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अब तक आपने पढ़ा.. शादी के बीच में ही मेरी बेटी छत पर दो लौंडों के साथ अपनी जवानी के मजे लूट रही थी और मैं दूर खड़ा उसकी चुदाई के सीन देख रहा था। अब आगे..
प्रशांत ने अब अपने लंड को हाथ में पकड़ा और बोला- ये तुम्हारे मुँह को ढूँढ रहा है… इसे अपने मुँह में लेकर खड़ा कर दो न? ‘मुँह में? मेरा लहंगा ख़राब हो जाएगा यार!’ ‘कुछ नहीं होगा यार.. प्लीज़..मेघा..’
‘ठीक है..’ मेघा ने अपने हाथ से प्रशांत को छाती पर मस्ती से मारा और वो अपने लहंगे को बचाती हुई घुटनों के ऊपर बैठ गई। प्रशांत उसके करीब आया और मेघा ने अपना मुँह खोला, प्रशांत ने फट से अपना लंड मेघा के मुँह में घुसा दिया.. गौरव भी अपना लंड बाहर निकाल कर अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा।
मेरे आश्चर्य के बीच मेरी बेटी उस काले लंड को किसी सधी हुई रंडी की तरह चूसने लगी। वही मुँह जिसे मैं चोकलेट खिलाता था.. अभी वो एक काला मोटा लंड चूस रहा था।
मेघा ने गौरव के टट्टे पकड़े हुए थे और वो लंड को जोर-जोर से अपने मुँह में चला रही थी। प्रशांत ने मेघा के खुले हुए बालों को पकड़ा हुआ था और वो उसके मुँह में लंड से झटके दे रहा था।
कसम से शर्मिंदा करने वाला सीन था। फिर उसने अपनी लार और थूक से सना हुआ लंड मुँह से निकाला और गौरव का लंड चूसने लगी।
अब मेरी मुश्किल यह थी कि वो लोग मेरी साइड में खड़े हुए ही सेक्स कर रहे थे। जब मैं यहाँ छिपा तो मेघा की पीठ मेरी ओर थी और अब उसका मुँह मेरी तरफ आ गया था। साला.. मैं तो यहाँ से सर छिपा के भाग भी नहीं सकता था।
गौरव के काले लंड को दो मिनट और चूसने के बाद मेघा ने उसे अपने मुँह मुस्कुराते हुए से निकाला। लंड के ऊपर ढेर सारा थूक लगा हुआ था।
‘खड़ा करो इसको..’ प्रशांत से उसका हाथ पकड़कर खड़ा करना चाहा। गौरव ने भी उसको ऊपर उठाया। प्रशांत ने मेघा को खड़ा किया और दोनों वापस किस करने लगे।
‘मेघा ऐसा करो.. तुम झुक जाओ।’ ‘ठीक है..’ अब मेघा दीवार को पकड़कर झुक गई और उसने अपने लाल लहंगे को ऊपर खींचा.. अन्दर उसकी काली थोंग पैन्टी सुडौल गोरे चूतड़ों पर कसी हुई थी.. जिसे गौरव अपने हाथ से खींचने लगा, उसने चड्डी जांघों पर सरका दी।
‘मज़ा आ गया यार.. यह तो कटरीना और आलिया भट्ट को भी पीछे कर देगी। ऐसी छोटी सी गोरी चूत अचानक मिल जाएगी.. सोचा ही नहीं था।’ प्रशांत उसकी गोरी पिछाड़ी को और चूत को सहलाते हुए बोला।
मेघा की छोटी सी मासूम बिना बाल वाली चूत पीछे से दिखने लगी थी।
‘बातें मत बनाओ यार.. जल्दी से डालो न.. पापा कभी भी आ सकते हैं..’ मेघा ने झुकते हुए अपनी टांगें चौड़ी कर दी थीं।
उसको देख कर प्रशांत ने अपने लंड को थोड़ा मर्दन किया.. मेघा ने प्रशांत के लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बोली- जल्दी करो.. कोई भी आ सकता है.. मेरी मम्मी भी आ सकती हैं। तुम मेरी नहीं चाटोगे डार्लिंग? ‘नहीं अभी टाइम नहीं है.. लेकिन फिर भी थोड़ा सा..’
दोनों हँस पड़े.. क्यूंकि शायद प्रशांत से मजाक में वो कहा था। वो झुककर सच में मेघा की चूत में अपना मुँह लगा कर उसे जोर-जोर से चाटने लगा, मेघा ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर रही थी और प्रशांत के सर को पकड़कर उसके बालों को नोंच रही थी।
प्रशांत ने अब अपनी एक उंगली मेघा की चूत में डाली और उसे अन्दर-बाहर करने लगा।
‘उफ्फ्फ.. प्रशांत आह्ह्ह.. यार खुली छत है यार.. जल्दी करो.. पापा देख लेंगे।’ मेघा की सिसकारियाँ मेरे कानों में टकरा रही थीं। मेरी मासूम अल्हड़ बेटी शादी के घर में दो अंजान लड़कों से चुद रही थी।
प्रशांत ने अब अपनी उंगली चूत से निकाल कर मेघा के मुँह में डाली। मेघा ने उस उंगली को चाट के अपनी ही चूत का स्वाद चखा।
अब प्रशांत का लंड चूत चोदने के लिए फड़क रहा था, उसने मेघा को थोड़ा और झुकाया और उसकी टांगों को खोलते हुए अपना सुपारा चूत की दरार पर रख दिया। उसका लंड मोटा था इसलिए चूत में जाने में कष्ट तो होना ही था।
मेघा ने अपने हाथ से लंड को पकड़ कर उसे चूत पर सही सैट किया। प्रशांत ने एक झटके में आधा लंड अन्दर कर दिया। यह हिंदी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मुझे तो लगा था कि मेघा रो पड़ेगी.. लेकिन उसके चहरे पर सिर्फ हल्का सा दर्द का भाव आया और उसने लंड चूत में सही तरह से ले लिया। इसका मतलब मेघा कॉलेज में लंडखोर थी और उसके लिए बड़ा और मोटा लौड़ा चूत में लेना कुछ नया नहीं था।
प्रशांत नीचे झुका और मेघा की गर्दन चूसने चाटने लगा.. फिर वापस अपनी कमर को एक करारा झटका और देकर उसने लंड पूरा अन्दर कर दिया।
‘आआह्ह्ह्ह.. मर गई यार.. बहुत दर्द हो रहा है.. मैंने सोचा ही नहीं था कि कानपुर के लड़कों का लंड इतना जबरदस्त होता है.. आह्ह्ह्ह..’ मेघा के मुँह से एक घुटी-घुटी सी चीख निकली, मेकअप से पुते उसके गोरे चेहरे पर दर्द और वासना के भाव उभर आए थे।
दीवार से झुकी हुई अपने लहंगे को ऊपर सरकाए मेरी बेटी मेघा चुदाई के लिए मचल रही थी।
‘मैंने भी नहीं सोचा था कि इतनी सर्दी में दिल्ली की मस्त लौंडिया अचानक चोदने को मिल जाएगी।’
मेघा ने अपने हाथ प्रशांत की कमर की चारों ओर लपेटे और उसे अपनी करीब खींचने लगी। प्रशांत जोर-जोर से अपने लौड़े को चूत में अन्दर-बाहर धकेलने लगा। मेघा भी अपनी कमर को हिला कर प्रशांत का लंड अन्दर जड़ तक लेना चाहती थी।
प्रशांत का मोटा लम्बा लंड मेरी कमसिन चुदासी बेटी की हल्के बाल वाली चूत में बहुत टाइट जा रहा था और मेरी चुदक्कड़ बेटी बोल रही थी – आहह्ह.. और जोर से चोद साले.. मादरचोद मेरी प्यासी चूत को मसल दे..
‘अरे वाह तू तो लोकल निकली.. मैं तो कान्वेंट की है यह जानकार तहजीब दिखा रहा था.. वैसे इधर जिसकी शादी है.. उसकी तू कौन है जंगली कुतिया..? आज मैं तेरी नन्ही सी गुलाबी चूत को चोद-चोद कर तुझे कनपुरिया रंडी बना दूँगा। तुम अमीरजादियाँ कभी एक लंड से नहीं खुश होती हो।’
‘मेरे भैया की शादी है..तुम लोग किसकी तरफ से आए हो?’ ‘मेरी बहन की शादी है..’ ‘मेरा भाई आज तेरी बहन की चूत लेगा भोसड़ी के..’
‘और मैं तुझे यहाँ चोदकर हिसाब बराबर कर रहा हूँ.. तुझे हर दिन चोदूँगा.. अपनी रंडी बना लूँगा.. लहंगा सम्भाल कुतिया.. वरना कोई समझेगा कि तेरा देह शोषण हो गया।’
‘आआहह्ह… हाँ बना ले यार मुझे अपनी रंडी.. मेरी कच्ची जवानी को चोदकर मुझे कली से फूल बना दे.. चोद दे इस दिल्ली की बिल्ली को..’
मेरी बेटी मेघा पूरी तरह से वाइल्ड हो गई थी.. उसकी कच्ची जवानी उबाल मार रही थी।
‘प्रशांत अब हट यार मुझे चोदने दे..’ ‘आ जा गौरव.. तू भी चोद ले.. शायद ऐसी हाईप्रोफाइल लड़की की चुदाई तूने पहले नहीं की होगी।’
गौरव ने तुरंत अपना लंड मेघा की चूत में डाल दिया।
‘आआह्ह…मर गई यार.. सीईईईई.. उफ्फ्फ.. तुम दोनों मिलकर दिल्ली की बच्ची को रंडी बना दोगे.. और जोर से गौरव.. आह्ह.. और जोर से..’
गौरव झुकी हुई मेघा की बहुत तेज़ी से चूत मार रहा था। प्रशांत ने अपना लंड वापस उसके मुँह में दे दिया।
कुछ देर तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद गौरव और प्रशांत ने मेघा को फर्श पर झुका कर घोड़ी बना दिया। मेघा ने अपने आपको कसकर साधा हुआ था और प्रशांत ने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।
मेघा ‘आह.. आह.. ओह..’ करती गई और प्रशांत अपना लंड जोर-जोर से उसकी चूत में धकेलता गया।
दस मिनट की पूरी मस्त चुदाई के बाद प्रशांत ने लंड जब बाहर निकाला तो उसके अन्दर से फव्वारा निकल कर मेघा की कमर पर गिरने लगा, कम से कम दस एमएल वीर्य निकल कर मेघा के ऊपर आ गिरा था।
मेघा ने पलट कर प्रशांत के लंड को अपनी जबान से चाट कर साफ़ कर दिया। प्रशांत ने मेघा को खड़ा करके उसे किस दी और फिर दोनों अपने कपड़े ठीक करने लगे। प्रशांत ने कपड़े पहनते-पहनते भी कई बार मेघा के बदन को छुआ.. और एक बाप छिप कर बेटी की चुदाई देखता रहा।
‘मज़ा आ गया मेघा.. तूने हमें अपना ग़ुलाम बना लिया।’ मेघा और वे दोनों अपने कपड़े सही कर रहे थे.. उन तीनों के आने से पहले ही मैं वापस आ गया।
‘बेटा.. कहाँ गई थीं आप..?’ ‘वाशरूम में गई थी पापा..’ ‘हो गया.. अब चलें घर.. सुबह के चार बजने वाले हैं?’ ‘ठीक है चलिए पापा..’
इसके बाद मैं अपनी बेटी मेघा को लेकर वहाँ से निकल गया। पत्नी वहीं रूक गई थी।
अन्तर्वासना के दीवानो, मुफ़्त में मजे लूट रहे हो मेरी नाजुक सी चूत की चुदाई पढ़ पढ़ कर… अरे कुछ कमेंट करो भाई! [email protected]
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