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मैं अर्शदीप कौर आपके सामने नई गर्मागर्म कहानी लेकर हाजिर हुई हूँ और उम्मीद करती हूँ आपको पसंद आएगी। यह सेक्स कहानी मेरी मम्मी की है।
मेरी मम्मी टीचर है और पापा बैंक में मैनेजर हैं।
मैं यहाँ अपना मम्मी-पापा के के बारे बताना चाहूँगी कि मेरे मम्मी-पापा दोनों ही बहुत चालू किस्म के हैं, मेरे पापा के बहुत औरतों के साथ सेक्स सबंध हैं और मेरी मम्मी भी बहुत सारे मर्दों से चुदाई करती है। अब मैं अपनी मम्मी से बहुत खुल चुकी हूँ और उनके कई चोदू यारों से चुदाई भी करवाती हूँ। ये सब मम्मी को मालूम है और कई बार मैं और मेरी मम्मी एक साथ ग्रुप सेक्स भी किया है। वो सब बाद में लिखूंगी पहले मम्मी की और फिर पापा की किसी औरत के साथ चुदाई की कहानी लिखूंगी।
बात तब की है जब मैं स्कूल में थी, मेरी चुची उभर आई थी, संतरों के आकार की थी। मेरी चूत पर भी हल्के हल्के बाल आ चुके थे और माहवारी भी आने लगी थी। तब मुझे सेक्स के बारे सब मालूम था, मैं मम्मी-पापा की चुदाई खिड़की से देखा करती थी।
एक बार मैंने मम्मी को अलमारी से नकली लंड निकालते देखा। पापा उनकी गांड मार रहे थे और मम्मी ने नकली लंड चूत में लिया हुआ था।
उसके बाद जब घर में अकेले होती तो मम्मी की अलमारी से पोर्न मूवी की सीडी निकाल कर देखती और नकली लंड को चूत और गांड में लेती।
एक दिन जोर से नकली लंड चूत में ले लिया और मेरी सील टूट गई। उसके बाद मैं चूत और गांड की गहराई में लंड लेकर मजे लेने लगी।
मेरी मम्मी हमारे गांव के ही सरकारी स्कूल में पढा़ती है और मैं शहर में एक प्राईवेट स्कूल में पढ़ती थी। मैं स्कूल बस से आती-जाती थी। मैं घर दोपहर 2:30 बजे पहुंच जाती थी और पापा शाम को 6 बजे आते थे। मेरा छोटा भाई उस वक्त डे बोर्डिंग स्कूल में जाता था और वो भी पापा के साथ ही शाम को 6 बजे आता था।
मम्मी को स्कूल से छुट्टी 2 बजे हो जाती थी लेकिन वो घर 5 बजे के करीब आती थी और मम्मी का स्कूल मुश्किल से हमारे घर से एक किमी दूर था और वो स्कूटी पर स्कूल जाती थी। मम्मी ने घर में बताया हुआ था कि वो सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को छुट्टी के बाद पढा़ई में कमज़ोर बच्चों को पढा़ती है और हमें बहुत गर्व होता था मम्मी अच्छा काम करती है। मैं घर में अकेले पोर्न मूवीज़ देखती और नकली लंड से मजा लेती।
उस वक्त मेरी मम्मी की आयु करीब 32-33 साल थी। उनका रंग बहुत गोरा और बदन बहुत सेक्सी था और अब भी है। उनका कद 5 फीट 6 इंच और फिगर का नाप 36डी-28-36 है। अब भी मम्मी की फिगर का नाप यही है। मम्मी के बूब्ज़ और गांड काफ़ी बड़े-बड़े और गोल हैं और पेट बिल्कुल शेप में है। मम्मी की नाभि गहरी और गोल है और जांघें मोटी, गोरी और चिकनी हैं। मम्मी की आंखें एवं बाल गहरे काले और होंठ लाल हैं। मेरी मम्मी अपने बदन के सारे अनचाहे बाल साफ कर के रखती है और उनकी चूत बिल्कुल शेव्ड रहती है।
मेरी मम्मी बहुत घर और स्कूल में सलवार कमीज पहनती है। मम्मी का नाम संदीप कौर है लेकिन सब उनको सनी बुलाते हैं। मेरे मम्मी-पापा की लव मैरिज हुई थी। अब मेरी मम्मी की आयु 40+ है लेकिन दिखने में 30-32 साल से ज्यादा नहीं लगती और फिगर भी वैसे का वैसे है। अपनी फिगर को शेप में रखने केलिए मम्मी शादी से पहले से ही कसरत करती है और अब मैं भी रोज़ कसरत करती हूँ।
एक सोमवार मुझे स्कूल से जल्दी छुट्टी हो गई और मैं 1 बजे घर पहुंच गई। उस दिन मम्मी-पापा के रूम को ताला लगा हुआ था शायद कोई चीज लाकर रखी होगी।
एक घंटे तक मैं टीवी देखती रही लेकिन मेरा दिल नहीं लग रहा था। 2 बजे मैंने साईकिल उठाई और मम्मी के स्कूल चली गई। जब मैं स्कूल पहुंची तो सब बच्चे जा चुके थे और स्कूल का मेन गेट बंद हो चुका था और मम्मी स्कूटी लेकर शहर की तरफ हो गई। वहाँ एक करीब 50 स्कूल का टीचर खड़ा था, वो मुझे नहीं जानता था लेकिन मैंने उसको देखा हुआ था। उसने मोबाईल कान पर लगा रखा था, मैं उससे मम्मी के बारे पूछने ही लगी थी कि वो मोबाईल पर बोला- सनी डार्लिंग, पूरे 15 मिनट बाद स्कूल के पिछले गेट से हैड टीचर के रूम में आ जाना, वहीं मिलते हैं।
मुझे मम्मी का नाम सुन कर शक हुआ और मैं वहाँ से खिसक गई। मैंने अपनी साईकिल स्कूल से थोड़ी दूर छुपा दी और पिछले गेट से हैड टीचर के रूम के पीछे चली गई।
वहाँ कूलर लगा हुआ था और जालीदार खिड़की थी। रूम के पीछे स्कूल के कमरे थे बीच में सिर्फ करीब 2-2.5 फीट चौड़ी और करीब 6 फीट लंबी गली नुमा जगह थी। वहाँ पर बच्चों केलिए पानी पीने को वाटर कूलर लगा हुआ था और ऊपर छत थी। वाटर कूलर उस जगह के शुरू में था और वहाँ से कोई बडा़ आदमी बहुत मुश्किल से निकल सकता था।
मैं वहाँ से रूम के पीछे पहुंच गई। वहीं पर काफ़ी अंधेरा और ठंडक थी क्योंकि वहाँ पर सूर्य की रोशनी नहीं आती थी। मैं वहाँ एक टूटी हुई बाल्टी पर बैठ गई और इंतजार करने लगी।
करीब 10 मिनट बाद रूम का दरवाजा खुला और मम्मी अंदर आई। मम्मी को देखकर मैं हैरान हो गई क्योंकि सुबह स्कूल आते टाईम मम्मी ने सलवार कमीज पहना हुआ था लेकिन अब मम्मी ने नीली टाईट जींस के साथ स्लीवलेस टाईट हरा टॉप और हाई हील के सैंडिल पहन रखे थे।
मम्मी ने अपना पर्स खोलकर लिपस्टिक निकाल ली और रूम में लगे आईने के सामने खड़ी हो गई। वहाँ मम्मी ने बाल खोलकर होंठों पर लिपस्टिक लगाई और कुर्सी पर बैठ गई।
उसके बाद मैंने रूम को देखा वहाँ एक बडा़ सा टेबल, चार कुर्सियां, एक सोफा और एक सिंगल बैड था। मम्मी ने वहाँ टेबल पर पड़ा लैपटॉप चालू किया और पोर्न मूवी देखने लगी।
कुछ देर बाद मम्मी ने किसी को फोन किया और बोली- कब तक आओगे? और जवाब सुनने के बाद बोली- जल्दी आओ डार्लिंग, कब से इंतजार कर रही हूँ! मैं चुदाई को मरे जा रही हूँ और तुम्हें सेक्स की गोली की पड़ी है।
मम्मी ने फोन बंद कर पोर्न मूवी देखना चालू रखा। मूवी खत्म होने के बाद मम्मी ने लैपटॉप बंद कर दिया।
करीब 5 मिनट बाद बाईक आने आवाज़ सुनाई दी, दो आदमी रूम के अंदर आए और दरवाजा बंद कर लिया। एक तो वही करीब 50 साल का टीचर था जो मम्मी को फोन कर रहा था। उसका कद करीब 5 फीट 8 इंच और रंग काला था, वो मोटा था और तोंद बड़ी थी। वो दिखने में सुंदर नहीं था और उसका नाम सूरज सिंह था, उसके बाल सफेद थे।
उसके साथ दूसरा आदमी भी स्कूल का टीचर ही था और उसकी आयु करीब 40-42 साल थी। उसका कद करीब 5 फीट 7 इंच और उसका रंग भी काला ही था लेकिन उसका जिस्म फिट था और बाल काले थे। उसका नाम निर्मल सिंह था।
मम्मी और सूरज उसको निम्मा बुला रहे थे। वो दोनों ही क्लीन शेव्ड थे।
वो दोनों मम्मी के सामने कुर्सियों पर बैठ गए और टेबल पर बीयर की चार बोतल, एक शराब का हॉफ़, एक जग, तीन गिलास रख लिए। सूरज ने दो बोतल बीयर खोलकर जग में डाल दीं और आधा हॉफ़ बीच में मिला दिया। मम्मी ने जग उठा कर तीनों गिलास भर लिए और निम्मा ने तीन गोलियां टेबल पर रख दीं।
मम्मी अपनी कुर्सी से उठी और एक गोली उठाकर सूरज के पास गई। मम्मी गोली को अपने टॉप के अंदर ले गई और बूब्ज़ पर मसल कर होंठों के बीच दबा ली और होंठों को सूरज के पास कर दिया। उसने मम्मी के होंठों से होंठ लगाकर गोली अपने मुंह में ले ली और मम्मी ने बीयर वाला गिलास उसके मुंह को लगा दिया। सूरज ने एक सांस में ही गिलास खाली कर दिया।
अब मम्मी ने दूसरी गोली को बूब्ज़ से मसला और होंठों में लेकर निम्मा के होंठों से होंठ लगाकर गोली उसके मुंह में डाल दी। उसको ही वैसे ही हाथों से बीयर पिला दी।
अब मम्मी फिर से कुर्सी पर बैठ गई और तीसरी गोली के दो टुकड़े कर दिए। एक टुकड़ा सूरज को और दूसरा टुकड़ा निम्मा को दे दिया।
पहले निम्मा उठा और उसने गोली को चूमकर मम्मी की तरफ किया, मुझे लगा मम्मी गोली खाएगी लेकिन मम्मी ने गोली चूमकर निम्मा के हाथ में ही रहने दी। निम्मा ने अपनी जींस की जिप खोलकर लंड बाहर निकाल लिया और टोपे से चमड़ी पीछे कर ली।
उसका लंड काफ़ी लंबा, मोटा और तगड़ा था और ट्यूब की रोशनी में उसका लाल टोपा चमक रहा था। निम्मा ने अपने वाला गोली का टुकड़ा लंड के टोपे पर रगड़कर लंड के ऊपर रख लिया और लंड मम्मी के होंठों के पास कर दिया। मम्मी ने मुंह खोलकर निम्मा के लंड से गोली मुंह में ले ली और निम्मा ने बीयर का गिलास उठाकर मम्मी को आधा पिला दिया।
अब सूरज मम्मी के पास आया और लंड बाहर निकाल लिया। उसका लंड भी निम्मा की तरह लंबा, मोटा एवं तगड़ा था लेकिन निम्मा का टोपा लाल था और सूरज का टोपा गुलाबी! सूरज ने अपने लंड के टोपे पर गोली रगड़कर लंड मम्मी के पास कर दिया और मम्मी ने उसके लंड के टोपे को जीभ से चाटकर चूम लिया। सूरज ने अपनी जीभ पर गोली रखी और मम्मी ने उसकी जीभ चूसते हुए गोली मुंह में ले ली। सूरज ने बीयर का गिलास उठाया और लंड के पास ले गया। उसने अपना लंड गिलास में डाला और हिलाने लगा।
निम्मा भी कुर्सी से खड़ा हो गया और गिलास पकड़ कर अपना लंड डालकर हिलाया। सूरज ने दोनों लंड से हिलाई हुई बीयर मम्मी के मुंह को लगा दी और मम्मी मस्ती से पी गई।
बीयर पीने के बाद मम्मी ने पहले निम्मा का बीयर से भीगा हुआ लंड मुंह में लेकर चूस कर साफ किया और फिर सूरज का लंड मुंह से चूस कर साफ किया।
मम्मी ने एक बार फिर से गिलास भर दिए और तीनों पी गए।
सूरज ने अपनी जेब से सिगरेट निकाल कर मम्मी के होंठों में लगा दी और लाइटर से जला दी। मम्मी ने बड़े स्टाइल से कश लेकर धुआं छोड़ते हुए सिगरेट निम्मा को दे दी और उसने कश लगाकर वापिस मम्मी को दे दी। मम्मी ने दूसरा कश लगाया और सिगरेट सूरज को दे दी।
ऐसे ही मम्मी कश लगाकर बारी बारी से दोनों को सिगरेट देती और ऐसे वो दो सिगरेट पी गए।
मम्मी का ये अवतार देखकर मैं हैरान थी, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था मम्मी शराब और सिगरेट पीती है। मैंने यह भी कभी नहीं सोचा था मम्मी इतनी चुदक्कड़ निकलेगी। घर में तो ऐसे दिखाती है जैसे उस जैसी शरीफ और कोई नहीं और अक्सर शराब और सिगरेट पीने वालों को गलत बताती है। आज मम्मी की असलियत सामने आ रही थी कि वो कोई शरीफ औरत नहीं बल्कि एक नंबर की रंडी है।
ऐसे करते करते वो लोग बची हुई बीयर और शराब भी पी गए और सिगरेट का पैकेट भी खाली कर दिया। अब शराब और सेक्स का नशा उन पर हावी हो गया। मम्मी कुर्सी से उठ कर सोफे पर बैठ गई, सूरज बाईं और निम्मा दाईं तरफ बैठ गया। उन्होंने मम्मी का टॉप निकाल दिया और मम्मी ने ब्रा नहीं पहना था।
मम्मी के बड़ी-बड़ी गोल चुची और हल्के भूरे रंग के निप्पल देखकर दोनों मम्मी की चुची दबाने लगे लेकिन मम्मी ने उनके हाथ हटा दिए। मम्मी ने बारी बारी से दोनों की शर्ट निकाल दी और निम्मा के हाथ चुची पर रख कर सूरज की छाती के निप्पल मुंह में भर कर चूसने लगी।
निम्मा मम्मी की चुची दबाते हुए मम्मी की गोरी एवं चिकनी पीठ चूमने लगा और सूरज अपने निप्पल चुसवाते हुए मस्ती में आहें भर रहा था। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
थोड़ी देर बाद मम्मी ने करवट बदली और सूरज के हाथ मम्मी के बूब्ज़ से खेलने लगे और मम्मी की गोरी चिकनी पीठ को चूम चूम के गीली करने लगा। इधर मम्मी की जीभ निम्मा की छाती के निप्पलों से अठखेलियाँ करने लगी और मम्मी जोर जोर से निम्मा के निप्पलों को मुंह में भरकर चूसने लगी।
निम्मा मम्मी के सिर पकड़ कर अपनी छाती पर दबाते हुए मस्ती में बहुत जोर से सिसकारियाँ भरने लगा। उन्होंने मम्मी को सीधा बैठा दिया और सूरज ने मम्मी की जींस एवं निम्मा ने मम्मी की पेंटी निकाल दी। वो दोनों भी अपनी अपनी पैंट निकालकर मम्मी से सटकर बैठ गए।
सूरज ने मम्मी के बाईं और निम्मा ने मम्मी के दाईं तरफ वाली चुची पर कब्जा जमा लिया, मम्मी की चुची को जोर जोर से चूसने लगे और मम्मी उनके सिर अपने बूब्ज़ पर दबाने लगी।
मेरा ध्यान दोनों के लंड पर गया, दोनों के लोहे की रॉड जैसे सख्त हो गए थे और मोटे काले सांप जैसे लग रहे थे। उनके काले, लंबे, मोटे एवं ताकतवर लंड सीधे तनकर फुंफ़कारे मार रहे थे।
मम्मी ने दोनों के लंड अपने कोमल हाथों में ले लिए और जोर जोर से हिलाने लगी। वो दोनों मम्मी की चुची एवं निप्पलों को जोर से चूसने तथा काटने लगे। वो जितनी जोर से मम्मी की चुची एवं निप्पलों को नोचते, मम्मी को उतना ज्यादा मजा आता और वो भी उतनी जोर से उनके लंड मसल देती।
वो दोनों मम्मी के बूब्ज़ चूसते चूसते मम्मी के नाजुक, गोरे एवं चिकने पेट को सहलाने लगे। मम्मी उनके लंड हिलाते हुए चहकने लगी। उन्होंने मम्मी को टेबल पर लेटा लिया और निम्मा ने मम्मी के होंठों पर होंठ रख दिए तथा सूरज मम्मी के पेट को चूमने लगा। निम्मा और मम्मी बहुत जोर जोर से एक-दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे और एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर जीभ चूसते उधर सूरज मम्मी के पेट पर चूमते हुए उनकी नाभि में जीभ डालकर घुमाता और पेट को हल्के से काट लेता।
दोनों की चूमा चाटी से मम्मी मचलने लगी और निम्मा के कान चूसने लगी।
अब दोनों ने जगह बदल ली सूरज मम्मी के होंठों को और निम्मा मम्मी के पेट को चूमने लगा। अब दोनों ने मम्मी की एक एक टांग थाम ली और वो मम्मी की गोरी एवं चिकनी जांघों को सहलाने और चूमने लगे।
उन दोनों ने आपस में कुछ बात की और उन्होंने ने मम्मी को पेट के बल लेटा दिया। निम्मा मम्मी के मुंह की की तरफ आ गया और सूरज मम्मी की टांगों की तरफ आ गया। निम्मा ने मम्मी के मुंह के पास लंड कर दिया और मम्मी ने भूखी शेरनी के जैसे लपक कर निम्मा का लंड मुंह में लेकर चूसना चालू कर दिया, दूसरी तरफ सूरज ने मम्मी की टांगें खोलकर अपना मुंह मम्मी की चूत पर लगा दिया।
मम्मी एकदम मचलने लगी और गांड उठा उठाकर सूरज के मुंह पर चूत रगड़ने लगी और सिर को आगे-पीछे करके लंड चूसने लगी। थोड़ी देर बाद उन्होंने मम्मी को सीधा लेटा लिया और और सूरज मम्मी के सिर की तरफ और निम्मा चूत की तरफ आ गया। मम्मी का सिर नीचे लटका लिया, सूरज ने मम्मी के मुंह में लंड धकेल दिया और निम्मा मम्मी की चूत चाटने लगा।
निम्मा ने मम्मी की टांगें उठाकर अपने कंधों पर रख लीं और सूरज ने लंड मम्मी के मुंह से बाहर खींचकर होंठों से लगा लिया। निम्मा ने मम्मी की चूत के छेद पर लंड लगाया और दोनों ने एक-दूसरे को आंखों से इशारा किया, दोनों ने एक साथ झटका मारा, निम्मा का लंड एक ही बार में मम्मी की चूत में समा गया और सूरज का लंड मम्मी के मुंह से होता हुआ गले में उतर गया।
एक साथ दोनों तरफ से तेज झटके से मम्मी एकदम उछल गई। निम्मा मम्मी की टांगों को पकड़ कर जोरदार झटकों से मम्मी की चूत चोदने लगा और सूरज मम्मी का चेहरा पकड़ कर मम्मी के गले में लंड उतारने लगा। लंड के अंदर-बाहर होने से मम्मी के मुंह से हम्म… उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्मम… की आवाज़ आने लगी और मम्मी के बूब्ज़ तेज़ी से ऊपर-नीचे उछल-कूद करने लगे।
निम्मा ने मम्मी को टांगों से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और मम्मी का मुंह टेबल के ऊपर हो गया। निम्मा जोर जोर से मम्मी की चूत चोदने लगा और सूरज घुटने मोड़कर टेबल के ऊपर बैठ गया। सूरज ने अपने घुटने मम्मी के सिर के दोनों तरफ रख लिए और आने हाथ रखकर झुक गया, उसका लंड मम्मी के होंठों से लग गया और मम्मी ने मुंह खोलकर उसका लंड अंदर ले लिया।
नीचे से निम्मा अपनी गांड आगे-पीछे कर के मम्मी की चूत चोदने लगा और ऊपर से सूरज अपनी गांड ऊपर-नीचे कर के अपना लंड मम्मी के गले के अंदर-बाहर करने लगा। मम्मी गांड हिला हिला कर निम्मा का लंड चूत में लेने लगी और गर्दन हिलाते हुए सूरज का लंड मुंह में लेने लगी। ऐसा लग रहा था जैसे मम्मी दोनों लंड पूरी तरह निचोड़ना चाहती हो।
निम्मा ने मम्मी की चूत से और सूरज ने मम्मी के मुंह से लंड निकाल लिया। तभी सूरज मम्मी को बोला- चल साली रंडी कुतिया बन जा… अब तेरी गांड बजेगी।
मम्मी घुटने मोड़कर कुतिया की तरह टेबल पर बैठ गई और बोली- बहनचोद मेरी गांड अच्छे ठोकना, नहीं तो तेरी गांड में डंडा घुसा दूंगी। मम्मी के मुंह से ये सुन कर दंग रह गई क्योंकि घर में तो मम्मी बहुत शालीनता से बोलती हैं।
सूरज मम्मी की गांड की तरफ आ गया और निम्मा मम्मी के मुंह की तरफ। सूरज ने मम्मी की गांड ऊपर की और गांड के छेद पर थूक लगाने लगा। तभी मम्मी निम्मा से बोली- मादरचोद सांड की औलाद, मुंह अच्छे से चोदा कर… तेरा लंड मेरे गले के बिल्कुल अंदर घुसना चाहिए। निम्मा बोला- फिक्र न कर छिनाल कुतिया, तेरा गला फाड़कर रख दूंगा।
सूरज ने मम्मी की गांड पर अच्छे से थूक लगा दिया और उसका लंड पहले से ही मम्मी के थूक से सना हुआ था। उसने मम्मी के गांड के छेद पर लंड रखा और मम्मी की कमर पकड़ कर जोरदार शॉट मारा।
एक शॉट में लंड फचाक की आवाज़ से मम्मी की गांड में उतर गया। निम्मा ने मम्मी के मुंह में लंड दे दिया और बालों से पकड़ कर जोरदार शॉट मारा और लंड मम्मी के मुंह से होता गले में उतर गया।
सूरज पीछे से मम्मी की गांड में और निम्मा आगे से मम्मी के मुंह में ताबड़तोड़ झटके मारकर चोदने लगे।
मम्मी भी गांड को गोल गोल घुमा कर और गर्दन को आगे पीछे कर के गांड चुदाई एवं मुंह चुदाई के मजे लेने लगी। इस जबरदस्त चुदाई में टेबल पर घुटने मोड़कर गांड में लंड ले रही थी और हाथों के बल ऊपर उठ कर मुंह चुदाई करवा रही थी।
इस बीच सूरज मम्मी के चूतड़ों पर बार बार चपत लगा कर बोलता- ले बहनचोद रंडी, संभाल अपनी गांड को! साली रंडी, तू खाना क्या खाती है इतने मर्दों का लंड तू ले चुकी है फिर भी तेरी गांड और चूत ऐसे लगते हैं जैसे कभी चुदाई की ही नहीं?
तभी निम्मा बोला- कसम से यार, अभी तक कितनी रंडियों को चोदा है लेकिन इस छिनाल को चोदने का मजा ही कुछ और है। साली एकदम गर्म और मस्त माल है। ऐसी बातें करते-करते मम्मी को चोद भी रहे थे और मम्मी की बड़ी-बड़ी गोल चुची हवा में लहरा रहे थे।
उन्होंने मम्मी को टेबल से नीचे उतार लिया और निम्मा बोला- बैड पर आजा छिनाल कुतिया… अब तेरी चूत और गांड का बाजा एक साथ बजेगा। सूरज बैड से नीचे टांगें लटका कर लेट गया और मम्मी ने घुटने मोड़कर बैड पर रखकर अपनी चूत सूरज के लंड पर टिका दी। मम्मी ने जोर से गांड को नीचे धकेल दिया और सूरज का लंड मम्मी की चूत में उतर गया।
तभी निम्मा मम्मी के पीछे आ गया और मम्मी को आगे झुका कर गांड ऊपर उठा ली। उसने मम्मी की गांड पर लंड लगाया और जोरदार शॉट से मम्मी की गांड में घुसेड़ दिया।
दोनों जोरदार शॉट मारकर मम्मी की चूत एवं गांड चोदने लगे और मम्मी भी उछल उछल कर चुदाई करवा रही थी। सूरज ने मम्मी की उछल-कूद कर रहे चुची हाथों में पकड़ ली और नीचे से गांड उचका उचका कर मम्मी की चूत चोदने लगा। निम्मा पीछे से मम्मी के बालों को पकड़ कर जोर जोर से गांड चोदने लगा और मम्मी काम वासना की मस्ती में ऊंची ऊंची चिल्ला रही थी। तभी निम्मा बोला- क्यों छिनाल कुतिया, कैसा लग रहा है? मम्मी बोली- ऐसा लग रहा है कि तुम दोनों बहनचोद कुत्ते ऐसे ही मुझे चोदते रहो।
ऐसे ही तीनों गालियां निकालते हुए चुदाई का रंगीन खेल खेलते रहे।
कुछ देर बाद दोनों ने लंड बाहर निकाल लिए और मम्मी जल्दी से घुटनों के बल फर्श पर बैठ गई और बोली- अब मुझे मेरी पसंद की आईसक्रीम मिलेगी।
मम्मी दोनों के लंड पकड़ कर हिलाने लगी तभी सूरज ने मम्मी के होंठों को अपना लंड लगा दिया और मम्मी ने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में सूरज आहह आआहह की आवाज़ से मम्मी के मुंह मे झड़ गया और पूरा खाली होने के बाद उसने मम्मी के मुंह से लंड निकाल लिया।
अब मम्मी ने निम्मा का लंड मुंह में ले लिया और वो भी वैसे ही मम्मी के मुंह में झड़ गया। मम्मी दोनों का वीर्य पी गई और कुछ वीर्य मम्मी को होंठों से निकल कर गर्दन तक आ गया। मम्मी ने उसको साफ किया और सब लोग कपड़े पहनने लगे।
मैंने टाईम देखा 4:30 से ऊपर हो गया था, मैं वहाँ से निकल कर घर आ गई।
अब मुझे मालूम हो गया था कि मेरी मम्मी कितनी शरीफ है और स्कूल में छुट्टी के बाद किसको क्या पढा़ई करवाती है।
उनकी बातें सुन कर मुझे मालूम हो गया था कि उन दोनों के अलावा और भी कई मर्दों को मम्मी पढा़ई करवाती है। 5 बजे मम्मी घर आ गई और सलवार कमीज पहना हुआ और बिल्कुल शरीफ लग रही थी।
मैं मम्मी से बोली- मम्मी आप बहुत अच्छा काम करती हो जो बच्चों को इतनी लगन से मेहनत करवाती हो। मम्मी बोली- यह मेरा शौक है बच्चों को पढा़ई करवाना और इससे मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है।
मेरी हंसी निकल गई लेकिन मम्मी को पता नहीं चला मेरी हंसी क्यों छूटी थी।
उस दिन के बाद मुझे पता चल गया कि चुदाई का कार्यक्रम 3 बजे चलता है और मैं उससे पहले वहाँ छुप जाती और हर बार नए मर्द से मम्मी की चुदाई देखती।
अगली बार मम्मी ने किस को पढा़ई करवाई वो अगली कहानी में… तब तक सब खड़े लंडों और फैली चूतों का अर्श का सलाम! [email protected]
स्कूल में मैंने माँ की चुदाई प्रिंसीपल से होते देखी
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