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ट्रिपल सेक्स हिंदी कहानी में पढ़ें कि कैसे एक विधवा जवान भाभी मुझे और मेरे दोस्त को अपने घर ले गयी चुदाई के लिए. उसने आगे पीछे कैसे दो लंड लिए?
दोस्तो, कहानी के पिछले भाग सेक्सी जवान विधवा की चूत में लंड में आपने पढ़ा कि मैं आर्यन अपने भाई मयंक के साथ एक कामातुर विधवा औरत की चुदाई कर रहा था. वो हम दोनों के लंड के साथ खेल रही थी.
उसी की ट्रिपल सेक्स हिंदी कहानी में आगे का मजा लीजिए.
फिर संगीता ने मयंक के लंड को जोर से हिलाना शुरू कर दिया और हिलाते हिलाते अपने मुँह में भर लिया और लंड को जोर जोर से अन्दर लेकर चूसने लगी.
मयंक संगीता के मुँह को चोदने लगा. मैंने हम तीनों के गिलासों में व्हिस्की के पैग बना लिए और पानी भी मिला दिया.
मैंने संगीता से कहा- जान पहले जाम हो जाए … फिर लंड को जीभर के चूसती रहना. हमारे लौड़े आज की रात सिर्फ आपके लिए ही हैं.
फिर हम तीनों ने अपने अपने गिलास उठाए और गिलासों को खाली करके साईड में रखी टेबल पर रख दिए.
अब संगीता ने दोबारा से मयंक के लंड को मुँह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी.
संगीता की वासना को देख मेरा लंड भी कड़क हो गया था. मेरे लंड को तनतनाता देख कर संगीता ने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे भी हिलाने लगी.
संगीता हम दोनों के बीच में बेड पर बैठी थी और मयंक की गोद में मुँह को करके उसका लंड चूस रही थी. अपने बाएं हाथ से वो मेरे लंड को हिला रही थी.
कुछ देर बाद संगीता उठ गई और उसने टेबल को साईड में सरका दिया.
हम दोनों बेड पर बैठे थे. संगीता हम दोनों के सामने आकर जमीन पर घुटनों के बल बैठ गई और दोनों हाथों में हम दोनों के लौड़े पकड़ लिए.
पहले तो संगीता ने हम दोनों के लंड को हथेलियों पर रखकर तोला, फिर ‘उम्मम उम्मम ..’ करती हुई लपर लपर करके मुँह में चूसने लगी. फिर बाहर निकालकर एक अलग तीखे अंदाज से हिलाने लगी.
हम दोनों को संगीता का यह अंदाज बहुत पसंद आया.
अब संगीता कभी मेरे लंड को चूसती, तो कभी मयंक के लंड को चूसती. जब मेरा लंड संगीता के मुँह में होता, तो संगीता हाथ से मयंक के लंड को जोर जोर से हिलाती. जब मयंक का लंड मुँह में भरती, तो मेरे लंड को जोर जोर से हिलाती.
कुछ देर तक हम दोनों के लौड़े संगीता के मुँह को चोदते रहे. फिर संगीता खड़ी हुई और बेड पर आकर लेट गई.
मैं और मयंक भी संगीता के दोनों तरफ लेट गए और संगीता की दोनों चूचियों को पीने लगे. संगीता हम दोनों के सिर अपनी चूचियों पर दबा रही थी.
संगीता ‘आह्ह आ उह आह ..’ करके जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी. संगीता- आह और जोर से जान … और जोर से चूसो … आज मुझे बाजारू रंडी बना दो.
वो मादक सिसकारियां लेती रही और हम दोनों उसके दूध चूसते रहे.
कुछ देर बाद संगीता ने मेरे लंड को पकड़ लिया और हिलाने लगी. मयंक संगीता की चूची को पीता हुआ नाभि तक पहुंच गया.
संगीता फुल गर्म हो चुकी थी … व्हिस्की का नशा भी हम तीनों पर छाने लगा था.
मयंक ने संगीता की जांघों पर हाथ फिराना शुरू कर दिया और वो एक मिनट बाद उठ कर संगीता की टांगों के बीच में आ गया.
मयंक ने झटके से संगीता की दोनों टांगों को खोल दिया और संगीता की चूत में उंगली डालता हुआ मुँह को चूत पर ले गया. वो अपनी जीभ से चूत को चाटने लगा … संगीता हद से ज्यादा पागल हो रही थी.
कुछ ही देर में संगीता की चूत का पानी छूट गया तो वो जोर से चिल्ला उठी- उईआआ आआआ आहहह उउउह हहह उइई उउइइ मांआ आअ … मैं मर गइई!
एक मिनट में ही संगीता पूरी ढीली पड़ गई. मयंक संगीता की चुत का सारा रस पी गया.
अब हम दोनों फिर से संगीता को गर्म करने लगे. दोनों ने ही संगीता के दोनों मम्मों को जोर से दबाया और जांघों पर हाथ फिराना शुरू कर दिया.
मयंक ने संगीता की चूत पर हल्के हाथों से थप्पड़ लगाए तो संगीता फिर से गर्म होने लगी थी.
जल्द ही संगीता कामुक हो उठी और कहने लगी- अब तुम दोनों मेरी जान निकाल दो … मैं कितनी भी चाहे रोऊं चिल्लाऊं … तुम दोनों मेरी चूत और गांड को फाड़ दो.
मैंने मयंक की तरफ देखा, तो उसने आंख दबा दी.
संगीता ने कहा- आर्यन, तुमने मेरी महीनों से नहीं चुदी हुई चूत की इच्छा पूरी की है … और इसको अच्छे से खोला है. अब मयंक को मेरी गांड खोलने का मौका देते हैं. जबकि मैं तुम्हारे लंड को चोदूंगी.
मैं राजी हो गया.
संगीता उठी और मेरे लंड के ऊपर आ गई. उसने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट किया और धीरे धीरे पूरा लौड़ा चुत के अन्दर ले लिया.
एक दो बार उसने चुत लंड पर पटक कर एडजस्ट की और मयंक से बोली- हां जान … आ जाओ … मेरी गांड बहुत ज्यादा टाइट है, प्लीज धीरे से फाड़ना.
मयंक ने संगीता से कहा- मेरी जान, आप चिंता मत करो.
मयंक संगीता के मुँह की तरफ चला गया और बेड पर खड़ा होकर संगीता से लंड चुसवाने लगा ताकि लंड संगीता के थूक से गीला हो जाए. संगीता लपर लपर कर लंड चूसने लगी.
थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद मयंक लंड को संगीता की गांड की तरफ ले गया. संगीता सर मोड़ कर बड़ी गौर से मयंक के लौड़े को देख रही थी और मेरे लौड़े को अपनी चूत में घुसाए हुए उचक रही थी.
गांड फटने के डर से संगीता का मुँह लाल हो रहा था. ये डर संगीता के मुखड़े पर साफ-साफ दिखाई दे रहा था.
मैंने उसके डर को खत्म करने के लिए धीरे धीरे लंड को चलाना शुरू कर दिया और लंड को गांड में घुसाने के लिए मयंक की तरफ इशारा कर दिया.
मयंक इशारा मिलते ही लंड को संगीता के गांड की तरफ ले गया और गांड के छेद पर लंड रख दिया; फिर धीरे से घुसाने लगा. लेकिन संगीता की गांड कुछ ज्यादा ही टाइट थी. शायद संगीता ने अपनी गांड कई दिनों से नहीं मरवाई थी.
फिर मयंक ने संगीता की गांड के छेद पर थूका ताकि छेद चिकना हो जाए और लंड को घुसाने में आसानी हो.
मयंक ने लंड को छेद पर फिर से लगाया और जोर से अन्दर की तरफ पेल दिया. लंड आधा अन्दर घुस गया तो संगीता जोर से चिल्लाई- उई मां मर गई … आह निकालो मेरी गांड फट रही है.
वो तड़फ कर ऊपर की तरफ उठने लगी लेकिन मैंने संगीता को पीठ से पकड़कर मेरी छाती पर दबाया हुआ था और मयंक ने संगीता के दोनों चूतड़ों को जोर से पकड़ कर लंड अन्दर घुसा रखा था.
ट्रिपल सेक्स से संगीता दर्द के मारे सिर्फ़ चिल्ला रही थी- आह निकालो … मुझे दर्द हो रहा है मेरी फट रही है … प्लीज.
लेकिन मयंक ने एक और जोर का झटका दिया और लंड संगीता की गांड को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
संगीता की आंखों से पानी आ गया. दर्द के मारे संगीता की आंखें बाहर आ गई थीं.
मयंक अब संगीता के ऊपर जोर लगाकर लेट गया और उसकी दोनों चूचियों को दबाने लगा.
कुछ देर बाद मयंक ने चुदाई शुरू करने के लिए मेरी तरफ इशारा किया.
मयंक का इशारा मिलते ही मैंने संगीता की चूत में लंड को चलाना शुरू कर दिया. अब मैं धीरे धीरे संगीता की चूत चोद रहा था.
संगीता की चूत गीली होने के कारण मेरा लंड संगीता की चूत में आराम से अन्दर बाहर होने लगा था. मयंक संगीता की पीठ को सहला रहा था और साथ साथ संगीता की चूचियों को दबा रहा था.
कुछ देर बाद संगीता को होश आने लगा था.
मेरे लंड चलाने से अब संगीता की चूत को मजा आने लगा था और वो हल्की सिसकारियां लेने लगी थी.
संगीता अब मेरी छाती पर चूमने लगी थी, बीच बीच में वह मेरी छाती पर हल्के दांतों से काट भी रही थी. मुझे भी संगीता के काटने से हल्का दर्द हो रहा था लेकिन चुदाई की मस्ती में ये दर्द भी मजेदार लग रहा था.
मैंने अब झटकों की गति तेज कर दी और संगीता की चूत को तेज गति के कारण मजा आने लगा था. वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी थी.
मयंक संगीता की सिसकारियां सुनकर समझ गया कि अब संगीता गर्म होने लगी है और इसकी गांड में लंड को चलाने का एकदम सही मौका है.
मयंक ने धीरे से लंड को गांड के अन्दर से आधा बाहर खींचा और फिर अन्दर घुसा दिया.
संगीता ने जोर से सिसकारी भरी ‘आह्हह ..’ मर गई.
मैंने संगीता की गर्दन पर हल्के से चूमना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद संगीता अब जोश में आने लगी थी.
मयंक ने धीरे धीरे लंड को चलाना शुरू कर दिया था. संगीता ‘आआह … उउउहहहह उइइइ प्लीज ..’ की तेज आवाज निकालने लगी.
मयंक ने अपने लंड की गति को और तेज कर दिया और गांड को तेजी से चोदने लगा. इधर मैं भी लगातार तेज गति से संगीता की चूत चुदाई में लगा था.
मयंक के तेज धक्कों के कारण संगीता के चूतड़ मयंक की जांघ पर फट फट पटपट की आवाजें निकाल रहे थे और नीचे चूत में से फच फच पूच पूच की आवाज आ रही थी. हम तीनों की सांसें तेज गति से चल रही थीं और हम तीनों ही हांफ रहे थे.
संगीता भी अब जोश में आ चुकी थी, उसकी चूत से पानी निकलने लगा था. उसने खुद से उछलते हुए मेरे लंड पर धक्के लगाने शुरू कर दिए थे.
संगीता लगातार मेरे लंड पर उछल रही थी और चिल्लाने लगी थी- आह चोदो मुझे और जोर से चोदो … मेरी चूत और गांड को खा जाओ … आह फाड़ डालो.
मयंक ने संगीता के चूतड़ों पर थप्पड़ लगाए तो संगीता के मुँह से आहह आह्ह आहह की आवाजें निकलने लगी थीं.
कुछ देर की मस्ती के बाद संगीता जोर से चिल्लाने लगी- आह मैं गई … आह चोदो जोर से … मेरा रस निकलने वाला है … बस फुल स्पीड से अपनी जान की चुदाई करते रहो.
संगीता का पूरा बदन भट्टी की तरह जल रहा था. संगीता मेरे लंड पर लगातार तेज रफ्तार से सवारी कर रही थी.
अचानक संगीता की चूत का फव्वारा फूट गया और उसने मेरे लंड पर ढेर सारा गर्म माल निकाल दिया. संगीता झड़ने के बाद मेरे लंड पर रुक गई.
मैंने संगीता के रुकते ही तेज धक्के लगाना चालू कर दिए. संगीता की चूत का पानी संगीता और मेरे बीच में छींटे फेंक रहा था. चूत का पानी मेरे पेट तक आ रहा था.
अब संगीता थोड़ी ढीली पड़ गई थी. मगर मैंने और मयंक ने चुदाई को जोरों से चालू रखी.
कुछ ही देर बाद मेरा और मयंक का लंड भी रस निकलने वाला था. मयंक लगातार संगीता की गांड को चोद रहा था और मैं तेज गति से संगीता की चूत चोदने में लगा था.
मयंक ने अब संगीता की गांड से लंड को निकाल दिया और संगीता के दोनों चूतड़ों पर थप्पड़ लगाकर उसे कमर से पकड़ कर खींच लिया. उसे बेड पर तिरछी लेटा दिया.
अब संगीता की एक टांग को हवा में उठा लिया और गांड में लंड डालकर तेज गति से चुदाई शुरू कर दी.
मैंने भी संगीता की तिरछी चूत में लंड पेल दिया. इस जोरदार चुदाई से संगीता चिल्ला रही थी- आह … मेरी फट रही है … रहम करो रुक जाओ जान आह्ह आह्ह फट गई. आई … आह्ह.
मयंक ने और मैंने संगीता की ऐसे ही पांच मिनट तक चुदाई की.
फिर हम दोनों के लंड चरम सीमा पर आ चुके थे.
कुछ सात-आठ जोरदार धक्कों के बाद मयंक ने गांड में से लंड को निकाल दिया.
संगीता ने जोर से आह्ह किया और बोली- जान रुको … अभी झड़ना मत … मुझे तुम दोनों के दूध से नहाना है.
मैंने भी लंड को चूत में से निकाल लिया और बेड के नीचे उतर गया. मैं और मयंक दोनों साथ में खड़े हो गए. संगीता बेड से खड़ी हुई और घुटनों के बल जमीन पर बैठ गई.
हम दोनों ने लौड़े संगीता के हवाले कर दिए. संगीता ने तुरंत हम दोनों के लौड़े हाथों में लिए और जोर जोर से हिलाने लगी.
वह बारी बारी से हम दोनों के लौड़ों के सुपारों को अपनी जीभ से चाट रही थी और जोर जोर से लंड को हिला रही थी.
मयंक ने कुछ देर बाद आह करते हुए बोला- आह … मेरा निकलने वाला है. उसी पल मैंने भी मयंक के साथ साथ कहा- मेरा भी!
संगीता ने जवाब दिया- जल्दी मुझे दूध पिलाओ … मुझे तुम दोनों का दूध पीना है … और तुम दोनों के दूध से स्नान करना है.
संगीता लगातार हम दोनों के लंडों को जोर से हिला रही थी.
पहले मेरे लंड का दूध निकलने लगा. मेरे लंड से एक तेज पिचकारी निकली और संगीता की नाक पर लगी. फिर मयंक के लंड से पिचकारी निकली, जो सीधे संगीता की चूचियों के बीच गिरी.
अब हम दोनों के लौड़े वीर्य बरसाने लगे थे. संगीता ने मुँह को खोल लिया और जीभ बाहर निकाल ली. मेरे और मयंक के लंड से ढेर सारा गर्म माल निकला, जो संगीता की जीभ और मुँह पर जा लगा.
कुछ वीर्य की बूंदें संगीता के मुँह से टपकती हुई नीचे चूचियों पर आ गिरीं.
संगीता एक एक कर हम दोनों के लौड़ों को जीभ से चाटने लगी और मुँह में भरकर चूसने लगी. वह जीभ से हमारा निकला हुआ सारा दूध चट कर गई.
कुछ देर तक संगीता दोनों लंड चूसती रही. उसने चूस चूस कर हम दोनों के लंड साफ कर दिए.
फिर संगीता ने एक उंगली से गाल पर लगा हुआ दूध उठाया और जीभ पर रखकर चाटने लगी. उसके चेहरे पर एक गजब की खुशी झलक रही थी. जो दूध संगीता की चुचियों पर गिरा था उसको संगीता ने पूरे शरीर पर मल दिया और दोनों गालों पर भी मल लिया.
कुछ देर बाद हम तीनों बाथरूम में चले गए और स्नान किया. संगीता ने मयंक और मुझको साबुन से नहलाया.
मैंने और मयंक ने संगीता को शैंपू और साबुन से साफ किया. फिर हम तीनों एक साथ बेड पर नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
दोस्तो, आपको मेरी ट्रिपल सेक्स हिंदी कहानी कैसी लगी, कमेंट करके ज़रूर बताईए. अगली कड़ी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे आने वाले भविष्य में संगीता ने हमसे चुदाई करवाई. संगीता ने हमको नौकरी पर रख लिया और अपने बिज़नेस में आई गिरावट में कैसे फ़ायदा उठाया.
आप मुझे ईमेल ज़रूर करें ताकि मैं आप सबकी प्रतिक्रिया जान सकूं और सेक्स कहानी की अगली कड़ी और ज्यादा रसीले ढंग से लिख सकूं. मेरी ईमेल आईडी है [email protected]
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