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अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी के सभी पाठकों का मेरा नमस्कार! यह बात सन 2012 की है, जब मैंने और मेरे साथ एक लड़की दीप्ति ने ऑफिस में ज्वाइन किया था। उसे मेरे बगल वाली सीट मिली, हम लोग काम भी करते और एक-दूसरे की बात भी शेयर करते थे। जल्द ही हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे।
फिर 2013 में उसकी शादी हो गई, उसने बताया कि उसकी शादी लव-मैरिज है, इस लड़के से वो 8 साल पहले से प्यार करती थी। उसने अपने घर वालों के खिलाफ जाकर उस लड़के से शादी कर ली थी।
यूं ही दिन बीतते गए और हमारी दोस्ती बढ़ती गई।
मैं उसकी खूब तारीफ़ करता था.. तो वो मुझसे यहाँ तक कहती थी- अगर तुम मुझे पहले मिले होते तो शायद मैं तुमसे शादी कर लेती। हालांकि उसके पति से उसका प्यार बढ़िया चल रहा था और उसका पति रोज शाम को ऑफिस से लेने आता था।
एक दिन कुछ काम होने की वजह से वो नहीं आ पाया.. तो उसने मुझसे बोला- क्या तुम मुझे घर छोड़ दोगे? मैंने कहा- ठीक है.. चलो।
हम दोनों ऑफिस से निकले और एक रिक्शा कर लिया और हम दोनों रिक्शे पर बैठ गए। शाम को हल्का अंधेरा हो चुका था। मैं पहली बार उसके इतने करीब बैठा था।
वो जब मुस्कुराती थी.. तो बहुत आकर्षक लगती थी।
मैंने अपना एक हाथ उसके पीछे किया और उसकी पीठ पर रख दिया। मुझे अपने हाथ से उसकी ब्रा का स्ट्रिप महसूस हो रहा था। मैंने पूछा- यह क्या है? वो मुझ पर गुस्सा हो गई और बोली- ये तुम क्या कर रहे हो?
उसने अब भी मुझसे हाथ हटाने के लिए नहीं कहा था.. तो मैं हंसता हुआ उसकी पीठ को रब करता रहा। कुछ देर बाद शायद उसे भी अच्छा लगने लगा था।
रास्ते में कुछ सन्नाटा सा था.. तो मैं अपने हाथ को उसके और पीछे को ले गया और उसके स्तन को टच कर दिया। पर अब उसने मुझे नहीं रोका.. बल्कि अपने दुपट्टे से मेरा हाथ ढक दिया ताकि कोई देख ना ले, इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई।
मैंने उसके एक स्तन को पीछे से ओर दूसरे हाथ से आगे से उसके दूसरे स्तन को पकड़ कर सहलाने लगा। मैं पहली बार किसी लड़की के स्तन टच कर रहा था.. मेरी साँसें तेज हो रही थीं।
उसने बोला- तुम्हारी हालत तो इतने में ही खराब हो रही है.. आगे क्या करोगे? मैं बस उसकी चूचियों में लगा था।
फिर वो घर पहुँच गई तो मैंने कहा- मैं भी अन्दर चलूँ? तो उसने कहा- मेरे पति कभी भी आ सकते हैं यार.. हम लोग कल मिलेंगे।
अगले दिन उसने लंच टाइम में बोला- आज मुझे शॉपिंग करनी है.. मेरे साथ चलोगे? मैं मान गया और हम दोनों मार्केट आ गए।
उसने लेडीज मार्केट से अपने लिए सामान खरीदा.. फिर हम खाने के लिए एक रेस्टोरेंट में गए। वो रेस्टोरेंट सिर्फ़ कपल्स के लिए था। हम दोनों भी एक केबिन में जाकर बैठ गए और चाऊमिन के लिए ऑर्डर किया।
मैंने अपना हाथ उसकी जाँघों पर रखा तो उसने कहा- तुम मेरे एक अच्छे दोस्त हो और दोस्त ही रहो.. मैं शादीशुदा हूँ, मेरा पति है। मैंने कुछ नहीं सोचा और फिर से उसके स्तन को पकड़ कर सहलाने लगा।
कुछ देर तो उसने मना किया, पर जब मैं नहीं माना तो उसने भी मुझे सहयोग करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया और टटोलते हुए कहा- अरे.. तुम्हारा तो काफ़ी लंबा है! मैंने पूछा- तुम्हारे पति का कैसा है? उसने कहा- तुम्हारा तो मेरे पति से काफ़ी बड़ा है..
फिर मैंने उसके स्तन का साइज़ पूछा तो उसने नहीं बताया। उसने कहा- तुम खुद ही हाथ से अंदाज़ा लगा लो। मैंने हाथ से उसके स्तन दबा कर अंदाज किया और कहा- शायद 30? उसने कहा- नो.. मैंने फिर से स्तन टटोले और कहा- 34? उसने बोला- नो यार थोड़ा कम.. तो मैंने कहा- फिर तो पक्का 32 के हैं।
उसने कुछ नहीं बोला और हँस दी, मैं जान गया कि उसके स्तन 32 इंच के हैं। मैंने उसके स्तन को दबाकर खूब मजा लिया, तभी ऑफिस से फोन आया और हम दोनों ऑफिस चले गए।
उसने मुझसे संडे को अपने घर आने के लिए कहा, मैं उसके घर गया। मैंने देखा कि उसके घर पर ऑफिस की एक और लड़की भी आई थी। हम लोगों ने खाना खाया लेकिन आज मुझे उसे टच करने का कोई भी मौका हाथ नहीं लगा क्योंकि वहाँ उसका पति भी था।
फिर शाम हो गई और ऑफिस की दूसरी लड़की ने दीप से कहा- यार शाम काफ़ी हो गई है, क्या तुम्हारे पति मुझे बाइक से घर छोड़ देंगे?
उसने अपने पति से कहा और वो उसे छोड़ने चला गया। मैंने अंदाजा किया कि उस लड़की का घर लगभग 12 किलोमीटर दूर था.. इसलिए ट्रैफिक वगैरह में समय लगकर करीब एक घण्टा लग जाना था।
उसके पति के जाते ही मैंने घर का दरवाजा बन्द कर लिया। उसने मुझे रोकने की कोशिश की और कहा- प्लीज़ ऐसा मत करो.. मेरे पति कभी भी आ सकते हैं। मैंने कहा- वो तो एक घंटे बाद ही आ पाएगा।
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे उसके बेडरूम में ले गया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसने मुझे एक थप्पड़ जड़ दिया और खूब डांटा।
मैंने भी उसे जोर से पकड़ा और उसके होंठों को किस करने लगा। वो बहुत मना कर रही थी, लेकिन मैं नहीं माना, मैंने उसे बेड पर लिटाकर उसका टॉप ऊपर किया.. तो उसकी ब्रा दिखने लगी।
अब तो मैं कंट्रोल से बाहर हो गया और मैंने उसका टॉप खींच कर खोल दिया। फिर उसकी ब्रा की स्ट्रिप नीचे करके उसके एक स्तन को अपने मुँह में ले लिया।
थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा, बोलने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर से चूसो, तुम्हारा लंड कहाँ है.. निकालो उसे! उसके मुँह से ऐसा सुन कर मेरा और जोश बढ़ गया और मैं पागल हो गया।
फिर मैंने पूछा- तुम्हारा पति तुम्हें ठंडा नहीं कर पाता क्या? उसने कहा- ऐसी बात नहीं है, लेकिन तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो, बस इतना डर लगता है कि कहीं कोई देख ना ले। मैंने कहा- दीप, अगर तुम साथ दो तो हम 15 मिनट में अपना काम कर लेंगे और किसी को पता नहीं चलेगा।
फिर उसने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए.. वो मेरा लंड लेकर चूसने लगी, मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने कहा- कमऑन दीप, फक मी हार्ड.. यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
उसने अपना ट्राउज़र उतार दिया और मेरे ऊपर लेट गई, मैंने उसे अपने नीचे करते हुए उसके ऊपर छा गया। मैं बोला- मेरा लंड पकड़ो और अपनी बुर पर सही निशाने पर रखो। उसने वैसा ही किया.. मैंने जोर लगाया और एक बार में पूरा लंड अन्दर चला गया।
लंड के घुसते ही वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी और छोड़ने के लिए कहने लगी, पर मैं रुका नहीं बल्कि मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी।
फिर वो 2 मिनट बाद ही झड़ गई और एकदम शांत हो गई, मैं अब भी उसे चोदे जा रहा था। मैंने पूछा- क्या हुआ, इतनी जल्दी झड़ गई? तो हँसने लगी.. वो मेरे सीने को चूम रही थी।
फिर मैं भी झड़ गया और शांत हो कर उसके स्तनों पर ही लेट गया। आधे घंटे बाद उसने मुझे उठाया और हमने अपने कपड़े पहने। इसके बाद मैं वहाँ से चला गया।
मेरी इस सेक्स स्टोरी पर आपके मेल का इन्तजार रहेगा। [email protected]
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