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दोस्तो, मेरा नाम श्याम है, मैं ग्वालियर में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना की हिंदी चुदाई कहानी पढ़ना बहुत अच्छा लगता है.. मैं इसका एक नियमित पाठक हूँ।
मैं अपने बारे में बताऊँ तो मैं एक आकर्षक लड़का हूँ। मेरी हाइट साढ़े पांच फ़ीट की है.. मेरा लिंग 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। मुझे चुदाई करना बहुत ही ज्यादा पसन्द है।
मैं अपने कम्पटीशन की पढ़ाई की तैयारी कर रहा हूँ.. इसी के चलते कोचिंग की एक साथ पढ़ने वाली लड़की टीनू से मेरी दोस्ती हो गई। हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ते हुए अपने कम्टीशन की तैयारी कर रहे थे।
मैं एक रूम किराए से लेकर रहता था, उस कमरे की मकान मालकिन, लगे हुए कमरे में ही रहती थीं। मुझे रोज कमरे की चाभी आंटी को देकर जाना होता था ताकि साफ़-सफाई वाली कमरे की सफाई कर सके।
मेरे कमरे के कुछ दूरी पर ही टीनू अपनी बहन तनु के साथ रहती थी। तनु भी इसी शहर में अपनी पढ़ाई करने आई थी।
एक दिन मैं कमरे में अकेला बैठा-बैठा सेक्सी मूवी देख रहा था। इस वक्त मैं अपने कपड़े उतार कर लेटा था। मुझे अपने दिमाग में ख्याल ही नहीं आया कि मैंने अपने कमरे को लॉक किया भी है या नहीं।
तभी टीनू आ गई.. उसने मुझे नंगा देखा तो जोर से बोली- क्या तुम्हारे पास कपड़े नहीं हैं? मैंने तुरंत चादर ओढ़ ली। मैंने पूछा- क्या काम है.. और तुमको आवाज देके आना चाहिए था ना? टीनू बोली- इसमें आवाज देने की कौन सी बात है।
मैंने पूछा- बोलो क्या चाहिए? वो बोली- जो तेरे पास है.. वो चाहिए। मैंने कहा- मैं समझा नहीं? तो बोली- यार.. बुक कौन सी मांगी थी.. तुझे नहीं मालूम?
मुझे भी लगता था कि टीनू मुझे लाइक करती है.. तो मैंने कुछ नहीं कहा और टीनू को बुक दे दी। मैंने उससे कहा- शाम को दे जाना। तो टीनू मुझसे बोली- हां दे दूंगी.. मगर तुमको भी कुछ देना होगा।
यह कहते हुए वो खिलखिला कर चली गई, मैं उसकी बात को समझ ही नहीं पाया। शाम को जब टीनू आई तो मुझसे बोली- मुझे एक किस दोगे? मैंने मुस्कुरा कर कहा- ओके ले लो!
तो टीनू मुझसे लिपट कर मेरे होंठों पर किस करने लगी। अब क्या था मेरा लिंग टाइट होने लगा और टीनू की चूत में चुभने लगा। टीनू ने कहा- यार मुझे दिखा सकते हो? मैंने कहा- क्या? उसने मेरे लंड को पकड़ लिया- इसे!
मैं मस्त हो गया..घर बैठे चुत मिल गई थी।
आपको टीनू के बारे में बता दूँ.. क्या मस्त फिगर है 30-28-34 उसका.. क्या साली के उठे हुए चूतड़ हैं.. एकदम गोल-गोल.. उसकी पतली और दूध जैसी गोरी कमर.. सच में बड़ा मस्त माल है वो!
टीनू का लंड पकड़ना हुआ और मैं अपनी जिप खोल कर उसको लंड दिखाने लगा। टीनू बोल पड़ी- ओह.. इतना बड़ा और मोटा..! ‘तेरे लिए ही है जान..!’ ‘क्या मैं इसे हाथ में ले सकती हूँ?’ मैंने कहा- क्यों नहीं यार.. मुँह में भी ले सकती हो। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
वो मेरा लंड सहलाने लगी और मैं उसके दूध मसलने लगा, वो बोली- धीरे करो ना यार.. दर्द होता है। मैंने कहा- तूने तो मेरा देख लिया.. अब तू अपनी चुत दिखा। तो उसने अपनी जींस उतार दी।
साली ने पेंटी ही नहीं पहन रखी थी और न ही ब्रा पहनी थी। मैं समझ गया था कि आज टीनू चुदने ही आई थी।
मेरे रूम के बाजू में ही आंटी रहती हैं तो मुझे हमेशा उनका डर लगा रहता है। मैंने टीनू से कहा- आंटी जी बगल में ही रहती हैं.. वो सब ताड़ती हैं.. तुझे जो कुछ भी करना है.. जल्दी कर लो। टीनू लंड हिलाते हुए बोली- मुझे मालूम है, आते वक्त मेरी उनसे नमस्ते भी हुई थी.. उन्हें मालूम है कि मैं तेरे साथ कोचिंग में पढ़ती हूँ।
मैं सोच में डूब गया कि कोई समस्या न हो जाए। तभी टीनू बोली- मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है।
इतना सुनकर मैंने मन में कहा कि चलो चुत का कुछ तो इंतजाम हुआ। मैंने टीनू को अपने पलंग पर लेटा लिया और मैंने उसकी चूत में उंगली करना चालू कर दिया।
कुछ ही पलों में टीनू बोली- यार कुछ और भी करो ना.. क्या उंगली से ही सेक्स हो जाएगा?
इतना सुनकर मैंने उसकी चूत पर थोड़ा तेल लगा दिया और अपना लंड उसकी चूत की फांकों में फंसा कर एकदम से पेल दिया। टीनू तेज स्वर में चीख पड़ी उम्म्ह… अहह… हय… याह… तो आंटी जी की आवाज आई- क्या हुआ श्याम? मेरी तो गांड फट गई.. मैंने सोचा मर गया आज तो! टीनू ने कहा- कुछ नहीं आंटी जी.. चूहा था, तो मैं डर गई थी।
आंटी ने कहा- तुम लोग क्या कर रहे हो? तो टीनू बोली- हम दोनों पढ़ रहे हैं क्योंकि कल मेरी क्लास हो नहीं पाई थी। आंटी बोलीं- ठीक है।
फिर क्या था.. लंड तो चुत में था ही.. धकापेल दस मिनट तक चुदाई चलती रही। इसी बीच टीनू झड़ चुकी थी, अब मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
चुत चुदवाने के बाद टीनू अपने कमरे पर चली गई। दूसरे दिन जब टीनू कोचिंग आई तो बोली- मैं तुम्हारे रूम पर गई तो आंटी ने तुम्हारे रूम की चाभी दी है।
इसका मतलब यह हुआ कि आज आंटी जी कहीं चली गई थीं। मैंने उन्हें फोन लगाया तो वे बोलीं कि हाँ मैं अपने गाँव चली गई हूँ.. मुझे आने में कुछ दिन लग सकते हैं।
मैंने टीनू से कहा- आज तुम मेरे साथ चलोगी? तो उसने हंसते हुए ‘हाँ’ कर दी।
हम दोनों ने कमरे पर पहुँच कर फिर से चुदाई शुरू कर दी।
इसमें आंटी की चाल थी.. उन्होंने टीनू की बहन तनु को मेरे कमरे में पहले से ही छिपा दिया था। हम दोनों ने नंगे हो कर चुदाई शुरू की ही थी कि तनु ने हम दोनों को पकड़ लिया।
तनु ने टीनू को कपड़े पहन कर घर जाने को कहा।
टीनू की दीदी तनु की उम्र 20 साल की है.. तनु ने कहा- श्याम, तुम मुझे अपना नम्बर दो। मुझे डर लगने लगा था कहीं ये कुछ गड़बड़ न करे, मैंने अपना नंबर तनु को दे दिया।
रात को 12 बजे मेरे पास एक कॉल आया, वो बोली- पहचान लिया? तो मैंने कहा- नहीं.. आप कौन? वो बोली- तनु बोल रही हूँ। मैंने कहा- बोलो जी? तनु ने कहा- कल सुबह 11 बजे मेरे घर आ जाना। मैंने मरे से स्वर में कहा- ओके..
अब मैंने फोन रख दिया, मेरी तो गांड फट रही थी। मैंने सुबह तनु के घर जाकर दरवाजे की घंटी बजाई तो मैं दंग रह गया। तनु बिल्कुल नंगी ब्रा और पेंटी में थी।
आगे की चुदाई की कहानी टीनू की बहन तनु की चुदाई लिखूंगा। आपको मेरी यह चुदाई की कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे मेल जरूर करें। [email protected]
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