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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है, मैं पटना में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, बहुत सी कहानियों को पढ़ कर मुठ मार लेता हूँ! अब कहानी पर आते हैं।
बात उन दिनों की है जब कॉलेज की छुट्टियाँ हो गई थी, मैं भी गांव जाने की सोच रहा था। कॉलेज में प्रथम वर्ष था तो गांव जाना जरूरी था और बड़े पापा के लड़के की शादी भी थी। तो मैंने अपना बी.ए.सी. प्रथम वर्ष का अंतिम पेपर दिया और अगले दिन सुबह बस पकड़ी और शाम तक घर पहुँच गया।
घर में शादी का माहौल था, सभी मेहमान आये हुए थे, सबसे मिलना जुलना हुआ। मैं काफी थका हुआ था इसलिए खाना खाकर सो गया।
रात को करीब दो बजे के आस पास उठा और पेशाब के लिए नीचे गया, बाथरूम पीछे की ओर है तो मैं अपनी आँखों को मसलता हुआ वहाँ गया। मैंने वहाँ किसी के होने की आवाज सुनी तो मैंने लाईट जला कर बाथरूम के गेट से अन्दर झांका। मैंने देखा कि मेरी बहन की सहेली मुस्कान अपनी पेंटी उतार कर अपनी उंगली अपनी चूत में अंदर बाहर कर रही थी।
यह देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था और मन ही मन उसको चोदने के बारे में सोचने लगा। अचानक मैंने दरवाजा खोल दिया, उसने मुझे देख लिया और जल्दी से ऊपर उठी और पेंटी पहनी, सलवार पहन कर बोली- बेशर्म… तू यहाँ क्या कर रहा है? तो मैंने भी अपने लंड को सहलाते हुए कहा- वही, जो तुम कर रही हो! उसने घबराते हुए कहा- मैं तो बस यूँ ही… तो मैंने कहा- तुम्हारी ये वाली बात सबसे सुबह कहूँगा! उसने कहा- कह देना, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता! और वो वहाँ से चली गई।
फिर मैंने पेशाब किया और उसे याद करते हुए मुठ मारने लगा। उसका फिगर 32-28-36 होगा।
जैसे ही बाहर निकला तो लाईट बंद पाई। मैंने देखा कि स्विच के पास कोई खड़ा था, मैं वहाँ गया तो मुस्कान थी और मुझसे कुछ कहना चाती थी। वो मुझसे बोली- तुमने क्या देखा? मैं तो टॉइलेट कर रही थी! तो मैंने कहा- तुम भी तो मुझे मेरा लंड हिलाते हुए देख रही थी।
उसने कहा- तुम मेरे बारे में कुछ मत बताना! मैंने कहा- एक शर्त है? उसने पूछा- क्या? तो मैंने कहा- मेरे साथ चलो! वो बोली- कहाँ? मैंने कहा- मेरे साथ चलो! और मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने कमरे में ऊपर ले गया।
उसने कहा- तुम क्या चाहते हो? मैंने कहा- सिर्फ एक बार तुम्हारे होटों पर किस करना चाहता हूँ। वो पहले तो मना कर रही थी, फिर काफी कोशिश के बाद बोली- केवल किस ही?
मैंने दरवाजा बन्द किया और छोटी लाइट चालू कर दी। मैंने उसको अपनी बाहों में लिया और क़िस करने लगा और एक हाथ से चूतड़ और दूसरे हाथ से चूची जोर से दबाने लगा। उसने मना किया लेकिन मेरा लंड खड़ा हो गया था तो मैं नहीं माना, उसकी चूची दबाता हुआ उसे पलंग पर गिरा दिया।
अब मैं उसके ऊपर था, मैं एक हाथ उसकी चूत में डालने लगा, तभी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया पर मैं नहीं माना और चूत के ऊपर के बाल पर अपने हाथ चलाने लगा और चूत में उंगली करने लगा। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
पहले तो वो इसका विरोध कर रही थी पर अब उसे अच्छा लग रहा था। मैं खड़ा हुआ और उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर सलवार नीचे कर दी और उसकी कमीज भी ऊपर उठा कर निकाल दी। अब वो केवल काली ब्रा और गुलाबी रंग की पेंटी में थी।
मैंने कहा- तुम बहुत सेक्सी लग रही हो! तो वो बोली- वो तो मैं हूँ! मैं भी यह बात सुन कर अपने सारे शरीर के पूरे कपड़े उतार कर नंगा हो गया।
फिर क्या था, मैंने उसे जोर से पकड़ा और किस करते हुए चूची दबाई और ब्रा खोल कर दोनों चूची को आजाद किया। अब मैं उसकी दोनों चूचियों को दबाने लगा।
मैंने अपना लंड उसके मुँह में देना चाहा पर वो लेने के लिए तैयार नहीं थी पर आखिर मान ही गई। वह मेरा लंड अपने दोनों हाथों से हिलाते हुए चूसने लगी। कुछ देर बाद मैंने अपना माल उसके मुँह में छोड़ दिया।
अब मेरी बारी… मैंने उसकी पेंटी उतारी और उसकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी। कुछ देर बाद उसकी चूत से सफेद नमकीन जैस पानी निकला।
मैं उठा, मैंने टीवी ओन किया और डीवीडी में एक पोर्न मूवी लगा दी, साइलेंट मोड में चालू कर दी। अब मैंने उसे लेटाया और दोनों टांगों को कंधों पर रखकर उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा। इससे उसे जोर से दर्द हो रहा था और वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ जैसी आवाज निकाल रही थी।
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और टांगें नीचे की और अब टांगें चौड़ी की। वो मुझे हटाने का प्रयास कर रही थी क्योंकि उसे दर्द हो रहा था पर मैंने अपने होंट उसके होटों पर रख दिए और उसकी चूत के छेद पर एक हाथ से अपने लंड को टिकाया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। तीन चार झटकों में मेरा लंड पूरी तरह अंदर चला गया।
अब उसे भी मजा आ रहा था तो वो अपने चूतड़ों को उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी। कुछ मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- पानी कहाँ छोड़ूँ? उसने कहा- अंदर ही छोड़ दो!
मैंने अंदर ही अपना माल निकल दिया।
वो भी अब झड़ने वाली थी तो अकड़ सी गई थी, उसने भी अपनी चूत से माल निकाल दिया।
अब मैं उसकी गांड भी मारना चाहता था लेकिन उसने मना कर दिया, कहा- काफी देर हो गई है, तुम बाद में मेरी गांड चोद देना! अभी लेट हो रहा है!
ऐसा कहते हुए उसने अपने कपड़े पहने और जाते वक्त एक प्यारा सा किस दिया। मैंने उसका मोबाईल नम्बर लिया, उसे किस किया। बदले में उसने मुझे थैंक यू कहा और चली गई।
आज भी जब भी मौका मिलता है, मैं उसके साथ कुछ पल बिता ही लेता हूँ। कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी? रिप्लाई जरूर करें।
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