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आपने अब तक इस सेक्स स्टोरी में पढ़ा.. मैं अपनी ममेरी बहन की सहेली अन्नू के साथ एक ही बिस्तर में लेटा हुआ था और मैंने कांपते हाथो से उसको स्पर्श किया। अब आगे..
एक पल बाद उसके हाथ की उंगलियों पर अपना हाथ फेरने लगा, उसकी उंगलियां बहुत ही मुलायम थीं।
अब मैं अपना पैर उसके पैर पर और हाथ उसके हाथ पर फेर रहा था। मेरी हिम्मत और बढ़ती जा रही थी, क्योंकि मुझे लग रहा था कि वो बहुत गहरी नींद में है।
अबकी बार मैंने अपनी चादर हटा कर साइड में कर दी और पूरी तरह उसकी चादर में घुस गया। मैंने चादर को हम दोनों के मुँह पर ढक लिया। वो दूसरी तरफ करवट लेकर सो रही थी और मैं पीछे से एकदम उससे सट गया।
इस वक्त मेरा लंड बहुत तन चुका था, जिसे मैं उसके चूतड़ों पर रगड़ने लगा और साथ ही उसके चूतड़ों पर धीरे से अपना हाथ रख दिया। अब मैं उसकी गर्मी को महसूस कर रहा था।
जब मजा आया तो मैंने उसी हाथ को उसकी कमर में उसकी टी-शर्ट के ऊपर लगा दिया। उसकी टी-शर्ट उसके टाइट लैगी में दबी हुई थी। मैं अपना लंड उसकी गांड पर बार-बार टच कर रहा था।
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और लग रहा था कि बस किसी तरह वो सीधी लेट जाए.. ऐसा सोचते हुए मैंने उसकी कमर में हाथ जो डाला हुआ था उस पर थोड़ा जोर लगा कर उसका मुँह अपनी तरफ करने की कोशिश की और मेरी कोशिश कामयाब हो गई।
वो थोड़ा सा कसमसाई और मेरी तरफ घूम गई। उसका चेहरा मेरे चेहरे के इतने पास आ गया कि उसकी साँसें मेरी साँसों से टकरा रही थीं। चादर हमारे मुँह पर ही थी, इसीलिए मुझे कुछ दिख नहीं रहा था।
मैं धीरे से अपने हाथ को उसके चेहरे पर ले गया और उसके माथे पर उंगली रख कर नाक से खिसकाते हुए नीचे की तरफ सरकाने लगा। मेरी उंगली उसके गुलाबी होंठों पर आकर रुक गई। मेरे शरीर में आग सी लग रही थी। मैं उसके होंठों पर अपनी उंगली फेरने लगा।
इस वक्त उसकी नाक से निकलती जोर-जोर की गर्म-गर्म साँसों को मैं अपनी उंगली पर महसूस कर पा रहा था। फिर मैंने अपनी उंगली उसके मुँह में डाल दी और उसकी जीभ पर लगाने लगा।
मुझे लगने लगा था कि शायद वो जाग गई है, पर वो मुझे ऐसा कुछ भी महसूस नहीं होने दे रही थी। जो भी हो, पर इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई।
मैं उसके चेहरे के करीब आ गया और मैंने अपनी जीभ उसके होंठों पर टच कर दी। उसकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया, तो मैं धीरे-धीरे अपनी जीभ से उसके होंठ चाटने लगा।
अचानक वो मेरे करीब आ गई और उसने अपना हाथ मेरी कमर में डाल दिया। अब मैं समझ गया था कि वो जाग रही है। मैंने उसके निचले होंठ को धीरे से अपने दोनों होंठों की फांकों में दबाया और चूसने लगा। उसका हाथ मेरी कमर पर और ज़्यादा टाइट हो गया। मैं समझ गया कि उसे मजा आ रहा है।
अब मैंने बेख़ौफ़ अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और पागलों की तरह उसकी जीभ और होंठों को चूसने और चाटने लगा। उसकी साँसें बहुत तेज हो गई थीं, पर वो ये शो नहीं करना चाहती थी कि वो भी जाग रही है।
मैं उसके होंठों को चूस रहा था और मैंने अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया, पर टी-शर्ट जो उसकी लैगी में फंसी थी, बीच में आ गई। चूंकि उसकी लैगी की इलास्टिक बहुत टाइट थी, मैंने हिम्मत करके उसकी लैगी की इलास्टिक को पकड़ कर ऊपर को उठाया और जल्दी से दूसरे हाथ से उसमें दबी हुई टी-शर्ट बाहर खींच दी।
अब मेरा हाथ उसके नंगे पेट पर था, जो बहुत ही गर्म हो रहा था। पहली बार मेरा हाथ किसी लड़की के नंगे पेट पर था और इस वक्त मेरा लंड ऐसे हो रहा था जैसे जींस फाड़ कर बाहर निकल जाएगा।
मैंने हिम्मत करके अपना हाथ पेट से आगे बढ़ा कर ऊपर की तरफ़ घुसेड़ दिया। इससे वो एकदम से तेज-तेज साँसें लेने लगी तो मैं थोड़ा रुक गया और उसके होंठों को दुबारा चूसने लगा।
फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने पूरा हाथ अन्दर डाल दिया और अब मेरा हाथ उसकी ब्रा के ऊपर पहुँच चुका था। मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना अच्छा महसूस हो रहा था।
मेरे होंठ उसके होंठों के बीच में थे। अचानक वो कसमसाई और सीधी होकर लेट गई।
वो ऐसा शो कर रही थी.. जैसे वो नींद में ही है। उसके सीधे होने से मेरा काम और आसान हो गया और अब मैं उसके दूधों को ब्रा के ऊपर से ही धीरे-धीरे दबा रहा था। मैंने अपनी जाँघों को उसकी जाँघों पर चढ़ा दी थीं। उसकी नर्म और मुलायम जांघें मुझे बड़ी गदीली लग रही थीं।
कुछ ही पलों में मैंने अपना घुटने को उसकी लैगी के ऊपर से ही उसकी टांगों के जोड़ यानि चुत के ऊपर ले गया और धीरे-धीरे रगड़ने लगा।
वो फिर से मेरी तरफ घूम गई और अपने चेहरा फिर से मेरे एकदम करीब ले आई, जैसे वो मेरे होंठों को चूसना चाहती हो। मैं भी उसके होंठों को चूसने लगा और उसकी ब्रा को ऊपर करने की कोशिश करने लगा, पर ब्रा बहुत ही टाइट थी। जब मुझसे ब्रा ऊपर नहीं हुई, तो मैंने थोड़ा सा जोर लगा कर ब्रा के एक साइड के कप को ऊपर कर दिया। अब मेरे हाथ में उसका एक नंगा दूध था।
हय.. क्या मक्खन का गोला था, दूध पकड़ते ही मेरा लंड ऐसा हो रहा था जैसे दीवार में छेद कर देगा। उसके निप्पल भी बहुत नुकीले और टाइट हो रहे थे। मैंने किसी तरह दूसरी साइड के कप को भी ऊपर कर दिया, जो कि बड़ी आसानी से ऊपर हो गया क्योंकि पहले वाला ऊपर हो जाने के बाद ब्रा दूसरी साइड से ढीली हो चुकी थी।
अब मैं उसके दूध को पागलों की तरह दोनों हाथों से भींच रहा था।
उधर अन्नू बहुत तेज-तेज साँसें ले रही थी। इधर मैं उसके निप्पलों को दोनों उंगलियों के बीच में लेकर मसलने लगा। मेरा मन उसके दूध पीने का कर रहा था। लेकिन मैं अब भी कुछ डर सा रहा था।
फिर मैं चादर में ही थोड़ा नीचे की तरफ खिसक गया और मेरा मुँह उसके दूध तक आ गया। मैंने हिम्मत करके उसके एक दूध को मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
अब मेरा मुँह उसके आम चूस रहा था उम्म्ह… अहह… हय… याह… और हाथ उसकी जाँघों पर था। मैं धीरे-धीरे ये सब करते हुए उसकी जांघें दबा रहा था। उसके शरीर का हर हिस्सा मक्खन की तरह था।
अब मैंने अपना हाथ उसकी जाँघों से सरका कर चुत के ऊपर रख दिया और उंगली को चुत पर फेरने लगा। इधर दोनों दूधों को बारी-बारी से चूसे भी जा रहा था।
फिर मेरा उसकी चुत को छूने का मन करने लगा, क्योंकि मैंने आज तक किसी भी लड़की की चुत हाथों से नहीं छुई थी। मैंने ये सोचते हुए उसकी लैगी में हाथ डालने की कोशिश की, पर वो बहुत ज़्यादा ही टाइट थी। ऐसा लग रहा था कि उसने ये लैगी नई खरीदी थी और आज ही फर्स्ट टाइम पहनी थी, तभी इतनी टाइट थी।
मैंने पहले की तरह उसकी लैगी की इलास्टिक को ऊपर उठाया और हाथ अन्दर डाल दिया। उसने अन्दर पैंटी पहनी हुई थी.. अब उसकी साँसें बहुत ज़्यादा तेज हो चुकी थीं और मुझे ऐसा लगने लगा था जैसे कि वो अनकंफर्ट सा महसूस करने लगी थी। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
जब मैंने उसकी पेंटी के अन्दर हाथ डाला, तो उसने अचानक दूसरी तरफ मुड़ कर करवट ले ली। मेरा हाथ बाहर निकल गया। उसके पलटने से मैं भी डर के मारे उसकी चादर से बाहर निकल आया और उसे दूर होकर दूसरी तरह मुँह करके लेट गया।
अचानक मुझे महसूस हुआ कि वो बिस्तर पर उठ कर बैठ गई है, पर मैं उसे देख नहीं पा रहा था.. क्योंकि मेरा मुँह दूसरी तरफ था। अब मुझे बहुत डर लग रहा था क्योंकि उसकी ब्रा के दोनों कप भी ऊपर ही थे। फिर वो उठी और बाथरूम में चली गई। मैं बहुत डर गया था कि अब क्या होगा।
करीबन 5 मिनट बाद वो बाथरूम से बाहर आई और बिस्तर पर मेरी तरफ मेरी कजिन बहन को खिसका कर खुद उसके पीछे सो गई। मुझे डर लग रहा था कि अब क्या होगा। इसी ऊहापोह में मेरी आँख लग गई।
फिर सुबह के 6 बज गए और मेरी बहन सिमी सबको उठाने आई। वो कहने लगी- चलो सब उठ जाओ विदाई होने वाली है.. बाहर चलो सब।
सब लोग कुनमुनाते हुए उठ कर बाहर चले गए। अन्नू भी चली गई.. पर मैं डर के मारे सोने के एक्टिंग किए हुए पड़ा था, जैसे मैं नींद में हूँ।
मुझे डर सता रहा था कि अन्नू मेरी बहन सिमी को सब कुछ बता देगी। इसलिए मैं बाहर ही नहीं गया।
विदाई होने के बाद सिमी अन्नू के साथ अन्दर आई और मुझे उठाने लगी, तो मुझे उठना पड़ा। मैं अन्नू से नजर नहीं मिला पा रहा था, पर सिमी मेरी बहन मुझसे नॉर्मली बात कर रही थी.. तो मैं समझ गया कि अन्नू ने उसे रात को जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में कुछ नहीं बताया है।
थोड़ी देर बाद अन्नू मुझसे मुस्कुराते हुए बोली- गुड मॉर्निंग शोभित..
मैंने उसके चेहरे की तरफ़ देखा तो वो बिल्कुल नॉर्मल थी, जैसे रात को जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में उसे कुछ मालूम ही नहीं है।
फिर वो भी अपने घर चली गई और उसके बाद मैं भी अपने होम टाउन वापस आ गया।
उसके बाद हम दोनों कभी नहीं मिले।
तो यह थी मेरी फर्स्ट रियल सेक्स स्टोरी है, जो अधूरी रहीमैंने आपको बताई।
क्या आप मुझे ये बता सकते हो कि जब मैंने अन्नू की पैंटी में हाथ डाला तो वो क्यों उठ गई? जबकि मैंने जैसा महसूस किया कि उसे ये सब अच्छा लग रहा था फिर उसने मुझे क्यों अपनी चुत को टच नहीं करने दिया?
मैं अधूरा रह गया था.. इसलिए उस रात को मैं कभी नहीं भूल पाता हूँ।
मेरी इस अधूरी सेक्स स्टोरी पर आप लोग प्लीज अपने कमेंट्स मुझसे जरूर शेयर कीजिएगा। [email protected]
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