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तो कैसे है आप लोग ? आज मैं आपको अपनी एक हिंदी सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने एक शादीशुदा महिला के साथ रंग रलियाँ मनाई जो रोज़ मेरे घर के सामने कुत्ता घुमाने आती थी।

मेरा नाम पंकज है और मैं इंदौर का रहने वाला हूँ। हाइट 6 फुट, छाती चौड़ी और हैण्डसम तो मैं बचपन से हूँ। मेरी उम्र 27 साल है और मैं इंदौर में जॉब करता हूँ।

वैसे मेरा परिवार ग्वालियर में रहता और मैं यहाँ इंदौर में गांड मराता हूँ मेरा मतलब जॉब। मेरे साथ मेरे दो दोस्त रहते है जिन्होंने मुझे उस औरत को पटाने में बहुत मदद की। तो आईये कहानी शुरू करते है बिना किसी बकचोदी के।

मैं यहाँ इंदौर में एक साल से रह रहा हूँ लेकिन अभी लगभग दो महीने पहले की बात है जब मैं बालकनी में खड़ा था तभी मेरी नज़र नीचे से आती एक औरत पर पड़ी। माँ कसम बहन चोद क्या माल लग रही थी क्या बताऊँ? मैं जल्दी से नीचे गया और उसको देखने लगा।

उसने पिंक सूट पहना था ब्लैक लैगी और दिखने में तो क़यामत, प्यारा सा गोल चेहरा, पिंक पिंक से गाल, होंठों पे लाल लिपस्टिक और हवा में लहराते बाल, मैं तो वहीँ फ्लैट हो गया था।

तभी मेरी नज़र उसके मांग में भरे सिन्दूर पर पड़ी और बैकग्राउंड में गाना शुरू हो गया जग सूना सूना लागे। मेरा तो मतलब दिल ही टूट गया था और उस आदमी के लिए गालीयाँ निकल रही थी जिसने इससे शादी की थी।

एक दिन की बात है उसका पति और वो दोनों साथ में शाम को निकले और मैंने देखा कि उसका पति तो बहुत बड़ा बकलोल दिखता था। मेरे अन्दर कॉन्फिडेंस और आशा की किरण दोनों जाग उठी और मैंने मन बना लिया कि अब कुछ भी हो जाये इसको पटाना है मतलब पटाना है।

मेरे दोस्तों ने मुझे बहुत से आईडिया दिए लेकिन सब ऐसे ही थे, कुछ ख़ास नहीं थे इसलिए मैं कुछ दिन तक उसको सिर्फ देखता रहा और आँखें मिलाता रहा और वो भी कभी कभी मुझे देख लिया करती थी।

एक दिन मैं उसके पीछे गया और मैंने उसके घर पर एक बोर्ड देखा जिसमें लिखा था घर बेचना है। बस मुझे मिल गया आईडिया, अगले दिन मैं सीधा उसके घर पहुँच गया। उसने दरवाज़ा खोला और पूछा जी क्या काम है ?

मैंने कहा मैंने वो बाहर बोर्ड देखा घर बेचने का, तो पूछने चला आया। तो उसने मुझे अन्दर बुलाया और बैठके हम दोनों ने बहुत बातें की। तब उसने कहा अच्छा मैंने आपको देखा है, आप यहाँ आगे रहते है न ? तो मैंने कहा हाँ।

फिर उसने कहा अच्छा आप जहाँ रहते है वहां कुछ प्रॉब्लम है क्या ? तो मैंने कहा नहीं बस एक अपना घर होना चाहिए। फिर उसने कहा अच्छा ठीक है मैं चाय बना के लाती हूँ और उसके बाद हमने चाय पी और उसके थोड़ी बाद मैं चला गया।

मैंने उससे उसके पति के बारे में भी पूछा था उसकी अपनी एक दूकान थी जो घर से काफी दूर थी इसलिए वो ये घर बेच रहे थे। उसके बाद रोज़ शाम को मेरी और उसकी बातें होने लगी, मैंने उससे कहा था एक दो महीने बाद मैं घर ले लूँगा लेकिन मेरा इरादा तो कुछ और ही था।

एक दिन शाम के वक़्त मैंने अपने दोस्तों से कहा जब वो आये तो मुझे बताना और मैंने अपने एक दोस्त से कार ली और जब वो मेरे घर के पास आई, तो मैंने उसके पास कार लगाई और कहा अरे आप आईये मैं उसी तरफ जा रहा था आपको छोड़ देता हूँ। वो कार में बैठ गई और मैंने उसको घर छोडा।

उसने मुझसे पूछा कार आपकी है क्या ? तो मैंने कहा हाँ मेरी है और ये सुनने के बाद उसने मुझसे कहा आईये चाय पीते है, तो मैंने एक बार मना किया लेकिन उसने जब दूसरी बार कहा तो मैं चल पड़ा।

हमने अन्दर चाय पी लेकिन इस बार उसका अंदाज़ कुछ बदला हुआ सा था जैसे उसको मेरे में इंटरेस्ट आने लगा हो। उसने मुझसे पूछा अच्छा आप कितना कमाते हो ?

तो मैंने कहा 1 लाख महीना, जबकि 15,000 कमाता था। जैसे ही मैंने ये कहा उसकी आँखों में एक अलग सी चमक आ गई।

उसने कहा अच्छा आपने घर तो देखा ही नहीं आईये मैं आपको घर दिखा देती हूँ और उसने मुझे पूरा घर दिखाया और कहा अच्छा आप अपना नंबर दे दीजिये और मैंने दे दिया।

उसी दिन रात में उसका कॉल आया और उसने कहा आप क्या कर रहे है ? तो मैंने कहा बस ऑफिस का काम कर रहा था। तो उसने कहा अच्छा आपको कुछ भी काम हो तो मुझसे बात कर लेना, वो मेरे पति एक हफ्ते के लिए बाहर जा रहे है और इस बीच आपको कुछ भी काम पड़ा तो मुझसे कांटेक्ट कर लेना।

पहले तो मुझे उसकी बात समझ में नहीं आई लेकिन थोड़ी देर बाद जब मेरी घंटी बजी, तो मैंने अपने दोस्तों को पूरी बात बताई और कन्फर्म किया कि वो पट गई की नहीं और उन्होंने मुझे हरी झंडी दे दी।

फिर मैंने उसके व्हाट्सअप पर मैसेज किया कल आप मेरे घर आ जाईये पेपर्स के बारे में कुछ बात करनी है और उसने कहा ठीक है आ जाउंगी।

फिर अगले दिन सुबह उसका मैसेज आया एक काम कीजिये आप मेरे घर आ जाईये और मैंने भी कोई सवाल नहीं किया और उसके घर पहुँच गया। जब मैं उसके घर में घुसा तो माहौल कुछ खुशनुमा लगा जैसा सुहागरात के वक़्त होता है और खुशबू भी बहुत प्यारी आ रही थी।

मैंने नाश्ता किया और उसके बाद उसने कहा अच्छा आज आप खाना भी कहीं खाके जाना और वो किचन में चली गई। मैंने भी हिम्मत की और उसके पीछे पीछे किचन में पहुँच गया और जाके उसको पीछे से कस के पकड़ लिया।

मैंने उसके कान में कहा घर लेना तो एक बहाना था मुझे तो तुम चाहिए। तो उसने कहा मैं शादीशुदा हूँ और उसने खुद को मेरी पकड़ से छुड़ा लिया।

तो मैंने कहा ठीक है तुम्हारे पति से भी बात कर लेंगे और उसके पास जाता गया और उसको किस कर दिया। उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया और नज़रें झुकाके खड़ी रही।

मैंने कहा देखो यहाँ जो भी होगा उसका पता किसी और को नहीं चलेगा और फिर से उसको किस करना शुरू कर दिया। मैं उसको किस करता रहा और फिर उसने भी पकड़ लिया और किस करने में मेरा साथ देने लगी।

फिर मैं उसके गले को चूमते हुए उसके ब्लाउज तक पहुँचा और उसका ब्लाउज खोला और ब्रा भी और उतार दिया। फिर मैंने उसके दूध पकड़े और दबाते हुए चूसने लगा और वो हलकी हलकी सिसकियाँ लेने लगी।

उसके दूध ज्यादा बड़े नहीं थे लेकिन जैसे भी थे बहुत मस्त थे, मैं उसके निप्पल को दांत से पकड़ के खींच रहा था और मेरा सर पकड़ के मेरे बाल सहला रही थी।

मैंने थोड़ी देर तक उसके दूध चूसे और फिर मैं अपनी पैंट खोलने लगा तो वो नीचे बैठी और जैसे ही मेरा लंड बाहर निकला उसने मेरा लंड पकड़ा और हिलाते हुए चूसने लगी।

वो थोड़ी देर तक नीचे बैठ के मेरा लंड चूसती रही और मैं खड़े होकर उसको अपना लंड चूसते देखता रहा। उसने थोड़ी देर वो उठी और गैस के बाजू में जो जगह थी वहां बैठ गयी।

मैंने उसकी टांगे उठाई और उसकी पैंटी उतार दी और उसकी सारी ऊपर करके उसकी चूत चाटने लगा। उसकी चूत बिलकुल चिकनी थी जैसे कल ही बाल बनाये हो। इसका मतलब उसको भी चुदना था लेकिन औरतें नखरे चोदने से कहाँ बाज़ आती है।

थोड़ी मैंने देर तक उसकी चूत चाटी और वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआ आआअ हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करती रही। फिर मैं खड़ा हुआ और उसकी चूत में लंड डाल दिया और झटके मार मार के उसको चोदने लगा।

मैं उसको झटके मारे जा रहा था और वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआआ आआअ हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हह्ह्ह करती रही। थोड़ी देर बाद मैंने अपनी स्पीड तेज़ की और जल्दी जल्दी उसको झटके मारने लगा और वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआ आआअ हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करती रही।

थोड़ी देर बाद मेरा मुट्ठ निकलने को हुआ और उसने कहा अन्दर ही गिराना और मैंने पूरा माल उसकी चूत में ही गिरा दिया और जब मेरा मुट्ठ उसकी चूत में गिर गया तो मैं उसकी चूत में ही लंड डाल के खड़ा रहा और उसको किस करता रहा।

तभी थोड़ी देर बाद उसने खाना बनाया और हमने खाना खाया लेकिन बिना कपड़ो के। फिर जब हमने खाना खा लिया तो हमने फिर चुदाई की और उसके बाद एक महीने तक मैं उसके घर पहुँच जाता था जब उसका पति घर पर नहीं होता था और चुदाई करता था।

तो दोस्तों आपको मेरी ये हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे कमेंट्स में बताइए!

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