब्रा और पेंटी में थीं। उनकी ब्रा ओर पेंटी का कलर भी पिंक था, जिसे देख कर मैं एकदम से मदहोश हो रहा था।
फिर मैंने अपना हाथ उनकी पेंटी पर रख कर देखा तो वो गीली हो चुकी थी। मैं उसके ऊपर से हाथ से उनकी चूत को सहला रहा था, तो भाभी के मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ह्म्म…’ यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मेरा लंड भी काफ़ी कड़क हो गया था। थोड़ी देर बाद हम दोनों पूरे नंगे हो गए। मैं भाभी के थिरकते मम्मों को चूमने और चूसने लगा। भाभी के मुँह से मादक सिसकारियाँ निकल रही थीं।
मैंने भाभी को लिटा दिया और उनकी नाभि में किस करने लगा.. अब वो एकदम से गर्म हो चुकी थीं।
भाभी ने मुझे इशारा किया तो मैं उनके पैरों के बीच में आ गया और उनकी जाँघों को किस करने लगा। वो ‘आह.. उम्माह..’ की आवाज निकाले जा रही थीं। मैंने उनके मुँह की तरफ अपने लंड को लहराया तो उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं। मुझे बहुत ही अच्छा फील हो रहा था।
कुछ देर तक लंड चूसने के बाद अब भाभी काफ़ी गर्म हो चुकी थीं और मेरा लंड भी अब भाभी की चूत में घुसने की राह देख रहा था।
मैंने भाभी की फुद्दी पर हल्का सा किस किया तो वो चुदासी सी आवाज में बोलीं- अब मुझे और मत तड़पा मेरे राजा.. जल्दी से मेरी चूत की प्यास बुझा दो.. मैं बहुत दिनों से लंड के लिए तड़प रही हूँ।
मैंने अपने लंड को उनकी चूत की दरार के ऊपर रख कर ऊपर-नीचे रगड़ना शुरू किया, तो भाभी मस्ती में अपनी गांड को नीचे से उठाने लगीं।
भाभी बोली- अब मेरी चूत में अपना लंड पेल भी दो यार.. अब मुझसे और सहन नहीं होता..!
मैंने अपने लंड को भाभी की चूत में हल्का सा अन्दर पेला और बाहर निकाल लिया.. वो जोर से आवाजें निकालने लगीं। भाभी बोलीं- घुसा दो ना अपना पूरा लंड मेरी फुद्दी में.. फाड़ दो इसको आज..! भाभी की चुदास देख कर मैंने धीरे से लंड को उनकी चूत में पेला और हल्के-हल्के झटके लगाने लगा।
अह.. क्या मस्त लग रहा था.. दोस्तों मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
लगभग दस मिनट बाद वो नीचे से अपनी गांड को उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगीं और बोलीं- जोर से चोदो राजा.. बड़ा मजा आ रहा है मेरी खुजली मिट रही है.. अह…. और जोर से पेलो..
मैं समझ गया कि भाभी झड़ने वाली हैं।
मैं भी भाभी की चूत को और जोर से चोदने लगा। अगले कुछ ही पलों में भाभी झड़ गईं.. उनकी चूत का गर्म-गर्म पानी मेरे लंड को गर्मी दे रहा था। उसके दो मिनट बाद ही मैं भी झड़ने को हो गया।
मैंने कहा- भाभी मैं झड़ने वाला हूँ। तो भाभी बोलीं- मेरी चूत में ही डाल दो अपना सारा रस। मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया।
भाभी ने मुझे किस किया और कहा- आज तो आपने मुझे बहुत मजा दिया। अब आप आज के बाद रोज मुझे चुदाई का मजा देना। फिर मैं भाभी को अपनी बांहों में लेकर सो गया।
उसके बाद मेरे एग्जाम खत्म होने तक हम दोनों ने रोज सेक्स किया और चुदाई का भरपूर मजा किए।
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