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दोस्तो.. मेरा नाम सुमित है और मैं आगरा से हूँ। मैं एक बार फिर से एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ। आप लोगों ने मेरी पहली कहानी को बहुत अच्छा रेस्पॉन्स दिया उसके लिए आप सभी का शुक्रिया।
मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती हैं वो बहुत सेक्सी और खूबसूरत हैं.. उनका नाम दीप्ति है। आंटी की एक सहेली पूजा भी हैं.. वो थोड़ी कम सेक्सी हैं पर फिगर उनका भी बहुत मस्त है। मैं आंटी को छुप-छुप कर देखता था। मैं करीब 20 लड़कियों को नंगी देख चुका हूँ।
एक दिन आंटी ने मुझे घर बुलाया, मैंने वहाँ देखा कि आंटी की सहेली भी उनके साथ बैठी हैं।
मैं उनकी सहेली को उधर देख कर आंटी से बोला- मैं बाद में आता हूँ। आंटी कहने लगीं- अरे बैठो.. मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी। आंटी हल्ले से मुस्कराई.. फिर बातें होने लगीं।
ऐसे ही आंटी की सहेली ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने मना कर दिया। तब तक आंटी चाय बना कर ले आईं।
हम लोग चाय पी रहे थे। अचानक आंटी की सहेली मेरे करीब में आ कर बैठ गईं, वो कभी अपना हाथ मेरे सर पर फिरातीं.. कभी टाँगों पर!
मुझे चाय पीने के बाद कुछ अजीब सा लग रहा था। मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मेरे पैंट में उभार बनते देख कर आंटी मुस्करा रही थीं। तभी आंटी की सहेली पूजा मेरे लंड को देखकर हँस पड़ी, वो कहने लगीं- यह क्या है? मेरा लंड खड़ा था।
पूजा आंटी सहलाने लगीं और मुझे बहुत जबरदस्त किस करने लगीं। उधर दीप्ति आंटी भी मेरे पास आ गईं। अब दोनों आंटियों ने मुझे नंगा कर दिया और मुझे चूमने लगीं। मेरे पूरे शरीर को चूमने लगीं।
तभी पूजा आंटी मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और लंड को चूसने लगीं। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
दीप्ति आंटी अपने कपड़े उतारने लगीं। यार… आंटी क्या कयामत माल लग रही थीं। फिर पूजा आंटी भी कपड़े उतारने लगीं। वो थोड़ी कम सेक्सी थीं.. पर दोनों को नंगी देख कर मजा आ रहा था।
मैंने दीप्ति आंटी को किस किया, साथ ही मैं उनकी चूचियों को भी दबा रहा था। उनके मुँह से काफ़ी तेज़ आवाजें आ रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो एकदम गर्म हो गई थीं और मेरा लंड पकड़ कर बड़ी जंगली तरीके से चूसने लगीं।
कुछ मिनट लंड चूसने के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैं पूजा आंटी के मुँह में झड़ गया। दोनों नंगी आंटियों ने मेरा रस पी लिया। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मैं दीप्ति आंटी को किस कर रहा था और उनके चूतड़ों को मसल रहा था। मैं अब जोश में आ गया था। मैंने आंटी को लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा।
आंटी बहुत गर्म हो गई थीं, वो कह रही थीं- आह्ह.. कुछ करो मेरे राजा.. मुझे चोद दो। मैंने अपना लंड हाथ में लिया और आंटी की नंगी चूत पर रख दिया। धक्का मारते लंड चूत से फिसल गया।
पूजा आंटी ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगा लिया और रगड़ने लगीं, वो कहने लगीं- अब नहीं रहा जाता.. लंड पेल दो अन्दर.. लंड के लिए बहुत दिनों से प्यासी हूँ। उनकी चूत बहुत कसी हुई थी, मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था।
फिर मैंने उनकी चूत पर अपना थूक लगाया और कुछ थूक लंड पर मल लिया।
अब चूत की फांकों को फैला कर सुपारा फंसा दिया और धीरे से एक धक्का लगा दिया। मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया। आंटी के आंसू आ गए, वो बहुत चिल्लाने लगी थीं- उहहहह.. मर गई..
मैं बिना कुछ सुने लंड डाले जा रहा था। इधर पूजा आंटी मेरे लंड को पीछे से चाट रही थीं। वो कभी मेरी गांड में उंगली करतीं.. तो कभी मेरी गांड चाटतीं।
मैं दीप्ति आंटी को चोद रहा था और किस कर रहा था। थोड़ी देर बाद आंटी बोलीं- और ज़ोर से चोद दे मेरे राजा। मैं जोश में आ गया और दीप्ति आंटी की चूत को ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा ‘अहह.. चोद दो.. आह्ह..’ उनकी आवाजें कमरे को भी गर्म कर रही थीं, चूत चुदाई की आवाजों से भी पूरा कमरा रोमांटिक हो गया था।
दीप्ति आंटी जल्दी ही एक बार झड़ चुकी थीं। फिर मैंने उनकी चूचियों को चूसा और कुछ ही पलों में वो फिर से गर्म हो गईं, वो कहने लगीं- और ज़ोर से चोद.. तो मैं भी जोश में आ गया और लगातार आंटी की चूत में झटके देने लगा।
कुछ मिनट बाद वो दूसरी बार झड़ चुकी थीं, अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- कहाँ निकालूं? इतने पूजा आंटी ने कहा- मेरे मुँह में लंड देना।
मैंने लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया। वो काफ़ी तेजी से लंड चूसने लगीं और मेरा सारा पानी पूजा आंटी के मुँह में निकल गया। मैंने जैसे ही उनके मुँह से लंड निकाला.. तो दोनों आंटियां रंडी की तरह एक-दूसरे के मुँह को चाट रही थीं।
फिर कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं सोचने लगा कि आज तो पक्का इन दोनों ने मेरी चाय में कोई कामोत्तेजक दवा मिला दी है।
मैंने सोचा अब दवा अन्दर चली ही गई है तो इन दोनों को भी भरपूर चोद कर ही दम लूँगा। मेरा लंड एकदम पत्थर के सामान हार्ड हो गया था।
अब पूजा आंटी को चोदा, पूजा आंटी की चूत दीप्ति आंटी से और ज्यादा टाइट थी, पूजा आंटी की चूत में लंड नहीं जा रहा था। तब दीप्ति आंटी ने उनकी चूत पर थोड़ा तेल लगाया। तब जाके कहीं लंड चूत में गया।
पूजा आंटी दर्द से ‘अहह.. उहह..’ करके चिल्ला रही थीं, उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, उनकी चूत से खून भी निकल रहा था। फिर मैं थोड़ा रूका और उनके ऊपर लेटा रहा, उनके होंठों को और मम्मों को चूसता रहा, थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हुआ।
अब मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरु कर दिए, वो भी अपनी कमर उठा-उठा कर चुदाई का मजा ले रही थीं। मैं काफी देर तक लगातार चुदाई करता रहा। इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थीं। अब मैं भी झड़ने वाला था।
मैंने फिर पूछा- कहाँ निकालूं? तो उन्होंने कहा- अन्दर ही छोड़ दे.. मुझे तेरे बच्चे की माँ बनना है। मैंने माल आंटी की चूत के अन्दर ही छोड़ दिया, कुछ देर मैं उनके ऊपर पड़ा रहा।
बाद में मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और बिस्तर पर लेट गया। मैं लेटा हुआ था.. तभी पूजा आंटी उठीं और मेरे मुँह के पास अपनी चूत ले आईं। मुझसे कहने लगीं- चूत चटवानी है। मैं उनकी चूत चाटने लगा, वो कहने लगीं- मादरचोद चाट.. मेरी चूत खा जा भोसड़ी के!
मैं उनकी चूत चाटता रहा, फिर वो मेरे मुँह में ही झड़ गईं।
कुछ देर आराम करने के बाद मुझे उनकी गांड मारने इच्छा हुई, मैंने पूजा आंटी से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है। पहले उन्होंने मना किया.. फिर कुछ देर बाद वो मान गईं और मुझसे कुत्ते की तरह अपनी गांड चटवाने लगीं।
मैंने पहले दीप्ति आंटी की गांड को मारना चाहा, वो मना कर रही थीं- नहीं बहुत दर्द होगा। फिर वो मेरे कहने पर मान गईं। मैं उनकी गांड पर अपना लंड रखा और बहुत सा थूक लगाया, फिर धीरे से झटका मारा।
आंटी चिल्लाईं- मार डाला.. बहुत दर्द हो रहा है.. निकाल लो.. उई मम्मी.. मर गई। मैं कहाँ सुनने वाला था, मैं तो आंटी की गांड में लंड डाले जा रहा था।
फिर जब उन्हें थोड़ा आराम हुआ तो वो मेरे ऊपर आ गईं और उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगीं। उधर पूजा आंटी मुझे किस कर रही थीं।
कुछ देर बाद दीप्ति आंटी के झड़ने के बाद मैं भी झड़ने वाला था। मैंने सारा रस आंटी की गांड में डाल दिया। मेरा लंड अन्दर तक घुसा हुआ था। उसमें आंटी की पॉटी लग गई थी।
कुछ देर आराम हुआ.. फिर दीप्ति आंटी ने पूजा आंटी की गांड साफ की। मैंने पूजा आंटी की गांड पर अपना लंड लगा कर एक झटका मारा, मेरा आधा लंड पूजा आंटी की गांड में घुस गया, वो भी चिल्लाने लगीं- निकालो इस मूसल को मेरी गांड से.. मैं मर जाऊँगी।
मैं थोड़ी देर रुका रहा, वो नॉर्मल हो गईं, फिर मैंने जोर का झटका लगाया, वो बिस्तर पर गिर गईं और उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे।
फिर मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और उनकी गांड मारने लगा। थोड़ी देर बाद उनको मजा आने लगा और वो चूतड़ों को उठा कर गांड चुदवाने लगीं। इस तरह मैं उनको चोदता रहा और काफ़ी टाइम बाद उनकी गांड में ही झड़ गया।
मैंने उस रात कई बार चूत गांड मारी.. मुझे बहुत मजा आया, उस रात हम तीनों ने खूब मजे लिए। मैं काफ़ी थक चुका था।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी.. मुझे मेल करते रहना। [email protected]
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