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आपने अब तक पढ़ा.. कमल अपनी बीवी को अपनी और सरला भाभी की चूत चुदाई की बातें बता रहा था कि कमल सरला भाभी ने निप्पलों को मींजने लगा था। अब आगे..
सरला भाभी खूब मस्त हो गई थीं और सिसिया रही थी- हां कमल हां.. मसल दे.. दबा दे उफ़.. आज तो सच में चूत में आग लग रही है। देख कमल अगर प्यार से चुदाई का असली मज़ा लेना है तो औरत को इतना गर्म कर.. कि वो मस्ती में चुदास में चिल्ला कर कहे कि घुसा दे अपना लंड मेरी चूत में.. और चोद डाल!’ ‘भाभी अब तो तू ही मेरी गुरु है.. पर सच में तेरी यह मस्त गदराई जवानी चूस कर दबा कर बहुत मज़ा आ रहा है।’ ‘हां कमल सच में बहुत मज़ा आ रहा है चल अन्दर बेडरूम में चलते हैं।’
सरला भाभी ने कमल को हाथ से पकड़ कर खड़ा कर दिया और दोनों बेडरूम में आ गए। कमल बिस्तर पर अपनी टांगें लटका कर बैठ गया, उसने सरला भाभी को अपनी जाँघों के बीच खड़ा कर उनकी साड़ी खींच कर निकाल दी और पेटीकोट का नाड़ा खींच कर उनके चूतड़ों पर से नीचे खिसका दिया।
सरला भाभी खुद अपनी पेंटी निकाल कर नंगी हो गईं, उन्होंने कमल को खड़ा कर उसका पजामा और शर्ट निकाल दिया और उसे भी नंगा कर दिया।
कमल नंगा होने के बाद फिर बिस्तर पर बैठ कर सरला भाभी की चूची चूसते हुए एक हाथ से उनके चूतड़ मसलने लगा और दूसरे हाथ से नंगी चूत का दाना रगड़ रहा था।
सरला भाभी दाने पर हाथ लगते ही उछल पड़ी- अह्ह्ह.. हाय.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी…हां.. कमल हां बहुत गर्म और गीला कर डाला है राजा मुझे.. तेरा यह कमर पर चूमना और चूत के दाने को दबाना.. आह्ह.. बहुत मज़ेदार लग रहा है। ‘हम्म ले.. ले.. मजा भाभी..’ ‘बस राजा अब नहीं रुक सकती।’
सरला भाभी ने कमल को धक्का दे कर बिस्तर पर गिरा दिया और उसकी टांगें भी ऊपर कर दीं, भाभी लपक कर कमल के ऊपर चढ़ कर उसकी जांघों पर बैठ गईं, भाभी कमल का खड़ा और मोटा तगड़ा लंड हाथ में पकड़ कर हिलाने लगीं- वाह राजा क्या सुन्दर मस्त कड़क लंड हो रहा है।
कमल ने भाभी की चूत में उंगली घुसा दी और दूसरे हाथ से भाभी की चूची को दबाने लगा। सरला भाभी भी अपने चूतड़ों को धीरे-धीरे हिला रही थीं।
‘वाह भाभी.. वाह.. तेरे इस प्यार में तो बहुत मजा आ रहा है। क्या मस्त गोरी-गोरी चिकनी चिकनी मस्त जवानी है। मुझे भी दबा कर चूस कर बहुत मजा आ रहा है और अब तो तेरी चूत भी खूब गीली-गीली रसीली हो रही है।’
सरला भी मस्त और चुदास में उछल रही थी- ..हां राजा.. हां.. हाय राम…सी.. उफ़..साले बदमाश.. उंगली क्यों घुसा रहा है जालिम.. चूत की रबड़ी निकल जाएगी.. बाहर निकाल जल्दी से.. मुझे तेरे लौड़े पर चढ़ना है.. अह्ह्ह.. सी.. उफ़.. चूत में बहुत आग लगा दी जालिम!
भाभी ने कमल के लंड के टोपे को अपनी बड़ी सी खुली और गीली-गीली चूत पर रगड़ कर गीला कर दिया। फिर अपने चूतड़ों को उठा कर लंड के टोपे को चूत के मोटे-मोटे होंठों बीच में फंसा कर धीरे से उस पर बैठ गईं और एकदम से अकड़ गई- अह्ह्ह.. हाय.. सी.. हाय.. मर.. गई.. बहुत मोटा है जालिम..
सरला भाभी ने अपने चूतड़ हिला कर लंड को अपनी चूत में घुसा लिया। कमल भी उनकी मस्त चुदासी गर्म जवानी का मज़ा ले रहा था और पूरे जोश में था। उसने सरला भाभी के चूतड़ों को पकड़ कर नीचे से एक जोरदार धक्का मार दिया और अपना कड़क लंड सरला भाभी की चूत में जड़ तक ठोक दिया।
भाभी मस्ती में तड़फ उठी- उफ़.. मर.. गई.. हाय राम.. कमल.. सी.. अह्ह्ह.. बहुत गर्म है यार! सरला भाभी अपने आप धीरे-धीरे अपने चूतड़ों हिला कर चुदाई करते हुए उसके ऊपर झुक कर अपनी चूचियों को कमल के सीने पर रगड़ रही थीं- हाय…राम कमल, यह तो बहुत कड़क हो रहा है यार.. सी.. ई.. सी.. अपनी चूत तो ऐसे ही झड़ जाएगी राजा.. सी.. ई.. उई..’
कमल दोनों हाथ से भाभी के चूतड़ों को मसल रहा था और चूचियों की कड़क घुंडी चाटते हुए चूस रहा था- हां… भाभी… हां… घुसवा ले पूरा! बहुत मज़ा आ रहा है तेरी चूत भी मस्ती में पानी-पानी हो रही है.. हां.. लगा दे धक्का जल्दी से…हां.. .हां..’
सरला भाभी मस्ती में अपने चूतड़ों को तेज़ी से हिला रही थी- ‘उफ़.. मर गई राजा.. मर गई.. मेरा निकल गया.. निकल गया कमल.. अपना तो गया। भाभी मस्ती और चुदास में चिल्ला रही थीं और जोर से झटके मार चूत को कस कर झड़ रही थीं। कमल ने उनके चूतड़ पकड़ रखे थे.. क्योंकि उसका भी माल निकलने वाला हो गया था- हाय भाभी.. रुक क्यों गईं.. मार.. ना जल्दी.. अपना लंड भी पिचकारी मारने वाला है.. उह्ह्ह.. उह्ह्ह.. हाय.. ले.. ले.. निकला!
कमल ने सरला भाभी को जोर से ऊपर उठा कर अपना पूरा लंड चूत की जड़ तक घुसाया.. और अपनी जोरदार पिचकारी मार दी- उफ़.. भाभी.. वाह क्या मज़ा आ गया.. वाह तू तो बहुत मस्त माल है। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
‘हाय राम.. मेरा चोदू राजा.. तू तो मस्त चोदू निकला.. आह्ह.. क्या जोरदार चुदाई कर डाली.. आह्ह.. यह मेरी जिंदगी की सबसे मस्त चुदाई थी, इतना सारा रस.. उह्ह्ह.. सारा रस निकाल डाला।’
दोनों एक-दूसरे की बांहों में जकड़े हुए थे चूम रहे थे। सरला भाभी की चूचियां कमल के सीने में दबी थीं और कमल के हाथ सरला भाभी के चूतड़ों पर कसे हुए थे। सरला भाभी उसके लौड़े से रस निचोड़ने के लिए अपनी चूत को भींच रही थी- उफ़ राजा सच में असली जवानी की चुदाई का मज़ा आ गया।
भाभी धीरे से उसके ऊपर से उठीं.. तो कमल ने उनकी एक चूची मसल दी- सच भाभी, तेरी चूची बहुत सुन्दर और मस्त हैं। इनको दबा कर दिल ही नहीं भरता.. चूतड़ तो और भी मस्त हैं, क्या रेशम से चिकने चूतड़ हैं। सच भाभी आज तो जैसे सपना पूरा हो गया।
कमल उठ गया और पजामा पहन लिया सरला भाभी मुस्कराती आँखों से उसको देख रही थीं। ‘अब ऐसे क्या देख रही हो भाभी.. सारा माल तो निकाल डाला।’ ‘अरे मेरे राजा तेरे लौड़े में बहुत दम है.. क्या मस्त मोटा-तगड़ा लंड है। जोरदार तरीके से मेरी चूत फाड़ कर घुस गया था जालिम। अभी तो बहुत माल है इसमें। तूने यह सब कहा सीखा?’
सरला भाभी ने चूम कर उसके लंड से खेलते हुए पूछा- बस भाभी पोर्न फिल्म देख कर सीख लिया.. पर भाभी तुम तो पोर्न फिल्मों की नायिका से कहीं ज्यादा सुन्दर और मस्त माल हो। थोड़ी देर बाद वो दोनों अलग हो गए और कमल अपने फ्लैट में चला गया।
अगले दिन जो हुआ उसका सोच कर कमल बहुत मस्ती में था, जब सरला ने दोपहर को फोन किया, वो ऑफिस में बीमारी का बहाना करके घर वापिस आ गया था। कमल बहुत उत्तेजित था और सरला भाभी की चूची.. चूत.. चूतड़ों और चुदाई का सोच कर सड़का मार कर मज़ा लेना चाहता था।
‘क्यों मेरे राजा चोदू राजा क्या कर रहा है, ऑफिस में बहुत व्यस्त है क्या?’ सरला भाभी की आवाज़ बहुत खुशी से भरी हुई सुनाई दे रही थी। ‘कुछ नहीं भाभी.. बस आपके फोन का इंतज़ार कर रहा था। आज तो मैं भी आपकी तरह सड़का मार कर मजा लेने वाला हूँ।’ ‘हाय राम तो क्या ऑफिस में ही सब के सामने सड़का मारेगा?’ ‘भाभी ऑफिस में क्यों.. मैं तो घर पर हूँ और सड़का मार कर मजा लेने वाला हूँ।’
‘हाय राम सच में तू घर पर है.. क्या बात है.. अब तो मजा आ गया! कुछ और भी माँगा होता तो मिल जाता! मैं आ रही हूँ, हम दोनों साथ में सड़का मार कर मज़ा ले सकते हैं। क्यों करेगा ना राजा?’ भाभी हंस कर बोलीं।
‘जरूर भाभी.. क्यों नहीं करूँगा, अब तो तेरे लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ मेरी रस भरी भाभी.. जल्दी से आ जाओ.. मेरा बहुत जोर से तन कर खड़ा है।’ ‘हाय राम.. निकाल मत देना चोदू, आज तो फिर से कल की तरह मजा लेने का मौका मिला है, बस अभी आ रही हूँ तू दरवाज़ा खोल!’ भाभी ने हँस कर फोन बंद कर दिया।
कमल ने जल्दी से ख़ुश होते हुए दरवाज़ा खोल दिया, सरला भाभी ख़ुशी से मुस्कराती हुई अन्दर आ गई, कमल ने दरवाज़ा बंद कर दिया। दोनों एक-दूसरे की बांहों में समा गए, कमल अपना खड़ा लंड साड़ी के ऊपर से भाभी की चूत में ठोकर मार रहा था और उसके हाथ सरला भाभी की कमर और चूतड़ों को सहला रहे थे। दोनों के होंठ चिपके हुए थे और सरला भाभी अपने पंजों पर उचक कर उसके प्यार का मजा ले रही थीं- उफ़ कमल.. यह क्या जालिम.. ऐसे ही ठोक देगा क्या.. तेरा लंड तो मस्त खड़ा है।
सरला भाभी ने हाथ में लंड पकड़ कर और जोर से साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर दबाने लगी- सी.. उह्ह्ह.. अह्ह्ह.. वाह राजा बहुत दमदार माल है तेरा! ‘क्या भाभी.. तेरा भी क्या मस्त माल है।’ कमल ने सरला भाभी के चूतड़ों को मसल दिए और उनके ब्लाउज से निकलती चूचियों को चूम लिया- अह्ह्ह.. सच में भाभी.. मजा आ गया।
वो दोनों जल्दी से बेडरूम में आ गए। ‘चलो ना भाभी.. सड़का मारते हैं।’ कमल बिस्तर पर बैठा था और सरला भाभी शीशे के सामने खड़ी थीं।
‘हाय राम मेरे भोलू चोदू राजा, हम साथ हैं, दोनों इतने उत्तजित हैं। गर्म हैं.. तो फिर सड़का क्यों मारें? जबकि हम मस्त चुदाई का मज़ा ले सकते हैं। उफ़ जालिम.. तूने तो जादू कर दिया है। कल हुई मस्त चुदाई का अभी तक मजा आ रहा है।’
इनकी चुदाई चलने दीजिए और आप मुझे ईमेल कीजिएगा। [email protected] कहानी जारी है।
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