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जैसे ही मैं अपनी कार से बाहर निकली तो वहाँ खड़े सारे लड़के मुझे ऐसे घूरने लगे जैसे मुझे वहीं पकड़ कर चोद देंगे। सबकी आँखों में हवस दिखाई दे रही थी।
खैर फिर भी मैं सबको इग्नोर करके साहिल के साथ अंदर चली गई।
वो एक होटल था। अंदर जाकर साहिल ने मुझे सबसे मिलवाया। वहां साहिल के सभी दोस्त अपनी अपनी गर्ल फ्रेंड्स के साथ आये थे।
फिर साहिल ने मुझे अपने सबसे अच्छे दोस्त आकाश से मिलवाया। आकाश लगभग 6 फ़ीट का अच्छे शरीर का मालिक था। वो बहुत आकर्षक था। मैं तो उसे देखकर उस पर फ़िदा सी हो गई थी। आकाश अपनी गर्ल फ्रेंड रिया के साथ आया था।
थोड़ी देर ऐसे ही बात करने के बाद हम लोग डांस के लिए स्टेज पर आ गए। मैं डांस तो साहिल के साथ कर रही थी मगर मेरी नजर बारबार सिर्फ आकाश की तरफ ही थी।
जैसा आप सब लोग जानते ही होंगे कि ऐसी बड़ी पार्टीज में पार्टनर बदलकर भी डांस होता है। तो हम लोगों ने भी अपने अपने पार्टनर बदल लिए। अब मैं आकाश के साथ और साहिल रिया के साथ डांस कर रहा था। मुझे आकाश के साथ डांस करने में बहुत मज़ा आ रहा था, आकाश भी मेरी बहुत तारीफ कर रहा था और मैं उसकी हर बात का मुस्कुरा कर जवाब दे रही थी।
तभी अचानक आकाश ने मेरी कमर से हाथ हटाकर थोड़ा ऊपर कर लिया, अब वो पीछे की तरफ से मेरे हल्के से बूब्स सहला रहा था। उसकी यह अदा मुझे बहुत पसंद आई मगर मैंने उससे कहा- कोई देख लेगा। तो उसने मुझे छोड़ दिया।
थोड़ी देर बाद हम लोग ड्रिंक्स लेने लगे। तभी वहां साहिल का बॉस आ गया, साहिल ने मुझे उससे मिलवाया। उसका नाम विक्रम था वो एक 35 साल का शादीशुदा मर्द था, वो भी दिखने में आकर्षक था। विक्रम ने मेरा हाथ चूमा तो मेरे शरीर में सरसराहट सी दौड़ गई।
विक्रम मुझसे बहुत देर तक बात करता रहा। फिर उसने मुझे डांस के लिए पूछा तो मैं उसके साथ डांस करने लगी। वो बीच बीच में मेरे शरीर पर गलत तरीके से हाथ लगा रहा था। मतलब वो मेरे बूब्स पर हाथ लगा रहा था। मेरी तरफ से कोई विरोध ना देखकर वो धीरे से मेरे कान में बोला- आज तुम बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही हो। मैंने तुम जैसे खूबसूरत लड़की आज तक नहीं देखी।
मुझे पता है कि ये सब बातें लड़की को पटाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, फिर भी मैं उसकी बात सुनती रही और मन ही मन मुस्कुराती रही। मुझे देखकर वो मेरी हाँ समझ गया, उसने मुझे बोला- मैं रूम में तुम्हारा इन्तजार कर रहा हूँ, जल्दी आना।
सच में मैं उसके पास नहीं जाना चाहती थी मगर मुझे साहिल को लेकर चिंता हो रही थी तो मैं मन मार कर साहिल के पास गई और उसको बोला- मैं अभी थोड़ी देर में आती हूँ। क्यूंकि वहां आकाश और रिया बैठे थे तो साहिल ने भी कुछ नहीं कहा।
फिर मैं विक्रम के बताये हुए रूम में गई, वहाँ विक्रम पहले से ही मौजूद था, वो शराब पी रहा था। उसने मुझे अंदर बुलाया और अपने पास बैठा लिया। वो इधर उधर की बात करने लगा।
अचानक उसने मेरी जांघों को अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया। अब मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी, साथ ही वो मेरी गर्दन पर अपनी जीभ से चाटने लगा।
आप लोग जानते ही होंगे की गर्दन पर ऐसे चाटने से लड़की कितनी जल्दी गर्म हो जाती है। मैं भी बहुत गर्म हो चुकी थी। अब विक्रम के हाथ मेरी जांघों से हटकर मेरे बूब्स पर आ गए, वो मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा।
तभी मैं होश में आई और थोड़ा सा नाटक करने लगी कि ये सब गलत है। क्यूंकि ये नाटक थोड़ा जरुरी भी था। मैंने कहा कि अगर साहिल को पता चल गया तो क्या होगा।
तो वो बोला- उसे कुछ पता नहीं चलेगा, बस तुम मेरी और अपनी प्यास बुझा लो। मैंने कहा- इसके बदले मुझे क्या मिलेगा? तो वो बोला- मेरी जान, तुम्हें जितना पैसा चाहिए बोलो? तो मैंने कहा- मुझे पैसे नहीं चाहिए, आप बस साहिल को तरक्की दे दो और आज की रात मैं आपकी रहूंगी। इस पर वो बोला- बस इतनी सी बात? कल साहिल को तरक्की मिल जायेगी, बस आज तुम मुझे खुश कर दो।
मैंने प्यार से उसके पास जाकर उसे एक किस किया। फिर मैंने उसे कहा- मैं साहिल को फोन करके बोल देती हूँ कि मैं कल सुबह घर आ जाऊँगी। तो उसने कहा- बोल देना, पहले इधर तो आ जाओ।
उसने मेरा गाऊन उतार दिया, अंदर मैंने ब्रा पैंटी पहनी हुई थी। मुझे ब्रा पैंटी में देखकर वो पागल सा हो गया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स चूसने लगा और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत सहलाने लगा।
फिर उसने अपने भी कपड़े उतार दिए, उसका लंड लगभग 7 इंच बड़ा था, उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। मैं धीरे धीरे उसके लंड सहलाने लगी। उसका लंड पूरा सख्त हो चुका था।
फिर उसने मेरी ब्रा पैंटी को एक झटके में फाड़ दिया और मेरे निप्पल को काटने लगा। मुझे हल्का सा दर्द हो रहा था- आःह्ह्ह आउच… जान आराम से… दर्द होता है।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर धक्का दे दिया और उसे लिटा दिया, मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी, वो साला मेरी चूत को ऐसे चाट रहा था जैसे कुत्ता चाटता है। फिर उसने मुझे लंड चूसने को कहा तो मैंने लंड चूसने से मना कर दिया, उसने भी मुझे ज्यादा फ़ोर्स नहीं किया।
फिर उसने मुझे पटाकर नीचे गिरा लिया और खुद मेरी टांगों के बीच में आ गया। उसने अपने जेब से एक कंडोम निकाला और एक गोली निकाली। गोली देखकर मैं समझ गई कि इसने सेक्स पॉवर बढ़ाने की गोली खाई है।
उसने कंडोम मुझे दे दिया, मैंने कंडोम फाड़ कर उसके लंड पर चढ़ाया। उसने मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ा, फ़िर अचानक से एक ही झटके में उसने पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया।
यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं! मेरी ‘आय्य्य इइइइ…’ हल्की सी चीख निकल गई मगर उसने मेरी चीख पर कोई ध्यान नहीं दिया और मेरी चूत में जोर जोर से धक्के देने लगा।
उसकी चुदाई की ताकत देखकर मैं हैरान रह गई, वो बहुत गजब तरीके से मेरी चुदाई कर रहा था। थोड़ी देर ऐसे ही चोदकर वो थक चुका था। फिर वो नीचे लेट गया और मैं उसके ऊपर आकर लंड पर ऊपर नीचे होने लगी। मेरे मुंह से बस ‘आःह्ह्ह आअह्ह हह्हह उफ्फ ओह्ह ह्हह्ह…’ ये सब ही निकल रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से मेरी चूत में लंड डालकर जोर जोर से धक्के देने लगा। काफ़ी देर मेरी चूत चोदने के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया। वो तो अच्छा हुआ कि उसने कंडोम पहना हुआ था।
इस बीच मैं 4 बार झड़ चुकी थी।
मुझे चोदने के बाद वो मेरे ऊपर से हटा और मेरे बगल में लेट गया। फिर मैंने साहिल को फ़ोन करके बोल दिया कि मैं सुबह को आऊँगी।
थोड़ी देर बाद विक्रम ने मुझे पूछा- तुम्हें पेशाब करने जाना है? तो मैंने हां में जवाब दिया तो उसने जो कहा, उससे मैं बहुत ज्यादा चौंक गई, वो बोला चलो- तो करो पेशाब! मैंने कहा- बाथरूम में जाकर करुँगी। तो बोला- नहीं मेरी जान, आज तो तुम मेरे मुंह में पेशाब करो, मैं भी देखना चाहता हूँ कि तुम जैसे हुस्न की परी के पेशाब का स्वाद कैसा होता है।
मैंने उसे बहुत समझाया कि ये सब गन्दा होता है मगर वो तो ज़िद पर अड़ गया, हार कर मैंने कहा कि ठीक है। अपनी चूत मैंने उसके मुंह पर लगा दी और मूतने लगी, वो मेरा सारा पेशाब पी गया।
जब मैं उसके मुंह से हटी तो वो मुझे देखकर हंस रहा था, मेरे पेशाब से उसका पूरा मुंह भीगा हुआ था और थोड़ा सा पेशाब बिस्तर पर भी था।
मैंने उसको कहा- जाओ, जाकर मुंह धोकर आओ। वो हँसता हुआ चला गया, थोड़ी देर बाद मुंह धोकर आ गया और फिर से मुझे लेकर बिस्तर पर गिर गया।
वो मुझसे कहने लगा- जान, तुम मुझसे शादी कर लो, मैं तुम्हे बहुत खुश रखूँगा।
मैंने उससे कहा- तुम तो पहले से ही शादीशुदा हो। तो वो बोला कि उसकी बीबी उसे ज्यादा चोदने नहीं देती इसलिए वो उसे तलाक देना चाहता है।
लेकिन मैंने उसके समझाया कि मैं उससे शादी नहीं कर सकती। थोड़ी देर समझाने के बाद वो समझ गया मगर फिर बोला- तुम मेरी प्रेमिका बन कर तो रह सकती हो ना?
मैंने उसे कहा- मैं किसी की रखैल बनकर नहीं रहना चाहती। वो बोला- जान, तुम मेरे ऑफिस में नौकरी कर लो, मैं तुम्हारा बहुत ध्यान रखूँगा। बहुत सोचने के बाद मैंने मना कर दिया।
फिर उसने मुझसे कुछ नहीं कहा, बस मुझे वहीं पटककर मेरी चुदाई शुरू कर दी। मगर इस बार वो बस थोड़ी देर तक चोद पाया क्यूंकि उसने गोली नहीं ली थी।
उस रात उसने मुझे तीन बार चोदा, फिर हम दोनों नंगे ही सो गए।
अगली सुबह उसने उठते ही मेरी गांड पर किस किया मेरी गांड दबाने लगा जिससे मेरी भी आँख खुल गई। उसने मुझे किस किया और मेरी चूत में उंगली डालकर मुझे उंगली से चोदने लगा।
वो फिर से जोश में आ गया, उसने फिर से एक और गोली खा ली और और अपने लंड पर कंडोम चढ़ा लिया और लंड को मेरी चूत में डाल दिया, उसने लगभग 30 मिनट तक मेरी चूत को जमकर चोदा।
फिर जब वो झड़ने वाला था तो उसने मेरी चूत से लंड निकाल लिया और उस पर से कंडोम हटा कर मुठ मारने लगा। फिर उसने मेरे बूब्स पर अपना पानी निकाल दिया।
फिर वो वहीं लुढ़क गया और सो गया।
मैं थोड़ी देर लेटने के बाद उठी और बाथरूम में चली गई और नहाने लगी क्यूंकि विक्रम के लंड का पानी मेरे बदन पर लगा हुआ था। मैंने अपनी चूत को भी उंगली डाल कर ठीक से साफ़ किया।
जब मैं नहाकर वापस आई तब विक्रम सो रहा था, मैंने उसे नहीं उठाया और अपने कपड़े पहनने लगी। मगर मैं अपनी ब्रा पैंटी नहीं पहन पाई क्यूंकि मेरी ब्रा पैंटी विक्रम ने फाड़ दी थी तो मैंने बिना ब्रा पैंटी की अपना नीले रंग का गाऊन पहन लिया और तैयार हो गई।
फिर मैंने साहिल को फ़ोन कर दिया कि वो आकर मुझे ले जाये।
इतने में विक्रम भी उठ गया और मेरे पास आया, उसने मुझे पीछे से बाहों में ले लिया। वो अभी तक नंगा था तो उसका लंड मुझे मेरी गांड में महसूस हो रहा था।
वो फिर से मुझे चोदना चाहता था मगर इस बार मैंने उसको मना कर दिया तो उसने बोला- तुम्हें नंगी नहीं करूँगा, बस पीछे से गाउन उठाकर एक बार चोद लेने दो।
मैंने सहमति में हाँ कह दिया तो उसने मुझे वही टेबल पर झुका दिया और पीछे से मेरा गाऊन उठा दिया।
मैंने पैंटी तो पहनी नहीं थी इसलिए मैं नंगी हो गई थी। उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया, मैंने एक झटके में उसका लंड बाहर निकाल दिया क्यूंकि मुझे अहसास हो गया था कि उसने कंडोम नहीं लगाया था।
मैंने उसे कंडोम लगाने को बोला तो वो बोला- जान, एक बार बिना कंडोम के भी करके देखते हैं। मैंने उसे साफ़ साफ़ मना कर दिया तो उसने कंडोम पहन लिया फिर उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी।
मैं शीशे के सामने खुद को चुदते हुए देखकर बहुत अच्छा महसूस कर रही थी।
थोड़ी देर में उसने अपना पानी निकाल दिया मगर मैं अभी तक नहीं झड़ी थी तो मैंने यह बात विक्रम को बताई तो उसने नीचे बैठकर मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया। थोड़ी देर चूत चाटने से मेरी चूत का पानी उसके मुंह में निकल गया जिसे उसने पी लिया।
फिर मैंने अपने आप को ठीक किया थोड़ी देर बाद साहिल का फ़ोन आया कि वो मेरा नीचे वेट कर रहा है। मैंने विक्रम को एक किस किया और उसको साहिल के तरक्की की बात याद दिलाई तो विक्रम ने कहा- मेरी जान, तुम्हारे लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ।
फिर उसने कहा- मुझे तुम्हारे साथ बहुत मज़ा आया! तुम्हें मेरे साथ मज़ा आया? तो मैंने भी हाँ कह दिया। और एक किस करके मैं वापस आ गई।
नीचे साहिल मेरा इंतजार कर रहा था। मुझे होटल से नीचे आते हुए बहुत शर्म आ रही थी क्यूंकि मैंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे निप्पल मेरे गाउन में साफ़ साफ़ नजर आ रहे थे। वहाँ सब लोग मेरे निप्पल को घूर रहे थे मगर किसी तरह मैं जल्दी से साहिल के पास पहुँची और कार में बैठ गई।
मुझे देखकर साहिल ने पूछा- क्या हुआ मेरी जान, आज तेरी ब्रा कहाँ है? तो मैंने कुछ नहीं कहा, बस उसके लंड पर एक जोर से हाथ मार दिया और हंस दी।
वो बस आईईईई करके रह गया और बोला- बता दे ना कि विक्रम चोदू ने ब्रा फाड़ दी। फिर उसने गाउन के ऊपर से ही मेरी चूची मसल दी।
मैंने उसे कहा- यार अभी मत कर, बस तू घर चल, अब मुझे सोना है। मुझे बहुत दर्द हो रहा है। तो उसने कुछ नहीं कहा।
थोड़ी देर बाद हम लोग घर आ गए।
अगले दिन विक्रम ने साहिल की तरक्की कर दी।
यह कहानी मेरी यही खत्म होती है। इससे आगे मेरे और भी किस्से है कभी समय मिला तो दोबारा आप सबके साथ अपना अनुभव बांटूँगी, अभी इजाजत दीजिये।
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