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एक बार फिर दारू का दौर चला, सभी मर्द और औरतें हर पल का मजा ले रही थी और किसी को कुछ भी दिक्कत नहीं हो रही थी। दारू का दौर, सिगरेट के धुएं से बनते हुए छल्ले और उसके बाद हम औरतें जो हर समय अपनी चूत की प्यास बुझाने के साथ-साथ मर्दो के लंड को भी शांत कर रही थी।
दारू के साथ साथ हम सभी ने खाना खाया और फिर थोड़ी देर के लिये टहलने के लिये चल दिये। अभी तो काफी लंबा प्रोग्राम था इसलिये थोड़ी ही देर में हम सभी लोग वापस आ गये।
एक बार फिर राउन्ड शुरू हो चुका था और टोनी ने बोतल घुमानी शुरू की और बोतल रूकी दीपाली की तरफ! दीपाली मुस्कुराकर मेरी तरफ देखने लगी, हम दोनों ने आपस में ही एक दूसरे को आँखों ही आँखो में इशारा किया, दीपाली मुस्कुराती हुई खड़ी हुई और बोली- मेरे प्यारे पति देव लोग!
इस पर सभी हँसने लगे तो वो सबको चुप कराते हुए बोली- इसमें हँसने जैसी कोई बात नहीं है। तुम लोग हम औरतों के पति ही तो हो और हम औरतें तुम लोगों की पत्नियाँ!
फिर दीपाली अभय की तरफ गई और उसके हाथों को अपने हाथों में लेकर बोली- अभय यह मेरे लिये भी मुश्किल है और तुम्हारे लिये भी और इसमें दर्द भी ज्यादा है। लेकिन अब मेरी बारी है कि मैं अपनी मन की ख्वाहिश को तुमसे पूरी कराऊँ।
अभय सर भी उत्साह में आते हुए बोले- हाँ हाँ, क्यों नहीं, जब तुमने मेरी बात पूरी की है तो मैं भी तुम्हारी हर बात पूरी करूँगा।
अभय सर का इतना बोलना था कि दीपाली ने टोनी और अमित के हाथ को पकड़ के अभय सर के बगल में खड़ा किया और खुद अभय सर के पीछे खड़ी होकर उसके निप्पल के मसलते हुए बोली- मेरी जान, इस खेल में टोनी और अमित ये दोनों भी शामिल है। और ये जो तुम्हारे साथ करेंगे उसमें तुम्हें थोड़ा दर्द होगा, लेकिन अगर तुम्हें दर्द मासूस हो तो तुम खुल कर चिल्ला सकते हो।
अभय सर तुरन्त ही बोल पड़े- मेरी जान, तुम तो ऐसा कह रही हो कि ये दोनों मेरी गांड मारेंगे? ‘बिल्कुल सही पकड़ा है तुमने!’ जोर से हँसते हुए दीपाली अभय सर के सामने आ गई।
अभय सर गिड़गिड़ाते हुए बोले- दीपाली, मेरी जान कुछ और करवा लो, लेकिन मेरी गांड मत मरवाओ!
दीपाली बोली- देखो अभय, यह पहले ही तय हो चुका है कि कोई पार्टनर अगर अपने पति या पत्नी से कुछ भी करने को कहेगा तो वो न नहीं करेगा, बल्कि सब उसके उस टॉस्क को पूरा करवाने में हेल्प भी करेंगे। अब तुम चुपचाप अपनी गांड इनसे मरवा लो नहीं तो मैं इनको बोल कर तुम्हारा दैहिक शोषण करवा दूंगी और फिर मैंने भी तो तुम्हारे टॉस्क को पूरा करवाने में तुम्हारी हेल्प की थी।
अभय सर के पास कोई जवाब नहीं था।
तभी दीपाली अमित और टोनी से बोली- तुम दोनों जैसे हमारी चूत और गांड मारने से पहले करते हो, वैसा ही अभय के साथ करोगे और अभय तुम दोनों के लंड को चूसेगा।
सभी लोग तैयार हो गये।
अमित और टोनी ने अभय सर के सारे कपड़े उतारे और उसके निप्पल को चूसने लगे।
इसी बीच नमिता बोली- मैं चाहती हूँ कि सभी मर्द एक दूसरे की गांड मारे। यह बात तो मेरे मन की थी, चलो अच्छा हुआ कि नमिता ने बोल दिया।
तभी टोनी नमिता को चुप कराते हुए बोला- तुम्हारा गेम ओवर हो चुका है। इससे पहले टोनी और कुछ बोलता, मीना बोल उठी- हाँ मैं भी चाहती हूँ कि सभी मर्द एक दूसरे की गांड मारें। जब हम सब तुम्हारे मन की बात मान सकते है तो तुम लोगों को भी हमारे मन की बात माननी होगी।
फिर हम सभी औरतें मीना की हां में हां मिलाने लगी।
तभी रितेश, जो मेरे मन की हर बात करता है, बोल उठा- दोस्तो, मैं भी औरतो से सहमत हूँ। जब ये सब वो सब कुछ कर रही हैं जो हम चाह रहे हैं तो हमें भी उनकी बात माननी चाहिये।
टोनी रितेश के कन्धे पर हाथ रखते हुए बोला- तुझे बड़ी जल्दी है गांड मरवाने की? रितेश भी बड़ा बेशर्म- बोला हां यार, चल इसका भी मजा लेते हैं। कहते हुए रितेश टोनी के पीछे आया और उसकी चड्डी को झटके से उतार फेंक दिया और टोनी के कूल्हे को सहलाते हुए बोला- दोस्तो, टोनी की गांड भी बड़ी चिकनी है।
उसके बाद सभी मर्द अपने कपड़े उतार कर नंगे हो गये और एक दूसरे को सहलाते हुए चूमने चाटने लगे। कभी कोई किसी को चूमता तो कभी कोई किसी को सहलाता। तो कोई किसी के लंड को अपने मुंह ले कर चूसता तो कभी कोई। इस तरह पांचों मर्द एक दूसरे के लंड को अपने-अपने मुंह में लेकर उसी तरह से चूस रहे थे जैसे हम औरतें उनके लंड को चूसती हैं। हम सभी औरतें वहीं आस-पास बैठ कर उन सभी के इस खेल को देखने का आनन्द ले रही थी, बहुत ही मजा आ रहा था।
थोड़ी देर तक लंड चुसाई चलती रही, उसके बाद सभी ने पहले रितेश को पकड़ा और झुका दिया। अभी तक तो सभी को बड़ा मजा आ रहा था पर जैसे ही रितेश को झुकाया गया, वैसे ही रितेश बोल उठा- यार, मेरी गांड मिली है सबसे पहले चोदने के लिये? बाकी सभी एक साथ बोल उठे -हां, तू ही तो तरफदारी कर रहा था तो तेरी गांड का सबसे पहले उद्घाटन होगा।
रितेश सबको झटके देकर खड़ा हो गया और बोला- तुम सभी मेरी गांड चोदो इसकी परवाह नहीं करता, पर अभय से शुरूआत होगी। उसकी गांड चुदाई का सबसे पहले प्रोपोजल आया था, उसके बाद सभी औरतें हम सबकी गांड चुदते हुए देखना चाहती थी।
रितेश का इतना बोलना था कि टोनी और अमित ने अभय सर को पकड़ लिया और उसको झुका दिया। दीपाली ने मर्दों के एक काम को हल्का कर दिया, वो जाकर एक क्रीम का ट्यूब ला कर टोनी को पकड़ा कर बोली- यह ट्यूब तुम लोगों के गांड के लिये काफी है।
टोनी ने ट्यूब से क्रीम निकाली और अभय सर की गांड में लगा दी और फिर धीरे धीरे उंगली से क्रीम को अभय सर की गांड के अन्दर लगाने लगा। पहले उसकी एक उंगली अभय सर की गांड के अन्दर जा रही थी फिर धीरे से टोनी ने अपनी दो उंगली को उनकी गांड के अन्दर डालने लगा।
अभय सर के मुंह में बाकी चारों बारी बारी से अपने लंड को डाल रहे थे।
टोनी काफी देर तक उंगली उनकी गांड में करता रहा, फिर अपने लंड को उनकी गांड में डालने की कोशिश करने लगा। जैसे ही टोनी अभय सर की गांड के छेद में अपने लंड को ट्च करता तो वैसे ही उनका छेद लंड को अपने अन्दर लेने के लिये लप से खुल जाता और जैसे टोनी अपने लंड को वहां से हटा देता, तो छेद बंद हो जाता।
हम सभी औरतें इस सीन को देखकर कमेंट कर रही थी। टोनी ने अभय सर से पूछा- अभय, यह बताओ यार कैसा लग रहा है? अभय सर बोले- यार, बड़ी गजब की खुजली हो रही है और जब तुम्हारा लंड मेरी गांड में टच करता है तो ऐसा लगता है कि अचानक से चाय का गर्म प्याला जिस्म के किसी हिस्से से छू गया है। अब जल्दी से लंड गांड के अन्दर डाल, बहुत खुजली हो रही है।
टोनी लंड को गांड में सेट करता और फिर डालने की कोशिश करता, लेकिन लंड फिसल कर बाहर आ जाता। टोनी ने इशारे से अमित को बुलाया और अभय सर के कूल्हे को फैलाने के लिये बोला। अमित ने टोनी के कहने के अनुसार किया और इस बार टोनी ने लंड को हाथ में पकड़ कर गांड की छेद में सेट किया और एक झटके से लंड को गांड के अन्दर डाल दिया।
लगभग आधे से ज्यादा लंड गांड में घुस चुका था, इधर झटके के साथ लंड ने अभय सर की गांड में हमला बोला, उधर अभय सर जो बड़े ही इत्मीनान से अश्वनी के लंड को चूस रहे थे, का मुंह खुल गया और चिल्लाते हुए बोले- मादरचोद ने मेरी गांड मार दी।
उनके इस तरह चिल्लाने और बोलने से हम औरतों की हंसी रूकने का नाम ही नहीं ले रही थी।
अभय सर दर्द के मारे बिलबिला उठे और चिल्लाने लगे- अबे टोनी के बच्चे, निकाल अपना लंड… भोसड़ी वाले ने मेरी गांड मार दी। निकाल ले मादरचोद, निकाल… उम्म्ह… अहह… हय… याह…
पर टोनी कहाँ रूकने वाला था, उसने लंड को फिर झटके से खींच कर निकाला और फिर एक झटके से लंड को गांड में घुसेड दिया। एक बार फिर वही गाली, लेकिन इस बार आह्ह्ह्ह की एक लम्बी आवाज भी थी।
अभय सर बोले- अबे भोसड़ी वाले, कुछ तो रहम कर मेरी गांड पर! पर टोनी था और टोनी का मतलब एक बार उसके लंड ने हमला किया तो फिर चाहे वो जिसकी भी चूत या गांड हो, उसकी अच्छे से बजा कर बाहर निकलता है और टोनी कर भी यही रहा था। वो अभय सर के किसी भी बात का कोई जवाब नहीं दे रहा था, हां, अपने लंड की ताकत का अहसास वो जरूर अभय सर को करा रहा था।
बड़ी देर तक अभय सर की गांड मारने के बाद टोनी ने उनके गांड में ही झड़ गया। जैसे ही टोनी ने अपने लंड को उनकी गांड से निकाला, अमित तुरन्त ही पीछे पहुंच गया और अभय सर की गांड को चोदने लगा, टोनी के बाद अश्वनी, अश्वनी के बाद रितेश सभी ने उनके गांड का बाजा खूब बजाया।
बेचारे अभय सर को चलना तो छोड़ो, सीधा खड़े होने में भी दिक्कत हो रही थी। किसी तरह से वो बेचारे अपनी चड्डी से अपनी गांड को साफ करते हुए पास पड़ी हुई कुर्सी पर बैठ गये।
उनकी नजर जैसे ही दीपाली पर पड़ी, बुरा सा मुंह बनाते हुए बोले- मादरचोद, सब तेरे कारण ही हुआ है, देखो मेरी गांड कितनी बुरी तरह से मारी है मिलकर इन साले कमीनों ने! दीपाली उन्हें और चिढ़ाती हुई बोली- तो क्या हुआ मेरे गांडू पति, लंड का मजा तो ले लिया!
अभय सर की गांड की जिस तरीके से चुदाई हुई, उससे सभी मर्दों में एक डर सा पैदा हो गया और कोई नहीं चाह रहा था कि उनकी गांड मारी जाये और हम लोगों की सुनने के लिये भी कोई तैयार नहीं था।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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