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मेरी सेक्स स्टोरी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी इंग्लिश टीचर ने मुझे ट्यूशन पढ़ने के लिए अपने घर आने को कहा, वो अकेली रहती थी, उनके पति बाहर जॉब करते थे. एक दिन मैंने उन्हें चूत में उंगली करते देखा और हम दोनों के बीच सेक्स की शुरुआत हुई. मैडम ने मेरा लंड चूसा, उन्हें मजा आया.
वो बोली- आज लंड चूसने का मजा आया। मैं- तो फिर और चूसो न मेरी रांड रुखसाना! वो- नहीं, अब तो चुदाई के बाद चूसूँगी, अभी तो मेरी चूत चूसेगी इसे!
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैंने मैम की पेंटी को उतारी, देखा कि उनकी चुत में घने बाल थे।
मैं- पहले तुम्हारी चूत को क्लीन कर देते हैं।
मैम ने मुझे ट्रिमर लाकर दिया, मैंने उनकी चुत को साफ़ किया और उसे किस किया, चुत में उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा। वो ‘आह आह आहछह…’ आवाज़ें निकालने लगी।
मैं- तुम्हारी चुत तो काफी टाइट है रुखसाना, उंगली भी मेहनत से जा रही है। वो- ये बहुत कम चुदी है इसलिये टाइट है। मेरे शौहर तो नाज़िया के पीछे हैं, मुझे कहाँ देखते हैं। मैं- कोई चूतिया पति होगा जो तुम जैसी माल को छोड़ेगा… मादरचोद साला!
वो- बहनचोद, तुम भी बहुत गालियाँ बोलते हो, मुझे भी बहुत पसंद है गन्दी गालियाँ और बातें। मैं- हां रंडी, आज तुझे नहीं छोडूंगा, तुझे अपने लंड की रखैल बना लूँगा। वो- तो फिर बना लो ना… जब से उसने मुझे धोखा दिया मैं उनके साथ रहना पसंद नहीं करती।
फिर मैंने अपने होंठों को चुत के ऊपर रखा और बड़ी बेरहमी से उसे चूसने लगा, वो और सिसकारियाँ निकालने लगी, अपनी गांड उठा कर, मेरा सर दबाकर उछलने लगी और वो झड़ने लगी। मैं अपना मुंह हटा नहीं पाया और उसका पानी मुँह में गया पर इतना मजा नहीं आया।
फिर मैं टॉयलेट के बहाने बाथरूम गया और मुँह साफ़ करके आया। अब मैम चुत खोल कर लेटी थी पर मुझे इतनी जल्दी नहीं थी।
मैंने उनको जाकर किस किया और चुची चूसने लगा, वो मेरा सर दबाकर ‘और चूसो…’ बोल रही थी और सिसकारियाँ निकाल रही थी। मैं उसके पेट को चूमने लगा और नाभि में उंगली डाली तो वो सिहर उठी और खड़ी हो गई।
मैं उसके फ्रिज से बर्फ लाया, एक टुकड़ा निकाला, उसका आधा भाग मेरे मुख में और दूसरा भाग उसके नाभि के ऊपर रखा, मैं उसके पेट पर बर्फ फ़िरा रहा था और वो अपने दोनों पैरों से मेरा सर पकड़कर शरारत कर रही थी। थोड़ी देर में सारी बर्फ पिंघल गई।
मैंने दूसरा टुकड़ा लिया और उसकी चूत में डाल दिया, वो बोली- अबे लौड़े इसे निकाल, चुत में ठण्ड लग रही है। निकाल आह आह! मैं- मादरचोद रंडी, आज तो तुम मेरी रखैल हो, जो चाहूँ मैं, वो कर सकता हूँ। वो- अब चोद भी दो भड़वे, मत तड़पाओ, अब रहा नहीं जाता।
मैंने भी सोचा कि चोद ही देता हूं क्योंकि मैं एक बार तो झड़ गया था। मैंने अपना लंड उसकी चुत के दरवाजे पर टिकाया और एक धक्का दिया, पर थोड़ा लंड ही गया। वो चिल्लाई- ओय माँ मर गई। उम्म्ह… अहह… हय… याह… या अल्ला मैं मर जाऊँगी।
मैं उसे किस करने लगा और चुची दबाने लगा, फिर एक और धक्का दिया और आधा लंड चला गया। मैम की आँखों से आंसू निकलने लगे, बोलने लग गई- निकालो इस लंद को मेरी चुत से… मैं मर जाऊँगी, प्लीज निकाल दो।
वो सही थी, उसकी चुत काफी टाइट थी, पता नहीं कब से चुदी नहीं होगी। पर मैंने रहम न करते हुए एक और झटका दिया और पूरा लंड डाल दिया और वो चीख पड़ी- आआआ… रण्डवे मुझे कुछ नहीं दिखाई दे रहा… मार ही दिया तूने तो मां के लवडे! वो रोने लगी।
मैं तो डर गया क्योंकि यह मेरा पहली बार था, मुझे लगा वाकयी में मैम अंधी तो नहीं हो गई ना? मैंने धक्का लगाया ही नहीं, थोड़ी देर उसके ऊपर लेटा रहा।
फिर वो बोली- अब चोदो, ऐसे ही लेटे रहोगे क्या? तब मैंने चुदाई शुरू की और जोर से धक्के लगाने लगा। उसे अब मजा आ रहा था और नशा भी चढ़ गया था, बोली- रंडीबाज, कितनी अच्छी चुदाई कर रहा है! तू तो छुपा रुस्तम निकला।
मैं- रंडी, तू भी कम नाटक नहीं कर रही, मुझे लगा तू अंधी हो गई भडवी! वो- वो तो सच में हुआ था जान! मैं- जब से मैं तुम्हारे यहाँ ट्यूशन आता हूँ, तब से रोज 2 बार तुम्हारे नाम के मुठ मारता हूँ। कब से तेरी चुदाई करना चाहता था, आज मौका मिला मेरी रखैल! बहुत तड़पाया साली छिनाल! वो- वो तो तभी पता चल गया था जब तू क्लास में मुझे घूरता था, मेरे ब्लाउज को! बहनचोद साला!
मैं- तू भी कम नहीं है लौड़ी, तू भी कब से लंड ढूंढ रही है। उस दिन कपड़े बदलने गई थी और अपनी चुची और चुत को सहला रही थी, तभी मुझे मुठ मारनी पड़ी।
मैं- चल अब कुतिया बन जा, डोगी स्टाइल में चोदता हूँ तुझे! वो- हां मेरे राजा, तू जो कहेगा वो बन जाऊँगी पर मेरी इस भूखी चुत को फाड़ डाल, भोंसड़ा बना दे! वो कुतिया की तरह बैठ गई और मैं उसकी कमर पकड़ कर चोदने लगा।
तभी मुझको एक शरारत सूझी, मैं उसकी कमर को छोड़ कर उसकी चुची को पकड़ कर धक्के लगाने लगा। मुझे बड़ा मजा आ रहा था पर उसे थोड़ा दर्द हो रहा था इसलिए मैं फिर से कमर पे आ गया। मैं जड़ने वाला था और उसकी चुत में ही जड़ गया।
वो- बहनचोद, लौड़े, यह तूने क्या किया? माँ बनाना चाहता है क्या? बोल नहीं सकता था क्या? मैं- बहन की लौड़ी, डरती क्यों है, टेबलेट ले लेना। बताने का टाइम ही नहीं था। वैसे भी तुम्हारी चुत को भी पानी पिलाना था, तुम अपने मुह से तो पी गई थी। चुत को कौन पिलाता तेरा बाप?
मैं मैम को बाथरूम में ले गया, वहाँ हमने एक दूसरे को नहलाया और शरारतें की। मैंने मैम की चुत को शावर से साफ़ किया। फिर अपने को पौंछ कर हम दोनों बेडरूम में आए। जी हाँ दोस्तो, मैंने अपनी पहली चुदाई सोफे पे की।
फिर दोनों बैड पर नंगे ही लेट गए। मैं सुबह 8 बजे आया था और 11:30 हो गए थे, स्कूल का टाइम 12 बजे का था। मैं बोला- रंडी स्कूल नहीं जाना क्या? टाइम हो रहा है।
वो- तेरा लंड मूसल था, इसको लेने के बाद चला भी नहीं जा रहा है। स्कूल में क्या पढ़ाऊँगी? मैं- सेक्स के बारे में! वो- चल हट रंडवे, गैंगबैंग करवाएगा क्लास में क्या? मैं- तुझे क्लास नहीं, स्कूल कम पड़ेगा रुखसाना! हा हा हाहा! वो- नॉटी बॉय साला!
मैं मैम को किस करने लगा, बोला- मजा आ गया मेडमजी, आज आपने सही ज्ञान दिया मुझे। कहते है कि गुरु चाहे तो स्वर्ग में भी भेज सकता है। आज अपने सही में पूरे जन्नत की सैर करवा दी मैम जी!
यह कहकर मैं मैम की गांड दबाने लगा, गांड में उंगली डालने लगा और कहा- अभी गांड मारनी बाकी है। वो- आज नहीं प्लीज, मुझे मारने का इरादा है क्या? मैं- अरे मेरी जान, मैं तो मजाक कर रहा था।
मैं- तुम इतनी चुदक्कड़ कैसे बन गई? वो- पहले मेरे चचेरे भाई ने मुझे चोदा था, फिर मेरे शौहर ने अब तुम! सबसे अच्छा मजा आज आया। आज मैं संतुष्ट हुई हूँ।
हम वहीं सो गए, 2 घंटे तक एक दूसरे की बाहों में सोते रहे। मेरी नींद खुली तो वो किचन में थी, मैगी बना रही थी। हम दोनों ने खाना खाया और शॉपिंग करने के लिए निकले। स्कूल की तो छुट्टी हो ही गई थी।
यह थी मेरी पहली चुत चुदाई… कैसी लगी, जरूर बताइएगा। आप मुझे जीमेल, हैंगआउट और फेसबुक में भी अपने सुझाव भेज सकते हैं मेरे इस आईडी से [email protected]
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