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दूसरे दिन मैं रूटीन काम निपटा कर ऑफिस गई पर ऑफिस में मेरा मन नहीं लग रहा था, किसी तरह से काम निपटा कर मैंने बॉस से उसके घर की चाभी ली और एवज में बॉस ने अपने दो मिनट का खेल मेरी चूत में खेला।
दो दिन वो खेल होने वाला था जिसमें कई लोग नये थे और कई लोग इस खेल के एक्सपर्ट खिलाड़ी थे पर मजा खूब आने वाला था। घर पहुंची तो देखा नमिता ने रात की सभी तैयारी कर ली है, वो खुद भी खूब एक्साईटेड थी। इस समय हम चार लोग केवल टाईम पास कर रहे थे कि कब घर का खाना निपटे और कब हम लोग बॉस के घर में शिफ्ट हों। टाईम भी जिद पर अड़ा हुआ था और उसने भी अपनी गति को बहुत धीमा कर रखा था।
पर जैसे तैसे रात का खाना निपटा तो हम लोग कार लेकर निकल पड़े और बॉस के घर आ गये। कार ऐसी जगह पार्क की कि किसी की नजर उस पर न पड़े।
फिर हम लोग मेरे बॉस के घर के अन्दर गये अपने सामान फेंके और चारों ने जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारे कि तभी रितेश की नजर हमारे पैरों पर गई, वो तुरन्त बोल उठा- तुम लोग पूरे दो दिन तक हाई हील सैन्डल ही पहनकर रहोगी।
अभी हम लोगों को पहुंचे पंद्रह मिनट ही हुए होंगे कि टोनी की कॉल आ गई- हम लोग लखनऊ आ चुके हैं, होटल जा रहे हैं, कल आकर पिक कर लेना। रितेश ने उसे कुछ देर वहीं इंतजार करने को कहा और गाड़ी का नम्बर और गाड़ी का कलर पूछ कर बोला- जब मैं फोन करूँ तो तुम लोग कार के पास आ जाना।
रितेश ने वहीं पड़ी दो चादर उठाई और नमिता से बोला- चलो, मेहमान को रिसीव करके आते हैं। नमिता कपड़े पहनने लगी तो रितेश ने उसके हाथ से कपड़े लिये और चादर देते हुए बोला- जहाँ इसकी जरूरत हो, तुम औढ़ लेना! कहते हुए नमिता का हाथ पकड़ कर रितेश चल दिया।
करीब आधे घण्टे बाद ही नीचे कार के हॉर्न की आवाज सुनाई दी। मैं और अमित भी नीचे उतर आये तो देखा कि सुहाना-अश्वनी, टोनी और मीना सभी थे और सभी पूर्ण रूप से नंगे थे। मुझे और अमित को देखते ही सब हमारे गले लगे और होंठों को चूम-चूम कर अभिवादन करने लगे। उसके बाद सभी लोग ऊपर आ गये।
टोनी बोला- इसको कहते हैं स्वागत करना! मेरे पूछने पर रितेश ने बताया: मैं टोनी और मीना को रिसीव ही कर रहा था कि सुहाना का फोन आ गया, वो भी स्टेशन से होटल जा रहे थे तो मैंने उनको भी कार में बुला लिया। कार के अन्दर जैसे ही अश्वनी और सुहाना आये तो मुझे और इन सभी को नंगा देख कर सुहाना बोली ‘क्या डेयरिंग है तुम्हारी कि तुम दोनों पूरे नंगे होकर हम लोगों को रिसीव करने आये हो।’ सुहाना का जवाब देने से पहले मैंने सबका एक-दूसरे से इन्ट्रोडक्शन कराया। टोनी तो टोनी है, तुरन्त ही सुहाना के बूब्स दबाते हुए बोला ‘हाय’ इससे पहले कि सुहाना टोनी के इस हरकत को समझ पाती कि टोनी ने अश्वनी का हाथ पकड़ा और मीना के बूब्स पर रखते हुए बोला कि तुम दोनों एक दूसरे को हाय नहीं बोलोगे क्या?
सुहाना और अश्वनी दोनों के लिये ये नया-नया था। टोनी की आदत है कि किसी को कपड़े में देखना उसे पसंद नहीं है तो वो बोला ‘यार अश्वनी तुम दोनों बहुत ही कमीने हो कि हम शरीफ लोग शर्मा रहे हैं। मैं समझ रहा था कि अश्वनी और सुहाना के लिये ये थोड़ा मुश्किल हो रहा होगा तो मैं ही बात काटते हुए बोला कि तुम दोनों को भी कपड़े उतारने के लिये बोल रहा है क्योंकि इस पार्टी का रूल है कि कोई भी एक मेम्बर अगर नंगा है तो बाकी सब को भी नंगा होना पड़ेगा। मेरी बात पर हामी भरते हुए अश्वनी और सुहाना ने भी अपने कपड़े उतार दिये और नंगे हो गये।
फिर सभी लोग जमीन पर गोला बना कर बैठ गये फिर सब को नियम बता दिये गए और यह भी बता दिया कि सभी एक दूसरे की हरकत का मजा लेंगे बुरा कोई नहीं मानेगा, अगर किसी को बुरा लग रहा हो तो अभी भी वो छोड़कर जा सकता है।
सभी की हामी एक सुर में मिलने के बाद रितेश ने फ्रिज से ठंडी बियर की कैन निकालीं और सभी को एक एक पकड़ा दी। सभी ने एक स्वर में चीयर्स बोला और एक-एक घूंट बियर की बदल बदल के पीने लगे।
सुरूर चढ़ने के साथ साथ सभी के खेल शुरू हो गये कि तभी सुहाना खड़ी हुई और बोली- मुझे पेशाब लगी है, मूतने जाना है। टोनी ने तुरन्त ही एक बियर की खाली कैन उठाई उसके कवर को निकाल कर सुहाना की चूत की तरफ लगा कर बोला- मेरी जान, लो मूतो!
सभी मर्द टोनी की तरफ देखने लगे लेकिन टोनी अपने में ही मस्त सुहाना की चूत को सहलाते हुए बोले जा रहा था- मेरी जान, अपनी इस प्यारी चूत से अपनी मूत की धार निकालो और इस खाली डिब्बे में मूतो।
सुहाना टोनी को सहलाना बर्दाश्त नहीं कर पाई और धार छोड़ दी। एक कैन भरने लगी तो रितेश के तरफ इशारा करते हुए दूसरी कैन मांगी। रितेश ने दूसरी खाली कैन भी टोनी को पकड़ा दी जिसको तुरन्त ही टोनी ने सुहाना की चूत के मुहाने में लगा दिया।
जिस तरह दोनों कैन भर गई थी उससे तो यही लग रहा था कि सुहाना को मूतास खूब तेज लगी थी।
सुहाना के मूत से भरी हुई दोनों कैन को बीच में रखते हुए टोनी ने एक चुम्मी सुहाना की चूत की ली सुहाना के मुंह से आईस्स्स ही निकल पाया। फिर उसके दोनों हाथों को पकड़ कर बैठा दिया, उसके बाद दोनों कैन को हाथ में उठाते हुए बोला- लो दोस्तो, मुफ्त में ही दो और बियर का इंतजाम हो गया!
कहते हुए उसने एक घूंट पी और फिर बगल में बैठी हुई अपनी बीवी मीना को पकड़ा दिया, मीना ने के सिप लिया और अश्वनी जो उसकी बगल में बैठा था, उसको दिया। अश्वनी ने भी देखा देखी एक सिप ली और मुझे पकड़ा दी। इस तरह से दोनों कैन खाली हो चुकी थी।
इस बार अश्वनी बोला- देखो, अब किसी को भी मूतास लगेगी वो कैन में ही मूतेगा।
उसके बाद टोनी ने सभी औरतों को खड़े होने का आदेश दिया और बोला- तुम लोग प्रतियोगी हो और हम लोग जज… तुम सभी खड़ी हो जाओ और हम लोग जज करके बतायेंगे कि किसकी चूत सबसे अच्छी है।
हम लड़कियाँ खड़ी हो गई।
सबसे पहले टोनी ने सबकी चूत को सहलाया और चूमा, फिर अश्वनी ने, उसके बाद अमित ने, फिर रितेश ने बारी बारी से हम सभी औरतों की चूत को सहला कर देखते और उसे चूमते और फिर हम लोग से दूर हटकर दूसरे कमरे में चले गये।
कुछ देर बाद टोनी लीडर की तरह आगे आया, बोला- आज की सबसे सेक्सी चूत सुहाना की है, सबसे पहले उसी की बुर में लंड जायेगा। नमिता बोली- हम लोगों को जानना है कि सुहाना की चूत सबसे सेक्सी कैसे है? टोनी बोला- यह हम लोगों का आपस में विचार हुआ है और हमने अपने विचार आपको बता दिये।
नमिता फिर बोली- लेकिन मुझे जानना है कि क्या विचार किया। अब की रितेश बोला- सबने अपनी चूत को काफी चिकना किया हुआ है पर सुहाना की चूत के ठीक ऊपर देखो उसने कमर के नीचे और चूत के ठीक ऊपर झांटों को इस तरह सेट कराया है जिससे उसके इस हिस्से का आकर्षण अलग सा हो गया है और हम लोगों ने ये डिसाईड किया है कि सुहाना जिसको चाहेगी आज की चुदाई की शुरूआत वही करेगा।
तभी हम सभी लेडीज एक साथ बोल पड़ी- हम भी यह डिसाईड करेंगी कि तुमसे से सबसे अच्छा लंड किसका है और वही सुहाना के साथ उसकी चूत चुदाई की शुरूआत करेगा। उसके बाद पर्ची निकाली जायेगी, जिसकी पर्ची जिसके साथ मिलेगी, वो ही उसकी चुदाई करेगा, बाकी सभी उस चुदाई को लाईव देखेगे। अब तुम लोग सब लाईन पर खड़े हो जाओ ताकि हम सभी तुम लोगों के लंड को देख कर बता सकें कि किसका लंड सबसे ज्यादा अच्छा है और कौन वो खुशकिस्मत है जो आज की चुदाई की शुरूआत सुहाना की चूत के साथ करेगा।
सभी मर्द लाईन में खड़े हो गये। हम सभी लोग मर्दों के लंड को नापते, उनके टोपे को टच करते रही। फिर हम सभी दूसरे कमरे में गई और सभी के निष्कर्ष से यह निकला कि मेरे प्यारा हबी रितेश का लंड सबसे ज्यादा जानदार है। हम सभी औरतें कमरे से बाहर आई और हमने डिसाईड किया कि सुहाना बतायेगी कि उसे सबसे ज्यादा किसका लंड पसन्द आया?
सुहाना एक-एक करके सबके पास जाती, बन्दे को देखती और मुस्कुराती हुई आगे बढ़ जाती। फिर सबसे हटकर खड़ी हो गई और रितेश की तरफ इशारा करती हुई बोली- रितेश का लंड सबसे ज्यादा पसंद किया गया है।
टोनी तुरन्त बोल पड़ा तो मैंने मीना को इशारा किया तो मीना बोली- एक तो रितेश का लंड तुमसे सबसे बड़ा है और दूसरे हम सभी ने तुम्हारे लंड के टिप को छुआ था, तुम सभी के लंड चिपचिप कर रहे थे, मतलब तुम्हारे रस की बूंदें बाहर आ चुकी थी पर रितेश के लंड से कोई रस नहीं निकल रहा था।
मीना की बात सुनकर सभी मर्द रितेश के लंड को टच करने लगे ताकि वो जान सकें कि मीना जो कह रही है वो सही है या नहीं। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
जब सभी ने रितेश के लंड को बारी बारी छू लिया तो कहने लगे- ठीक है, तो सुहाना और रितेश की जोड़ी आज के चुदाई का प्रोग्राम शुरू करेंगे और बाकियों की पर्ची निकाली जायेगी।
अब फैसला यह होना था कि पर्ची मर्दों की निकाली जायेगी या हम औरतों की। सभी ने मिलकर फैसला किया कि मर्दों की पर्ची निकाली जायेगी और औरतें पर्ची उठा कर देखेंगी कि किसके पास कौन मर्द आता है। अमित, टोनी और अश्वनी के नाम की पर्ची उछाली गई। मैंने, नमिता और मीना ने एक एक पर्ची उठाई। मेरे हिस्से में अश्वनी आया, नमिता को टोनी और मीना को अमित मिल गया।
फिर तय हुआ कि बारी बारी से सभी चुदाई का खेल खेलेंगे और बाकी जोड़ियां उस खेल को देखकर आनन्द लेंगी। एक शर्त जो पहले से ही थी कि सभी औरतें हाई हील सैन्डिल पहने रहेंगी और कोई भी जोड़ी केवल चुपचाप चुदाई का खेल देखेगी और कोई हरकत नहीं करेगी और अगर गलती से भी कोई हरकत होती है तो उस जोड़ी को चुदाई का मौका नहीं मिलेगा।
टोनी फिर बोल उठा कि इस गेम वाली चुदाई में या फिर अन्त तक? ‘नहीं एक ही ट्रिप वाली चुदाई में!’
टोनी ने एक फिर प्रश्न किया- मान लो सुहाना और रितेश चुदाई कर चुके हैं और तीसरी जोड़ी का चुदाई खेल शुरू है और रितेश और सुहाना ने नियम तोड़ा तो?
नमिता बोली- जिस जोड़ी का चुदाई का प्रोग्राम हो चुका होगा वो अलग अलग बैठेगा। सभी सहमत हो गये।
अब बारी थी सुहाना और रितेश की चुदाई की… बाकी जोड़ियाँ सुहाना और रितेश के ईर्द-गिर्द गोला बना कर अपने पार्टनर की गोद में बैठ गई। चूंकि सभी के दिमाग में उत्तेजना थी और सभी के लंड तने हुए थे और साथ में लड़कियों की गांड और चूत उनके लंड से सटी हुई थी तो लाजिमी सी बात थी कि हरकत होनी है।
मैं अश्वनी की गोद में बैठी हुई थी और उसका लंड मेरी गांड से टच कर रहा था और मेरी गांड में सुरसुराहट सी हो रही थी। हम सभी को यह लग रहा था कि यह मजा नहीं सजा मिली है लेकिन बर्दाश्त करना था तो मैं अश्वनी की जंघा पर बैठ गई।
सभी की हालत एक जैसे ही थी, बाकी की दोनों जोड़ियाँ भी मेरी देखादेखी अपने अपने पार्टनर की जांघ पर बैठ गई।
इधर रितेश और सुहाना का गेम शुरू होने वाला था। हाई हील सैन्डिल पहने होने के कारण सुहाना और रितेश की लम्बाई बिल्कुल बराबर हो गई, रितेश सुहाना के समीप आया, उसे अपने से चिपकाया और दोनों ही दो मिनट तक ऐसे ही खड़े रहे। फिर रितेश ने सुहाना के दोनों गालों को अपनी हथेलियों में लिया और अपने होंठ उसके होंठ को चूसने लगा।
उसके बाद दोनों एक-दूसरे से जीभ लड़ा रहे थे और एक दूसरे की जीभ को अपने मुंह में लेने की कोशिश कर रहे थे। थोड़ी देर तक तो इसी तरह चलता रहा!
उधर उन दोनों का खेल चल रहा था और बाकी के लोग अपनी केमेन्ट्री पेल रहे थे, कोई कह रहा था कि शुरूआत अच्छी है, काफी बढ़िया से होंठ चूस रहे है एक दूसरे के! अश्वनी भी केमेन्ट्री कर रहा था और उसका एक हाथ चुपचाप सबकी नजरों को बचा कर मेरी कमर और पेट को सहला देता।
होंठ चूसते चूसते रितेश ने सुहाना के बालों को खोल दिया। क्या लम्बे बाल थे सुहाना के… सुहाना के बाल जब खुल कर नीचे की तरफ जा रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि कोई सांप बल खाकर चल रहा हो।
बाल सुहाना के इतने लम्बे थे कि उसके चूतड़ को पूरा ढक चुके थे। रितेश ने अपने एक हाथ को सुहाना की गर्दन पर रखे और उसके गालों को चूमते हुए उसकी गर्दन को भी चूम रहा था।
उसके बाद रितेश सुहाना के पीछे आ गया, उसकी गर्दन को चूमते हुए उसकी चूचियों को दबा रहा था और सुहाना ने अपने दोनों बांहों की माला बनाकर रितेश की गर्दन में डालकर आंखें बन्द कर ली थी, जो कुछ भी रितेश उसके साथ कर रहा था, वो उसका मजा ले रही थी।
अश्वनी इस सीन को देखकर कह उठा- वाह सुहाना, क्या पोज है ऐसा लग रहा है कि कामदेव कामदेवी रति की ज्वाला शांत करने की कोशिश कर रहे हैं और काम देवी अपनी आंखें बन्द किये हुए एक-एक पल का मजा ले रही हैं।
वास्तव में सुहाना बिल्कुल सब कुछ भूल चुकी हो, उसके मुंह से केवल बीच बीच में सीईईई की आवाज आ रही थी।
रितेश की दोनों हथेलियाँ सुहाना के दोनों लटकते हुए खरबूजे जैसी चूचियों को काबू में करके उसको तेज-तेज भींच रही थी और बीच बीच में उसकी निप्पल को तेजी से मसल दे रही थी।
जब कभी रितेश की हथेलियाँ और उंगलियाँ सुहाना की चूचियों या घुणडी को तेजी से मसलती तभी एक आह की आवाज उसके मूंह से निकलती लेकिन इन हालातों में भी वो अपनी आँखों को बन्द किये ही रही।
इधर अश्वनी जैसे ही एक सिसकारी सुहाना के मुंह से सुनता, वो उतनी ही तेजी से मेरे पेट को दबा देता, जिससे मुझे दर्द होता लेकिन मैं इसलिये चुप हो जाती कि कहीं मेरा दर्द हमारी सजा में तब्दील न हो जाये। मैंने कई बार इशारों से अश्वनी को रोकने की कोशिश की लेकिन वो जब भी सुहाना की सीत्कार सुनता तो उसका रिऐक्शन मेरे साथ भी ऐसा ही होता।
फिर रितेश सुहाना की पीठ को चूमते हुए उसके नीचे की तरफ बढ़ने लगा, जैसे जैसे वो सुहाना के नीचे की ओर बढ़ता, वैसे ही वैसे वो सुहाना की पीठ पर अपने दूसरा हाथ का प्रेशर देता और सुहाना भी उसी तरह झुक जाती।
रितेश सुहाना के कमर तक पहुंचता, उससे पहले सुहाना काफी झुक चुकी थी और उसकी चूत और गांड का छेद एक ही सेन्टर पर आ चुके थे। रितेश के हाथ अब सुहाना के कूल्हों पर थे, एक जोर से चांटा रितेश ने सुहाना के कूल्हे पर लगाता।
उधर रितेश ने चांटा कूल्हे पर लगाया इधर अश्वनी ने मेरे पेट को कस कर मसल दिया। काफी तेज दर्द हुआ, पर इस बार मैंने अश्वनी के कान में कहा- जो कुछ करना वो हमारी बारी आने पर करना, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ।
अश्वनी चुपचाप सॉरी बोला और उसने सबकी नजरें बचा कर मेरे गाल को चूम लिया।
रितेश इस तरह नीचे बैठ गया था कि उसका मुंह सुहाना के चूत के ठीक सामने था, रितेश ने सुहाना के दोनों छेदों को बारी-बारी चूमा और फिर उसने सुहाना की चूत पर बहुत सारा थूक थूक दिया, उस थूक से सुहाना की चूत को गीला करने लगा, फिर अपनी हथेली को चाट कर गीला करता, फिर अपनी हथेली से अपने लंड को पौंछता, फिर सुहाना की चूत को कस कर उसी हथेली से रगड़ता।
फिर रितेश खड़ा हुआ और अपने लंड को सुहाना की चूत पर रगड़ते रगड़ते एक झटके से उसकी चूत में पेल दिया। ‘ओक्क…’ की एक हल्की सी आवाज सुहाना के मुंह से निकली।
रितेश ने 12-14 धक्के कस-कस कर लगाये और फिर लंड को बाहर निकाल कर सुहाना की गांड में पेल दिया। दो तीन कोशिश करने के बाद रितेश का लंड सुहाना की गांड में धंस चुका था। एक बार फिर रितेश तेज-तेज धक्के लगाने लगा।
फिर कुछ धक्के लगाने के बाद इस बार रितेश सुहाना के आगे आया और अपना लंड सुहाना के मुंह की ओर कर दिया।
सुहाना उसी पोजिशन में रितेश के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी, सुहाना कभी टोपे पर जीभ फेरती तो कभी पूरा लंड अपने मुंह के अन्दर ले लेती तो कभी वो रितेश की गोटियों को कस कर दबा देती।
अब बारी रितेश की थी, जब कभी भी सुहाना रितेश की गोटियों को दबाती तो रितेश की सीत्कार निकल जाती।
अश्वनी रितेश के इस सीत्कार का आनन्द ले रहा था, उसे लग रहा था कि सुहाना ने रितेश को अपने काबू में कर लिया। रितेश की तरह सुहाना भी रितेश के लंड पर थूकती और फिर अपने हाथों से उस थूक से रितेश के लंड पर मालिश करती।
इधर सभी के कमेन्ट बदसतूर जारी थे। इस बार अमित बोला- वाह साले साहब, तुमको देखकर जोश आ रहा है कि अभी ही हम लोग शुरू हो जायें।
रितेश ने सुहाना को सीधी खड़ी किया और उसे गोदी में उठाकर पास में ही पड़े हुए बेड पर लेटा दिया और उसकी टांग को खीचकर बेड के बाहर कर दिया और फिर सुहाना की दोनों टांगों को फैलाकर अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया और फिर जोर जोर से धक्के लगाने लगा।
दो तीन मिनट तक दोनों के द्वंद की आवाज फच-फच के रूप में हम सभी को सुनाई देती रहीं। उसके बाद रितेश ने अपना लंड सुहाना की चूत से निकाल लिया और अब सुहाना के डायरेक्शन को उसने चेंज कर दिया अब सुहाना की गर्दन पलंग के बाहर लटकी थी और उसके पैर बिस्तर पर थे। रितेश सुहाना के सर को अपनी जांघों के बीच लेकर उसके मुंह के अपने लंड को ले जाकर अपने लंड को फेटने लगा। बीच बीच में वो अपना लंड सुहाना के मुंह के अन्दर भी डाल देता। रितेश के इस तरह करने का मतलब था कि वो अब झड़ने वाला है।
कोई एक ही मिनट के बाद रितेश का गाढ़ा वीर्य सुहाना के खुले मुंह के अन्दर था जिसे सुहाना पूरा पी गई और रितेश के लंड पर लगा हुआ वीर्य भी उसने चाट कर साफ कर दिया। उसके बाद दोनों एक दूसरे से चिपक कर खड़े हो गये।
सभी ने जोर दार तालियां उनके लिये बजाई और फिर अमित ने सुहाना से पूछा कि उसे कैसा लगा।
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