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मैं अनन्त लखनऊ से हूँ और आपके लिए अपनी दीदी की चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ। सभी नौजवान भाइयों, सेक्स से भरी हुई नई-नई कुड़ियों और गदराई हुई लंड की भूखी भाभियों और आंटियों को अनन्त विक्रम सिंह के खड़े लौड़े से सलाम।
चूँकि मैं इसके पहले अपनी चाची और पड़ोस की एक भाभी को चोद चुका हूँ.. तो अब मुझे चूत के लिए खुजली होना शुरू हो गई है। यूं समझिए कि चूत मेरी एक जरूरत बन गई है।
इस बार मैंने अपनी एक दूर की बड़ी दीदी की चूत और गांड चोदी। यह चचेरी दीदी लखनऊ के ‘पत्रकार पुरम’ में रहती है और उसका नाम सपना है। इसके घर में इसका पति यानि मेरा जीजा और इसकी सास और एक 7 साल का बच्चा है। दीदी की शादी को 8 साल हो चुके हैं फिलहाल वो 32 साल की है। आप सब जानते ही होंगे कि 32 साल की शादी-शुदा औरत का फिगर कैसा होता है और उसको चोदने का मजा क्या होता है।
मेरी यह चचेरी बहन भी भरपूर सेक्स से भरी हुई थी और इसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड हमेशा टाइट होता है। मैंने ना जाने कितनी बार दीदी की चुदाई के नाम की मुट्ठ मारी होगी।
खैर.. अब वो उस चचेरी बहन की चूत चोदने का दिन भी आ गया.. जिसका मुझे हमेशा से इंतज़ार था।
हुआ यूं कि अभी नवंबर के अंत में उसके पति और सास 5 दिन के लिए जौनपुर के पास अपने गाँव चले गए।
घर में बस दीदी और उसका बच्चा ही थे। मैं गोमती नगर में ही रहता था तो जीजा ने मुझे अपने घर पर रहने को कह दिया ताकि मैं घर के छोटे-मोटे काम और बाबू को स्कूल छोड़ने और लेने का काम कर दूँ।
मैं मन ही मन खुश था कि 5 दिन तक रोज इसकी ब्रा में मुट्ठ मारूँगा लेकिन मुझे क्या पता था कि मुझे तो दीदी की चुदाई करने को मिलने वाली है।
उन लोगों के जाने के 2 दिन तक मैं अपनी तरफ से छोटी-छोटी कोशिश करता रहता था.. जैसे कम्बल के अन्दर पैर लड़ाना, आते-जाते टकरा जाना या छूने की कोशिश करना.. यही सब चलाया लेकिन 2 दिन तक मुझे कोई रिस्पांस समझ में नहीं आया।
तीसरे दिन जब मैं बाबू को स्कूल छोड़ कर आया और वहीं दीवान पर लेट गया तो 5 मिनट में वो आई और मुझसे खिसकने को बोल कर मेरे ही कम्बल में घुस कर लेट गई। अब तो उसका टच मिलते ही मेरा लौड़ा एक एकदम कड़क हो उठा। ऊपर से उसके जिस्म से आती हुई मादक गंध मुझे मदहोश कर रही थी।
खैर.. मैंने थोड़ा कण्ट्रोल किया.. और उसकी तरफ पीठ करके लेट गया ताकि उसको मेरे खड़े होते लंड का अंदाज़ा ना मिले। लेकिन फिर उसने अपना एक पैर मेरी जांघों पर चढ़ा दिया और हाथ मेरी कमर पर रख दिया। अब तो मेरी और हालात ख़राब हो गई। मैंने सोचा जब इसने इतना कर दिया है.. तो हम भी थोड़ा हिम्मत करते हैं.. अगर मिल गई तो चुदाई.. वरना गांड फड़वाई।
मैंने धीरे-धीरे करवट ली और उसकी तरफ घूम गया लेकिन उसने अपना हाथ और पैर नहीं हटाया.. तो मैंने भी उसके पेट पर हाथ रख दिया और धीरे-धीरे हाथ सरकाते हुए उसकी एक चूची पर रख दिया।
मैं सोने का नाटक जरूर कर रहा था.. पर अन्दर से मेरी बहुत फट रही थी।
खैर.. धीरे से मैंने उसकी चूची को दबाया और धीरे से अपनी आँख खोली तो मैं एकदम दंग रह गया। वो जग रही थी और मुझे ही देख रही थी। मुझसे आँख मिलने पर उसने बड़ी सेक्सी कामुक मुस्कान दी.. तो मैं समझ गया कि ये भी मेरा लंड लेना चाहती है।
बस.. मेरी तो हिम्मत जाग गई.. मैंने भी मुस्कुराते हुए उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए और दोनों हाथों से चूचियों की ताकतवर मालिश शुरू कर दी। इसके बाद उसका दुपट्टा खींच के नीचे फेंक दिया और कुर्ते के बटन खोल कर कुरता भी खींच कर उतार दिया।
क्या ज़बरदस्त सेक्स से भरा हुआ नज़ारा था वो.. ऊपर से वो मादक गंध.. जीन्स के अन्दर मेरा लंड फटा जा रहा था.. मन तो किया कि तुरंत ही लौड़ा पेल कर इसकी जोरदार चुदाई कर दूँ।
इतने में वो उठी और पागलों की तरह मुझे नीचे गिरा कर अपनी कमर तक के घने बाल मेरे ऊपर गिरा कर मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैंने भी ब्रा के ऊपर से ही उसकी दोनों चूचियों को जम कर निचोड़ा, फिर उसकी ब्रा का हुक खोल कर ब्रा भी अलग कर दी। अब उसके मोटे-मोटे चूचे मेरे मुँह पर लटक रहे थे और मैं बारी-बारी से दोनों को चूस और दबा रहा था।
फिर उसने मुझे बताया- मुझे सेक्स की बहुत जरूरत होती है। मेरे अन्दर कुछ ज्यादा ही सेक्स भरा है और मैं कई दिनों से नोटिस कर रही थी कि तुम मेरे साथ अजीब-अजीब सी हरकत कर रहे हो.. तो मुझे समझ में आ गया था कि तुम ही मेरी चूत बजाओगे।
यह सुनकर मैंने उसे गोद में उठाया और बेडरूम की तरफ बढ़ा.. तो वो चिल्लाई- मेरी ब्रा.. कुरता और दुपट्टा भी उठा लो.. वरना अचानक कोई आ गया तो कैसे बाहर जाऊँगी।
लेकिन मेरी हवस जग चुकी थी तो मैंने कहा- तुम गाउन पहन लेना और दुपट्टा ऊपर से डाल लेना।
फिर मैंने उसको बिस्तर पर पटक कर उसकी सलवार उतार दी और तुरंत अपनी जीन्स टी-शर्ट और बनियान भी उतार कर फेंक दी और बिस्तर पर कूद पड़ा।
उसने कहा- कोई नई स्टाइल में करो। मैंने लौड़ा निकाल कर उसके चूचों को चोदना शुरू कर दिया, उसने भी दोनों चूचे अपने हाथ से खूब टाइट करके जम के मेरे लौड़े से अपने चूचे चुदवाए।
इसके बाद मैंने उसके मुँह में लौड़ा पेल दिया और धकाधक दीदी के मुँह की चुदाई करना शुरू की। वो भी एकदम खेली हुई रंडी की तरह मेरा चूस रही थी।
फिर उसने मुँह से लंड निकाला और बोली- बस अब जल्दी से मेरी चुदाई कर दो और सारा माल अन्दर ही गिरा देना।
इस पर मैंने उसकी पेंटी उतार कर उसकी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी। इससे वो और पागल हो गई और मुझे नीचे पटक कर मेरे लंड पर चढ़ गई। फिर धीरे से लौड़ा सैट करके सीत्कार भरते हुए ऊपर-नीचे होने लगी.. मुझे भी मजा आने लगा।
फिर धीरे-धीरे वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड पर कूदने लगी और चिल्लाने लगी- कर दे अपनी दीदी की चुदाई… चोद डाल राजा.. अपनी सेक्सी बहनिया को बहुत दिन से प्यासी है।
यह सुन कर मुझे भी जोश आ गया और मैं भी नीचे से गांड उठा-उठा कर धकापेल धक्के लगाने लगा। इससे उसकी चूचियां बुरी तरह उछलने लगीं और मेरे लंड में और जोश आ गया।
मैं उसकी दोनों चूचियों को दबाते हुए उसको प्यार से चोदने लगा। फिर मैंने उसको थोड़ा नीचे खींच कर उसके चूचे मुँह में लेकर चोदना शुरू कर दिया.. इससे हम दोनों का जोश बढ़ गया।
पूरे कमरे में बस ‘आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओओह्ह.. फक हार्डली एंड फ़ास्ट और फ़च फच..’ की आवाजें गूंज रही थीं।
फिर 3-4 मिनट तक इस पोज़ के बाद मैंने उसको खड़ा करके अलमारी के सहारे झुका कर पीछे से एक बार में पूरा लंड उसकी चूत में ज़ोर से पेला.. जिससे उसकी एक ‘आह..’ निकल गई और वो पलट के कामुक मुस्कराहट देते हुए बोली- ऐसे ही चोदो ज़ोर लगा के।
फिर मैंने उसके दोनों बड़े-बड़े चूचे पीछे से पकड़ दबाते हुए ज़ोरदार धक्के लगाना शुरू किए.. जिससे वो और ज़ोर-ज़ोर से सीत्कार भरने लगी और मेरा लंड भी जोश में आ गया।
बस 2-3 मिनट तक इस तरह चोदने के बाद मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और दीवार से सटा के उसकी गांड के नीचे दोनों हाथ लगा कर लंड फिर से उसकी चूत में पेल दिया। लेकिन उसके वजन की वजह से ज्यादा देर इस पोज़ में चुदाई नहीं हो पाई तो मैंने उसको बिस्तर पर पटक कर उसकी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख कर ‘सट..’ से पूरा लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया.. जिससे वो कामुक तरीके से हँसने लगी।
फिर तो मैंने अंधाधुंध चुदाई शुरू कर दी और वो भी जोश में आ कर तरह-तरह की सीत्कार भरते हुए चुदने लगी।
तभी अचानक गेट की घंटी बजी… कामवाली बाई आ गई थी.. तो मैंने अन्दर से ही आवाज दी- पांच मिनट रुक जाओ.. मैं सफाई कर रहा हूँ और दीदी बाथरूम में है।
इसके बाद मैंने और ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू किया और दोनों चूचियों को जम कर निचोड़ा। करीब 5 मिनट तक पागलों की तरह चुदवाने के बाद उसने अचानक से मुझे बुरी तरह जकड़ लिया और चूमते हुए झड़ने लगी।
जोश में आकर मैं भी झड़ने को हुआ.. तो मैंने लंड बाहर निकाल कर उसके चूचियों को चोदना शुरू कर दिया, फिर मेरी पिचकारी फूटी और सारा माल उसकी चूचियों के ऊपर गिरा.. जिसे उसने अपने दुपट्टे से साफ़ किया और जल्दी से उठ कर अपने कपड़े उठाते हुए बाथरूम में भाग गई।
मेरी दीदी ने जाते हुए मुझसे बोला- जा गेट खोल! मैंने भी जल्दी से कपड़े पहन कर गेट खोल दिया।
जब काम वाली ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर किचन में चली गई.. तो फिर मैंने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया लेकिन उसने मना कर दिया- अभी नहीं.. अभी काम वाली घर में है।
तब मैं वहीं बाथरूम के पास छुप कर खड़ा हो गया और जब थोड़ी देर में वो नहा कर निकली.. तो मैंने उसको पीछे से दबोच कर गोद में उठा लिया और सीधा ले जाकर बिस्तर पर पटक दिया क्योंकि मेरी हवस फिर से जाग गई थी।
लेकिन वो भी परम सेक्सी औरत थी बोली- बस 10 मिनट सबर कर ले राजा.. काम वाली के जाते ही जम कर चोदना अपनी बहनिया को।
फिर उसने ऊपर जाके काम वाली का काम जल्दी ख़त्म करके उसको भेज दिया और दौड़ते हुए नीचे आ गई।
उसके दरवाजे के अन्दर आते ही मैंने उसे तुरंत नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया। उसको वहीं सोफे पर पटक कर उसके मुँह में लौड़ा दे दिया।
इसके बाद मैंने उससे सरसों का तेल लाने को बोला.. तो वो नंगी ही गांड मटकाते हुए तेल लेने चली गई। मैं सोफे पर लेट कर उसको जाते हुए देखता रहा। उसको नंगी आते देख कर मेरा लंड कड़कड़ा गया। मैंने दौड़ कर उसको गोद में उठाया और तेल की शीशी खोल कर उसको चूचों की अच्छी तरह मालिश की, फिर उसकी गांड की मालिश करने लगा।
इसी दौरान अचानक से मैंने दीदी की गांड में लौड़ा ठूँस दिया.. जिससे वो सकपका गई। लेकिन फिर वो बोली- चोदो अपनी दीदी की गांड को अच्छे से।
उसके अन्दर गज़ब का सेक्स भरा है, एक बार भी यह नहीं बोली कि अब मत चोदो। गांड मारने के बाद मैंने सारा माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया और थक कर लेट गया, वो अपने कपड़े पहन कर नाश्ता लेने ऊपर चली गई।
फिर दोपहर में बाबू के सोने के बाद मैंने उसको चोदने के लिए छत पर बुलाया तो उसने रात में चुदवाने की बात कही।
रात में 11 बजे जब उसका बच्चा सो गया.. तो 12 बजे के करीब वो हॉल में आ गई। फिर मैंने दरवाजा बंद करके उसको बियर पिला दी। अब उसका भी भयंकर सेक्स का मूड बन गया था.. तो उसने थोड़ा ना-नुकुर के बाद पी ली।
उसके बाद मैंने स्लो वॉल्यूम पर गाना बजा कर नाईट बल्ब जला कर उसको नाचने को बोला। वो भी नशे में थी.. तो रंडियो की तरह कमर गांड और चूचियां हिला-हिला कर नाचने लगी। मैं बैठ कर देखता रहा और अपना लंड सहलाता रहा।
क्या गज़ब का फिगर था उसका.. उस पर उसकी वो कामुक गंध और सेक्सी नाच.. ठुमकते मम्मे और हिलते चूतड़.. आह्ह.. बहुत मस्त था।
फिर जब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ तो मैंने उठ कर उसका दुपट्टा खींच लिया और एक-एक कर सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया और पटक के जम कर चुदाई की। वो भी ठहरी सेक्सी औरत.. मुझे नीचे पटक कर मेरे लंड पर चढ़ कर ज़ोर-ज़ोर से कूदने लगी।
इस तरह 10 मिनट चुदने के बाद वो झड़ने लगी और उसका सारा माल मेरी जांघों पे गिरने लगा.. चादर भी गन्दी हो गई। मेरा भी झड़ने का समय आ गया था.. तो मैंने उसको नीचे पटक कर उसके ऊपर चढ़ कर दीदी की चूत चुदाई करना शुरू कर दिया। फिर 2 मिनट बाद उसकी चूत में ही सारा गर्म गर्म माल भर दिया। अब वो अपने कपड़े पहन कर अपने कमरे में चली गई और मैं भी सो गया।
उसके बाद अगले 2 दिन तक सुबह से लेकर शाम तक दीदी की दिल खोल के पलंग तोड़ चुदाई हुई। वो इस बार बहुत खुश हो गई थी। शायद ही घर का कोई कोना बचा हो जहाँ मैंने उसको न चोदा हो, छत पर.. खुले में.. रसोई में.. बाथरूम में.. स्टोर में.. जीने में.. कमरे में.. सब जगह चोदा।
फिर जीजा जी के आने के बाद मैं वापस अपने घर आ गया लेकिन अब जब भी उनके घर में जाता हूँ.. उसकी चूत बजा कर ही आता हूँ। कई बार उसने चुदवाने के लिए मुझे दोपहर में भी बुलाया है। कभी-कभी जल्दबाज़ी में सिर्फ सलवार उतार कर ही मैं दीदी की चुदाई करता हूँ।
तो यह है मेरी सेक्सी दीदी की चुदाई की सेक्स कहानी.. जिसके अन्दर बहुत ज्यादा सेक्स भरा है, आप लोगों को कहानी कैसी लगी.. मुझे मेल करके आप बात कर सकते हैं। [email protected]
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