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मेरा नाम रोहित है.. मैं जोधपुर राजस्थान से हूँ। मुझे अन्तर्वासना की चुदाई की कहानी पढ़ने का बड़ा शौक है और मैं इसका एक नियमित पाठक हूँ। आज मैं भी आपके साथ अपनी एक सच्ची सेक्स स्टोरी शेयर करना चाहता हूँ। मेरे बारे में इतना बताना काफी होगा कि मैं दिखने में बहुत ही गोरा और एक मॉडल के जैसा हूँ।
बात उस समय की है, जब मैं बाहरवीं के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने गाँव से जोधपुर अपने मामा के घर आया था। वहाँ मामा-मामी और उनकी बेटी पूजा रहते हैं। मामी की उम्र लगभग 38 साल थी, लेकिन दिखने में मामी पूरी सोनाक्षी सिन्हा सी लगती थीं। उनका फिगर 36-28-38 का बड़ा मस्त और आकर्षक था।
मेरा मन मामी की मस्त जवानी को देख कर मचल गया था। मेरा मन करने लगा था.. कि अभी उनको पकड़ कर चोद दूँ लेकिन कुछ भी करने की हिम्मत ही नहीं हुई। मामी की बेटी पूजा की उम्र 18 साल की थी लेकिन उसके प्रति मेरे मन में कुछ ख़ास विचार नहीं आए थे।
धीरे धीरे पूजा और मुझमें इधर-उधर की बातें होने लगीं और हम आपस में खुल गए। पूजा रोज कॉलेज चली जाती थी मामा ऑफिस निकल जाते थे।
मामी घर में काम करती थीं तो साड़ी उतार कर करती थीं। इस अवस्था में वो नीचे झुकतीं, तो उनके दोनों चूचे साफ़ दिखाई देते थे।
कुछ दिन तो ऐसे ही चलता रहा। एक दिन मामा को किसी काम से हफ्ते भर के लिए कहीं जाना था तो वो शाम को निकलने से पहले मुझे बोलकर गए कि मामी और पूजा का ख्याल रखना।
दो दिन बाद पूजा को अपनी फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में जाना था तो वो बोली- मैं कॉलेज से सीधा अपनी फ्रेंड के घर जाऊँगी और शायद रात को वहीं रुकूँगी। शाम को मामी ने खाना बनाया और फिर वो नहाने चली गईं क्योंकि मामी को रोज शाम को नहाने की आदत थी।
मामी नहाने के लिए बाथरूम में चली गईं और मैं टीवी देखने लगा। थोड़ी देर बाद मामी ने बाथरूम से आवाज लगाई और बोलीं- रोहित.. जरा मेरे कपड़े देना, मैं शायद बाहर ही भूल गई!
मैंने बाथरूम के पास जाकर आवाज लगाई, तो मामी ने दरवाजा खोल दिया। मैं तो उन्हें देखकर दंग रह गया, मामी उस टाइम काली ब्रा और रेड पेंटी में खड़ी थीं। मैं उनको देखने लगा.. मामी के कपड़े मेरे हाथ में ही थे। तभी मामी बोलीं- क्या देख रहे हो? मैं ‘कुछ नहीं..’ बोल कर वहाँ से हट गया और वापस टीवी देखने लगा।
थोड़ी देर बाद मामी बाथरूम से बाहर आईं और बोलीं- तुम क्या देख रहे थे? मैंने कहा- कुछ नहीं मामी.. वो तो ऐसे ही.. मामी मेरी बात काटते हुए बोलीं- कुछ तो देख रहे थे.. बता दो यार.. अपनी मामी से किस बात की शर्म!
जब मैंने उनके मुँह से बिंदास भाषा में ‘यार’ बोलते सुना तो मुझे कुछ अजीब सा लगा और मैंने कहा- कुछ नहीं.. वो आप इतनी अच्छी लग रही थीं, तो आपको देखता ही रह गया था! यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मामी इस पर कुछ नहीं बोलीं.. बस हँसकर रूम में जाने लगीं और मैं पीछे से उनके मटकते हुए चूतड़ देखने लगा। मेरे ख्याल से मामी ने जानबूझ कर अपने कपड़े बाहर छोड़े थे।
फिर मामी खाना लेकर आ गईं, तो मैंने और मामी ने खाना खाया। इसके बाद हम दोनों टीवी देखने लगे।
थोड़ी देर बाद मामी बोलीं- मुझे नींद आ रही है.. मैं सोने जा रही हूँ, जब तुझे नींद आए तो मेरे बिस्तर पर ही आ जाना.. क्योंकि मुझे अकेले सोने से डर लगता है।
मैंने ‘हाँ’ बोला और मामी रूम में चली गईं। अब मैं सोचने लगा कि आज तो लॉटरी लग गई.. आज मामी के साथ मजा करूँगा। थोड़ी देर बाद में टीवी बंद करके मामी के कमरे में गया, तो मैंने देखा कि मामी अपने बिस्तर पर ऊंघ रही थीं.. लेकिन अभी उनको नींद नहीं आई थी।
उन्होंने ब्लैक कलर का रेशमी गाउन पहन रखा था और इस झीने से गाउन में वो मस्त क़यामत लग रही थीं।
मैं बिस्तर पर मामी के पास जाकर लेट गया और हम दोनों बातें करने लगे। मामी बोलीं- रोहित मेरे पैरों में दर्द हो रहा है.. जरा थोड़ी मलहम लगा दे।
मैं भी जल्दी से उठकर मलहम लेकर मामी के पास आकर बैठा और मामी के गाउन को थोड़ा ऊपर करके उनके पैरों पर मलहम लगाने लगा।
उनके चिकने पैरों का स्पर्श पाकर मुझे तो मजा आने लगा था। मैं सोच रहा था कि मेरा सपना सच होने वाला है। थोड़ी देर बाद मैं अपने हाथों को थोड़ा ऊपर ले जाने लगा तो मामी ने कुछ नहीं कहा, शायद उनको भी मजा आने लगा था।
वो धीरे-धीरे मस्त होने लगीं.. कुछ पल बाद मामी मुझसे बोलीं- थोड़ा और ऊपर तक लगाओ ना!
मैं धीरे से अपने हाथ उनके चूतड़ों के पास ले गया। मामी भी बिंदास मेरे हाथों का मजा ले रही थीं, उन्होंने अपने पैर घुटनों से उठा लिए थे ताकि मेरे हाथ उनकी नंगीं टांगों का ढंग से मर्दन कर सकें।
थोड़ी देर में मामी और मुझे दोनों को मजा आने लगा.. शायद मामी कुछ और ही चाहती थीं, उन्होंने मुझसे बोला- रोहित तुम बड़ी अच्छी मालिश करते हो, जरा मेरी कमर पर भी मालिश कर दो ना!
मैं इस मौके को गंवाना नहीं चाहता था, सो मैंने झट से कहा- मामी कर तो दूंगा पर आपका गाउन बीच में आ रहा है। मामी बोलीं- तो तू एक काम कर.. मेरा गाउन उतार दे ना, ताकि मलहम आराम से लग सके, वैसे भी कोई घर में नहीं है।
इतना सुनते ही मैंने मामी का गाउन उतार दिया। अब मामी मेरे सामने केवल ब्रा और पेंटी में लेटी थीं और औंधी हो कर अपनी मदमस्त गांड दिखा रही थीं।
मैं मामी के कूल्हों के पास बैठ गया.. तो मामी बोलीं- मेरे पैरों पर बैठ जा ना, ताकि मालिश आराम से हो सके। मैं मामी का इरादा समझ गया और अपने दोनों पैर उनके कूल्हों के दोनों तरफ डाल कर गांड पर लंड टिकाता हुआ बैठ गया।
मैंने पीठ पर हाथ फेरा तो मेरा लंड फूलने लगा.. मैं बोला- मामी ये ब्रा का हुक खोल दूँ क्या.. बीच में आ रहा है? मामी ने मेरे लंड को महसूस कर लिया था सो उन्होंने कहा- तू बहुत बेशर्म हो गया है.. चल अब खोल ही दे हुक.. वो ये कह कर हंस दीं, तो मैंने मामी की ब्रा का हुक खोल दिया।
अब मामी के आम आजाद हो गए थे, लेकिन अभी मेरी नजरों से दूर थे।
मैं मामी की कमर पर मालिश करने लगा। थोड़ी देर बाद मैं अपने हाथ मामी की चुची के पास ले गया और हल्के से टच करने लगा, मामी कुछ नहीं बोलीं। थोड़ी देर मालिश करने के बाद मामी मुझसे उठने की बोलीं.. तो मैं उनके ऊपर से हट गया। मेरे हटते ही मामी सीधी हो गईं.. अब उनकी खुली चूची मेरे सामने दिखने लगी। मैं उनकी चुची को उछलते हुए देखने लगा।
मामी आँख मारते हुए बोलीं- क्या देख रहा है.. बड़ा बदमाश हो गया तू! मैंने कहा- कैसा बदमाश हो गया हूँ मामी? मामी अपनी चुची की तरफ इशारा करते हुए बोलीं- कुछ नहीं, चल थोड़ी यहाँ भी मालिश कर दे।
मैं मामी के मम्मों को दबाकर मालिश करने लगा.. तो मामी गर्म होने लगीं। क्योंकि मामी गर्म हो गई थीं तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं। अब मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने मौका पाकर मामी की एक चुची को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
मामी गनगनाते हुए अधीरता से बोलीं- ये क्या कर रहा है? मैंने कहा- मामी मजा ले लो, अब क्यों तड़फ रही हो.. मुझे जो करना है.. प्लीज़ करने दो ना! मामी टांगें फैलाते हुए बोलीं- तू ही देरी कर रहा है.. ले पूरा मजा कर ले मेरे राजा.. तेरे लिए आज मेरा सब कुछ खुला है।
मैंने मामी के ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया। मामी अब पूरी गर्म हो गई थीं, बोलीं- आज मैं सिर्फ तेरी हूँ जो करना है वो कर ले!
मैंने मामी की पेंटी को उतारा.. तो क्या चिकनी चूत थी, वाह.. उनकी चिकनी चूत कामरस से भीगी हुई एकदम चमचमा रही थी। मामी की फ़ुद्दी के कितने मोटे मोटे होंठ थे, झांट का एक भी बाल नहीं था, शायद मामी ने आज ही सफाई की थी।
उनकी चिकनी चूत को देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए।
अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए। मैं मामी की गीली चूत को चाटने लगा और उनके दाने को मुँह में लेकर चूसने लगा। उधर मामी मेरे लंड को मुँह में आइसक्रीम की तरह चूसने लगीं।
थोड़ी देर बाद मामी बोलीं- जानू अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.. कुछ करो यार, वरना मैं तड़प कर मर जाऊँगी।
मैंने चूमा-चाटी के बाद सीधे ही मामी की लंड को मामी की चूत पर टिका दिया। उनकी दोनों टांगों को अपने कन्धों पर रख कर मैंने चुदाई का खेल चालू किया। जैसे ही मैंने अपना लाल सुपारा चूत की फांकों में पर रखते हुए धक्का लगाया.. तो मामी की चीख निकल गई।
मैं उनके होंठ को चूसने लगा। जब वो शान्त हो गईं तो मैंने अबकी बार में पूरा लंड ठेल दिया और इस बार वो भी कसमसा कर अपनी चीख को दबा गईं। अब कमरे में मेरी और उनकी मादक सिसकारियाँ ही निकल रही थीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
वो मस्त हो कर मुझसे कह रही थीं- चोदो मेरे रोहित राजा.. जी भर के अपनी मामी को चोद दे.. आज फाड़ डालो मेरी इस गर्म चूत को..
अब मेरी स्पीड बढ़ गई.. मामी के मुँह से निकल रहा था- आआह.. उई मर गई रे आह.. पूरा पेलो.. फाड़ दो मेरी चूत को.. इसके चिथड़े उड़ा दो.. अह..
मैंने मामी के होंठ मुँह में भर लिए और चूसते हुए उनको चोदने लगा, साथ ही अपने हाथ से उनके रसीले मम्मे दबाने लगा। पूरे कमरे में चुदाई की आवाजें ‘चाप.. फटाक.. चाप फटाक..’ ही गूँज रही थी।
मामी भी अपनी गांड उठा-उठा कर नीचे से मेरा साथ दे रही थीं। कभी मामी मुझे रोक कर अपनी चूत को घुमातीं और मेरे होंठ को बहुत तेज़ से चूसतीं और चूतड़ उछाल कर लंड को जड़ तक खा लेतीं।
इस तरह करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ने को हुआ, मैंने मामी से पूछा- अपनी मलाई किधर निकालूँ? तो मामी ने धीरे से मेरे कान में कहा- मेरे जानू.. मेरी मुनिया में ही छोड़ दे..! मैं कौन सी माँ बन जाऊँगी, मेरा तो ऑपरेशन हो चुका है। फिर मैंने बेधड़क अपना सारा वीर्य उनकी चूत में ही उड़ेल दिया।
अब उनके चेहरे पर संतुष्टि दिखाई दे रही थी। मैं उनके ऊपर ही लेट गया।
हम काफ़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे। उस दिन मैंने अपनी मामी को चार बार चोदा। उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता तो चुदाई जरूर करते।
मामी मेरे लंड से बहुत खुश थीं और मैं भी खुश था।
यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी। दोस्तो कैसी लगी मेरी मामी की चुदाई की कहानी.. जरूर बताइएगा।
आपकी मेल का इन्तजार रहेगा। आपका अपना रोहित जोधपुर [email protected]
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