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दोस्तो.. आज हम सब की प्यारी सविता भाभी की चुदाई की वो अनजानी कहानी पेश है.. जिसके बारे में कभी मालूम नहीं चल सका था।
हुआ यूं कि एक बार सविता भाभी के पति अशोक जब सुबह उठे तो उनका मूड सविता भाभी की चूत चोदने का था। उस दिन चूंकि अशोक की छुट्टी थी.. इसलिए अशोक ने सोचा कि मेरी व्यस्तताओं के चलते सविता को चुदाई का सुख अधिक नहीं मिल पाता होगा, लिहाजा आज सविता की दमदार चूत चुदाई की जाए।
आप सब तो जानते ही हैं कि अशोक कितना गलत थे। सविता भाभी की रंगीन मिजाजी के किस्से हम सविता भाभी के चाहने वालों को ही मालूम है।
अशोक ने उठते ही अपना लंड सहलाते हुए सविता भाभी को आवाज लगाई- सावी..! मगर कोई जबाव नहीं मिला तो अशोक ने सोचा कि शायद सावी नहा रही होगी।
अशोक के दिमाग में सविता भाभी के नंगे हुस्न की फिल्म चलने लगी कि कैसे बाथरूम में सविता नंगी होकर अपने मस्त मम्मों को सहलाते हुए नहा रही होगी। वो कितने महीनों से नहीं चुदी है.. इसलिए बहुत प्यासी होगी! आज छुट्टी का दिन है.. मैं सविता को चोद कर उसकी चूत को तृप्त कर दूंगा।
यह सोचते ही अशोक के दिमाग में उस वक़्त के सीन चलने लगे.. जब सविता की नई-नई शादी हुई थी और उसकी सील तोड़ चुदाई हुई थी।
सविता अपनी चूत में मेरा लंड लेकर कितनी चिल्लाई थी। सविता चिल्ला रही थी कि हाँ हाँ मेरा कौमार्य भंग कर दो.. मुझे औरत बना दो।
अब प्रिय पाठको, यह तो आप भी जानते हैं कि सविता भाभी की चूत की सील तो पहले से टूटी हुई थी। लेकिन सुहागरात के वक्त सविता भाभी का यूं चिल्लाना भी जायज था।
अशोक ने सविता भाभी को आवाज लगाई और जब कोई उत्तर नहीं मिला तो उसने खुद उठाकर बाथरूम में जाकर सविता भाभी को देखा, लेकिन वो उधर नहीं थी।
अशोक ज़रा हैरान हो गया और उसने पूरे घर में सविता भाभी को खोजा पर वो घर में नहीं थी। सविता भाभी अपनी माँ के घर चली गई थीं और एक चिट्ठी लिख कर अशोक को बता गई थीं कि मुझे मम्मी ने बुलाया है उनकी तबियत ठीक नहीं है, मैं उनके घर जा रही हूँ.. शाम तक आऊँगी।
यह पढ़कर ही अशोक के मुँह से बेसाख्ता निकल पड़ा- धत्त तेरे की.. अब अशोक मन मसोस कर रह गया कि आज ही छुट्टी थी और आज ही सविता को जाना था।
कुछ देर बाद अशोक चाय बना कर चुस्कियां ही ले रहा था कि तभी एक युवक अशोक के पास आया। ‘आप कौन?’ अशोक ने पूछा। ‘मैं केबल वाला हूँ.. क्या भाभी जी घर पर हैं?’ ‘नहीं वो कहीं काम से बाहर गई हैं.. क्या काम है?’ ‘सविता भाभी ने मुझे सेट टॉप बॉक्स सुधारने के लिए बुलवाया था।’ ‘ठीक है अन्दर आ जाओ.. वहाँ लगा है।’
कुछ ही देर में उस युवक ने सब ठीक कर दिया और अशोक से जाने की इजाजत मांगी। अशोक ने पूछा- कितने पैसे हुए? ‘नहीं साब.. कुछ नहीं.. ये तो सविता भाभी जी का घर है।’ अशोक- अरे तो पैसे तो ले लो। ‘नहीं साहब, मैं भाभी जी से ही ले लूँगा मेरा उनसे हिसाब चलता रहता है।’
फिर एक गिलास पानी मांग कर वो युवक वहीं बैठ गया और सोचने लगा कि आज सविता भाभी होतीं तो मजा आ जाता।
दरअसल एक बार सविता भाभी ने उसको इसी तरह की केबल खराब होने की दिक्कत के कारण बुलाया था और उस वक़्त उसने केबल सुधारी और टीवी पर पहले से लगी डीवीआर से कनेक्ट ब्लू-फिल्म को देख कर वो गरम हो गया और उस वक्त सविता भाभी ने अन्दर आते हुए ये सब देख लिया था और उस वक्त फिर जो लंड चुसाई और चूत चुदाई का जबरदस्त खेल हुआ था.. वो बड़ा ही जबरदस्त था।
ये सब सोच कर केबल वाला एकदम से मस्त हो गया और सोचने लगा कि आज भी सविता भाभी होतीं तो लंड की कसरत हो जाती।
इस सब का जो वाकिया हुआ था वो सविता भाभी की चित्रकथा के माध्यम से जब आप देखेंगे तो बिना मुठ मारे नहीं रह पाएंगे।
खैर.. इसके बाद वो केबल वाला चला गया और अशोक टीवी देखने लगा। अशोक को कुछ भूख लगी तो उसने फ्रिज में देखा पर उधर चावल या चपाती आदि न पा कर उसने बनाने की सोची तो सामान नहीं मिला, जिस पर अशोक ने किराने वाले की दुकान से सामान लाने की सोची और वो उधर गया।
अशोक ने चावल और अन्य सामान के लिए कहा तो सेठ ने दुकान के नौकर राजू को सामान निकालने के लिए कहा। दुकान के जवान नौकर राजू ने अशोक से पूछा- कौन सा ब्रांड चाहिए? तो अशोक ने कहा- मुझे नहीं पता कि कौन सा ब्रांड लगता है दरअसल मेरी बीवी ही हर बार सामान ले जाती है। ‘साहब आप कहाँ रहते हैं?’ अशोक- मकान नम्बर 323 में।
‘अरे साहब आप सविता भाभी के पति हैं?’ अशोक- हाँ.. ‘वो हमेशा कोहिनूर ब्रांड ही लेती हैं।’
यह कहते हुए राजू अन्दर गोदाम में सामान निकालने चला गया।’ अन्दर गोदाम में नौकर राजू के दिमाग में भी सविता भाभी ही चलने लगी कि एक महीना करीब हो गया.. सविता भाभी की महक यहाँ अब तक बसी है जब मैंने उन्हें यहीं बोरियों के बीच में चोदा था।
उस दिन हुआ कुछ यूं था कि सविता भाभी अपना पर्स भूल आई थीं।
सविता भाभी ने दुकानदार के नौकर राजू से कहा- मैं पर्स भूल आई हूँ.. इन पाव रोटी के पैसे तुम घर आ कर ले लेना। तो राजू ने कहा- हम उधार नहीं देते! सविता भाभी ने उस राजू के मस्त कड़ियल शरीर को नजर भर कर देखा और कहा- लेकिन अदला-बदली तो कर लेते हो! मेरे पास भी कुछ स्वादिष्ट पाव है.. लोगे?
राजू समझ गया और सविता भाभी ने टेबल के नीचे से अन्दर आकर उसका लंड निकाल कर अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से चूसना शुरू कर दिया।
अभी सविता भाभी उसका लंड चूस ही रही थीं कि उन्हें एक आवाज सुनाई दी जो उनको जानी-पहचानी लगी। यह आवाज मिसेज खन्ना की थी जो उनकी पड़ोसन थी, शायद वे कुछ सामान लेने आई थीं- राजू.. ये लो लिस्ट और जल्दी से सामान निकाल दो। ‘आप घर जाइए मैडम मैं आपको घर पर आकर सामान दे जाऊँगा।’ ‘नहीं राजू.. मुझे अभी यही दे दो मैं सामान घर पर नहीं ले सकती हूँ।’
इन दोनों की बातचीत से सविता भाभी की समझ में आ गया कि मिसेज खन्ना भी राजू का ‘सामान’ लेती हैं। किसी तरह मिसेज खन्ना वहाँ से गईं।
अब राजू ने सविता भाभी से कहा- चलो बस ठीक है भाभी.. अब बाहर निकलो।
लेकिन सविता भाभी ने उससे खुद को चोदने की ख्वाहिश प्रकट कर दी। फिर राजू ने गोदाम की शटर गिरा कर सविता भाभी की धमाकेदार चूत चुदाई की।
एक बार चूत चुदवाने के साथ ही सविता भाभी ने राजू से अपनी गांड भी कोल्ड क्रीम लगवा कर मरवाई। अभी राजू ये सब सोच ही रहा था कि तभी सेठजी की आवाज आई- क्या कर रहा है अन्दर.. इतनी देर क्यों लग रही है.. चावल का पैकेट लेने गया या खेतों में उगाने लगा?
खैर राजू सामान लाया तो पैसों के समय राजू ने अशोक से कहा- नहीं साहब आप सविता भाभी के पति हैं मैं आपसे पैसे नहीं ले सकता। अशोक- क्या मतलब.. मुफ्त में दे रहे हो क्या? राजू- न..नहीं.. मेरा मतलब सविता भाभी से हिसाब चलता है मैं उनसे ले लूँगा। अशोक परेशान होते हुए घर आ गया।
कुछ देर बाद दरवाजे पर दस्तक हुई, अशोक ने देखा तो एक कुल्फी वाला आया हुआ था। ‘मेम साब हैं..?’ ‘नहीं वो कहीं गई हैं.. बोलो?’ जी कुछ नहीं मैं कुल्फी वाला हूँ.. मेरी कुल्फी मेम साब को पसन्द है इसलिए पूछने आया था।’
अशोक ने सोचा कि चलो इसकी कुल्फी का स्वाद भी ले ही लेता हूँ। ये सोच कर अशोक उससे एक कुल्फी ले ली और इधर भी वही हुआ।
जब पैसे देने की बारी आई तो कुल्फी वाले ने पैसे लेने से मना कर दिया।
अब आप भी समझ ही गए होंगे कि कुल्फी वाले की कुल्फी को सविता भाभी अपनी चूत में लेती थीं।
अशोक की गैरमौजूदगी में सविता भाभी किस-किस से.. किस-किस तरफ से अपनी चूत की खुजली मिटवाती थीं, इस सबका चित्रांकन इतने कामुक ढंग से किया गया है कि आप इस चित्रकथा को देखकर अपनी प्यारी सविता भाभी के नाम पर सड़का लगाए बिना रह ही नहीं पाएंगे।
तो आईये आपका सविता भाभी के एपिसोड 15 में स्वागत है।
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