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अब तक आपने पढ़ा.. मुझे अपना नौकर बना कर नेहा डॉक्टर सचिन की गोद में बैठ कर मुझसे फोटो खिंचवा रही थी। अब आगे..
डॉक्टर बोले- बेगम साहिबा, पिक्स ही खिंचवाओगी.. या हम कुछ करेंगे? वो हंसने लगी, बोली- तुम करो ना.. तुम्हें किसने मना किया?
डॉक्टर सचिन बोले- फिर मत कहना? नेहा बोली- मैं क्यों बोलूंगी?
उसने यह कहते हुए गिलास उठा लिया जो डॉक्टर सचिन का दारू का पैग में शराब बची थी.. वो बॉटम अप कर दी, फिर वो डॉक्टर सचिन से बोली- अब बताओ.. क्या कह रहे थे? वो मुझसे बोली- तुमको क्या कहा मैंने.. फोटो खींचो तुम..
डॉक्टर सचिन और नेहा दारू पी चुके थे, डॉक्टर ने नेहा से कहा- बेगम इस फुसफुस से हमारे कार्यक्रम की वीडियो बनवा लो। नेहा बोली- हाँ, ये ठीक कहा.. जब अकेली रहूंगी तो तुम्हारी बैटिंग देख लिया करूँगी।
अब वे दोनों लिपटने-चिपटने लगे, डॉक्टर सचिन ने नेहा की बेबी डॉल में हाथ डाल दिया और उसकी चूचियाँ मसलने लगे।
नेहा बोली- ऊईई… हौले से दबाओ न जान! मगर डॉक्टर साहब अन्दर हाथ डाल के उसकी चूचियां जोरों से मसले जा रहे थे और उसे किस किए जा रहे थे। तभी शायद उन्होंने शायद निप्पल मसले तो नेहा सिसिया कर बोली- उउई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… लगती है यार..
फिर डॉक्टर साहब ने नेहा को लिटा दिया और उसकी टाँगों पर किस करने लगे, फिर नेहा की जाँघों पर आ गए। डॉक्टर साहब बोले- यार, तुम्हारी ये गोरी-गोरी चिकनी जांघें तो इतनी मस्त हैं कि पूछो मत! नेहा बोली- हाँ पतिदेव, मालूम है.. मस्त हैं तभी तो ये साला फुसफुस मेरी इन जाँघों पर अपनी डंडी रगड़ कर ही झड़ जाता है।
अब डॉक्टर सचिन ने नेहा की पेंटी के ऊपर से किस करना शुरू कर दिया, नेहा ‘आह्ह्ह्ह.. आह्ह..’ करने लगी। डॉक्टर सचिन बोले- तुम्हारी पेंटी तो गीली हो गई मेरी जान। नेहा बोली- जानू, जब पति जांघें चूसे तो चूत गीली न हो.. ऐसा हो ही नहीं सकता है।
उसने डॉक्टर सचिन को अपने ऊपर खींच लिया और उन दोनों ने एक-दूसरे के होंठ चूसने शुरू कर दिए।
नेहा ने डॉक्टर सचिन को उठा कर उनकी टी-शर्ट और बनयान उतार दी और सीने पर किस करने लगी और जीभ मारने लगी। वो अपने एक हाथ से डॉक्टर सचिन की शॉर्ट्स में हाथ डाल कर उनके लंड को सहलाने में लग गई। नेहा बोली- जान तुम्हारा डंडा तो पूरा टाइट हो गया है।
डॉक्टर सचिन नेहा की चूचियां सहला रहे थे। डॉक्टर सचिन ने नेहा का बेबी डॉल उतार दिया। नेहा अब सिर्फ डोरी वाली ब्रा पेंटी में थी। डॉक्टर सचिन ने नेहा को उल्टा लिटा दिया और उसकी गोरी गांड पर किस करने और चूसने लगे।
डॉक्टर साहब ने इतना अधिक चूसा कि नेहा की गांड पर लाल रंग का निशान पड़ गया। फिर डॉक्टर साहब नेहा की पीठ पर किस करने लगे और फिर कंधों पर किस करने और चूसने लगे, फिर वे पीछे से नेहा के गले पर किस करने में लग गए।
अब नेहा पूरी गर्म हो चुकी थी, वो बोली- आह्ह.. सचिन बस मुझे पागल बना दो.. आह्ह.. उसने डॉक्टर सचिन को सीधा लिटा दिया और उनकी शॉर्ट्स उतार दी।
फिर डॉक्टर साहब की फ्रेंची बिल्कुल नीचे करके निकाल दी, अब नेहा डॉक्टर साहब की गोलियों पर जीभ मारने लगी, डॉक्टर ‘आह्ह्ह्ह.. आह्ह.. ओह्ह..’ करने लगे। फिर नेहा डॉक्टर साहब के लंड पर जीभ मारने लगी और लंड चूसने लगी, उसने अपने दोनों हाथ बिस्तर पर रखे और जोर-जोर से ऊपर-नीचे करके लंड चूसने लगी।
डॉक्टर साहब बुरी तरह गर्म हो चुके थे। फिर नेहा उनके लंड के ऊपर से जीभ मारने लगी। अब डॉक्टर सचिन बिल्कुल बेकाबू हो चुके थे, उन्होंने एक झटके में नेहा को खींच लिया और उसकी ब्रा और पेंटी की डोरी खींच दी।
मेरी बीवी बिल्कुल नंगी हो गई और डॉक्टर साहब ने नेहा की पूरी टाँगें फैला कर एक झटके में लंड चूत में जोरदार धक्का मार दिया। नेहा जोर से चीखी- उउईईई माँ.. मर गईईई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… डॉक्टर साहब पूरी स्पीड से चूत में धक्का मारने लगे, कमरे में ‘फट.. फट..’ की आवाज आने लगी।
डॉक्टर सचिन पूरे जोश में थे। वे बोलते जा रहे थे- मेरी बेगम.. जब तक तुम्हारी गांड को 42 इंच की नहीं कर देता.. तुमको ऐसे ही टाँगें फैला कर चोदता रहूँगा।
नेहा बोली- अब बीवी बना लिया है.. तो मेरी गांड 42 करो या 46.. मैं तो तुम्हारे लंड की गुलाम हूँ। मैं उन दोनों की चुदाई देखते हुए पहले ही बह चुका था।
पूरे बिस्तर पर उनके कपड़े फैले हुए थे और डॉक्टर सचिन नेहा की चूत में जोरदार धक्के पे धक्का मार रहे थे। नेहा ‘आह्ह आह्ह..’ कर रही थी और बोलती जा रही थी- आह्ह.. क्या चोदते हो जान.. बहुत मजा आ रहा है। लंड के धक्के चालू थे।
नेहा बोली- मेरी गांड फैलती जा रही है तुम्हारी चुदाई से.. अहह.. ‘फ़ैल जाने दो मेरी जान..’ नेहा बोली- जान मुझे तुम्हारे ऊपर बैठ कर तुम्हारे लंड की सवारी करनी है। ‘ओके आ जाओ।’
नेहा ने डॉक्टर सचिन को सीधा लेटा कर उनके लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत में घुसवा लिया और उनके लंड पर बैठ गई। अब नेहा अपनी चूत में डॉक्टर साहब के लंड को लिए हुए आगे-पीछे होने लगी।
डॉक्टर सचिन नेहा की हर एंगल से चुदाई कर रहे थे, वे इस काम में बहुत एक्सपर्ट थे, उन्होंने नीचे से नेहा को उछालना शुरू कर दिया। नेहा की चूचियां हवा में ऊपर-नीचे उछल रही थीं।
डॉक्टर सचिन नेहा के दोनों चूचियों को पकड़ लिया और जोरों से मसलने लगे। साथ ही डॉक्टर साहब नेहा को अपनी तरफ झुका कर उसकी चूचियों के निप्पल चूसने और काटने लगे। कमरे में ‘फच.. फच..’ की आवाज आ रही थी।
तभी नेहा का ध्यान मेरी तरफ गया, मैं अपना लंड सहला रहा था, उसको बहुत गुस्सा आ गया, नेहा बोली- साले तू इतना कमीना है न भोसड़ी के भांड.. ये कपड़े बिस्तर पर फैले हैं हटा दे, भैन का लौड़ा.. मुठ मारता रहता है साला!
मैंने लंड सहलाना छोड़ कर सब कपड़े एक साइड को कर दिए। डॉक्टर सचिन बोले- जानू तुम एंजॉय करो.. उसको साले को मुठ मारने दो।
डॉक्टर सचिन ने नेहा को वैसे ही बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी टांगें घुटने से मोड़ दीं और लंड के धक्के देने लगे। थोड़ी देर बाद डॉक्टर साहब ने नेहा की टांगें कंधों पर रख लीं.. और दोनों जाँघों को पकड़ कर लंड से फुल स्पीड पर धक्के देने लगे। नेहा ‘आह्ह.. आह्ह्ह्ह..’ करती जा रही थी।
नेहा बोली- यार बहुत तेज लग रही है सचिन.. धीरे चोदो न।
अब डॉक्टर सचिन ने नेहा को उल्टा लिटा दिया, उसका सर बिस्तर से लगा दिया और गांड पूरी उठा दी। उन्होंने लगभग आधा खड़े होकर पीछे से उसकी चूत में ठोल मारने में लग गए।
उन दोनों की मदमस्त चुदाई से पूरे कमरे में बहुत जोर से ‘फट..फट..’ की आवाज निकल रही थी। नेहा बोली- रोज नई स्टाइल में चूत लेते हो जानू।
नेहा ने डॉक्टर सचिन को लिटा दिया और वो उनकी टाँगों की और मुँह करके उनके लंड के ऊपर बैठ गए और आगे-पीछे होने लगी। डॉक्टर सचिन नेहा को नीचे से धक्के दे रहे थे, उसकी चूचियां मेरी तरफ थीं और जोर-जोर से हवा में उछल रही थीं।
डॉक्टर सचिन अब ‘आह.. आह..’ कर रहे थे। डॉक्टर सचिन बोले- बेगम आओ।
अब उन्होंने बिस्तर से नेहा को उतार दिया और उसको बिस्तर पर घोड़ी बना कर झुका दिया। इसके बाद पीछे से डॉक्टर साहब ने नेहा की चूत में लंड डाल कर धक्के मारने शुरू कर दिए।
उसकी नीचे चूचियां लटक रही थीं। डॉक्टर साहब नेहा की मस्त चूचियों को हाथ से मसलने लगे और निप्पलों को निचोड़ने लगे।
नेहा बोली- आह्ह.. सचिन, मैं दो बार झड़ चुकी हूँ.. कब तक चोदते रहोगे? डॉक्टर सचिन बोले- और पिलाओ दारू.. मेरी जान.. आज तो दम से चोदूंगा। उन्होंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।
अब डॉक्टर सचिन ने नेहा की चूत को चोदते हुए उसकी गोरी गांड पर हमेशा की तरह ‘चट चट..’ गोरी गांड पर चाटें मारने लगे। नेहा बोली- आह्ह.. लाल कर दो मेरी गांड.. डॉक्टर सचिन बोले- तुम्हारी गांड बहुत मस्त लग रही है जान!
मेरी बीवी अब चुदाई से बहुत थक चुकी थी जबकि डॉक्टर सचिन अभी भी जोश में थे, वो बिस्तर पर लेट गई। डॉक्टर सचिन ने नेहा की टांगें फैला दीं और उसकी जांघें फैला कर चोदने लगे।
नेहा ‘आह्ह्ह्ह.. आह्ह..’ करती जा रही थी, डॉक्टर सचिन उसको फ्रंटियर मेल की स्पीड में चोद रहे थे, कमरा ‘फट.. फट..’ की आवाज से फिर गूंज रहा था। मेरे लंड भी झड़ के खड़ा होना ही बंद कर दिया था।
डॉक्टर सचिन नेहा की चूचियां बहुत बुरी तरह मसलते जा रहे थे और चूत में लंड पेलते जा रहे थे।
अब कमरे में चुदाई की आवाज बहुत भीषण हो गई थी। तभी उन्होंने अपनी पिचकारी नेहा की चूत में छोड़ दी और उस पर गिर पड़े। एक मिनट बाद नेहा बोली- आह्ह.. मेरी चूत बह रही है। डॉक्टर सचिन बोले- बहने दो जान! यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मेरी बीवी मेरी तरफ देख कर जोर से बोली- अब जाएगा भी.. जल्दी तौलिया ले कर आ.. बस साला मुठ मारता रहेगा साले उठ भोसड़ी के.. साले तू एक नंबर का भांड है.. जल्दी जा भैन के लौड़े.. तौलिया ला!
मैं जल्दी से तौलिया ले कर आया। नेहा ने डॉक्टर सचिन से कहा- थोड़ा ऊपर हो यार!
क्योंकि डॉक्टर साहब नेहा के ऊपर उल्टे पड़े हुए थे। सचिन ने मेरे हाथ से तौलिया ले कर नेहा की चूत पर लगा दिया। थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद उन्होंने नेहा के बगल में खुद को लुढ़क जाने दिया।
नेहा के बाद डॉक्टर साहब ने अपना लंड भी तौलिए से पोंछने के बाद बिस्तर के साइड में रख दी। अब डॉक्टर सचिन नेहा के साइड में होकर ठीक से पसर गए और उसकी नंगी चूचियां सहलाने लगे। नेहा मुझसे बोली- उठ कर तौलिया बाथरूम में रख भी सकते हो।
मैं चूत और लंड रस से भीगी तौलिया किनारे से पकड़ कर ले जाने लगा.. तो नेहा बोली- ठीक से ले जा.. नहीं तेरे मुँह पर ही मल दूंगी सब!
मैंने तौलिया बाथरूम में डाल कर भिगो दी।
जब मैं वापस लौटा.. तो वो बोली- जरा कम्बल उढ़ा दो। मैंने कहा- नाइटी दे दूँ, पहननी है? तो बोली- बिस्तर के किनारे रख दो और इनकी टी-शर्ट भी रख दो.. और तुझको बड़ी पड़ी है कपड़ों की.. जैसे तुझको मेरे साथ सोना हो। सोना तो मुझको है अपने पति के साथ.. और मुझे ऐसे ही नंगे चिपक कर सोना है। तुमको कोई दिक्कत है तो जा.. कमरे के बाहर दफा हो जा.. उधर बाहर जा कर सोफे पर सो जा!
नेहा डॉक्टर सचिन से बोली- इस साले की गांड में मिर्च लग रही है। नेहा हँसती हुई डॉक्टर सचिन से चिपक कर उनके कंधों पर सर रख कर लेट गई। वो उनके सर के बालों में उंगलियों से सहलाने लगी। ‘इस भोसड़ी वाले की गांड में मिर्च लगने दो यार..’ डॉक्टर सचिन बोले- तुम बोलो तो इसकी गांड में सच में लाल मिर्च लगा दूँ..
और हँसने लगे। वो बोली- छोड़ो यार आओ न जान.. अब वो दोनों बिल्कुल नंगे होके चिपक कर लेट गए। नेहा बोली- यार इतनी मस्त चुदाई करते हो न जानू.. तुम मुझे पूरा निचोड़ देते हो। डॉक्टर साहब बोले- हम्म.. मजा आया? नेहा बोली- बहुत.. मेरी जान आई लव यू पतिदेव। डॉक्टर साहब बोले- आई लव यू टू पत्नी जी।
मैं हमेशा की तरह बिस्तर के किनारे अपने लंड पर हाथ रख कर सो गया। मेरी हिंदी सेक्स स्टोरीज पर आपके विचार आमन्त्रित हैं। [email protected]
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