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सभी अन्तर्वासना पर हिंदी सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले पाठकों को आदर सहित प्रणाम! मेरा नाम विक्की है, मैं नई दिल्ली के पूर्वी भाग में रहता हूँ। मैं दिखने में काफी क्यूट लगता हूँ। मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है.. शरीर सामान्य है।
यह मेरी पहली कहानी मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में है.. जो मेरे ही घर के पास ही रहती है, साथ ही यह मेरी जिंदगी के पहले सेक्स की कहानी है। किसी ने सही कहा है कि जो मज़ा पहली बार आता है.. फिर कभी नहीं आता है।
हम दोनों का मिलना-जुलना स्कूल में हुआ था लेकिन फिर मेरे घर वालों ने मेरा दाखिला हॉस्टल में करवा दिया। मैं उसे भूल चुका था।
फिर दो साल बाद जब मैं 12वीं पास करकर दिल्ली वापस आया तो मैंने उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। कभी-कभी कहीं आते-जाते समय वो मुझे देखकर हल्की सी स्माइल देती थी लेकिन मैंने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया।
एक दिन जब मैं बाइक से पास के मंदिर में जा रहा था, तो मुझे वो रास्ते में मिली, उसने मुझे हाथ दिखाकर रोका। मैंने ब्रेक मारे और रुक गया, वो मुझसे कुछ नहीं बोली.. सीधे आकर मेरा हाथ पकड़ लिया और रोने लगी। मैंने पूछा- क्या हुआ.. दीप्ति क्या बात है क्यों रो रही हो?
सीधा वो मेरे पास आई.. मेरे गालों पर किस किया और बोली- आई लव यू! मैं ‘धक’ से रह गया।
फिर मुझे पुरानी बातें याद आ गईं.. जो वादे मैंने उससे हॉस्टल जाने से पहले किए थे कि उसे कभी नहीं भूलूंगा।
मैंने उसे बाइक पर बिठाया। उसे इधर उधर घुमाकर उसके घर छोड़ आया। रास्ते में हमने अपने नंबर एक-दूसरे को दिए।
बस फिर क्या था.. हमारी प्यार की कहानी फिर शुरू हो गई। अब वो पहले से बहुत ही ज्यादा सेक्सी हो गई थी। उसकी 5 फुट 6 इंच हाइट, भरे हुए 34 इंच की छातियाँ.. और 30 इंच की बलखाती हुई कमर.. पीछे 36 इंच के उठे हुए चूतड़.. सच में क्या क़यामत ढाती हुई माल थी। उसके कामुक शरीर को वही जान सकता है.. जो उसके पीछे पड़ा हो।
अब हमारा मिलना-जुलना शुरू हो गया। किस तो लगभग हम रोज ही करते थे।
एक रात को हम बात कर रहे थे। उसने मुझसे कहा- कल मुझे तुमसे मिलना है। मैंने पूछा- कहाँ? तो वो बोली- मेरे घर पर कोई नहीं है। मेरे घर ही आ जाना.. जब भी आना होगा.. समय मैं बता दूँगी।
उसकी बात सुनकर मेरा लंबा लंड खड़ा हो गया, पूरी रात मैं आने वाले कल के बारे में ही सोचता रहा था। फिर मैं एक बार मुठ मार कर सो गया।
सुबह उठ कर तैयार हुआ और उसके मैसेज या काल का वेट करने लगा।
सुबह 9 बजे उसका काल आया- आ जाओ.. घर पर कोई नहीं है।
मैंने बाइक निकाली और पहुँच गया, मैंने उसके घर के नीचे बाइक लगाकर ऊपर देखा.. तो वो ऊपर खड़ी होकर मुझे देख रही थी। मैंने आँखों से नीचे आने का इशारा किया, उसने आँखों से सहमति जताई।
उसने नीचे आकर गेट खोला.. मुझे हाथ पकड़ कर अन्दर बुलाया, फिर गेट बन्द किया। मुझे सोफे पर बिठा कर वो खुद चाय बनाने रसोई में चली गई।
मुझे पता था आज इसकी चूत पक्की मिलनी है, मैंने आराम से बातें करते हुए थोड़ा सब्र रखा, फिर चाय पी और एक-दूसरे की आँखों में देखते रहे। उसने लाल रंग की मिनी स्कर्ट के साथ रेड टॉप पहना हुआ था.. जिसमें वो एक क़यामत लग रही थी।
मैंने उसे अपने पास बुलाया और अपनी जांघों पर बिठा लिया। फिर हमने किस शुरू की.. किस क्या लिया.. समझो जन्नत का मजा मिल गया। मैंने उस दिन उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिए, अब कभी वो मेरे होंठ काटती.. कभी मैं उसके!
ऐसे ही लगभग दस मिनट तक चलता रहा। फिर मैंने उसकी चूचियों पर हाथ लगाया। पहले तो उसने हटा दिया.. मगर दोबारा रखने पर अपने हाथ से मेरे हाथ को दबाने लगी।
मैंने उसे एक किस देकर खड़ा किया और उसके रूम में चलने को कहा। हम दोनों कमरे में आ गए।
वहाँ पहुँचने के बाद जैसे ही कमरे का गेट बन्द हुआ.. फिर क्या था। हम दोनों सेक्स के भूखे प्रेमी.. एक-दूसरे पर टूट पड़े। मैंने उसका टॉप उतारा, मैं उसकी चूचियों से खेलने लगा.. कभी चूसता, कभी काटता, कभी दबाता।
मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी। उसने रेड पैंटी पहनी थी.. ब्रा पहनी ही नहीं थी.. मैंने उसे नंगी कर दिया।
अब कमरे में हम दोनों बिल्कुल नंगे थे… वो थोड़ा शर्मा रही थी, उसने मुझसे लाइट बन्द करने को कहा, मैंने मना कर दिया। फिर मैंने उसको किस करते हुए अपना हाथ उसकी चूत पर रखा और दबाने लगा, वो जोर-जोर से साँसें लेने लगी। अब उसका हाथ मेरे लंड पर था.. जिसको शायद वो नापने की कोशिश कर रही थी।
फिर उसने मेरी टी-शर्ट में हाथ डाला और उतार दी.. और लोवर उतारने को बोला। मैंने कहा- खुद ही उतार ले। उसने अंडरवियर के साथ ही लोवर नीचे खींच दिया।
बस फिर क्या लंड उसके उसके मुँह के बिल्कुल करीब ही था। वह थोड़ा खुश हुई.. उसने लंड को किस किया और मुँह में लेकर कुल्फी की तरह चूसने लगी। अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
वो एक बार झड़ चुकी थी.. पर मेरा बाकी था। मैं खड़ा हुआ और उसे एक किस करके चुदाई के लिए बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने उसकी कमर के नीचे तकिया लगाया और चूत पर लंड रगड़ने लगा।
वो बहुत ज्यादा बेचैन हो रही थी, मैं दीप्ति के मुँह से सुनना चाहता था, तभी वो बोली- जानू करो ना प्लीज़। मैंने उसके उसके मुँह पर हाथ रखा और हल्का सा धक्का दे दिया।
बेशक यह हम दोनों का पहला सेक्स था पर हम दोनों को अन्तर्वासना के द्वारा ज्ञान पूरा मिला हुआ था। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
अब मेरा लंड एक इंच उसकी चूत के अन्दर जा चुका था, वो हल्की सी कसमसाई.. फिर बोली- और अन्दर करो। मैंने उसके मुँह पर टाइट हाथ रखा.. और जोर का धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी उसकी चूत में घुस गया था। उसकी सील टूट चुकी थी.. मेरी भी।
दर्द उसे भी हो रहा था.. मुझे भी, पर आवाज किसी ने नहीं की।
उसकी आँखों से आंसू आने लगे। मैंने नीचे देखा चूत से खून निकल रहा था। मैंने दीप्ति को नीचे देखने नहीं दिया और किस करते हुए धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा। पूरा लंड उसकी चूत में था।
धीरे-धीरे वो भी साथ देने लगी। फिर हमने डॉगी स्टाइल में भी सेक्स किया। बहुत मज़ा आ रहा था। पूरे कमरे में चुदाई की सिसकारियां उम्म्ह… अहह… हय… याह… ही सुनाई दे रही थीं। कुछ मिनट की चुदाई के दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी। मैंने भी अपना माल उसकी चूत के अन्दर ही निकाल दिया।
वो और मैं दोनों बहुत खुश थे। हम साथ में नहाए.. मैंने नहाते समय उसको खूब लंड चुसाया और मुँह में ही झाड़ दिया, वो सारा रस पी गई।
हमने बाहर आकर एक-दूसरे का शरीर तौलिये से पौंछा.. कपड़े पहने। लोवर पहनते समय कंडोम का पैकेट नीचे गिर गया.. जिसे देखकर हम दोनों हँसने लगे। वो बोली- आज पूरे प्लान के साथ चुदाई करने ही आए थे क्या? मैं कुछ नहीं बोला।
मैंने अपना फ़ोन उठाया.. बाइक की चाबी ली। उसे एक किस किया.. और ‘आई लव यू’ बोला। फिर मैं चला आया।
उसके बाद हम हर हफ्ते चुदाई करते हैं। अब मेरा सिलेक्शन नेवी में हो गया है.. तो मुझे उसे छोड़ कर जाना पड़ रहा है।
कैसी लगी आपको मेरी पहली सेक्स स्टोरी हिंदी में। प्लीज़ अपने विचार जरूर भेजें। [email protected]
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