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मैंने अपने दोस्त की वाइफ को चोदा उसी के घर में … भाभी मेरे साथ मजाक करती थी. वो बेहद सेक्सी माल जैसी थीं. पढ़ें कि कैसे आयी वो मेरे लंड के नीचे.
नमस्कार दोस्तो, मैं दीपक हरियाणा से हूँ. मैं अन्तर्वासना का पाठक हूँ और अपनी सेक्स कहानी भेजने की प्रेरणा भी अन्तर्वासना को पढ़ कर ही मिली.
ये सेक्स कहानी वास्तविक है जिसमें मैंने दोस्त की वाइफ को चोदा. पर पात्रों के नाम बदले गए हैं.
जिस वक्त की ये घटना है, उस समय मेरी उम्र 25 साल की थी. मैं अपने समय का फुटबाल का प्लेयर रह चुका हूँ. उस समय मैं अपने चरम पर था. मेरा वजन 92 किलो और कद 5 फुट 10 इंच का.
मैं अपने दोस्त कुलदीप के घर अक्सर आता-जाता रहता था. फिर उसकी शादी एक बेहद सुंदर लड़की से हो गयी, उनका नाम सोनिया था.
अभी तक सब ठीक था, पर शादी के बाद मैं भाभी सोनिया से मजाक करने लगा. वो भी मेरे साथ मजाक करने लगी थीं.
एक बार मुझे सोनिया भाभी को कुलदीप की गैरहाजरी में मोटरसाइकिल पर बिठा कर डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ गया.
कुलदीप बाहर गया था और सोनिया भाभी को डॉक्टर को दिखाने जाना था क्योंकि उनका डॉक्टर से अपॉइंटमेंट था. तो उन्होंने मुझे बुलाया और साथ चलने को कहा.
मैंने हां कर दी और बाइक लेकर चलने को तैयार हो गया.
ये सफर काफी लंबा था. करीब 75 किलोमीटर दूर जाना था. बात डॉक्टर के पास जाने की थी, तो मुझे जाना ही पड़ा.
अब मैं आपको सोनिया भाभी के बारे में कुछ बता दूँ.
भाभी काफी सुंदर, गोरी-चिट्टी और 5 फुट 5 इंच के कद वाली एक बेहद सेक्सी माल जैसी थीं. सेक्सी भाभी का फिगर 34-28-36 का था और मीठी आवाज़ में बोलती थीं. उनकी बड़ी बड़ी आंखें थीं, बड़े बड़े चूतड़ और बला का हुस्न था.
ये सफर काफी लंबा था तो हम दोनों बात करते हुए जा रहे थे. मैं जानबूझ कर कुछ धीरे धीरे चल रहा था और ब्रेक मार कर भाभी के स्तनों का अपने पीठ पर स्पर्श महसूस कर रहा था. क्योंकि सड़क पर खड्डे भी थे तो ये होना और भी सुगम हो गया था.
उस बला की सुंदर भाभी सोनिया के तन की सुगंध मुझे उत्तेजित कर रही थी और उनके कामुक शरीर का स्पर्श मेरी आग भड़का रहा था. मेरा लिंग तन कर खड़ा था.
सोनिया भाभी का हाथ मेरी जांघ पर था, जो कि बाइक पर अक्सर आम होता है.
मैंने कहा- भाभी आप आराम से बैठी हो न! वो बोलीं- हां, बस जरा धचके ज्यादा लग रहे हैं.
मैंने कहा- हां वो तो लगते ही हैं. भाभी बोलीं- तुम्हारे दोस्त के साथ तो नहीं लगते.
मैं ये सुनकर जरा चौंका कि भाभी मूड में आ रही हैं.
मैंने अंजान बनते हुए कहा- उसके साथ धचके क्यों नहीं लगते भाभी? भाभी- अब ये मैं कैसे बताऊं … शायद चलाने की अपनी अपनी स्टाइल होगी!
मैंने एक बार फिर से चैक करने के लिए पूछा- भाभी आपको दिक्कत तो नहीं हो रही है न! भाभी हंस कर बोलीं- अरे यार मुझे तो मजा आ रहा है … जब तक धचके नहीं लगेंगे, तो मालूम कैसे पड़ेगा कि लम्बी जर्नी की है. मैंने कहा- अच्छा तो आपको लम्बी जर्नी पसंद है?
भाभी ने मेरी कमर में चिकोटी काटी और बोलीं- हां अब समझे … तुम्हारा दोस्त तो जरा सी दूरी तय करने में ही टैं बोल जाता है. मैंने कहा- भाभी, लगता है आप मुझे भी टैं बुलवा कर ही मानोगी.
भाभी फिर से हंसी और बोलीं- और मुझे लगता है कि तुम मुझे टैं बुलवा दोगे.
मैंने कहा- ऐसे कैसे मालूम पड़ेगा भाभी … कि मैं आपको टैं बुलवा देता हूँ कि आप मुझे टैं बुलवा दोगी.
भाभी- वो तो चैक करना पड़ेगा. मैंने कहा- ठीक है, वापस घर चल कर देखते हैं. भाभी बोलीं- ओके, मैं तब तक तुम्हारे दोस्त से बात कर लेती हूँ कि वो रात तक वापस आ जाएंगे या नहीं.
कुछ देर बाद भाभी ने कहा कि वो तो सुबह आने की कह रहे हैं. एक काम करना, वापसी में खाना पैक करा लेना. घर जाकर बनाने का झंझट नहीं रहेगा.
मैंने ओके कहा और बाइक दौड़ा दी.
अब भाभी के साथ मेरा मामला कुछ सैट होने लगा था. वो भी अब ‘देवर जी … देवर जी ..’ कहके जानबूझ कर अपने चुचों को मेरी पीठ पर रगड़े जा रही थीं.
बीच बीच में मेरी गर्दन पर दांत से काट लेती थीं. सोनिया भाभी ने मेरी आग को भड़का कर बवंडर बना दिया था.
हम दोनों करीब 90 मिनट में डॉक्टर के पास पहुंचे. रास्ते भर हमारे बीच हंसी मजाक चलता रहा.
दवाई लेने के बाद करीब एक घंटे बाद वापिस चलने लगे, तो मेरे लंड में फिर से तनाव आ गया था.
रास्ते में मैं पेशाब के लिए रुका. पेशाब किया तो लंड से लार निकल निकल कर लंड गीला हो चुका था.
सोनिया भाभी ने भी उभरी हुई ज़िप को देख लिया था. वो एक कातिल मुस्कान के साथ शर्मा रही थीं. अब मुझे उनके इरादे नेक नहीं दिख रहे थे.
इस बार सोनिया भाभी बाइक पर दोनों तरफ पैर करके बैठ गईं. अब उनके दोनों चुचे मेरी पीठ पर छू रहे थे और सोनिया दोनों हाथों से मेरे पेट के आगे से अपने हाथों को कसके पकड़ कर बैठी थीं. वो मेरे लंड पर भी दबाव डाल रही थीं. लंड पत्थर की तरह सख्त हो चुका था.
रास्ते में हमने डिनर पैक करवा लिया, अंधेरा हो रहा तो घर जाने की जल्दी थी. रास्ते भर हंसी मज़ाक और गंदे चुटकलों का दौर चलता रहा.
करीब 7 बजे हम फ्लैट पर आ गए थे. फ्लैट मैं आते ही मैंने पानी पिया और भाभी सोनिया शॉवर लेने चली गईं.
मैं भी कपड़े बदल कर टी-शर्ट और शॉर्ट्स में हो गया. मैं शरारतवश बाथरूम के पास गया, तो देखा कि भाभी ने बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया हुआ था.
मैं अन्दर घुस गया, तो सोनिया भाभी शर्माने का नाटक करने लगीं.
मैं बोला- बस कर रंडी … अब ना तड़पा अपने लौड़े को.
बस इतना बोलते ही भाभी किसी हवस की भूखी शेरनी मेरे सीने से कसके चिपक गईं और टांगों में टांगें फंसा कर लिपकिस करना शुरू कर दी.
भाभी मादक आवाज़ के साथ कहने लगीं- साले बहन के लौड़े … अब तक किधर था तू? मैं बोला- भाभी जी, आपका लंड है, आपके नाम की मुठ मार कर काम चला रहा था. सोनिया भाभी बोलीं- अब से मुझे भाभी नहीं बोलना है … सिर्फ सोनिया बोलो.
मैं भी उसको सोनिया, सोना, रंडी, गंडमरी … न जाने किस किस नाम से बुलाने लगा. भाभी सेक्स की आग में जल रही थीं.
हम दोनों एक दूसरे के दिल की धड़कन को साफ महसूस कर रहे थे. मैंने 30 सेंकड के अन्दर उनका ऊपर से शर्ट उतार दिया और सलवार भी निकाल दी.
भाभी का वो बला का हुस्न सिर्फ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने महक रहा था. उनके गोरे गोरे चुचे ब्रा से आधे बाहर निकल कर झाँक रहे थे. मैं उतेजित होकर भाभी की ब्रा खोल भी नहीं पाया तो मैंने ब्रा के हुक एक झटके से तोड़ दिए.
भाभी किसी परी की तरह बिल्कुल नंगी हो गई थीं. भाभी के चुचे मसलने और चूसने का दौर शुरू हो चुका था.
वो किसी रंडी की तरह मादक आवाज़ निकालने लगीं- आह आह आह मर गयी जान … आह मम्मी मर गयी.
भाभी जोर जोर से आवाज़ निकाल रही थीं. उनके हाथ मेरे लंड को बाहर से मसल रहे थे, लंड पत्थर की तरह सख्त था.
फिर भाभी बोलीं- भैनचोद … अब तक किधर था, इस 8 इंच के लंड को लेकर किधर घूम रहा था. तेरी सोना का कोई हक नहीं क्या इस लौड़े पर!
मैं ‘सोनिया मेरी चूत ..’ बोल कर सेक्स के मारे कराह रहा था. मैंने भाभी की पैंटी उतार दी … उनकी भी चूत गीली हो गई थी. चुत को पानी से धोकर मैंने सोनिया भाभी को अपनी गोदी में उठा कर बेडरूम में ले आया.
मैंने भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया. भाभी ने भी अपनी चुत के बाल एक हफ्ते पहले ही काटे होंगे, तो बाल अभी निकल ही रहे थे.
उसकी चूत लंबी थी, सन्तरे की फांक सी गुलाबी रंग की एक अलग सी खुशबू महका रही थी.
मैंने चूत को हल्के से चूसना शुरू कर दिया. भाभी तड़पने लगीं और मादकता में सिसकने लगीं- आह मेरे राजा … आज अपनी रानी की प्यास बुझा दो.
सोनिया भाभी की चूत से नमकीन पानी लगातार बह रहा था. मेरे दोनों हाथ उनके दोनों स्तनों को कसके दबाए हुए थे.
मैंने भाभी की चूत पर एक बाईट काट दी, तो सोनिया भाभी ‘उई मम्मी ..’ करके उचक पड़ीं.
मैं उन्हें लिप किस करने लगा, बूब्स चूसने लगा, गांड चाटने लगा. वो वासना की आग में जलने लगीं. उन्होंने फट से मुझे नंगा कर दिया और मेरे लंड को किसी पोर्न स्टार की तरह चूसने ओर सिसकने लगीं.
मैं अपना लंड भाभी के गले तक अन्दर तक डाल देता, तो उनको खांसी और उल्टी आने को हो जाती.
भाभी कुछ देर तक लंड चूसती रहीं, फिर उठ कर बोलीं- अब इसे मेरे अन्दर डाल दो जान, अब रहा नहीं जाता.
मैंने भाभी को चित लिटाया और उनकी दोनों टांगें फैला कर चुत की फांकों में लंड सैट कर दिया. भाभी की चुत ने लंड का स्पर्श पाया, तो वो अपनी गांड उठाने लगीं.
मैं भी उनक चुत में सुपारा घिस कर मजा लेने लगा. वो बार बार अपनी कमर उठा कर लंड चुत में लेने की कोशिश करतीं और मैं लंड हटा लेता. भाभी खीझ रही थीं और कसमसा रही थीं कि लंड चुत के अन्दर चला जाए.
इसी तरह से करते हुए मैंने एक झटके से लंड चुत में घुसेड़ दिया. भाभी की मां चुद गई. उन्हें अनुमान ही नहीं था कि मैं एकदम से लंड चुत में पेल दूँगा.
मेरा लम्बा लंड भाभी की गीली चुत के अन्दर सरसराता हुआ अन्दर चला गया था.
वो दर्द के मारे चिल्ला उठीं और बोलीं- आह … मर गई मम्मी रे … आह बहन के लौड़े मार देगा क्या … बता तो देता हरामी. भाभी कसके मेरे शरीर से लिपट गईं.
मैं भी उनके होंठ चूसने लगा और ‘मेरी सोना … मेरी चूत ..’ कहते हुए उन्हें किस करता रहा. उनके चुचे दबाता रहा. मेरा लंड चुत की जड़ में फंसा हुआ था.
कुछ पल बाद सोनिया भाभी नॉर्मल हो गईं और नीचे से अपनी गांड हिलाने लगीं. मैंने जोर जोर से झटके देने शुरू कर दिए.
भाभी ने दर्द और उत्तेजना के मारे कूकना शुरू कर दिया- आह आह हई मम्मी इस्स … मम्मी!
उनकी दोनों टांगें मेरे चूतड़ों के पीछे कसके जकड़ी हुई थीं, तब भी मैं भाभी की चुत में कस कसके धक्के मार रहा था.
सोनिया भाभी बोलीं- आह आज तक मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया मेरे लौड़े … आह पेल साले … आज तो मेरी टैं बुलवा ही दे. मैं बोला- भाभी, मैं भी आज पहली बार किसी को चोद रहा हूं.
ये सुन कर भाभी खुश हो गईं. वो गंदी गंदी गालियों और सीत्कार करते हुए गांड उठाने लगीं.
ताबड़तोड़ चुत चुदाई के बाद हम दोनों झड़ने को हो गए. पहले भाभी ने चुत का रस छोड़ा और निढाल होते हुए गिर गईं.
जब मेरा निकलने को हुआ तो भाभी ने मुँह में डालने को कहा.
मैंने लंड चुत से खींचा और उनके मुँह में लंड लगा दिया. मेरा गाढ़ा लावा भाभी ने अपने मुँह में ले लिया और किसी रंडी की तरह पी गईं.
फिर हम दोनों साथ में नहाये और खाना खाया.
उस रात दोस्त की वाइफ को चोदा 2 बार … और नंगे ही सोते रहे.
अगले दिन सुबह 8 बजे कुलदीप आ गया. उसके पास फ्लैट की चाबी थी. उसने हमको नंगे सोते हुए पकड़ लिया.
सोनिया भाभी डर गईं और रोने लगीं.
इस तरह से मैंने दोस्त की वाइफ को चोदा पर हम पकड़े गए. फिर क्या हुआ … ये जानने के लिए आप मुझे मेल करें. [email protected]
मैं इसका अगला हिस्सा लिखने को उत्सुक हूँ, बस अपने पाठक जैसे भाभी जी, आंटी जी, अंकल जी और मस्त कुंवारी चुत वालियों के आग्रह का इंतज़ार है. आप मेल करके बताएं कि मेरी ओर सोनिया भाभी की सेक्स कहानी आपको कैसी लगी.
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