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दोस्तो, यह कहानी है छुन्नू अहमद नाम के एक लड़के की बहन की.. छन्नू मुझसे अपनी छोटी बहन को चुदवाता है। उसकी बहन 18 साल की है और 12 वीं क्लास में पढ़ती है। वो बहुत ही मस्त माल है। उसका रंग एकदम गोरा है। उसकी फिगर 36-24-36 की है।
जब छुन्नू अहमद की बहन 18 साल की हुई.. तो उसपर जवानी झूम कर चढ़ने लगी थी। वो क्या मस्त माल बन चुकी थी.. उसकी चूचियों का उभार और उसकी मोटी गाण्ड देख कर किसी का भी मन उसको चोदने के लिए हो जाए। अब उसकी बहन के लिए मेरी थोड़ी सी भावना बदल गई थी। मैं उसको एक सेक्सी लड़की के रूप में देखने लगा था।
एक दिन मैं छुन्नू से मिलने उसके घर गया.. वो अपने रूम में कंप्यूटर पर फिल्म देख रहा था। मैं भी फिल्म देखने लगा।
तभी उसने अपनी बहन को पानी लाने के लिए आवाज़ लगाई। जब उसकी बहन कमरे में आई.. तो क्या मस्त माल लग रही थी। उस वक्त उसने ब्लैक टॉप और लोवर पहना हुआ था। शायद उसने टॉप के अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.. इसलिए उसकी मोटी-मोटी चूचियों का शेप साफ़ दिखाई दे रहा था।
मैं तो उसके मम्मों को ही घूरे जा रहा था। वो जब मुझे ग्लास में पानी देने के लिए झुकी.. तो ब्रा ना होने की वजह से मुझे उसके टॉप के अन्दर उसके बड़े-बड़े चूचे दिखाई देने लगे। उसने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया और उसने मुझे हल्की सी स्माइल दी। फिर वो वहाँ से अपनी गाण्ड हिलाते हुए चली गई।
जब वो वापिस जा रही थी तो उसकी मोटी मटकती हुई गाण्ड देख कर मेरी तो हालत खराब हो गई। मैंने घर जाकर उसके नाम की मुठ मारी।
अब तो मैं अक्सर उसके लिए छुन्नू के घर किसी ना किसी बहाने से जाने लगा।
एक दिन मैंने उससे कहा- छुन्नू मेरे पास एक प्लान है.. अगर तू बुरा ना माने तो कहूँ। उसने कहा- बोल ना.. क्या प्लान है? मैंने कहा- क्यों ना तेरी बहन को पटाया जाए। पहले तो वो चुप रहा.. जैसे उसे कोई शॉक लग गया हो।
फिर मैंने कहा- छुन्नू तू बुरा नहीं मानना.. मुझे तेरी बहन बहुत अच्छी लगती है.. मैं उसे चोदना चाहता हूँ। छुन्नू ने कहा- यार वो सब तो ठीक है.. लेकिन वो मेरी सग़ी बहन है। मैंने उससे कहा- वो तेरी बहन है इसलिए तो तुझसे पूछ रहा हूँ.. और क्या मैं उसके लिए बुरा लड़का हूँ। तू थोड़ा व्यवहारिक होकर सोच.. वो भी जवान है उसकी भी चूत में खुजली मचती होगी। कभी ना कभी तो वो चुदेगी ही.. और कोई ऐरा-ग़ैरा उसका फ़ायदा उठाए, इससे तो यही अच्छा है कि मैं उसे चोद दूँ। तुझे तो खुश होना चाहिए कि तेरी बहन उससे चुद रही है.. जिसे तू अच्छे से जानता है।
तो छुन्नू बोला- वो तो ठीक है.. पर तू उसको मनाएगा कैसे? मैंने कहा- मेरे पास एक प्लान है.. पहले मैं तेरी बहन को पटाऊँगा और फिर उसके बाद चोदूंगा। तो वो बोला- ठीक है.. ट्राई कर ले।
मैंने छुन्नू से कहा- यार अगर मैं उसको पटा लूँ और वो खुद अपनी मर्ज़ी से चुदवाने को तैयार हो जाए.. तब तो तुझे कोई प्राब्लम नहीं होगी? तो वो बोला- नहीं अगर वो खुद अपनी मर्ज़ी से चुदवाती है.. तो तू उसे चोद डाल.. मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.. हर हाल में तुझे खुश रहना चाहिए। मैंने कहा- थैंक्स यार।
उस दिन से मैं उसकी बहन से दोस्तों की तरह बात करता था और वो भी मुझसे काफी खुल कर बात करने लगी थी.. लेकिन अब भी वो लिमिट में रह कर बात करती थी।
मैं उसे कभी-कभी उसके गालों को चूम लेता था। वो कुछ नहीं कहती थी। मैंने सोचा कि मुझे थोड़ा और आगे बढ़ना चाहिए। धीरे-धीरे मैं उसके साथ काफ़ी खुलने लगा.. तो मुझे पता चला कि वो भी मुझे पसंद करती है। क्योंकि वो मुझसे अपनी सारी बातें शेयर करने लगी थी।
उसका कोई ब्वॉयफ्रेण्ड नहीं था, उसने मुझसे भी पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेण्ड है? मैंने कहा- हाँ है। वो बोली- कौन है? मैंने कहा- तुम हो ना.. किसी और की क्या ज़रूरत है।
वो हँस कर बोली- धत्त.. आजकल तुम कुछ ज्यादा ही बिगड़ रहे हो। मैंने कहा- क्यों तुम मेरी गर्ल फ्रेण्ड नहीं हो?
उसने कुछ नहीं कहा.. चुप रही, तो मैंने कहा- सच कहूँ तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.. मैं तुम्हें चाहने लगा हूँ। वो शर्मा गई और जाने लगी। मैंने कहा- कहाँ जा रही हो बोलो ना.. तुम मेरी गर्ल फ्रेण्ड नहीं हो? वो बोली- मैं सोच कर बताऊँगी। मैंने कहा- इसमें सोचना क्या है?
वो बोली- मेरे भाई को पता चला तो तुम्हारी इतनी पुरानी दोस्ती टूट जाएगी? मैंने कहा- कौन बताएगा?
वो कुछ नहीं बोली और चली गई। मैंने सोचा लगता है मेरा काम बन जाएगा।
मैंने यह बात छुन्नू अहमद को बताई तो उसे थोड़ा शॉक तो लगा.. पर वो मेरे लिए खुश था। मैंने उसकी बहन को रात में कॉल किया और बोला- तुमने मुझे जवाब नहीं दिया.. बोलो ना तुम मेरी गर्लफ्रेण्ड हो ना? वो बोली- हाँ.. मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ।
मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना नहीं रहा, मैंने कहा- आई लव यू। उसने भी कहा- आई लव यू टू।
फिर हम बाहर मिलने लगे और धीरे-धीरे हम किसिंग भी करने लगे।
एक दिन मेरे घर पर मैं अकेला था तो मैंने छुन्नू अहमद को फोन लगाया और कहा- यार आज मैं घर में अकेला हूँ.. तू एक काम कर, अपनी बहन को मेरे घर भेज दे.. मैं आज ही उसके साथ सेक्स करूँगा। फिर मैंने उसकी बहन को फोन लगाया और उससे कहा- तुम अभी मेरे घर आ जाओ.. मेरे घर पर कोई नहीं है। उसने कहा- ठीक है..
वो फर्स्ट टाइम अकेली मेरे घर पर आ रही थी। वैसे तो पहले भी आ चुकी थी लेकिन तब वो अपने भाई के साथ आई थी।
थोड़ी देर बाद छुन्नू का फोन आया वो मुझसे बोला- मेरी बहन अभी अभी मुझसे कोचिंग क्लास की बोलकर घर से निकल गई है.. ज़रूर वो तेरे घर ही आएगी। ‘ठीक है.. आने दे..’ वो आगे बोला- तू आज अपने मन की मुराद पूरी कर लेना.. अब मैं फोन रखता हूँ.. तू मेरी बहन के साथ मज़े कर। यह बोलकर छुन्नू अहमद ने फोन रख दिया।
फिर थोड़ी देर में दरवाजे पर दस्तक हुई। मैंने दरवाजा खोला तो सामने उसकी बहन खड़ी थी, मैंने उसे अन्दर बुलाया और कहा- चलो रोमांटिक मूवी देखते हैं। उसने कहा- चल..
मैंने पीसी पर एक सेक्स मूवी की डीवीडी लगा दी और चला दिया। उसमें स्टार्टिंग में बस किसिंग सीन थे और फिर सेक्स सीन चलने लगे।
वो शर्मा गई.. बोली- मैं नहीं देखूँगी। तो मैंने कहा- तुम्हें भी तो ये सब करना पड़ेगा.. देखो न जानू।
फिर वो देखने लगी और मैं उसे किस करने लगा। कुछ ही पलों में वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैं एक हाथ से उसके चूतड़ सहलाने लगा और एक साथ से उसकी चूचियों को ऊपर से दबाने लगा, वो मादक सिसकारियां ले रही थी।
मैंने उसका टॉप उतार दिया, वो रेड ब्रा में मेरे सामने जलवा बिखेर रही थी। मैं तो उसे देखकर पागल सा हो गया और मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया। वो अपने हाथ से चूचियों को छुपाने लगी, मैं हाथ हटाते हुए उसकी एक चूची को सहलाने लगा और उसकी गर्दन पर किस करने लगा। वो मदहोश होने लगी और मचलने लगी।
मैंने धीरे से उसकी जींस को भी खोल दिया और उसे नीचे कर दिया, उसकी चूत पैन्टी के ऊपर से सहलाने लगा तो वो सिहर गई, बोली- मुझे कुछ हो रहा है.. उहह.. आहह.. प्लीज़ कुछ करो।
मैंने अपने कपड़े उतार दिए बस अंडरवियर में था, वो सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी में थी। मैं उसके बदन को देखता रह गया, पहली बार किसी लड़की को इतने नज़दीक से देखा था।
उसने पूछा- क्या देख रहे हो? मैंने कह दिया- तुम्हारा बदन..
मेरा लंड अब पूरी तरह लोहे की तरह तन गया और मेरी चड्डी में तंबू बन गया था, मेरा लंड लम्बा और मोटा है।
मैं पागलों की तरह उसके बदन को चूमने लगा। वो भी मेरा खूब साथ दे रही थी और उसकी चुदास भरी सिसकारियां निकल रही थीं। मैंने उसकी ब्रा उतार दी.. और उसके मम्मों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। वो पागल होने लगी.. बोल रही थी ‘आहह.. और चूसो.. आआहह..’
फिर मैंने उसकी पैन्टी को भी उतार दिया। हाय.. क्या चूत थी उसकी.. बिल्कुल पाव की तरह फूली हुई और उस पर एक भी बाल नहीं.. पूरी चिकनी! मैं तो देखते ही पागल हो गया और अपनी चड्डी को उतार दिया।
मेरा लंड तन कर उसके सामने आ गया, वो बोली- इतना बड़ा.. ये तो फाड़ देगा मेरी। मैंने कहा- तुम चिंता मत करो.. मैं तुम्हें आराम से चोदूँगा डियर।
फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा। उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी, मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर चाटने लगा, वो पागल हो गई और तड़पने लगी। उसका जिस्म अकड़ने लगा और वो मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत से चिपका कर झड़ गई और शांत हो गई। वो खुश लग रही थी।
मैंने पूछा- मज़ा आया डार्लिंग.. बोली- हाँ..
मैंने कहा- अब तुम्हारी बारी है.. तुम मेरा लंड चूसो। वो मना करने लगी तो मैंने उससे कहा- देखो मूवी में कैसे लॉलीपॉप की तरह चूस रही है वो लड़की.. तुम्हें भी बहुत मज़ा आएगा.. चूसो ना यार..
उसने शरमाते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे चाटने लगी।
हाय.. क्या बताऊँ दोस्तो.. मुझे तो ऐसा लग रहा था.. जैसे मैं जन्न्नत में होऊँ। फिर वो मेरा पूरा लंड मुँह में लेकर अन्दर बाहर करने लगी। मैं तो जैसे सातवें आसमान पर था।
कुछ देर लण्ड चूसने के बाद मैंने उसको सीधा लिटाया और उसकी टाँगें फैला कर घुटनों के बल होकर उसकी जाँघों के बीच बैठ गया। फिर मैंने अपने लण्ड का टोपा उसकी चूत के छेद पर रखा.. तो वो चूतड़ उठाने लगी। मैं उससे बोला- अब रेडी हो जाओ डियर.. तुम्हें जन्नत की सैर करवाता हूँ। वो बोली- जल्दी करो.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया लेकिन लंड अन्दर नहीं गया.. उसकी चूत अभी तक कुंवारी थी। मैंने उसकी चूत में आयल लगाया और अपने लंड पर भी ढेर सारा आयल लगा लिया। फिर मैंने चूत पर लौड़ा रख कर एक धक्का मारा.. तो लंड 2 इंच घुस गया।
वो चीख उठी और बोलने लगी- निकालो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी, प्लीज़ निकालो। वो रोने लगी। मैंने कहा- थोड़ा सा और सह लो जानू.. उसके बाद तुम्हें बहुत मज़ा आएगा।
फिर मैं वैसा ही पड़ा रहा और उसके चूचे चूसने लगा।
उसका दर्द कुछ कम हुआ तो वो झटके देने लगी, अब मैं धीरे-धीरे लंड अन्दर-बाहर करने लगा, वो आवाजें निकालने लगी।
फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड उसकी सील तोड़ता हुआ काफी अन्दर घुस गया। वो रोने लगी.. मैं उसे किस करने लगा और हल्का-हल्का धक्का मारता रहा। उसकी चूत से खून निकल रहा था।
वो शांत हुई.. तो मैंने एक और ज़ोर का झटका मारा। अबकी बार लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा जड़ तक घुस गया। वो फिर चिल्लाने लगी.. मैं इस बार नहीं रुका और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारता रहा, वो चिल्लाती रही, मैं धक्के मारता रहा।
कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा.. वो भी गाण्ड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब वो बोल रही थी- आह्ह.. चोदो.. और ज़ोर से.. आआहह.. अहह.. फाड़ दो मेरी चूत.. जानू.. आह्ह.. बहुत दिनों से इसमें खुजली हो रही थी.. मिटा दो इसकी खुजली को.. आआहह..
यह सुनकर मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज़ कर दी और तेज़-तेज़ उसको चोदने लगा। अब मेरा पूरा लण्ड बहुत तेज़ी से उसकी चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था। पूरा कमरा ‘फ़च.. फ़चह..’ और चुदाई की आवाजों से गूँज रहा था। मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था।
अब मैंने उसे डॉगी बनाया और पीछे से उसकी चूत को चोदने लगा। कई मिनट तक बिना रुके तेज़-तेज़ धक्के मारने के बाद मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया। उसकी चूत को अपने कामरस से भर दिया। उसकी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया।
हम दोनों हाँफ़ रहे थे.. मैं उसको किस करते हुए उसके ऊपर लेटा रहा।
फिर इस दिन के बाद हम दोनों ने कई बार चुदाई की है।
मैं आपके कमेंट्स के इन्तजार में हूँ। [email protected]
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