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अब तक आपने पढ़ा.. मैंने रोशनी की चुदास को समझने के लिए नंगा लेटने का नाटक किया और रोशनी की चुदास को समझ लिया। वो मेरे लंड को सूंघने लगी थी और उसी वक्त मैंने उसे पकड़ लिया था। अब आगे..
रोशनी- बड़े भईया, मैं आपको उठाने आई थी.. पर आपकी लुंगी ऊपर चढ़ी हुई थी और आपने आज अंडरवियर भी नहीं पहना था.. तो मैंने सोचा आपकी लुंगी ठीक कर देती हूँ, बाद में आपको जगाती हूँ.. जिससे आपको शर्मिंदा ना होना पड़े.. पर मैं जैसे आपकी लुंगी ठीक करने के लिए झुकी कि आप उठ गए!
रोशनी से मुझे ऐसे सुलझे हुए जवाब की आशा नहीं थी। अगर उसने कोई जवाब नहीं दिया होता तो अभी उसकी साड़ी ऊँची करके अपने लंड को उसकी चुत में पेल देता, पर अभी मैं क्या करता मुझे खुद कुछ सूझ ही नहीं रहा था, मैंने कहा- ठीक है।
मैं बाथरूम जाने के लिए खड़ा हुआ.. जैसे ही मैं खड़ा हुआ कि मेरी लुंगी खुल गई और मैं पूरा नंगा हो गया। रोशनी की नजर तो मेरे लंड से जैसे हट ही नहीं रही थी।
मैंने पूछा- क्या देख रही हो.. अभी भी जी नहीं भरा तेरा.. जो इसे घूरे जा रही है? वो थोड़ा शरमाते हुए पलट कर रसोई की तरफ भाग गई।
मैं बाथरूम से निकला.. तो रोशनी ने मेरा खाना लगा दिया था। खाना खाकर मैं घर से निकल लिया और शाम को तकरीबन 7 बजे वापस आया।
अभी मैं आगे की प्लानिंग के बारे में सोच रहा था, तभी रोशनी रूम में आई- बड़े भईया खाने में क्या बनाऊँ? मैंने कहा- मेरा मूड नहीं है.. तुम्हें जो पंसद हो.. वो बना लो.. साथ में खाते हैं।
एकाध घंटे बाद खाना खाकर हम टीवी देखने बैठ गए। मैंने आगे का दांव खेलने का सोच ही लिया था कि आज कुछ भी हो आज की रात मेरा लंड या तो रोशनी की चुत में सोएगा या उसकी गांड में मजा करेगा।
रोशनी ने भी वाईट कलर का गाउन पहना हुआ था.. इसमें से उसके उभार देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उसने ब्रा नहीं पहनी थी।
मैंने बात की शुरूआत की- एक बात पूछूँ रोशनी? रोशनी- हाँ पूछिए ना बड़े भईया! मैं- तुम दोपहर को मेरे कमरे में आई थीं और मैंने जब तुमसे पूछा कि तुम क्या कर रही हो.. तो तुमने मुझे जवाब दिया कि तुम मेरी लुंगी ठीक कर रही हो.. बराबर?
रोशनी थोड़ी शरमा रही थी- हाँ बड़े भईया.. आप की लुंगी ऊपर चढ़ गई थी और आपका औजार नजर आ रहा था। मैं- पर मैं जब जाग गया तो तुम्हारा मुंह मेरे लंड के पास क्या कर रहा था?
रोशनी के पास कोई जवाब नहीं था और वो नीचे देख शरमाते हुए हंस रही थी। मौका सही देख कर मैं उसके पास आकर बैठ गया। ‘बताओ रोशनी?’ रोशनी- जी वो.. मैंने कभी किसी आदमी का इतना बड़ा हथियार नहीं देखा था.. सो कौतूहलवश मैं नजदीक जा कर देखना चाहती थी कि ये असली है या मेरा वहम है। मैं उसकी ये बात सुन हंसने लगा- तुमने किसी आदमी का नहीं देखा.. मतलब मेरे भाई के अलावा भी तुमने किसी और का लंड देखा हुआ है? ये सुन रोशनी भी हंस दी- क्या आप भी भैया.. मेरा मतलब ये था कि किसी इन्सान का इतना बड़ा हथियार कैसे हो सकता है?
यह सुन मैंने तुरंत अपना पजामा खोल दिया.. अंडरवियर तो आजकल मैं पहनता ही नहीं था। मैं तुरंत उसके सामने नंगा हो गया और कहा- देख लो और इत्मीनान कर लो, एकदम ओरीजनल है या नहीं?
रोशनी ने एक नजर मेरे लंड पर डाली और शरमाते हुए अपने कमरे की तरफ दौड़ ली, मैं भी उसके पीछे-पीछे उसके कमरे में नंगा ही चला गया।
वो दीवार की तरफ मुँह करके खड़ी थी, मैंने पीछे से उसको कमर से पकड़ा और अपनी तरफ मोड़ा। उसकी नजर अभी भी शरम के मारे नीचे ही थी।
मैंने कहा- अभी जी नहीं भरा.. जो मेरे लंड को घूरे जा रही हो? रोशनी- आपका ये कितना बड़ा है? मैंने कहा- मेरी जान, अभी तो ये खड़ा भी नहीं हुआ है.. तुमने अभी देखा ही क्या है?
रोशनी एकदम से चौंक गई- क्या..! ये अभी खड़ा नहीं हुआ है? ये तो इस हालत में भी 7 इंच जितना लग रहा है.. और मोटा भी कितना ज्यादा है.. इससे पतली तो मेरी कलाई है। हे भगवान ये आदमी का औजार है.. या जानवर का!
उसकी इस बात पर हम दोनों ही हंस दिए। उसने हँस कर मेरी तरफ जैसे ही अपना मुँह थोड़ा उठाया.. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए।
मैं तो नंगा ही था.. उसका रिस्पोंस अच्छा मिलते देख मैं अपना हाथ उसकी कमर से सरकाते हुए उसके चूतड़ों पर ले गया और उन्हें मसलने लगा। उसके मुँह से ‘आह..’ निकलने लगी थी.. और उसकी जुबान भी मेरे मुंह के अन्दर तक सफर कर रही थी।
मैंने भी अपना एक हाथ उसके चूतड़ों से हटा कर उसकी छाती के उभार पर रख दिया, जबाव में उसने भी अपना एक हाथ नीचे ले जाते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया।
औरत के हाथ की गरमी पाते ही लंड टाईट होने लगा.. ये एहसास उसे भी होने लगा था, सो वो मुझसे अलग होकर लंड को देखने लगी।
रोशनी- बाप रे.. आपका लंड तो वाकयी ही बहुत बड़ा है.. ये तो किसी घोड़े का सा दिखता है और कितना मोटा है.. मेरे तो हाथ की मुठ्ठी में भी नहीं आ रहा है। मैंने कहा- थोड़ा नजदीक से देखना नहीं चाहोगी?
ये कहते ही मैंने उसे बिस्तर के कोने पर बिठा दिया और अब मेरा लंड बिल्कुल उसके मुंह के सामने था। वो मेरा मतलब समझ गई थी। रोशनी- बहाने क्यों बनाते हो.. मैं क्या समझती नहीं.. कि तुम क्या करवाना चाहते हो? वैसे भी इतना मोटा लंड चूसे बिना रहा भी नहीं जाएगा, पर पता नहीं मुझे तो लगता है मेरे मुंह में तो सिर्फ आगे का थोड़ा सा ही हिस्सा जा पाएगा। इतना कहते ही उसने मेरा लंड मुंह में ले लिया।
उसको दिक्कत हो रही थी, पर मैं भी अभी पूरे जोश में था। मैंने उसके बाल पकड़ कर एक झटके में ही लंड का आगे का सुपारा उसके मुँह में ठूंस दिया।
‘ले रंडी चूस अपने जेठ का लंड.. कब से नियत बिगाड़े बैठी है.. पता चलता कि तू इतनी चुदासी है.. तो तुझे कबका अपने बिस्तर पर लिटा लेता.. ले चूस..साली!’
पर सही में मैं इतना जंगली हो गया था कि उसको सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी, तो उसने अपने हल्के दाँतों से मेरे लंड पर दबाव बना दिया। ये देख कर मैं और ताव में आ गया, मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल दिया और धक्के से उसे पलंग पर गिरा दिया और उस पर चढ़ गया और पागलों की तरह किस करने लगा।
मैंने उसका ब्लाउज पकड़ कर खींच दिया.. तो वो पूरी तरह फट गया। मैं उसके 38 साइज के मम्मों को पकड़ कर चूसने लगा। रोशनी- आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… धीरे-धीरे करो.. कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.. आज की रात मैं तेरी रांड बनने के लिए ही हूँ हरामखोर.. अपने छोटे भाई की बीवी को चोदने की नीयत रखने वाले लौड़े.. मेरी बुर में भी लगी इस भयानक आग को बुझा दे.. भड़वे.. आह्ह.. चूस के चिकनी कर दे इसे..!
अब वो भी जंगली हो उठी और उसने मुझे नीचे गिरा दिया.. और अपना घाघरा निकाले बिना उसे ऊपर करके मेरे मुँह की तरफ मेरे ऊपर लेट गई। अब हम 69 की पोजिशन में थे।
‘वाह रे मेरी रांड.. क्या चुत है तेरी.. क्या स्वाद है तेरी चुत के पानी का.. पहले पता होता कि तू इतनी चुदासी है, तो तेरी सुहागरात पर तेरे पति को नींद की गोली खिला कर मैं ही तेरी चुत में लंड पेल देता..!’ रोशनी- तो भड़वे.. मना किसने किया है.. फाड़ दे इसे.. अब तो इस बच्चेदानी में से बच्चा भी तेरा ही निकलेगा मेरी जान!’
रोशनी के मुंह से ऐसी गन्दी गालियां सुनकर मैं और जोश में आ गया और उसको उठा कर पलंग पर उल्टा कर दिया। अब उसकी बड़ी सी गांड मेरी तरफ थी।
‘वाह रे मेरी जान.. साड़ी में तेरी गांड इतनी मोटी है.. उसका पता नहीं चलता छिनाल साली.. इस मस्त गांड का किसी ने उद्घाटन किया है की नहीं!’ रोशनी- तेरे भाई से तो होने से रहा.. मेरी चुत को तो सही से पेल नहीं पाता.. गांड क्या मारेगा। ये मेहनत भी तेरे को ही करनी है.. पर पहले स्वाद नहीं चखेगा मेरी गांड का..? आजा मेरे हरामी जेठ खा जा अपनी बहू की गांड को..!
मैंने भी अपना मुंह उसकी गांड पर रख दिया और जबान से उसकी गांड को अन्दर तक पेलने लगा।
रोशनी भी एक छिनाल के जैसे सिसकारियां भरती रही- आहह.. मेरी जान, आज तो तूने मुझे अपना कायल ही बना दिया है भड़वे.. अब ओर न तरसा.. पेल दे मेरी चुत में अपना औजार.. और बना दे मुझे अपने बच्चे की मां.. चोद दे साले.. आह्ह..
मैंने भी उसको सीधा किया और अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाकर उसकी चुत के मुहाने पर रख कर एक जोर सा झटका दे दिया, उसकी चुत गीली होने से लंड आधा अन्दर चला गया।
पर मेरे लंड की साईज और मोटाई रोशनी की चुत बर्दाश्त नहीं कर पाई और वो जोर से चिल्लाई- मार दिया मादरचोद.. निकाल ले इसे.. मैं मर जाऊँगी.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो पा रहा हरामी.. निकाल ले! मैं भी उसकी ये बातें सुन कर ताव में आ गया- धीरे चिल्ला रंडी.. सारा मोहल्ला इकट्ठा करेगी क्या? अभी तो आधा लंड ही घुसा है बहन की लौड़ी.. थोड़ी तकलीफ झेल ले.. बाद में यही दर्द जन्नत बन जाएगा।
यह कहते ही मैंने एक ओर जोर का झटका लगा दिया और वो छटपटाने लगी, पर मैंने अपनी गति बनाए रखी। थोड़ी देर में जब उसका दर्द शांत हुआ.. तो वो भी मजा लेने लगी।
रोशनी- आहह.. सही में मजा आ गया मेरे राजा.. काश तेरा ये औजार हमेशा के लिए मेरा हो जाता.. तो चौबीसों घंटे इसे अपनी चुत में ही डाले रखती। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं! उसकी मादक सीत्कारें और कामुक बातें सुन कर मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
रोशनी तो इस चुदाई के दौरान दो बार अपना पानी छोड़ चुकी थी और तकरीबन 10 मिनट बाद मैंने भी अपना पानी उसकी चुत में छोड़ दिया।
पूरी रात को मैंने रोशनी को तीन बार चोदा और हर बार पिछली बार से ज्यादा मजा आता रहा। आखिर जब हम सोने को हुए.. तब वो बोली- कैसा मजा रहा मेरे राजा? मैंने उसके होंठों को चूमते हुए कहा- आज से तू मेरी बहू नहीं है.. मेरी पर्सनल रखैल है, अभी तो ये शुरूआत है मेरी जान.. अभी तो तेरी गांड का उद्घाटन करना बाकी है।
हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर सो गए। अभी कहानी खत्म नहीं हुई मेरे दोस्तो.. आगे के किस्से में आपको बताऊँगा। रोशनी की गांड मारने का अनुभव और रोशनी के पेट में मेरे बच्चे को डालने की कहानी बड़ी रसीली होगी।
आपको मेरी बहू की चुत की चुदाई की कहानी कैसी लगी.. प्लीज आप मुझे मेल करके बताइएगा। [email protected]
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