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मैंने छोटी चूत वाली भाभी को चोदा. वो मेरे घर में किराये पर थी. बहुत जतन किये मैंने उसे पटाने के. आखिर वो मेरे नीचे आयी तो उसकी कसी छोटी चूत में मजा आ गया.
मेरा नाम चंदन है और मेरी उम्र 32 वर्ष है. हाईट 5 फ़ीट 6 इंच है और मेरा लंड 6.2 इंच का है. मैं हाजीपुर, बिहार का रहने वाला हूँ. मेरी पिछली कहानी थी: ममेरी बहन की जबरदस्त चुदाई
मुझे शुरू में सिर्फ लड़कियों में दिलचस्पी रही थी मगर अब आंटी, भाभी में कहीं ज्यादा दिलचस्पी हो गई.
वैसे तो मैं अभी तक 50 से ऊपर लड़कियां, भाभियां चोद चुका हूँ. लेकिन इन सबमें मस्त एक पड़ोस की भाभी थीं. उनके बारे में आपको क्या बताऊं बस नाम लेते ही मुठ मारने को मन कर जाता है.
आज मैं उसी छोटी चूत वाली भाभी के साथ हुई चुदाई की कहानी को बता रहा हूँ.
हुआ यूं … मैं एक दिन सुबह अपने घर के बाहर रास्ते पर मुँह धो रहा था कि कुछ देर में एक लेडी कुछ दूर से एक बच्चे के साथ गुजरी. शायद वो बच्चे को स्कूल छोड़ने जा रही थी.
मुझे वो स्त्री थोड़ी अच्छी लगी. बस हाइट जरा कम थी … यही कोई 5 फ़ीट से थोड़ा ही कम थी. लेकिन माल … मां कसम जबरदस्त थी.
उस टाइम मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन माल है … ये बात दिमाग में आ चुकी थी. अब बच्चे को स्कूल छोड़ने जा रही थी, तो उसे तो रोज ही निकलना होता होगा, ये सोच कर मैंने सोचा कि बाद में देखता हूँ.
अब मैं प्रतिदिन सुबह उसी समय पर बाहर मुँह धोने के बहाने खड़ा होने लगा. वो मेरे सामने से गांड मटकाती हुई निकलती और मैं उसे आंखों से चोद लेता.
रोज रोज उसे देखते देखते मैं ये सोचने लगा कि काश ये माल चोदने को मिल जाती तो इसकी मस्त चुदाई करता.
मैंने उसके बारे में मालूम किया तो वो मेरे पड़ोसी के यहां किराए से रहने आई थी. मैं अपने उस पड़ोसी के घर आता जाता नहीं था. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि इस माल से सम्पर्क कैसे करूं.
बस यही देखते और सोचते सोचते पूरा महीना बीत गया लेकिन मेरे दिमाग से वो निकल नहीं पा रही थी.
वो कहते हैं न किस्मत में जो होना होता है, वही होता है. मेरी किस्मत में तो हमेशा एक न एक लड़की या भाभी जरूर ही रहती है, ये मैंने खासा अनुभव किया था.
बस एक दिन ऐसे ही रोज की तरह बाहर मैं मुँह धो रहा था कि अचानक वो भाभी, मेरे पड़ोस की ही एक भाभी के साथ आ गई.
मुझे पड़ोस की भाभी जी ने देखा, तो बोलीं- चंदन जी इनको रूम चाहिए … आपका पोर्शन खाली है क्या?
मेरी किस्मत ने यहीं मेरा साथ दे दिया. मेरा पोर्शन खाली ही था और घर में किराए पर लगाने की बात चली ही थी.
मैंने झट से कहा कि हां भाभी जी, फ्लैट खाली है.
वो पोर्शन दिखाने को बोलीं, तो मैंने अपने रूम से फ्लैट की चाभी ली और पोर्शन खोल कर दिखा दिया. मेरा पोर्शन उनको पसंद आ गया. मैंने किराया भी बता दिया.
वो बोली कि हां ठीक है दो दिन में बताती हूँ.
वो भाभी चली गई. लेकिन वो तीन दिन तक आई ही नहीं. मैं उदास हो गया.
फिर 8 दिन के बाद वो आई और बोली- मेरे लिए फ्लैट फाइनल कर दीजिए. मैं हां में सर हिलाया तो वो एडवांस दे कर चली गई.
फिर वो कुछ दिन बाद मेरे फ्लैट में शिफ़्ट हो गई. अब क्या था मैं मन ही मन खुश था कि एक न एक दिन मैं इसे पा ही लूंगा.
समय निकलता जा रहा था लेकिन समझ में नहीं आ रहा था कि शुरू कैसे करूं क्योंकि वो भाभी मेरे तरफ देखती भी नहीं थी. करूं तो क्या करूं कुछ समझ ही नहीं पा रहा था.
इधर एक और बात बता दूं कि भाभी के साथ उनका 7 साल का बेटा, देवर और देवरानी भी थे यानि कुल 4 आदमी थे. इस वजह से मेरी दाल नहीं गल रही थी. भाभी अकेली होती, तो अब तक कुछ कोशिश भी कर लेता.
फिर कुछ दिन में उसके देवर जी अपनी बीवी को लेकर चले गए … वो आर्मी में थे.
एक दिन मौका मिला कि मैंने भाभी जी से उनका मोबाइल नंबर मांग लिया. कुछ दिन के बाद मैंने एक मैसेज भेजा ‘गुड नाईट.’
लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया. मुझे डर भी लग रहा था कि भाभी को बुरा लग गया तो क्या होगा.
मैंने हिम्मत करके कुछ दिन के बाद फिर से मैसेज किया, फिर कोई जवाब नहीं आया. उसके बाद मैंने भाभी से बात करने का बहाना खोजना शुरू किया.
एक दिन भाभी बाजार गई थी. बस मैंने कॉल कर दिया कि भाभी जी कहीं गई हो क्या … एक आदमी आया था, पता नहीं कौन था.
बस इसी बहाने से मैंने भाभी से थोड़ी बात की. फिर भाभी ने फ़ोन रख दिया.
साला टेंशन और बढ़ गया कि भाभी से बात कैसे करूं.
भाभी के पति सऊदी अरब में रहते थे, यही एक मतलब की बात थी. जिसके भी पति बाहर रहते हों, चाहे वो किसी भी जॉब में क्यों न हो, वही औरत सब चुदने को तैयार रहेगी. ये बात लगभग 80% सही होती है क्योंकि हर किसी को भोजन और सेक्स चाहिए, ऐसी थ्योरी पर मैं काम करता हूँ.
फिर भी बात नहीं बन रही थी, पता नहीं क्या मामला था. भाभी की नजरें भी उनकी प्यास नहीं दिखाती थीं.
एक शाम मैंने फिर से हिम्मत करके एक मैसेज और किया और लिखा कि भाभी आई लाइक यू …
इसकी मां का मैसेज मारूं … भैन का लौड़ा फिर भी कोई जवाब नहीं आया. अब मेरा दिमाग खराब हो गया.
अगली सुबह हुई तो मुझे बहुत डर लग रहा था. मैं बाहर नल पर स्नान कर रहा था कि भाभी बाहर निकली. उसका मूड बहुत ज्यादा खराब दिख रहा था.
मैं तो समझ गया कि मेरे कारण ही हुआ है ये सब … लेकिन पता नहीं क्यों मुझे अपने आप पर भरोसा था भाभी एक दिन मुझसे पटेगी जरूर.
खैर उस दिन भाभी ने मुझसे कुछ नहीं कहा. पर कुछ दिन तक तो उसने मेरी तरफ देखा भी नहीं. उस टाइम मेरा वक़्त बहुत बुरा गुजर रहा था कि कुछ भी हो सकता था.
मैंने भी अब मैसेज करना छोड़ दिया था.
सात दिन के बाद एक मैसेज आया. ये भाभी के नंबर से लिखा था- बात करना था आपसे … कॉल करें!
मैं बहुत ज्यादा खुश कि माल पट गई. मैंने तुरंत ही फ़ोन कर दिया.
उधर से भाभी फोन उठा कर बोली- आप क्या समझते हैं अपने आपको! भाई ये सुनते ही मेरी तो गांड फट गई. साला सारी खुशी गम में बदल गई थी. लेकिन मैं हारा नहीं था.
मैंने कहा- भाभी जी ऐसी कोई बात नहीं है … लेकिन बस ऐसा था कि आप मुझे अच्छी लगती हैं, इसलिए मैसेज कर दिया था. अगर आपको बुरा लगा हो तो सॉरी … आज के बाद कभी भी आपको परेशान नहीं करूंगा प्रॉमिस. लेकिन आप एक बात बताइए क्या किसी को चाहना बुरी बात है या फिर किसी से अपने दिल की बात बताना बुरी बात है! आप बस इतना जान लीजिए कि आप मुझे अच्छी लगती हैं, चाहे हम आपको अच्छे लगें या न लगें.
इस पर उसने कुछ नहीं कहा, बस इतना बोली- ठीक है. बस उसने फ़ोन रख दिया.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि भोसड़ी की अच्छी भाभी है. साली हाथ ही नहीं धरने दे रही ही. मुझे ऐसा लगा कि भाभी अब तो हाथ से निकल गई.
कुछ दिन के बाद मैंने सोचा कि फिर ट्राई करता हूँ. मैंने उन्हें फ़ोन किया. भाभी ने फ़ोन उठाया, बात शुरू हुई.
मैंने कहा- भाभी जी आप नाराज मत होना … मगर रियली … मैं आपसे प्यार करता हूँ और मुझे लगता है कि मेरा आपके बिना जीना मुश्किल हो रहा है. भाभी बोली- रियली में आप हमसे प्यार करते हैं … कितना करते हैं! मेरे लिए आप क्या क्या कर सकते हैं?
मैं बोला- आप जो बोलें. तो बोली- ठीक है सोचती हूँ.
इतनी बात के बाद कॉल कट गया और बात खत्म हो गई.
दूसरे दिन उसका मैसेज आया- मैं भी आपको लाइक करती हूँ … लेकिन आप ही बताइए कि क्या आप मेरा हर कदम पर साथ देंगे? मैंने जवाब दिया कि इसका टेंशन मत लीजिये आप … मैं हमेशा आपके साथ रहूँगा.
उसने ओके कहा और अब हम दोनों के बीच रोज़ रोज़ फ़ोन पर बात होने लगी.
रात में एक बार मैं भाभी से बात कर रहा था, तो बस मैंने सोचा कि अब बात आगे बढ़ाना चाहिए.
मैंने भाभी से मिलने के लिए बोला. पहले तो उसने मना कर दिया लेकिन मेरे बार बार मनाने के बाद वो मिलने के लिए तैयार हो गई.
बस क्या था … मैं तुरन्त उसके कमरे में चला गया. कमरे में पूरा अंधेरा था. मैं जैसे तैसे करके उसके पास जाकर बैठ गया.
फिर कुछ देर तक तो एक दूसरे से कुछ बोले ही नहीं, पता नहीं क्या हो गया था.
फिर हिम्मत करके मैंने कहा- भाभी जी, आप बहुत सुंदर हैं.
उस समय हम दोनों एक दूसरे के एकदम नजदीक में थे. उसके बदन की खुशबू से मैं बहुत ज्यादा ही उत्तेजित हो रहा था. मुझे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था.
मैंने अपना एक हाथ उसके हाथ पर रख दिया. मेरे हाथ रखते ही भाभी ने हाथ हटा लिया. मगर मैंने फिर हाथ रख दिया.
पता नहीं कब ऐसे करते करते मेरे होंठ भाभी के होंठों से चिपक गए. फिर मैंने दूसरा हाथ उसकी एक चूची पर रख कर दबा दी और सहलाने लगा.
भाभी भी अब पूरी तरह उत्तेजित हो चुकी थी. मैंने मौके का फायदा उठाया और उसको बेड पर लिटा कर उसके होंठ चूसने लगा.
अब वो भी भरपूर साथ देने लगी और जोर जोर से आहें भरने लगी.
फिर मैं धीरे धीरे हाथ नीचे करता गया और उसकी पैंटी में हाथ घुसा दिया. क्या नाजुक मक्खन सी मुलायम चूत थी यार … मस्त पावरोटी की तरह फूली हुई चुत थी और उस पर एक भी बाल नहीं था.
मैं अपने हाथ से ही भाभी की फुद्दी सहलाने लगा. इससे भाभी जी की बेचैनी और बढ़ती चली गई.
मैंने अपने होंठ धीरे धीरे नीचे ले जाना शुरू किया और अंत में चुत तक पहुँच ही गया.
मेरे नाक में चुत की ऐसी मस्त खुशबू आई कि बता नहीं सकता. साला मैं तो मस्ती से भाभी की चुत चाटने लगा.
भाभी जी की हालात देखने और महसूस करने लायक हो गई थी. मुझे भी उसकी चुत को चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी अपनी चुत चटवाने में मस्त थी.
अब न मुझे … और न ही उसे सहन हो रहा था.
इसी बीच भाभी जी ने पोजीशन बदली और मेरे पैरों की तरफ सर करके हो गई. अगले ही पल भाभी मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगी. फिर झट से लंड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगी और मैं तो उसकी चुत चाट ही रहा था.
उस वक़्त ऐसा लग रहा था कि शायद स्वर्ग यही है. जिसने भी ये पोज़ ईजाद किया है यानि 69 का … वही जानते होंगे इसकी खुशी.
बस मुझसे तो अब बर्दाश्त ही नहीं हो रहा था. उसकी चुत चाटना छोड़ कर मैं सीधा हुआ और अपने लंड को उसकी चुत पर लगा दिया.
मैं लंड के टोपे से फुद्दी को रगड़ने लगा, तो भाभी गांड उठाने लगी और उसके मुँह से ‘आह ऊह …’ की आवाज आने लगी.
मैंने चुत में लंड को पूरे जोश से पेल दिया, तो भाभी को थोड़ा दर्द हुआ … लेकिन अब रुकना किसे था. बस लंड और चुत का खेल चलने लगा.
लगभग बीस मिनट तक धकाधक चुदाई चली … फिर हम दोनों एक साथ में ही झड़ने को हो गए.
चुदाई के बाद हम दोनों झड़ कर एक दूसरे से अलग हो चुके थे.
कुछ देर तक तो हम दोनों बात भी नहीं कर पाए.
फिर कुछ देर में भाभी बोली- पता है, आज से आपको बहुत पछताना पड़ेगा. इतना कह कर वो चुप हो गई.
मैं अब सोच में पड़ गया कि ये क्या बोल रही है कि मुझे पछताना पड़ेगा.
फिर मैंने सोचा कि जो भी होगा, आगे देखा जाएगा. अभी तो इस भाभी की चुत चुदाई कर ही ली न, जन्नत की सैर कर ही ली न, देखेंगे आगे.
भाभी की चुदाई से फारिग हुआ तो मैं अपने रूम में आ गया. अगली रात फिर से चुत चोदने को मिली.
उसके अगले दिन भाभी महीने से हो गई. तो पांच दिन की छुट्टी हो गई.
यहां एक बात दूं कि मैंने आज तक जितनी भी चुत चोदी हैं, उसमें सबसे मस्त चुदाई यही वाली हुई थी. पता है क्यों … ये बात यहां समझने वाली बात है.
चूँकि भाभी की हाइट थोड़ी कम थी, जिसके कारण उसका हर अंग छोटा था … उसकी छोटी चूत थी, चुत का छेद एकदम से सिकुड़ा हुआ था.
उसके पति भी बाहर थे … जिसके कारण चुत बहुत ही ज़्यादा कसी हुई थी.
मस्त चुदाई हुई थी यार … वो भाभी अब भी मेरे दिमाग से निकलती ही नहीं है.
दोस्तो, आगे की सेक्स कहानी में मैं लिखूंगा कि मेरे और भाभी के बीच क्या क्या हुआ वो सब आगे लिख कर बताऊंगा.
अंत में मैं दो बात बताना चाहता हूँ दोस्तो. पहली बात ये कि जिसको भी चोदना हो, उसे पहले विश्वास दिलाओ कि उसकी मर्जी के खिलाफ एक कदम भी आगे नहीं बढ़ेगा. साथ ही ये भी जरूर बताना कि आपकी मर्जी क्या है … ताकि वो नजदीक आने की कोशिश करे.
दूसरी बात ये कि अगर चोदने के लिए ही किसी को पटाना है, तो उस औरत को पटाओ … जिसके पति उससे दूर रहते हों. इस तरह की औरतों में से लगभग 80% औरतें बाहरी लंड से ही चुदाई करवाती हैं.
दोस्तो, मेरे पास चुदाई की बहुत सारी कहानियां हैं, लेकिन ये वाली छोटी चूत वाली सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, आप जरूर बताएं. मेरे ईमेल आईडी है [email protected] धन्यवाद.
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