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मेरा नाम असीम (बदला हुआ) है, छत्तीसगढ़ में रहता हूँ। मैं दिखने में अच्छा हूँ.. हालांकि रंग थोड़ा सांवला है। मेरा कद 5 फुट 10 इंच है। मैं थोड़ा मोटा हूँ.. और मेरा लंड 5 इंच का है।
मुझे कभी किसी को चोदने का मौका नहीं मिला था, कई बार मैं लड़कियों के बारे में सोच कर मुठ मार लिया करता था।
यह अब से एक साल पहले की घटना है, तब मैं रायपुर में नौकरी करता था। मैं नौकरी के दौरान अधिकतर रायपुर में रहा करता था, कभी-कभार ही घर आ पाता था।
गाँव में हमारा सब्जी की खेती आदि का काम है। इस काम में मेरी मामी मम्मी के काम में हाथ बंटाती थीं। मेरी मामी हैं भी बहुत खूबसूरत, बड़ी-बड़ी आँखें.. गोरा रंग.. फिगर का नाप 36-24-32 का.. और सबसे अच्छी बात उनका व्यवहार एकदम मस्त था।
मैं मामी को जब भी देखता था, मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मामी के दो बच्चे भी हैं एक 4 चार साल का और एक 10 साल का है। वो हमारे घर से कुछ दूरी पर ही रहती हैं।
एक बार मैं कई दिन की छुट्टी लेकर रायपुर से अपने घर वापस आया। रात के करीब 4 बजे घर पहुँच कर मैं सो गया। जब आंख खुली तो सुबह के 9.30 बज रहे थे, मैंने उठ कर देखा तो पापा दुकान चले गए थे और मम्मी और मामी खेत में काम कर रही थीं।
मामी को देख कर मेरा तो लंड खड़ा हो गया था, मैं पास में जाकर बात करने लगा और मामी के पूछने पर मैं उनको अपने काम के बारे में बताने लगा। मामी मेरी बातों में बहुत इंटरेस्ट ले रही थीं, मेरी भी मामी में बहुत रूचि बढ़ गई थी। अब मैं और मामी रोज बात करने लगे, धीरे-धीरे हम दोनों बहुत नजदीक आ गए।
एक दिन मामी मेरे से बोलीं- असीम मुझे कुछ सामान लेने बाजार जाना है.. मुझे बाजार ले चलोगे क्या? मैं बोला- ठीक है मामी.. कब जाना है? मामी बोलीं- कल चलते हैं। ‘ठीक है..’ बोल कर मैं घर चला आया।
दूसरे दिन मामी ने तैयार होकर रास्ते में निकल कर फोन किया- मैं घर से निकल कर रास्ते में तुम्हारा इन्तजार कर रही हूँ। मैं बोला- आप रुको.. मैं आ रहा हूँ। मैंने सोचा आज तो मामी को चोद ही दूँगा।
मामी को बाइक बैठा कर मैं बाजार ले गया। मैंने रास्ते में बार-बार ब्रेक मारे तो मामी की 36 साइज़ की चूचियां मेरे पीठ में गड़ रही थीं। मेरी इस हरकत से मामी कुछ नहीं बोलीं.. तो मैं समझ गया कि मामी की चूत भी चुनचुना रही है। हम दोनों बाजार से सामान ले कर घर चले आए।
दूसरे दिन मैंने मामी से बोला- मामी जी, कल बाजार जाकर कैसा लगा? वो इठला कर बोलीं- ठीक ही लगा।
मामी अपना काम करने लगीं और तभी मम्मी आ कर बोलने लगीं- जल्दी काम खत्म करो.. शाम को हम लोगों को पूजा में जाना है। हम दोनों लोग मिल कर काम करने लगे।
रात में घर के मम्मी-पापा पूजा में चले गए.. मैं नहीं गया। मैं रात में मामी के घर में चला गया। मैंने उधर जा कर देखा तो मामी खाना खा कर अपने कमरे में सोने की तैयारी कर रही थीं।
मैं दरवाजे के पीछे छुप कर मामी को देख रहा था। देखा कि मामी अपनी साड़ी उतार कर सिर्फ ब्लाउज और साया में सो गईं। उनके कमरे की लाईट जल रही थी.. इसलिए सब कुछ दिखाई दे रहा था।
थोड़ी देर में मामी अपने दूध दबाने लगीं। वे बेचैनी में बार-बार करवट बदल रही थीं। इसलिए उनका साया ऊपर को उठ कर उनकी जांघों तक हो गया था। मामी को इस हालत में देख कर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया। मेरे से अब और रहा नहीं गया और मैंने जा कर मामी को पीछे से पकड़ लिया।
मामी अचानक से हुए इस हमले से अकबका गईं। मैं पीछे से मामी के मम्मों को दबा रहा था, सच में मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मामी का मुँह दूसरी तरफ था, वे अभी चिल्ला ही रही थीं- कौन है? जब मैंने मामी को अपनी तरफ पलटा तो वो मुझे देख कर डांटने लगीं- मुझे छोड़ दे, मैं तेरी मामी हूँ।
मैंने मामी की एक ना सुनी और उनको चूमता रहा। कुछ पल बाद मामी का विरोध खत्म सा हो चला था, फिर थोड़ी देर में मैंने मामी को छोड़ दिया और उनके बगल में खड़ा हो गया।
मामी ने झट से बिस्तर से उठ कर साड़ी पहन ली और मुझसे बोलीं- तुझे शर्म नहीं आई.. अपनी मामी के साथ ऐसा करते हुए? मैं तो तुझे एक सीधा-साधा लड़का समझती थी और तू तो एक नंबर का बदमाश है। मैं डर गया और मामी से बोला- मामी आप प्लीज़ घर में कुछ मत कहना.. आप जो बोलोगी वो मैं करूँगा। मामी बोलीं- ठीक है.. पर दुबारा से कुछ मत करना। ‘ओके..’
फिर मामी बोलीं- तुम ऐसा क्यों कर रहे थे? सच सच बोलो। मैं बोला- मामी आपका फिगर बहुत अच्छा है.. जब भी मैं आपको देखता हूँ तो मेरा अपने आप पर काबू नहीं रहता। मामी बोलीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैं बोला- नहीं है। फिर मामी बोलीं- चल ठीक है.. अभी रात बहुत हो गई है, तुम घर जाओ।
पर मेरा मन कर रहा था कि मैं मामी को अभी ही बिस्तर पर पटक कर चोद दूँ। अब रात के 11.30 बज गए थे, मैं घर चला आया।
दूसरे दिन मामी जब काम करने आईं.. तो मैं उनसे थोड़ा दूर हो गया। इस पर मामी बोलीं- असीम कल तेरे मामा शहर जा रहे हैं.. तुम रात को मेरे घर सो जाना.. मुझे अकेले डर लगता है। मैं बोला- मम्मी से बोल दो। मम्मी बोलीं- चले जाओ।
मैंने सोचा कि आज शायद मेरी लॉटरी लग गई है, रात के 7.00 बजे मैं मामी के घर चला आया। फिर मामी, मैं और उनके दोनों बच्चे खाना खाने लगे। मैंने किसी अनजाने डर से थोड़ा खाना खाया.. पर तभी मामी बोलीं- और खाना खा.. नहीं तो ताकत कहाँ से आएगी?
लेकिन मैंने और खाना नहीं लिया। फिर हम सभी सोने के लिए कमरे में गए। मैं और मामी का बड़ा लड़का बिस्तर पर लेट और मामी और छोटा लड़का नीचे चटाई बिछा कर सो गए।
थोड़ी देर में बच्चे सो गए.. पर मेरा ध्यान मामी के ऊपर था।
अचानक रात के 2 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मामी सो रही थीं। मेरे मन में शैतान जाग गया और मैं जा कर मामी के मम्मों को दबाने लगा। चूची दबने के कारण थोड़ी ही देर में मामी जाग गईं। वो मेरे को देख कर बोलीं- छोड़ दे.. मुझ पर रहम खा.. मैं तेरी मामी हूँ रे.. मैं बोला- मामी थोड़ी देर के लिए रिश्ता भूल जाओ.. मैं एक बार आपको चोदना चाहता हूँ।
पर मामी नहीं मानी और मेरे को जाने बोलीं। मैं बोला- प्लीज मामी एक बार? अब वो मान गईं.. और बोलीं- सिर्फ एक चीज कर सकते हो.. या मम्मों दबा लो या तो चुत चाटो या फिर मुझे चोदो।
मैं बोला- ठीक है मामी.. लेकिन पहले मैं आपके पूरे शरीर को एक बार नंगा देखूंगा। वो मान गईं।
फिर मैं मामी के कपड़े खोलने लगा। पहले उनकी साड़ी खोली.. फिर उनका ब्लाउज उतारने लगा। मैंने मामी का ब्लाउज उतारा.. तो मैं मामी की ब्रा में कसे हुए उनके मम्मों को देख कर मेरा लंड फटने को हो गया।
जैसे ही मैंने मामी को पूरा नंगा करके उनकी चुत की तरफ देखा.. तो मेरा मन उनको चोदने का करने लगा था। मामी बोलीं- जो करना है.. जल्दी करो। मैं मामी की चुत चाटने लगा। उनकी चुत बालों से भरी हुई थी।
फिर भी मैं जीभ से मामी की चुत चाटता रहा.. कुछ ही पलों में मुझे चुत चाटने में बहुत मजा आने लगा था। चूत चटाई के इस मजे को मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।
कुछ ही देर मैंने मामी की चुत को चाटा, मामी बोलने लगीं- प्लीज़ असीम्म्म.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… धीरे करोऊऊओ.. मैंने जैसे ही मामी के मम्मों को छूने के लिए हाथ बढ़ाया.. तो मामी बोलीं- तुम आज सिर्फ मेरा चुत ही चाटोगे.. कल तुमको मेरे साथ जो करना है.. कर लेना।
मैं मान गया.. उस रात मैं सिर्फ मामी की चुत ही चाटता रहा। इस दौरान कब-कब मेरा लंड से पानी निकला.. मुझे पता ही नहीं चला।
दूसरे दिन भी मैं मामी के घर सोने गया वहाँ जाते ही मैं मामी के मम्मों दबाने लगा। हम दोनों एक-दूसरे को किस करने रहा, कब हम लोगों के पूरे कपड़े उतर गए पता ही नहीं चला।
थोड़ी देर तक मामी की चुत चाटने के बाद मैं मामी को बिस्तर पर ले गया। इधर मैंने उनकी चुत को खोला और लंड डाल कर धक्का मार दिया।
मामी मेरे लंड के मजे लेने लगीं। थोड़ी देर में जब मेरा माल निकलने वाला था तो मैं मामी से पूछा- माल कहाँ निकालूँ? मामी बोलीं- अन्दर ही डाल दो.. तुमसे मुझे एक लड़की चाहिए।
मैंने लंड का रस चुत के अन्दर ही डाल दिया।
कुछ देर बाद मामी बोलीं- असीम मुझे तुमसे चुद कर बहुत मजा आया.. तुम मुझे रोज चोदना.. एक दिन भी मिस मत करना.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी। जब भी तुमको नई चुत चाहिए होगी.. तो मुझसे बोलना.. मैं तुम्हें नई चुत दिला दूंगी।
इसके बाद मामी को बहुत बार चोदा और उन्होंने मुझे नई चूत भी चोदने के लिए दिलाई उसकी कहानी मैं अगली बार लिखूँगा।
दोस्तो.. मेरा कहानी कैसी लगी.. मुझे मेल जरूर कीजिएगा।
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