मियां बीवी की चुदाई की मस्त बातें और चूत चुदाई की कहानी-1

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‘क्या हुआ गीता आज भी देर हो गई।’ जवान सुन्दर स्मार्ट ऊँचे कद वाले कमल ने अपने मुम्बई के बड़े से फ्लैट की खुली रसोई में खड़े हुए अपनी पत्नी गीता के शाम को ऑफिस से आने पर आवाज़ लगाई।

‘मैं देर से नहीं आई। तू जल्दी आ गया है..’ हँसते हुए गीता ने जवाब दिया और अपने बेडरूम में जा कर अपनी साड़ी निकालते हुए अपनी ब्रा-पैंटी भी निकाल दी, केवल पेटीकोट और ब्लाउज में रसोई में आ कर कमल को साइड से अपनी बांहों में भर चूमने लगी।

एक हाथ उसकी लुंगी में डाल कर उसका लंड पकड़ कर बोली- क्या हुआ राजा.. आज खड़ा नहीं है! यह कह कर गीता ने लंड को दबाकर अपनी चूत को कमल की जाँघों पर रगड़ दी।

जवान 28 साल का कमल.. और 26 साल की गीता की एक महीना पहले ही शादी हुई थी। गीता पतली-दुबली लंबी करीब 5 फुट 6 इंच गोरी सुन्दर पंजाबी लड़की थी। कमल भी सुन्दर मज़बूत मस्त चोदू सांड था।

‘अब तू खड़ा करेगी ना मेरी जान!’ कमल ने गीता की लंबी पतली गोरी-गोरी चिकनी-चिकनी नंगी कमर पर अपनी बांहों को लपेट कर अपनी तरफ खींचते हुए उसके गाल पर चूम कर कहा। कमल का दूसरा हाथ गीता के ब्लाउज में कैद उसकी चूचियों पर था।

‘हाय राम.. तेरी चाय तो उबल रही है..!’ कमल ने अपना हाथ खींचते हुए कहा। ‘ओह हां.. मैं भी तो उबल रही हूँ राजा.. एक बार दबा दे ना जोर से!’ गीता ने उसे चूम लिया।

कमल ने गीता के चूतड़ मसल कर ब्लाउज से बाहर झाँकती एक चूची को चूम लिया और मग में चाय डालकर कुर्सी पर बैठ गया। उसने गीता को अपने घुटनों पर बैठा लिया और उसका पेटीकोट ऊपर खिसका कर उसकी केले जैसी चिकनी-चिकनी जाँघों को सहलाते हुए पूछा- यह बता गीता, क्या तू मुझसे शादी करके खुश है?

वो दोनों चाय की चुस्की ले रहे थे और कमल की उंगली गीता की नंगी चूत के दाने को दबा रही थी। ‘जी हां.. मैं बहुत ही खुश हूँ। क्यों, क्या तुम्हें मैं खुश नहीं लगती?’

गीता ने कमल की लुंगी खोल दी और हल्के हाथ से उसके मोटे तगड़े गोरे-गोरे लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी, साथ ही वो लंड को चूम भी रही थी।

‘ओह्ह हां.. लगती तो तू खुश है। पर मैंने अपनी चुदाई की मस्ती में… प्यार करते समय बहुत से ऐसे काम तेरे साथ कर डाले, जो शायद तुझे पसंद नहीं थे। जैसे गन्दी बातें करना, मेरे लंड के साथ खेलना.. अपनी चूचियों में दबा कर चूसना और सबसे ज्यादा मैं हर समय तुझे अलग-अलग तरीके से अलग-अलग जगहों पर चोदना चाहता हूँ।’

‘ओह.. उह.. मेरे राजा, मुझे यह सब अब बहुत पसंद है। सच तो यह है राजा, जैसे मुझे इसकी आदत सी पड़ गई है। अब अगर तू यह सब नहीं करता तो मुझे इसकी कमी महसूस होती है। मुझे तेरा मोटा तगड़ा गोरा-गोरा लंड अपनी चूचियों में दबा कर प्यार करने में बहुत मज़ा आता है। हर समय इसके साथ खेलने का मन करता है।

गीता प्यार से मुस्कराते हुए कमल को देख कर चूम रही थी और अपने दिल की बात बता रही थी।

‘मैं तो चाहती हूँ कि तू मेरे चूतड़, चूची, चूत से खूब खेल कर मुझे इतना मस्त कर दे कि मैं तेरा मस्त मोटा तगड़ा लंड अपनी गर्म गीली चिकनी चूत में घुसवा कर तुझसे सारे घर में अलग-अलग जगहों में खूब जोरों से चुदूँ। मुझे बहुत मज़ा आता है राजा! तूने मुझे बहुत बदमाश बना दिया है। ऊपर से तू भी इतना सुन्दर स्मार्ट और तगड़ा है कि दिल तेरे प्यार और चुदाई के लिए मचल जाता है राजा!’

गीता ने कमल का खड़ा लंड का टोपा अपनी चूत के होंठों के बीच रगड़ डाला और सिसिया उठी- अह्ह्ह.. सी.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई..ई.. राजा.. मैं बहुत गर्म हो रही हूँ.. मेरा तो ऐसे ही निकल जाएगा राजा!

‘तो निकल जाने दे मेरी रानी और भी मज़ेदार हो जाएगी.. और फिर चूत रस में लंड घुसा कर तुझे चोदने में और भी ज्यादा मज़ा आएगा। तू मेरे कारण बदमाश नहीं हुई है। यह तो तेरी मस्ती के सपने और इच्छा थी.. जो तेरे अन्दर दबी हुई थी। तू पूरी तरह अपनी मस्त जवानी का मज़ा लेना चाहती थी, जो मैंने सच कर दिया ताकि तू अपनी जवानी का असली मज़ा ले सके और खुश रहे।’ कमल उसको चूम रहा था और चूतड़ और चूची से खेल रहा था।

‘तुझे कैसे मालूम था कि मैं यह सब कर सकती हूँ और तू मुझे इतना बदमाश बना सकता है?’ गीता ने मस्ती में अपनी जांघें खोल कर लंड को अपनी चूत से रगड़ा और कमल का हाथ अपनी गोल-गोल चूची पर रख कर बोली- जोर से दबा ना राजा?

‘मैं तेरे सपने तेरी आँखों देख सकता था, यह सब तेरी निगाहों में था, मुझे लगता था कि सही समय और प्यार से तू बहुत मस्तानी हो जाएगी.. जैसा मैं चाहता हूँ।’ कमल ने गीता की चूची मसल डाली।

‘हाय मर गई राजा.. सी.. ईई.. सच में राजा.. तू बहुत चालू है और मस्त चोदू भी है। अच्छा अब तूने मुझे इतना चुदक्कड़ और जंगली बना दिया है तो बता कि तू मुझे दिन में कितनी बार चोद सकता है और एक चुदाई में कितनी देर तक चोद सकता है?’ गीता सिसकार कर कमल की मस्त बातों का और उसकी मस्त जवानी का असली मजा ले रही थी।

कमल ने उसको होंठों पर चूस लिया- हाय…क्या बात है.. सच रानी तू ने तो मेरा दिल खुश कर दिया। मैं दिन में तेरी चूत चार-पांच बार मार सकता हूँ। तेरी पसन्द की धीमी रफ्तार वाली चुदाई से करीब 20 से 25 मिनट तक.. और अपनी पसंद की ‘दे दनादन’ वाली चुदाई से करीब 10 से 15 मिनट तक चोद सकता हूँ। लेकिन जान धीरे वाली चुदाई के बाद दूसरी चुदाई शुरू करने के लिए करीब एक घंटा लगता है, जबकि ‘दे-दनादन’ वाली के बाद तो 20 मिनट बाद दोबारा चोद सकता हूँ।’

‘हम्म..’

‘अब तू बता मेरी जान, तू दिन में कितनी बार मुझसे चूत मरवा सकती है और कितनी देर बिना झड़े चुदाई करा सकती है।’

दोनों मुस्करा कर एक-दूसरे को देख कर मजा ले रहे थे। दोनों ने अपनी चाय ख़त्म कर ली थी और मग टेबल पर रख दिए थे।

गीता खूब गर्म और मस्ती में थी, उसने उठ कर पेटीकोट ब्लाउज निकाल दिया और नंगी होकर अपनी टांगें खोल कर कमल की जाँघों पर बैठ गई। गीता अपनी बिना बालों वाली गर्म गीली-गीली चूत में कमल का मस्त मोटा तगड़ा लंड घुसवाने के लिए तैयार थी, वो अपनी गोल गोल चूचियों उसके सीने पर रगड़ रही थी।

दोनों हँसते हुए अपनी प्यार की बातों का मज़ा रहे थे। ‘क्या यार राजा.. अब तो तू अच्छी तरह जानता है कि मैं तेरा लंड, जितनी बार तू चाहे, घुसवा सकती हूँ और जब तक तू चोदता रहेगा.. चुदवा सकती हूँ, पर झड़े बिना नहीं। जिस तरह तू अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर अन्दर-बाहर करता है, मेरा दाना रगड़ता है, चूचियों को चूस कर. चूतड़ों को दबाकर मज़ा देता है.. उससे तो मैं तो 5 मिनट में ही झड़ जाती हूँ। उफ़.. सच में धीरे वाली चुदाई में बहुत मज़ा आता है। बस अपनी चूत का पानी तो निकलता ही जाता है। बस.. अब तो घुसा दे मेरे राजा, बहुत गर्म और तगड़ा हो रहा है तेरा लंड.. और मेरी चूत भी खूब मस्ती में रस से तर हो रही है।’

‘तू ही घुसवा ले न मेरी जान, तुझे ऐसे घुसवाने में बहुत मजा आता है ना!’ गीता ने अपने चूतड़ उठा कर लंड का मोटा टोपा अपनी गीली चूत में घुसा कर धीरे से आगे को दबाव डालने लगी और धीरे धीरे कमल का पूरा मस्त मोटा तगड़ा लंड उसकी कसी हुई चूत में घुस गया।

‘अह.. हाय.. सी.. .सी.. ई…उई.. उफ़…राजा घुस गया यार, पूरा अन्दर तक.. ईई.सी.. बहुत गर्म है यार!’ अब गीता धीरे-धीरे अपने चूतड़ों को हिलाने लगी, वो खूब मस्ती में सिसिया रही थी, कमल उसकी चूची चूस रहा था और उसने गीता के रेशमी चूतड़ पकड़ रखे थे।

‘हां.. हां.. रानी.. लगा जोर धक्के तेरी.. चूत.. भी खूब गर्म और रसीली हो रही है.. आह्ह.. और क्या मस्ती में चप-चप कर रही है।’

कमल राजा चुदाई में बहुत मस्त चोदू था और उसको मालूम था कि गीता जिस तरह अपनी चूत भींच रही है और अन्दर खींच कर कस और अपने चूतड़ हिला रही है.. इससे तय हो गया था कि ये अब झड़ने वाली है।

‘हां.. हां.. राजा.. हां.. गई.. उफ़.. सी.. हां.. गई.. गई राजा..’ गीता झटका मार कर अपनी बांहें कमल की गर्दन में लपेटते हुए चिल्ला रही थी ‘ओह यार.. आज… मैं गई.. निकल गया.. उफ़.. निकल गया मेरे चोदू राजा।’

उसने कमल को होंठों पर चूम कर लंबी सांस छोड़ी और अपनी गोल-गोल रुई सी मुलायम चूचियों को उसके सीने पर दबा दीं। ‘क्या हो गया मेरी रानी.. निकल भी गया?’ कमल ने उसको छेड़ते हुए उसको चूम कर अपना कड़क लंड उसके चूतड़ों को अपने नजदीक खींच कर और अन्दर घुसाते हुए कहा।

‘आह्ह.. हां राजा.. निकल गया.. साली चूत को बहुत मजा आ रहा था। तेरा मस्त लंड घुसवा कर तो मेरी चूत साली झड़ ही जाती है। पर तू क्या सोच रहा है.. तू चालू रह.. चोद ना राजा।’ राजा हँस पड़ा- अभी करता हूँ मेरी रानी.. अब तुझे ऐसी जल्दी क्या है।

वो गीता को ऐसे ही उठा कर खड़ा हो गया, दोनों को चुदाई के दौरान आसन बदलना बहुत अच्छा लगता था। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

गीता ने अपनी बांहें और टांगें कमल की गर्दन और कमर पर लपेट लीं और उससे लटक गई। वो वजन में हल्की थी और उसको कमल के लंड पर चढ़ कर इधर-उधर कमर घुमा कर चुदना बहुत अच्छा लगता था।

कमल उसको ऐसे ही लेकर बेडरूम में आ गया और बिस्तर पर लिटा दिया। अब वो खुद उसके ऊपर झुका हुआ नीचे खड़ा था। गीता अभी भी उसकी गर्दन से और कमर से लटकी हुई थी।

दोनों की चुदाई जारी है आप अपने मेल भेजते रहिएगा। [email protected] मियां बीवी की चुदाई की कहानी जारी है।

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