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अन्तर्वासना पर हिन्दी सेक्स स्टोरीज़ पढ़ने वाले मेरे दोस्तो, मैं फिर से हाजिर हूँ नई कहानी लेकर… पर यह कहानी मेरी नहीं है, यह कहानी मेरी एक प्रशंसक ने भेजी है और प्रकाशित करवाने को कहा है।
आगे आप उसी की ज़ुबानी सुनिए।
मेरा नाम सानिया है, मैं मुंबई से हूँ, मेरा रंग गोरा है और मैं भरे हुए जिस्म की हूँ।
मैं अन्तर्वासना की बहुत पुरानी पाठक हूँ, मैंने इसकी सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। तो मैंने सोचा कि क्यूँ ना अपनी भी कहानी इस पर शेयर करूँ!
यह कहानी मेरे बॉयफ्रेंड इमरान की और मेरी चुदाई की है। दोस्तो, हमने बहुत बार चुदाई की पर इस चुदाई की याद मेरे दिल में अभी तक है।
यह कहानी मेरी शादी के कुछ दिन पहले की है जब मैं अपनी बड़ी बुआ के घर कुछ दिन रहने गई हुई थी। उनकी दो लड़कियाँ हैं सायमा और आफरीन… हम तीनों बहनें कम ज़्यादा सहेलियों की तरह रहती हैं तो उनको भी मेरे बॉयफ़्रेंड मेरे यार इमरान के बारे में सब पता था।
जिस लड़के से मेरी शादी होने वाली थी, उस लड़के का नाम राहिल था और उससे भी मैं दो बार मिल चुकी थी।
हमारे बीच चुदाई तो नहीं हुई थी पर चूमा चाटी, फिंगरिंग वगैरा जरूर हुई थी। वो समझ गया था कि मैं पहले से चुदी हुई हूँ पर उसने कुछ नहीं कहा था। उसने बहुत पूछा पर मैं कहाँ मानने वाली थी।
वो भी यह बात समझ चुका था और यह कहता कि मेरा तुम्हारे कल से कोई लेना देना नहीं है, जो भी हुआ, तुम्हारा कल था। और मैंने भी यही सोच कर इमरान को भूल कर आगे बढ़ने की सोच ली थी।
जब मैं अपने घर जाने वाली थी तो इमरान का फोन सायमा के फोन पर आया, वो मुझसे आखरी बार मिलने की ज़िद करने लगा। मेरा भी दिल पसीज़ गया और मैं उससे मिलने के लिए राज़ी हो गई, सायमा भी इसके लिए तैयार हो गई।
फिर हमने सायमा की खाला के घर मिलने का प्लान बनाया। सायमा ने खाला के साथ बाज़ार जाने की बात की पर मैं सिर दर्द का बहाना बनाकर घर पर ही रुक गई।
सायमा अपनी खाला को लेकर बाज़ार चली गई और मैं घर पर अकेली थी तो इमरान भी वहाँ आ गया।
अकेले में पाकर इमरान ने मुझे गले से लगा लिया और चूमना शुरू कर दिया।
मैं भी कई दिन से चुदी नहीं थी तो मैं भी गर्म हो गई और उसका साथ देने लगी।
कब मेरे जिस्म से कपड़े अलग हो गये, मुझे इस बात का एहसास ही नहीं हुआ, वो मेरे बूब्स दबाता रहा और दूसरे को चूसने लगा।
धीरे धीरे उसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए, अब हम पूरे नंगे थे।
मैंने उसके लंड को मुंह में ले लिया और वो मेरी चूत चाटने लगा।
फिर इमरान ने लंड को मेरी चूत पे रखा और ज़ोर से धक्का दिया, लंड एक ही झटके में चूत में चला गया। कई दिनों से चुदाई नहीं होने से मेरी चीख निकल गई पर वो ज़ोर ज़ोर से चुदाई करता रहा।
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।
इस जोरदार चुदाई में मैं बहुत मज़े से झड़ गई और बहुत पानी निकला। इमरान ने भी अपना पानी मेरे बूब्स पे गिरा दिया और मेरे ऊपर ही लेट गया।
कुछ देर के बाद हमने कपड़े पहने और सायमा को फोन करके बता दिया। इमरान वहाँ से चला गया और सायमा खाला को लेकर वापस आ गई।
दो दिन बाद मैं बुआ के घर से वापिस अपने घर आ गई और आठ दिन बाद मेरी शादी राहिल से हो गई।
दोस्तो, मेरी सुहागरात, माफ़ करना सुहाग दिन, तो इमरान के साथ हो गई थी पर अपनी शादी के बाद की राहिल के साथ सुहागरात की कहानी आपको अगली कहानी में बताऊँगी।
तब तक खुदा हाफ़िज़! आपको मेरी कहानी कैसी लगी, आप नीचे लिखे ईमेल पे बता सकते हैं। [email protected]
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