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आसिफ़ मस्ताना का आप सभी पाठकों को प्यार भरा नमस्कार। आपको बता दूँ कि मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज का नियमित पाठक हूँ। मैं रोज प्रकाशित होने नई कहानियाँ जरूर पढ़ता रहता हूँ.. मुझसे आज तक इसकी कोई भी हिन्दी सेक्स स्टोरी मिस नहीं हुई है।
जब मेरे साथ ऐसा हुआ.. तो मैंने बताने के लिए मुनासिब समझा। आज जो कहानी मैं आपके लिए लाया हूँ वो सभी कहानियों से थोड़ा हटकर है। यह घटना करीब दो वर्ष पहले की है जिसे कहानी के रूप में आपके समक्ष लाया हूँ।
बात उस समय की है.. जब मैं 12 वीं पास कर चुका था और कंप्यूटर सम्बन्धी कार्य से जुड़ना चाहता था। मैं कंप्यूटर ज्यादा चलाता भी नहीं था.. पता नहीं कहाँ से मुझमें इतनी ललक आ गई कि मैंने कंप्यूटर शॉप यानि की कैफे खोलने की ठान ली और कुछ दिनों के बाद मैंने पापा से पूछ कर कैफे खोल ही लिया।
दोस्तो.. आप यकीन नहीं मानोगे.. मैंने 8 वीं क्लास से कंप्यूटर सीखना शुरू किया था और आज मुझे मेरे दोस्त कंप्यूटर का मास्टर कहते हैं।
इस कहानी आप सेक्स का सही मज़ा लेंगे जो कभी नहीं लिया होगा। मेरा लंड लम्बा और मोटा है.. जिसे देख कर अच्छी से अच्छी लड़कियों की चूत गीली हो जाती है।
ठंड के टाइम की बात है.. मैं अपने कैफे में बैठा हुआ था। कुछ देर के बाद एक खूबसूरत सी लड़की मेरे पास आई.. जिसे मैं देखता ही रह गया। क्या बला थी यारो.. कसम से कयामत लग रही थी.. वो जीन्स में बड़ा जुल्म ढा रही थी।
उसने मुझसे चुटकी बजा कर कहा- कहाँ हो? मैंने कहा- यहीं पर हूँ.. बताइए क्या काम है? उसने कहा- मुझे मेरी फोटो किसी को सेंड करनी है।
तो मैंने कहा- हो जाएगा.. आप बैठिए ज़रा.. और फोटो लाइए मैं स्कैन करके फोटो को तैयार कर लेता हूँ और ईमेल आईडी दीजिए.. जिस पर सेंड करना है। लेकिन उसने आईडी देने से पहले पूछ ही लिया- कितने पैसे लोगे? मन तो किया कह दूँ कि जो मर्ज़ी आए.. दे देना।
मैंने कुछ कहा- ले लूँगा.. काम तो हो जाने दो। वो नहीं मानी.. वो बोल तो ऐसे रही थी.. जान कसम उसके मुँह से रस टपक रहा हो.. पर उसे क्या पता मेरा तो नीचे से टपकने के लिए तैयार हो गया था। मैं उससे ज़्यादा कुछ नहीं बोल पाया और स्कैन करके उसकी फोटो को सेंड कर दिया।
काम होने के बाद उसने पैसे पूछे- कितना हुआ? मैंने कहा- जो मन में आए दे दो।
वो मुझे बीस रुपए थमा कर चली गई और एक स्माइल पास कर गई।
उसके बाद में उसकी फोटो को ही देख कर मुठ मार लिया करता था। कसम से उसको एक बार आप भी देख लोगे ना.. तो आपका अपने आप ही छूट जाएगा।
फिर एक दिन मैं कैफे में बैठ कर उसकी फोटो को देख कर हाथ से रहा था.. तो वो लड़की.. जिसका नाम मुझे नहीं पता था.. वो अचानक से आ गई और उसने वो सब देख लिया.. जो मैं देख रहा था।
उसने आव देखा ना ताव और बोल ही दिया- अरे मैं इतनी पसंद हूँ तो फोटो में देख कर क्यूँ करते हो.. रियल में कर लो।
मैं एकदम से चौंक गया.. जैसे किसी ने 440 वोल्ट का झटका मार दिया हो। मेरा केबिन था.. इसलिए बिना पर्मिशन के कोई अन्दर नहीं आ सकता था। पता नहीं वो कैसे आ गई। उस दिन की ख़ास बात थी कि कैफे में ठंड की वजह से कोई नहीं आया था और गेट भी अपारदर्शी था.. जिसके कारण कोई बाहर से अन्दर का नहीं देख सकता था। मैंने सोचा कि बेटा मस्ताने अच्छा मौका है.. कर ले.. ऐसा मौका बार-बार नहीं आता।
मैंने जल्दी से उठ कर अन्दर से गेट लॉक किया। अन्दर आते ही मैंने उसे कुर्सी पर धक्का दे दिया और होंठों पर होंठों को लगा दिया। देर तक हमारी चुसाई चलती रही। फिर हम दोनों एकदम खुल गए थे.. तो मैंने उससे पूछ ही लिया- तुम इतनी जल्दी तैयार कैसे हो गईं?
तो उसने जवाब दिया- लड़की की जवानी के बाद उसकी चूत में खुजली होती रहती है.. और वो अन्दर ही अन्दर उंगली डाल-डाल कर खुद को शांत करती रहती है। उसे ये भी नहीं पता होता कि ये खुजली मचती क्यूँ है।
‘तुमको ये खुजली कब से होना शुरू हुई..?’ ‘एक दिन में मूवी देख रही थी.. उसमें ग़लती से हॉलीवुड मूवी वाला चैनल लग गया और उस पिक्चर में वही सीन चल रहा था.. जो अभी चल रहा है। तब मैंने देखा कि लड़के लड़की की गर्मी कैसे खत्म होती है।’
मुझे उसकी बातों में मजा आ रहा था। मैंने उससे कहा- मतलब तुम सब कुछ जानती हो कि कैसे क्या होता है? तब उसने कहा- छोड़ो इन बातों को.. और मज़ा लो मेरी इस चूत का.. अगर तुम इसकी प्यास बुझा दोगे तो तुम्हें कभी नहीं भूल नहीं पाएगी।
इतना कहते-कहते उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपनी ओर खींच लिया। उसका बदन एकदम आग की भट्टी हो रहा था। उसने अपने होंठ मेरे लबों पर लगा दिए।
यह सब इतनी जल्दी होगा.. मुझे यकीन नहीं था.. पर उसका शरीर बहुत ही तेज गरमाया हुआ था। उसकी साँसें बहुत तेज चलने लगीं.. उसने मुझे ज़मीन पर धक्का दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई। ऐसा लग रहा था कि वो मेरा देह शोषण करने वाली है। मैं कुछ समझ पाता.. उससे पहले ही उसने मेरी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिए।
मेरा सीना बहुत चौड़ा है.. मेरे चौड़े सीने पर उसने चुम्बन करना शुरू किया। मेरी छाती की घुंडियों को वो ऐसे चूसने लगी, जैसे कोई बच्चा दूध पीता है।
मेरी मर्दानगी भी अब जोश मारने लगी। मेरा लंड अब एकदम फ़ड़फ़ड़ा रहा था और उसकी नाभि के आस-पास कुछ खोजने की कोशिश कर रहा था।
उसे मेरे लंड का आभास हो चुका था। मेरे होंठों को चूसते हुए उसका एक हाथ मेरे लंड को सहला रहा था।
मुझे लगा कि आज मुझे कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आज वो अपनी चूत की आग अपने आप बुझा लेगी। चूमने चाटने में बीस मिनट कैसे निकल गए.. पता ही नहीं चला।
अब मैं और वो दोनों चुदाई की आग में जलने लगे। लग रहा था कि आज वो अपनी भूखी चूत की आग पूरी तरह से बुझा कर रहेगी। वो भी क्या करती.. उसकी चूत के दरवाजे ने लम्बे अरसे से कोई लंड नहीं लिया था।
वो मेरे लंड पर अपनी चूत ऐसे रगड़ रही थी.. जैसे मेरे पैन्ट के अन्दर से ही अपनी चूत की आग बुझा लेगी।
ये सब बहुत देर तक चलता रहा। अब मेरी बारी थी, मैंने उसको नीचे आने का इशारा किया.. वो तुरन्त मेरे पास लेट गई और अपने निप्पल मसलने लगी। वो अपने ऊपर काबू नहीं रख पा रही थी।
मैंने उसका टॉप उतारा और उसकी गुलाबी ब्रा के ऊपर से उसके चूचे चूसने लगा। वो अब पूरी तरह मस्त हो चुकी थी और एक हाथ से मेरा लौड़ा सहला रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूची दबा रही थी।
मैंने धीरे से उसकी जीन्स नीचे खींची, उसकी जाँघें एकदम दूध की तरह सफ़ेद थी और जाँघों के बीच गुलाबी रंग की पैन्टी ऐसे लग रही थी.. जैसे कोई चाँदनी रात में संगमरमर की अधनंगी मूरत हो।
मेरे सब्र का बाँध टूटने लगा था, मेरा लंड बेकाबू हुआ जा रहा था।
उसने बहुत ही चालाकी से मेरा पैन्ट उतार दिया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी। उसने मेरा एक हाथ अपनी चूत पर रखवा दिया और इशारे से सहलाने को कहा।
उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। पैन्टी पूरी तरह भीग चुकी थी। मैंने एक झटके में उसकी चूत पैन्टी से आजाद कर दी।
मैंने ‘पोर्न-मूवी’ में भी ऐसी चूत नहीं देखी थी। उसने मेरा लंड मेरे अंडरवियर के साईड से निकाल लिया और मेरे लौड़े को चूसने लगी। मैं मस्त हो गया और आनन्द लेने लगा। मुझे लगा कि अगर ऐसे ही लंड चुसाई होती रही तो मेरा काम बहुत जल्दी हो जाएगा। मैंने उसको रोका और थोड़ा ऊपर उठने को बोला।
जैसे ही वो ऊपर हुई.. मैंने उसकी चूची पर अपने होंठ रख दिए और आम की तरह चूसने लगा। वो मस्त होकर बहुत ही कामुक आवाजें निकालने लगी। जल्दी ही उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने मेरा सर अपनी चूत पर ऐसे दबा दिया, जैसे वो पूरा सर चूत में ले लेगी। वो झड़ चुकी थी।
मेरा लंड बुरी तरह से अकड़ रहा था। मैंने देर न करते हुए अपना ‘मस्त-कलन्दर’ उसकी चूत में डाल दिया। पर मेरा लंड अन्दर जाने की बजाय स्लिप हो गया और अन्दर नहीं गया।
वो तड़प उठी, फ़िर उसने देर न करते हुए मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत का रास्ता दिखाया और मुझसे धक्का मारने को इशारा किया। मैंने थोड़ा दबाव बढ़ाया तो मेरा आधा लंड चूत के अन्दर चला गया। मुझे ऐसा लगा कि मेरा लंड किसी जलती हुई भट्टी में चला गया हो।
उसकी चूत इतनी ज्यादा कसी हुई नहीं थी.. पर गर्म इस कदर थी कि किसी भी लंड को जल्दी ही पिघला दे। वो मस्त हो चुकी थी और अजीब-अजीब सी आवाजें निकाल रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
थोड़ी देर तक मैंने अपनी चुदाई-गति सामान्य रखी, पर जैसे ही मुझे लगने लगा कि अब कम स्पीड से काम नहीं चलेगा, तो मैंने ‘टॉप-गेयर’ डाला और फ़ुल स्पीड से चोदना शुरू कर दिया। वो अब ऐसे मस्त थी, जैसे उसे ज़न्नत का आनन्द मिल गया हो।
मैं कभी उसके चूचे चूस रहा था और कभी उसके होंठ को चूस रहा था। मुझे लगने लगा कि मैं जाने वाला हूँ तो मैंने चालाकी से तुरन्त अपना आसन बदल लिया और वो अगले ही पल मेरे ऊपर मेरे लंड की घुड़सवारी कर रही थी।
वो अपने चूतड़ों को इस तरह हिला रही थी.. जैसे पोल-डान्सर हो। एकदम से उसकी गति बढ़ गई और अगले ही पल उसके होंठों की थिरकन बढ़ने लगी और दो मिनट बाद अकड़ने लगी और झड़ गई।
वो मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गई.. पर मेरा पारा अब भी बहुत ज्यादा चढ़ा हुआ था।
मैंने उसे फ़िर से नीचे लिया और अपना लंड फ़िर से चूत की गहराई में उतार दिया। पंद्रह-बीस तगड़े झटके देने के बाद मैं आने वाला था, मैंने उससे पूछा- मैं आने वाला हूँ.. कहाँ निकालूँ? उसने नशीली आवाज में बोला- चूत बहुत प्यासी है इसकी प्यास बुझा दो..
मैंने अपना पूरा माल उसकी प्यारी सी चूत में उड़ेल दिया।
हम दोनों एसी में भी पसीने-पसीने हो चुके थे। मैं उसके ऊपर ऐसे ही दस मिनट तक पड़ा रहा। वो बहुत खुश लग रही थी।
आशा करता हूँ कि आपको मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी पसंद आई होगी।
अगर आपका प्यार और आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करते रहे.. तो मैं लिखता रहूँगा। [email protected]
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