This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
दोस्तो, मैं कमल राज सिंह उम्र 27 वर्ष कद 5 फुट 10 इंच रंग गोरा मज़बूत बदन वाला लड़का हूँ। मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ। मैं कहानी पढ़ कर औरों की तरह मुठ नहीं मारता… बल्कि अपनी बीवी गीता की जोरदार चुदाई करता हूँ और वो भी खूब मजा ले ले कर चुदवाती है।
फिर मैं गीता की उस मज़ेदार चुदाई को अपने शब्दों में लिख कर कहानी बना कर अन्तर्वासना पर भेजता हूँ जिसको आप सब पढ़ कर मजा लेते हैं। इन कहानियों में गीता भी अपनी प्यार भरी बातों का और अपनी मस्ती का रंग भरती है और कहानी को और भी रोचक बना देती है।
मैं चंडीगढ़ में किराये के मकान में रहता हूँ। पम्मी मेरी मकान मालकिन 26 साल की शादीशुदा 5’4″ इंच लंबी दूध सी गोरी क्रीम सी चिकनी चंचल चुबली 36-28-36 की फिगर वाली मस्त गर्म और सेक्सी औरत है।
गीता शिमला में रहती है क्योंकि वहाँ उसके अपने बाग, मकान हैं। परंतु हम दोनों हर दूसरे तीसरे दिन मिलते रहते हैं, या तो मैं शिमला पहुँच जाता हूँ या गीता चंडीगढ़ आ जाती है। हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं और दिल खोल कर जवानी का मजा लूटते हैं।
कल शाम को गीता यहाँ आई थी, हम दोनों अपने बैडरूम में मस्त चुदाई का मजा ले रहे थे और पम्मी चुपचाप बाहर खड़ी खिड़की का पर्दा खिसका कर हमारी चुदाई देख कर मजा ले रही थी।
अगले दिन पम्मी ऊपर आई तो मैंने छेड़ते हुए कहा- हाय पम्मी… आज यहाँ क्या कर रही है… आज देखने को कुछ नहीं मिलेगा। आज तो गीता चली गई। मैंने मुस्कराते हुए पम्मी को छेड़ने के लिए कहा।
‘हाय रब्बा… मैं कुछ देखने थोड़े ही आई थी!’ पम्मी ने बदमाशी वाली हँसी से इठलाते हुए जवाब दिया और मेरे पास आकर खड़ी हो गई। मैं कुर्सी पर बैठा अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था।
‘कल भी बस एसे से ही अंदर की सिसकारी सुन कर मन मचल गया तो मैं अंदर झाकने लगी।’ ‘हां… हां… तू कुछ देखने थोड़ी आई है। तू तो दिखाने और लगवाने आई है। साली बदमाश मैं क्या तुझे जानता नहीं हूँ।’ मैंने हँस कर उसके 36 साइज के चूतड़ों पर उसकी स्कर्ट के ऊपर से हाथ लपेट लिया और मस्ती मे कमर पर हल्के से काट लिया।
‘हाय… सी… अह साले चोदू बदमाश… उफ़ मार डाला।” पम्मी उछल पड़ी। ‘क्यों अब क्या हुआ? अब मजा नहीं आ रहा? अच्छा सच बोलना कल हमारी चुदाई देख कर मजा आया था या नहीं?’
‘हां कमल, यह तो सच है कि कल तेरी और गीता की चुदाई देख कर बहुत मजा आ रहा था। …कल तो सारी रात उसी का ख्याल आ रहा था।’ पम्मी अपना एक हाथ मेरे गले में डाल कर चिपक कर खड़ी हो गई।
‘अच्छा यह बता, गीता तेरी दोस्त है, उसकी इस तरह चुदाई देख कर तुझे कैसा लगा?’ ‘हाय… सच बोलूँ तो बहुत मजा आ रहा था। क्या मजा ले ले कर चुदवा रही थी… कितनी खुश थी… वैसे भी वो तो तेरे प्यार की दीवानी है… अच्छा अब तू यह बता कि ऐसा क्या है तेरे में… जो गीता इतनी पागल है तेरे प्यार में?’
‘यह तो तुझे महसूस करके ही पता चलेगा। पर एक बात है… हमारा प्यार आँखों से… बातों से… हाथों से… ज्यादा होता है फिर मुन्ना मुन्नी वाला प्यार होता है।’
मैंने अपना हाथ उसकी शर्ट के नीचे नंगी कमर पर रख दिया और सहलाने लगा- देख पम्मी, मेरे साथ इतना फ़्लर्ट मत कर, नहीं तो अभी पकड़ कर रगड़ दूगा। कल जब मैंने तुझे झांकते हुए देखा था तभी मैं गीता को बोल रहा था कि यह पम्मी बहुत फ़्लर्ट करती है किसी दिन उठा कर पटक दूँगा। तो गीता ने मालूम है क्या जवाब दिया? कमल सच में पटक दे!’
‘बोल पम्मी, अब क्या इरादा है? अब तो गीता भी कुछ नहीं बोलेगी।’ ‘अरे जा तू क्या पटक कर रगड़ेगा? अब तो मैं ही तुझे रगड़ दूँगी। अभी तक चुप थी क्योंकि गीता मेरी सहेली है, पर अब उसने बोल दिया तो अब क्या फ़िक्र!’ पम्मी गर्दन झुका कर मेरे होटों को चूम लिया।
मैंने भी अपनी कुर्सी उसकी तरफ घुमा कर अपने दोनों हाथ उसकी स्कर्ट के नीचे उसके रेशम से चिकने चूतड़ पर रख कर दबाने लगा और कमीज के ऊपर से ही उसका पेट चूमने लगा। उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी।
पम्मी मस्ती और चुदास में सिसकार उठी- सी… ई… अह्ह्ह… हाई क्या कर रहा है जालिम कमल.. पहले ही बहुत गर्म हो रही हूँ अब तो जल ही जाऊँगी। उसने अपने हाथ से मेरा सर पकड़ कर अपने 36 साइज के चूचों पर दबा लिया.. जैसे कह रही हो इनको चूस कर रस निकाल दे।
मैंने भी झट से उसकी कमीज खोल दी और उसके खड़े काले काले निप्पल पर जीभ घुमाने लगा, पम्मी सिसकार उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… ई… ई… सीई… सीई… उफ़ कमल मार ही डालेगा… हाय राम, दरवाजा तो खुला है रे… कोई देख लेगा। पम्मी झट से अपने को छुड़ा कर दरवाजा बंद कर दिया।
मैं उठ कर खड़ा हो गया और पम्मी का हाथ पकड़ कर बैडरूम में ले गया, पम्मी मुस्करा रही थी- लगता है आज तू सच में पटक कर चूत फाड़ चुदाई कर डालेगा। ‘चूत फाड़ क्यों मेरी जान… चूत खुश चुदाई करुँगा… पर एक बात बता… तू इतनी गर्म क्यों रहती है?’ मैंने उसकी स्कर्ट की जिप खोल कए निकालते हुए पूछा और पलंग पर बैठ कर उसको अपनी टांगों के बीच में खड़ा करके उसकी केले जैसी चिकनी जांघों को चूमने लगा। एक हाथ से चूची और दूसरे से उसकी बाल रहित चूत सहलाने लगा।
पम्मी चुदास में जल उठी, सिसकार कर बोली- हाय… राजा… तेरे जैसा चोदू मर्द हो तो कौन सी औरत है जो गर्म न हो जाएगी। फिर मैं तो हमेशा ही सेक्स को बहुत पसंद करती हूँ। हमेशा उसके ही बारे में ही सोचती रहती हूँ। इसलिए मेरी चूत हर समय गीली रहती है और आग लगी रहती है, मन करता है कि हर समय चूत में मोटा सा कुछ घुसा लूँ। देख मेरी चूत कितनी गीली हो रही है।
उसने अपनी एक टांग उठा कर पलंग पर रख दी, फूली फूली चूत के मोटे होंट खुल गए और खड़ा दाना बाहर गर्दन उठा कर झांक रहा था।
मैंने झट से अपनी उंगली उसकी लपलपाती चूत में घुसा दी और अंगूठे से दाना रगड़ दिया। पम्मी को जोर का झटका लगा और उछल पड़ी- हाय साले हरामी चोदू सांड… स…ई…ई… मर…गई। उसने मिसमिसा के मेरी लुंगी पकड़ कर खींच ली और मेरा 7 इंच का मोटा तगड़ा लंड अपने हाथ में पकड़ कर जोर से दबा दिया।
मैंने उसकी चूची मुँह में ले कर काट लिया और एक हाथ से रेशमी चूतड़ मसल दिया। पम्मी चिल्ला पड़ी- हाय मार डाला जालिम चोदू ने… उफ़…स…ई…ई! उसने मेरे बाल पकड़ कर सर अपनी चूची से चिपका लिया, मैंने एक हाथ उसकी कमर में लपेट कर अपने साथ पलंग पर लिटा लिया।
इस समय पम्मी मेरे ऊपर थी पर मैंने एक पलटी मारी और उसके ऊपर आ गया। अब हम दोनो पूरी तरह नंगे पलंग पर गुत्थमगुत्था एक दूसरे की बाहों में थे। वो बार बार मुझे पलट कर ऊपर आने की कोशिश कर रही थी पर मैंने उसे अपने नीचे दबा रखा था और धीरे धीरे उसकी चूची… पेट… नाभि.. जांघों और चूत पर चूम रहा था।
पम्मी मस्ती और चुदास में मचल रही थी और बोल रही थी- हाय मेरे राजा, बहुत गर्म हो रही है चूत… अब और मत तड़फा… बस घुसा दे मेरी मचलती चूत में अपना यह मस्त मोटा तगड़ा घोड़े का लंड और निकाल दे इस चुदासी जवानी की आग!
वो मेरा लंड पकड़ कर अपनी रस छोड़ती चूत में घुसवाने की कोशिश कर रही थी पर मैं उसको उबालना चाहता था, इतना गर्म करना चाहता था कि वो अपनी चूत का रस छोड़ दे।
बस यही थी मेरी चुदाई की स्टाइल जिस की वजह से मेरी पत्नी गीता मुझसे इतना प्यार करती थी और मेरे प्यार की दीवानी थी। मैं उसकी पतली सी लंबी फांकों वाली चूत को इतना चूसता कि वो झड़ने वाली हो जाती है, तब मैं एक झटके में अपना लंड अंदर घुसा कर जोरदार झटके मारता हूँ कि वो फ़ौरन झड़ जाती है। यही काम मैं पम्मी के साथ करना चाहता था।
मैंने उसकी चूत पर अपने होंट चिपका दिए और जीभ अंदर कर रसीली चूत का रस चूसने लगा। पम्मी मस्ती और चुदास से भर गई अपने चूतड़ उठा कर चिल्ला उठी- हाय… सी…सी.. ओह्ह मर गई… राजा निकल दे… निचोड़ डाल इस चुदासी चूत को… उफ़… हाई! मेरा एक हाथ उसकी चूची को मसल रहा था दूसरा मलाईदार चूतड़!
अभी 2-3 मिनट ही चूसा होगा कि पम्मी अकड़ने लगी, पम्मी मेरे बाल जोर से पकड़ कर अपने ऊपर खींच रही थी, मुझे लगा कि वो अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती, झड़ जायेगी, मैंने झट से उसकी टाँगें उठाकर पीछे मोड़ कर घुटने उसकी चूची से लगा टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया और अपना पत्थर जैसा कड़क लंड चूत के मोटे मोटे होटों के बीच में रगड़ने लगा।
पम्मी सिसकार उठी- हाय सी… आई… उई घुसा दे ना राजा… बहुत जालिम है तू… बहुत तड़फ़ाता है… घुसा दे ना अब! ‘अभी घुसाता हूँ साली चुदक्कड़, ऐसी जल्दी क्या है? अभी जरा लंड को तेरी इस मस्त चुदासी रसीली चूत की मलाई का स्वाद का मजा दे रहा हूँ।’ मैंने पम्मी की चुदास का मजा लेते हुए उसकी चूची को मसल लंड का टोपा गीली चूत में घुसा कर उसके ऊपर झुकते हुए कहा।
‘हाय रब्बा, साले चोदू सांड, यहाँ मेरी जान निकल रही है वहाँ तू लंड को मलाई का स्वाद दे रहा है। उफ़… सी…सी… हां… बस मार दे ना धक्का!’ पम्मी ने अपने गोल गोल चूतड़ उछाल कर झटका मारते हुए कहा। मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा दिया। चूत मस्त गीली थी और लंड लोहे की तरह कड़क, चूत में अंदर तक घुस गया और चोट मार दी।
पम्मी तडफ़ उठी- हाय मर गई… फाड़ डाली चोदू राजा… उफ़… क्या मस्त गर्म गर्म कड़क मोटा तगड़ा लंड है… हां… राजा… हां… लगा दे दो चार धक्के मेरी चूत तो बस पानी छोड़ने वाली है।
मैंने आधा लंड निकाल फिर से ठोक दिया, ऐसे 3-4 बार करने से पम्मी अकड़ने लगी, उसने अपनी जांघों को भींच कर चूतड़ ऊपर उठा चिल्ला कर झड़ने लगी- हाय राजा… गई… निकल गया सारा जवानी का रस!
पम्मी ने अपनी जांघों को कस के भींच लिया और चूतड़ को झटके मारते हुए झड़ गई। मैंने उसे जांघों और बाहों में दबा रखा था।
‘हाय राम राजा, तूने तो सच में ही दो तीन धक्कों में जान निचोड़ डाली, क्या मस्त अंदर तक ठोका है।’ पम्मी मुझे चूम रही थी।
‘पर मेरी जान, तुझे तो मजा आ गया पर मेरा तो अभी तन कर तेरी झड़ी हुई चूत में घुसा है अभी इसका निकलना तो बाकी है। मैंने उसके चूतड़ मसलते हुए कहा। ‘हाय मेरे चोदू राजा… तो सोच क्या रहा है चोद दे ना और निकाल दे अपने मस्त लंड का रस मेरी चूत में चुदाई करके!’
‘ऐसे नहीं मेरी जान, अब तो मैं तेरी पीछे से कुतिया बना कर चोदूँगा।’ मैं पम्मी के ऊपर से उठ कर बिस्तर के बराबर में जमीन पर खड़ा हो गया, पम्मी को खींच कर बिस्तर के किनारे आगे झुक कर कुतिया बना दिया।
उसने ख़ुशी से अपनी जांघों को दूर तक खोल अपनी झड़ी हुई गीली गीली चमकती ग़ुलाबी चूत, चूतड़ उठा कर पीछे को धकेल कर खोल दी- ले मेरे चोदू सांड, ठोक दे अपने चोदू को मेरी चूत में!
मैंने उसके मस्त गोरे चिकने चूतड़ों को सहलाते हुए अपना मस्त तना हुआ लंड उसकी गीली चूत में एक ही धक्के में पेल दिया। एक हाथ से चूची मसल, दूसरे से चूत का दाना रगड़ते हुए धक्के लगा कर चोदने लगा। पम्मी ‘हाय हाय…’ करती रही और मैं पूरी रफ़्तार से उसकी चप-चप चूत… धप-धप चूतड़ पर बजाता रहा।
जब पम्मी की चूत ने एक बार फिर से पानी छोड़ दिया तो मैंने भी उसकी चूत की जड़ में पिचकारी मार दी। हम दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए।
‘कमल राजा, मुझे अब समझ में आ गया कि गीता क्यों तुझसे इतने प्यार करती है। ऐसा मस्त गर्म करके ठोकता है कि चूत को बोलने का या सोचने का मौका ही नहीं देता। अब तो राजा मेरी चूत भी रोज़ मारनी पड़ेगी।’ पम्मी अपनी टांग मेरे ऊपर चढ़ा कर चूमते हुए बोली। ‘यही तो मैं भी कह रहा हूँ पम्मी रानी, अब तो रोज़ चुदवानी पड़ेगी। यहां तक कि गीता के साथ भी!’ मैंने उसके चूतड़ मसल कर कहा। हाय… सच्ची राजा? फिर तो मजा आ जाएगा।’
इस तरह शुरू हो गई पम्मी और गीता की साथ साथ चुदाई।
आपको यह चुदाई कहानी कैसी लगी, अपने विचार जरूर लिखें।
[email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000