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हिंदी सेक्स स्टोरी की इस बेहतरीन साईट के फैन को मेरा नमस्कार! मैं समीर इकबाल जमशेदपुर से हूँ, मैं हिंदी सेक्स स्टोरी की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली इस साईट का दीवाना हूँ।
मेरी बाजी (बड़ी बहन) ऐना बी.कॉम. के फर्स्ट इयर में पढ़ती हैं। बाजी की फिगर 38-26-36 की है, वो बहुत सेक्सी माल हैं। ऐना बाजी का रंग एकदम गोरा है.. उनकी 5 फुट 6 इंच की हाईट है, चूचे बहुत ही मस्त और बड़े-बड़े एकदम तने हुए हैं।
मेरी पुरानी सैटिंग मेरी चाची के कहने पर ऐना बाजी ने भी मेरी चाची जैसे ही लंबे बाल किए हैं। उनके बाल भी उनके चूतड़ों तक लहराते हैं.. और उनके बाल भी चाची जैसे ही सिल्की और घने हैं। अभी बाजी ने अपने बालों को कलर किया है, तो वो और भी सेक्सी लगती हैं।
अब मैं उस दिन की बात बताता हूँ, जिस दिन मैं बाजी के कमरे में ही सोया था। हुआ यों कि उस दिन मैं रात को देर से घर पहुँचा और बाजी के कमरे में सोने चला गया। मैंने वहाँ का नजारा देखा कि ऐना बाजी ने बदन के ऊपर कम्बल ढका हुआ था और मुझे उनकी दोनों जांघों के बीच में कुछ हलचल होती दिखाई दे रही थी।
शायद बाजी को पता नहीं चला था कि मैं कमरे में आ चुका हूँ। कुछ देर के बाद यह हलचल बंद हो गई।
मैं समझ चुका था कि वो अपनी बुर में उंगली चोदन कर रही थीं। उस वक्त रात के 1.30 बजे थे। मैं काफी गर्म हो गया था और मैंने सोच लिया कि आज कुछ भी हो जाए, बाजी की बुर चुदाई ज़रूर करनी है।
रात के 2.30 बजे के करीब मैं उठा और बाजी के बिस्तर के पास आ गया, इस वक्त वो घोड़े बेच कर सोयी हुई थीं।
मैं धीरे-धीरे उनकी बुर को कम्बल के ऊपर से सहलाने लगा। दस मिनट के बाद मुझे अंदाज़ा हुआ कि शायद वो जाग गई हैं, क्योंकि उन्होंने एक अंगड़ाई भरी थी।
बाजी ने वो अंगड़ाई शायद मुझे ग्रीन सिग्नल देने के लिए ही भरी होगी। मैं उनका इशारा समझ गया।
फिर मैंने कम्बल के अन्दर हाथ डाला और उनकी नाइटी ऊपर उठा कर उनकी जांघों पर हाथ फेरने लगा। कुछ ही पलों बाद मेरी चुदास बढ़ी, तो मैंने कम्बल हटा दिया और बाजी की नाइटी को पूरी तरह से ऊपर उठा दिया।
अब मैं बाजी की पेंटी के अन्दर हाथ डाल कर उनकी बुर को सहलाने लगा। उनका कोई विरोध नहीं था और बाजी मादक सिसकारियाँ भर रही थीं ‘इसस्स… अहह..’
फिर मैंने बाजी की पेंटी को उतार दिया। ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्या बुर थी.. बुर के ऊपर काले बालों का घना जंगल था और उसमें वो गुलाबी बुर रानी रो सी रही थी। मैंने धीरे से बाजी को बोला- मुझे बुर चूसनी है.. करूँ? वो बोलीं- ओह.. जो करना है करो.. पर पहले दरवाजे को कड़ी लगा दो।
मैंने लाइट ऑन की और दरवाजे की कड़ी लगा दी। मैं फिर बाजी के पास आ गया, उनकी नाइटी उतार दी, अब वो सिर्फ़ ब्रा में थीं।
बाजी के दो बड़े-बड़े कबूतर उस छोटी सी ब्रा की कैद से बाहर आना चाहते थे। मैंने ब्रा उतार दी और बाजी के मम्मे एकदम से उछलने लगे ‘उम्म्म्म.. क्या सेक्सी चूचे थे.. आहह..’
मैं बाजी के मम्मों को एक-एक करके अपने मुँह में भर के चूसने लगा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। इसी के साथ नीचे मेरा एक हाथ बाजी की बुर को सहला रहा था।
जैसे ही बाजी की बुर के दाने पर मैंने उंगली रखी, तो वो एकदम से पागल हो गईं। मैंने बाजी की बुर के दाने को हिलाया, ज़ोर से मसला तो बाजी गनगना गईं ‘अहह.. उम्म्म्म.. भाई..क्या कर रहे हो.. इस्स्स्स्स्..’ वो पागल हो रही थीं।
मैंने सिर्फ़ अंडरवियर पहन रखी थी, झट से उतार दी, मेरा फनफनाता लम्बा लंड बाहर आया.. ऐना बाजी तो मेरा खड़ा लंड देखते ही रह गईं। मैंने ऐना बाजी के बालों की क्लिप को निकाल दिया तो उनके सेक्सी बाल खुले हो गए।
अब मैंने ऐना बाजी के पैरों को फैला कर उनकी बुर में अपनी जीभ डाल दी और बुर को चाटने लगा।
अहह क्या नमकीन थी उनकी बुर आह्ह.. वैसे भी उनकी बुर बहुत गीली हो गई थी.. तो चाटने में और मजा आ रहा था। ऐना बाजी तो पागल हो चुकी थीं, उनके मुँह से लगातार कामुक आवाजें निकल रही थीं ‘इश्श्स्स्स्.. अहह.. चाटो मेरी बुर को.. अह.. पी जाओ सारा पानी अहह.. भाई.. मैं पागल हो जाऊंगी, पहली बार किसी मर्द ने इसको छुआ है.. आह..’
मैं ऐना बाजी की नंगी बुर को और जोर से चाटने लगा।
कुछ देर बाद मैं उनके ऊपर आ गया और उनकी बुर में उंगली करने लगा, मेरी बहन अपने कुंवारे जिस्म की आग से पागल हो चुकी थीं और बुर चोदन के लिए मचल रही थीं ‘उम्म्म्म.. आह भाई चोद दो अपनी बहन को अहह..’
मैंने ऐना बाजी से कहा- बाजी चलो अब अपने भाई के लंड के साथ खेलो।
उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ में थाम लिया.. और हिलाने लगीं। उनके रेशमी बाल मेरे बदन पर नाच रहे थे.. तो वैसे ही मुझे आग लग रही थी, उस पर बाजी मेरा लंड हिला रही थीं। मेरा लंड हिलाते-हिलाते उन्होंने अपनी जीभ मेरे पेट के ऊपर रखी और धीरे से चाटने लगीं।
‘अहह..’
फिर उन्होंने मेरे लंड को अपने दोनों मम्मों के बीच में जकड़ा और मम्मों से लंड को रगड़ने लगीं।
उनको और मुझे दोनों को ही बहुत अच्छा लग रहा था। उनके रेशमी बाल मेरे पेट के ऊपर थे और हिल रहे थे, तो पेट में गुदगुदी हो रही थी।
बाजी ने अब मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया। मेरा लंड उनके मुँह में जाते ही मेरी सिसकारी फूट पड़ी- आहह.. यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
ऐना बाजी मेरा लंड पागलों की तरह चूसने और चाटने लगीं। वो लंड को मुँह में गले तक भर कर अपने मुँह में हिला भी रही थीं। वो लंड चूसते वक्त पूरी तरह से पागल हो चुकी थीं। आहह.. क्या हसीन अनुभव था.. मैं तो मानो जन्नत की सैर कर रहा था।
तभी वो अपने गले से ‘उम्म्म्म..’ जैसी अजीब सी आवाजें निकालते हुए और जोर से मेरे लंड को चूसने लगीं। मैंने बाजी को बोला- अब लंड बाहर निकाल दो.. मेरा माल झड़ने वाला है!
यह सुन कर तो बाजी ने लंड को और ज़ोर से मुँह में दबा लिया और ज़ोर से चूसने लगीं। अहह.. वही हुआ, मेरा लंड उनके मुँह में ही झड़ गया। अगले ही पल मेरा सारा कम उसके होंठों पर और गालों पर बिखरा हुआ था।
बाजी अब भी नहीं रुकीं, उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में अन्दर खींच लिया और कुछ मिनट तक वैसे ही चूसती रहीं। इससे हुआ ये कि मेरे लंड में फिर से जान आ गई और लंड फिर से फनफनाने लगा।
अब मैंने बाजी को अपने नीचे लेटाया और उनके पैरों को फैला दिया।
बाजी बोलीं- डीनो (ये मेरा उपनाम है) धीरे.. पहली बार करा रही हूँ। मैंने कहा- ठीक है मेरी जान!
मैंने बाजी की बुर को फैला दिला और अपना मूसल सा खड़ा लंड उनकी बुर के मुँह पर रख दिया। इसके बाद मैंने उनकी आँखों की तरफ देखा, तो बाजी ने बड़ी अदा से मुझे आँख मार दी। बाजी का आँख मारना क्या हुआ कि मैंने धीरे से एक झटका दे दिया।
वो धीरे से चीखीं- अहहा.. आआह..
अब मेरे लंड का टोपा उनकी बुर के अन्दर जा चुका था। उनको दर्द हो रहा था.. तो मैंने उनके मुँह पर हाथ रख दिया और इतना ज़ोर से झटका मारा कि मेरा पूरा का पूरा लंड बाजी की बुर में घुसता चला गया।
बाजी ने बहुत ज़ोर से चीखने का प्रयास किया.. लेकिन मेरा हाथ उनके मुँह पर जमा हुआ था, इसलिए उनकी आवाज़ अन्दर ही दब कर रह गई। नीचे मुझे कुछ तरल सा महसूस हुआ तो मैंने देखा कि उनकी बुर फट चुकी थी.. बुर में से खून बाहर आ रहा था। मैंने उनको कुछ नहीं बताया कि उनकी बुर में से खून निकल आया है।
ऐना बाजी बोलीं- डीनो, बहुत दर्द हो रहा है, निकाल दो बाहर..!
मैंने उनकी एक ना सुनी और वैसे ही उनके शरीर पर पड़ा रहा। कुछ मिनट जब उनका दर्द कम हो गया.. तो मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू किए। अब वो भी जोश में आ रही थीं.. उनको भी मजा आ रहा था ‘आहह उम्म्म्म.. भाई.. आह.. चोदो मुझे.. फाड़ डालो मेरी बुर को.. आह डीनो.. चोद डालो अपनी बहन को.. फाड़ डालो मेरी चूत!
उनकी कामुक आवाजों से मेरा जोश बढ़ रहा था। मैं बाजी की बुर में और ज़ोर-ज़ोर से झटके लगा रहा था। कुछ देर के बाद बाजी झड़ गईं, मुझे उनकी बुर में गीलापन महसूस हुआ। वो झड़ कर शांत हो गईं.. पर मेरा झटके लगाना चालू ही था।
कुछ देर बाद में वो फिर से जोश में आ गईं। अब वो नीचे से अपनी गांड उठा कर मुझे रेस्पॉन्स देने लगीं। मैं उन्हें धकापेल चोद रहा था। कुछ ही देर में मेरा लंड झड़ने को हुआ तो मैंने तुरंत लंड बाहर निकाल लिया और उनके मुँह में लंड का पानी छोड़ दिया।
आहह.. ऐना बाजी की बुर चोदने में बहुत मजा आया था। ऐना बाजी भी बहुत खुश नज़र आ रही थीं।
हम दोनों ने उस रात 4 बार चुदाई की थी, उन्हें मुझसे बुर चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था। दूसरे दिन वो बहुत खुश नज़र आ रही थीं।
अगले दो हफ्तों तक मैंने बाजी की रोज रात को जम कर चुदाई की।
अगके भाग में बहन की चुदाई की कहानी क्या रंग लाती है? आप मुझे अपने मेल जरूर लिखिएगा। [email protected] कहानी जारी है।
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