This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अब तक आपने पढ़ा.. सारिका के संग मैं और मेरा दोस्त अंकुर वाशरूम में आ गए थे, अन्दर आते ही मैंने सारिका की शमीज को उतार दिया था। अब आगे..
मुझे सारिका की समीज उतारते देख कर अंकुर ने भी उसकी पेंटी के अन्दर हाथ डाला और उसकी टांगों के रास्ते से बाहर कर दिया।
शमीज़ उतरने के बाद मैंने तुरंत उसकी ब्रा से उसके मम्मे आज़ाद कर दिए, अब सारिका हम दोनों मर्दों के बीच नंगी थी। अगले ही पल हम दोनों ने भी अपने अंदरुनी कपड़े उतार दिए।
अब हम तीनों अल्फ नंगे हो गए थे, मैंने शावर ऑन कर दिया और सारिका को बाथटब में बिठा दिया। टब में पानी की बौछार गिरना शुरू हुई थी कि अंकुर ने आगे बढ़ कर अपना लौड़ा सारिका के मुँह में दे दिया। सारिका भी मजा लेकर उसका लौड़ा चूसने लगी।
मैंने सारिका के पूरे शरीर पर साबुन लगा दिया। साबुन की झाग की वजह से काफी फिसलन हो गई थी, तो मैंने सारिका को आगे को झुका दिया और बाथरूम में ही उसकी गांड को पकड़ कर एक झटका लगा दिया और मेरा लंड सारिका की गांड के छेद में फिट हो गया। सारिका भी मजा से मेरा लंड अपनी गांड में लील गई।
उसके बाद मैंने सारिका को पीछे अपनी ओर खींचा और अंकुर को आँख मार कर इशारा किया.. तो अंकुर ने भी बिना देर किए आगे आकर उसकी चूत में अपना लौड़ा पेल दिया। अब सारिका हम दोनों मर्दों के बीच सैंडविच बन चुकी थी।
हम उसकी चूत और गांड में झटके लगाने लगे। तो सारिका तड़फ कर बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… सालों आज तो मेरी फाड़ ही डालोगे.. कमीनों.. अह्ह्ह..उई.. धीरे.. सालों अपना रस आज मेरे मुँह में डालना।
उसके ये शब्द सुन कर हम और उत्तेजित हो गए और बाथरूम में ही उसे जोर-जोर से चोदने लगे। परन्तु बाथरूम में उसे चोदने में हमें थोड़ी दिक्कत आ रही थी.. तो मैंने कहा- यार अंकुर हम सब बिस्तर पे चलते हैं। हम तीनों ने अलग होकर अपने शरीर साफ़ किए और नंगे ही बाथरूम से बाहर आ गए।
बिस्तर पर आकर मैंने सारिका की चूत में अपना लौड़ा डाला और अंकुर को उसकी गांड मारने को मिली। अब हम दोनों ने सारिका को बिस्तर पर घोड़ी बना लिया और उसकी एक साथ दो-तरफा चुदाई शुरू कर दी।
कुछ ही देर में हम दोनों के छेद बदल गए और अब अंकुर सारिका की चूत में लंड ठोक रहा था और मैं गांड बजाने में लगा था। हमारे लौड़ों ने सारिका की चूत और गांड की जड़ तक चोट मारनी शुरू कर दी थी।
इससे एक बार फिर जोर से सारिका ने चीखना शुरू कर दिया- उई आह आह सी.. सी.. सालों मर गई.. बस करो कमीनों.. आह आह.. अह चुद गई आह्ह.. सी कुत्तों.. चोद दिया मुझे.. आह आह मजा आ गया.. उह्ह.. उह्ह.. बस निकल गया मेरा रस..
यह कहती हुई सारिका अपनी चूत से रस धार अंकुर के लंड पर छोड़ने लगी।
अंकुर भी गालियाँ देते हुए चोदे जा रहा था- आह सी.. चुद साली.. ला अपनी जवानी का रस छोड़ मेरे लंड पर कुतिया.. रण्डी.. आह आह चुद चुद.. बहन की लौड़ी..
मैंने भी उसकी गांड में जोर-जोर से झटके लगाने शुरू कर दिए ताकि वो झड़ने का पूरा मजा ले सके।
झड़ने के बाद वो पस्त सी हो गई, मैंने और अंकुर ने उसकी गांड और चूत में पूरी स्पीड से चुदाई शुरू कर दी, हमारे दोनों लौड़े एक साथ उसकी माँ-बहन एक कर रहे थे।
तभी वो फिर बोली- अह्ह्ह्ह सालों आ जाओ अब.. उई आह आह कुत्तों बस बस.. चुद गई.. अब तो झड़ जाओ.. आह आह सी सी.. उसने फिर से चूत से धार अंकुर के लंड पर छोड़ दी।
तभी अंकुर बोला- उई आह आह आह.. साली.. ले मैं आने वाला हूँ.. वो बोली- आह साले.. मेरे मुँह में आ.. तू भी आ जा रवि.. कुत्तों यहाँ मेरा मुँह चोदो भोसड़ी के..
हमने ज़ल्दी से अपने अपने लौड़े उसकी चूत और गांड से निकाले और उसे पीछे को करके खड़े होकर उसके मुँह के सामने हो गए।
सारिका ने भी तुरंत अपने दोनों हाथों से हम दोनों के लंड सम्भाल लिए। अब तुरंत ही मैंने उसके मुँह के अन्दर अपने लौड़े की पिचकारी छोड़ दी, इसे देखते ही अंकुर ने भी अपनी धार उसके नाक और होंठों के ऊपर छोड़ दी।
फिर हम दोनों की धारें पता नहीं कहाँ कहाँ गिरीं, बस रस धार गिरती गई। सारिका कभी मेरा लौड़ा अपने मुँह में लेती.. तो कभी अंकुर का!
हम दोनों के वीर्य भी आपस में मिक्स हो गए थे। उसके बाद कुछ देर तक उसने हम दोनों के लंड चूस-चूस कर साफ़ किए। फिर हम सभी अलग अलग हो गए।
मैंने सारिका के होंठों को लिप लॉक किया और किस कर दी, मेरे चुम्बन से वो भी खुश हो गई और उसने मुझे तीन-चार चुम्बन एक साथ दे दिए। मैंने कहा- क्यों साली.. आ रहा है यार के साथ मजा? वो बोली- बहुत मजा आ रहा है आपके साथ.. कल वो मशीनी लंड से चुदाई और आज दो लंडों से एक साथ चुदाई.. इस मजे को तो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
हम दोनों ने फिर से चुम्बन लिए, फिर सारिका ने अंकुर को भी चूमा और फिर हम सब बिस्तर पर लेट गए।
कुछ देर बाद मैंने लैपटॉप निकाला और उस पर एक ग्रुप सेक्स की फिल्म लगा दी, जिसमें एक लड़की दो मर्दों से अलग-अलग पोज़ में चुद रही थी।
उसे देखते देखते हमारे लंड फिर से खड़े होने लगे, सारिका तो सेक्स की मूरत बन कर आई ही थी, वो खुद चाहती थी कि उसकी चुदाई दिन-रात लगातार हो। अब सारिका ने भी गर्म होकर पहले मेरे टट्टों पर जीभ फिरानी शुरू कर दी और मेरी गोटियाँ चूसने लगी।
अंकुर ने उसके मम्मों को मुँह में ले लिया, वह उसके मम्मों को और चूचियों को खींच कर चूस रहा था। तभी मैंने भी सारिका का राईट साइड का निप्पल अपने मुँह में ले लिया और उसकी चूची चूसने लगा। उसकी लेफ्ट चूची पहले से ही अंकुर चूस रहा था।
सारिका को एक साथ दो मर्दों से अपनी दोनों चूचियां एक साथ चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर चूचियां चूसने के बाद, हम दोनों ने उसके हर अंग को चूसना शुरू कर दिया। हमने उसके कानों, गालों, नाक, आँखें, कन्धों, मम्मे.. मम्मों के बीच की गहराई, उसकी बांहों को और उसकी ऊपर की जाँघों को, पेट को, नीचे नितम्बों को मतलब यह कि उसके शरीर के हर हिस्से को चूसा।
ऐसा करने से सारिका सातवें आसमान पर पहुँच गई। हम दोनों मर्दों की जीभ ने उसका ऐसे ही पानी निकलवा दिया, उसकी चूत का सीधा फुव्वारा मेरी नाक पे पड़ा।
मैंने कहा- साली, बस चुद गई बहनचोदी.. अब कहाँ गई तेरे अन्दर की रंडी.. मादरचोद! मेरी इतनी बात सुन कर वो बोली- आ साले दिखाऊं तुझे अपने अन्दर की रंडी.. मेरे कुत्ते यार आ भैन के लंड आ…
यह कह कर उसने अपनी चूत को मेरे होंठों पे रख दिया और अपना सारा पानी मेरे होंठों पे निकाल दिया। मजबूरन मुझे भी सारा पानी पीना पड़ा। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
तभी उसने मेरे टट्टे पकड़े और बोली- बोल साले कहाँ डालेगा अब? मैंने कहा- तेरी गांड में पेलूँगा कुतिया। वो बोली- हाँ मादरचोद.. तू तो गांड ही मार मेरी.. साले कमीने! यह कहते हुए वो अपने चूतड़ बाहर को निकाल कर खड़ी हो गई और मैंने भी उसकी गांड को पकड़ा। मैंने फिर से उसकी गांड चोदन शुरू कर दिया।
तभी सारिका अंकुर की ओर देखती हुई बोली- तू मादरचोद किसके सिग्नल का इंतजार कर रहा है? तभी अंकुर उठा और बोला- तेरी माँ की चूत के इशारे का इंतज़ार कर रहा हूँ कुतिया, ले भोसड़ी की चुद। कहते हुए उसने अपना लौड़ा सारिका की चूत में पेल दिया। हम दोनों दोस्त फिर ताल से ताल मिला कर सारिका की गांड और चूत एक साथ चोदने लगे।
इस बार हमारी चुदाई करीब लगातार 20 मिनट तक चली। इसमें सारिका ने करीब तीन बार अपना पानी छोड़ा और दो बार हमने अपनी जगह बदली की।
मतलब मैं आगे और अंकुर पीछे, फिर अंकुर आगे आ गया.. मैं पीछे से लंड के धक्के देने लगा।
झड़ने के समय मैं सारिका की चूत चोद रहा था और अंकुर उसकी गांड को चोद रहा था। अब हमने अपने लौड़े भी चूत और गांड में ही खाली कर दिए।
जब हमारे लंडों से वीर्य की धारें निकल रही थीं, तो सारिका भी जोर-जोर से मस्ती से चिल्ला रही थी। इसलिए हम सभी को इस भरपूर चुदाई का बहुत मजा आया।
दोस्तो, बताने को तो इस चुदाई के बारे में और भी बहुत कुछ है, परन्तु मैं अपनी कहानी को ज्यादा लम्बा नहीं करना चाहता इसलिए उसके बारे में कभी फिर सही।
सारिका करीब 6 दिन मेरे पास रही और इन 6 दिनों में हमने बहुत मजा किया, साथ में अंकुर भी हमारा साथ दे रहा था इसलिए हम सभी को बहुत मजा आया।
दोस्तो, यह कहानी मैंने सारिका और अंकुर की सहमति से लिखी है। अब जब मैं यह कहानी लिख रहा हूँ, तो अंकुर को मैंने व्हाटसएप पर बता दिया है कि मैं कहानी लिख रहा हूँ।
आप सभी दोस्त मुझे पहले जैसे ही ईमेल करते रहना। दोस्तों, आप सभी की ई-मेल्स का इंतज़ार रहेगा।
अब मेरे फेसबुक पेज पर भी मेरी कहानियाँ आप पढ़ सकते हो। कभी वक्त मिला तो आपको फिर मिलूँगा, तब तक आप मेरी इस कहानी का मजा लीजिए।
फीमेल अपनी चूत और मेल अपने लौड़े हिला कर कहानियों का आनन्द लेते रहिए, फिर मिलेंगे एक नई कहानी के साथ। मुझे ईमेल करना मत भूलिएगा। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000