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कुछ झटकों में ही रवि ने अपना वीर्य श्वेता की चूत में गिरा दिया और निढाल हो उसकी बगल में लेट गया।
अगले दिन दोनों को एग्जीबिशन में जाना था तो दोनों एक गहन चुम्बन कर के अलग हुये और रवि अपने कमरे में जाकर सो गया।
उधर माही ने श्वेता का फोन काट कर फ्रिज से जूस की दो कैन निकाली।
जूस पीते समय उसने हिना से कहा- दिल्ली में श्वेता रवि के होटल में ही रूक रही है तो आज क्यों न तुम भी यहीं रुक जाओ। हिना को डर लग रहा था, वो बोली- नहीं, यह ठीक नहीं होगा।
माही बुझे मन से हिना को छोड़ने उसके घर आया। और वो जैसे ही वापस जाने के लिए पलटा, हिना उससे लिपट गई और बोली- आज तुम यहीं रुक जाओ! माही मान गया और अपनी कार गेट से अंदर खड़ी करके दोनों अंदर आये।
माही ने हिना को गोदी में उठा लिया और हिना उसकी कमर में टांगें लगा कर लटक गई। दोनों के होंठ मिले हुए थे।
हिना बोली- मैं नहा कर आती हूँ, फिर डिनर के लिए चलेंगे। माही बोला- चलो साथ ही नहाते हैं और डिनर का आर्डर कर देते हैं, यहीं आ जायेगा।
हिना ने बाथटब भरने लगा दिया और फ्रिज से एक बियर निकाल लाई। माही बियर देखकर खुश हो गया और दोनों कपड़े उतार कर बियर लेकर बाथ टब में उतर गए।
माही ने बियर का एक सिप खुद लिया, एक हिना को पिलाया और बाथटब में नीचे लेट कर हिना को अपने ऊपर गोदी में लिटा लिया। उसने अपनी टाँगें चौड़ा रखी थीं और हिना उनके बीच में थी।
हिना ने माही का लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी। माही भी अपने दोनों हाथों से हिना के मम्मों को मालिश कर रहा था। हिना ने अपनी गर्दन घुमाकर अपनी और माही की जीभों का मिलन करा दिया। माही नीचे खिसका, हिना भी नीचे हो गई, अब शावर की मोड़ी धार उसकी चूत पर गिर रही थी।
पानी की धार हिना को दूसरे लंड का सा मजा दे रही थी। हिना कामाग्नि में उछलने लगी और जब बर्दाश्त न हुआ तो वो पलटी और माही का लंड अपनी चूत में लेकर के उछलने लगी।
कुछ देर बाद माही ने उसे घोड़ी बनाया और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में… चाहता तो वो उसकी गांड मारना था पर हिना ने मना कर दिया।
थोड़ी देर की पेलम पिलाई के बाद माही ने अपना माल खाली कर दिया, पानी में सब धुल गया।
हिना ने नीचे से टब की कॉर्क निकाल दी और दोनों खड़े होकर नहाये और फिर बाहर आये। दोनों ने पहले तो बियर ख़त्म करी।
बाहर लॉन में दोनों ने लगभग बिना कपड़ों यानी हिना ने तो केवल एक स्लीवलेस शार्ट फ्रॉक पहनी जिसमें बैठते ही उसकी चूत दिख रही थी और मियां माही तो केवल रवि की एक लुंगी लपेटे ही बैठे थे जिसमें से उनके मुंगेरी लाल बार बार बाहर आ जाते थे।
हिना की फ्रॉक का गला इतना ढीला और डीप था कि वो जिसे ही झुकती उसके मम्मों का साइज़ दिख जाता और मुंगेरी लाल फिर सलामी देने बाहर आ जाते।
इतनी में माही ने डिनर का जो आर्डर किया था, वो आ गया।
जैसे तैसे खाना निबटा कर माही ने प्लेट्स और पॉलिथीन अपनी गाड़ी में रखी। वो बियर की खाली बोतल भी रखना नहीं भूला।
11 बज चुके थे, मुंगेरी लाल धावा बोलने को तैयार थे।
कुदरत का क्या करिश्मा था इधर माही और हिना अपनी जिन्दगी का नया तजुर्बा कर चुके थे और एक नई इबारत लिखने की तैयारी में थे, उधर श्वेता और रवि ने कामसूत्र की कई विधाएं अपना कर चुदाई की नई मिसाल कायम कर ली थी।
दोनों जोड़े यह सोच कर बेवफाई कर रहे थे कि वो आज अपने पार्टनर से छिपा कर ये गुल खिला रहे हैं।
हिना बाथरूम से ब्रश करके बाहर आई, इधर माही भी बाहर वाश बेसिन पर फ्रेश हो गया था।
इधर उधर की लाइट बंद करते हुए हिना मुस्कुराते हुए बेडरूम की ओर गई, पीछे पीछे माही भी आया, पीछे से ही हिना को पकड़ लिया और उसके कान को अपने जीभ से चुभलाया तो हिना को गुदगुदी हुई, वो पलटी तो चिपक गई माही से!
माही ने अपनी बलिष्ठ बाँहों में उसको जकड़ कर उसके होठों पे अपने होंठ रख दिए। उसका लंड लुंगी से निकल रहा था, उसने खड़े खड़े ही हिना की फ्रॉक उठा कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
हिना सिहर गई, बोली- चलो, बेड पर चलो।
बेड पर पहुंचते पहुंचते दोनों के कपड़े उतर गए थे। माही ने दिन में ही हिना को चूत साफ़ करने को कहा था तो पता नहीं कब टाइम निकल कर हिना ने चूत चिकनी कर ली थी।
अब जब माही ने अपना मुँह उसकी चूत में लगाया तो चिकनी चूत देखकर उसने दोनों हाथों से उसकी चूत की फलक को चौड़ा किया और अपनी जीभ घुसा दी।
थोड़ी देर में ही हिना पागल हो गई और अब उसकी बारी थी माही का लंड चूसने की… तो उसने बेड पर लेटे लेटे ही माही का लंड अपने मुख में कर लिया और जोर शोर से उसे चूसने लग। माही उसके मम्मे मसल रहा था।
अब बर्दाश्त की इन्तेहा हो रही थी, हिना ने लंड का चूस चूस कर बुरा हाल कर दिया था। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं! माही हिना पर चढ़ गया और उसकी टांगों को चौड़ा करके अपना पूरा लंड पेल दिया।
माही ने चुदाई की स्पीड धीमी रखी और अंदर से बाहर करते समय लंड को पूरा बाहर और फिर धीमी स्पीड में पूरा अंदर तक ठेला।
इस स्लो मोशन की चुदाई में हिना को बहुत मजा आ रहा था, वो बड़बड़ाने लगी- और जोर से चोदो ना मेरे राजा… आज चोद चोद कर इसका भुरता बना दो। तुम तो कह रहे थे कि आज इसे फाड़ दोगे… तो फ़ाड़ो ना मेरी जान… बहुत मजा आ रहा है।
अब माही ने भी स्पीड बढ़ा दी। स्पीड बढ़ने से हिना की आवाज भी बढ़ती गई… और एक धमाके के साथ माही ने अपना सारा माल हिना की चूत में भर दिया।
हिना ने माही को कस के चिपका लिया, वो उसका लंड भी अपनी चूत से नहीं निकालने दे रही थी। दोनों निढाल होकर बगल बगल ही सो गए।
सुबह 5 बजे माही की आँख खुली, हिना सो रही थी। माही ने उसका मम्मा मुँह में लिया और उंगली उसकी चूत में कर दी। हिना ने मुस्कुराते हुए आँख खोल दी।
जब उसने माही का फनफनाता हुआ लंड तैयार देखा तो उसका भी मन मचल गया और वो चिपट गई माही से और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में कर किया। एक बार फिर गुत्थम गुत्था होकर चुदाई हुई।
माही ने जल्दी ही फिर हिना की चूत भर दी।
माही अब उसे छोड़ कर जल्दी से उठा और कपड़े पहन कर अपने घर के लिए निकल लिया।
हिना ने भी उठकर अपने और कमरे को ठीक करना शुरू किया। बेड शीट पर पड़े माही और उसके प्यार के निशान मिटने जरूरी थे। उसने वाशिंग मशीन में सब कुछ डाला पर उस हैण्ड टॉवल को जिसमें माही के प्यार के निशान थे, संभाल कर अपनी वार्डरोब में रख दिया।
घर ठीक करते करते उसे 8 बज गए। बाहर ऑफिस बॉय आ गया था, उसे उसने ऑफिस की चाभी दी और खुद नहाने घुस गई।
बाथटब में लेटे लेटे उसे बीते पलों की याद बहुत प्यारी लगीं। गत दिन उसकी जिन्दगी का एक अनोखा दिन था।
रवि से बेवफाई का उसे पता नहीं क्यों अफ़सोस नहीं था और जब से माही ने बताया था कि रवि और श्वेता एक ही होटल में रुक रहे हैं, तभी से उसके मन में यह ख्याल आया था कि आज रात वो भी माही के साथ बिताए।
नहा कर उसने माही को फोन किया, पूछा- लंच में क्या लोगे? हिना ने कह दिया- मैं लंच भिजवा दूँगी।
इस पर माही बोला- तुम खुद ही ले आना, अंदर ऑफिस में खा लेंगे। हिना खुश हो गई।
रवि का फोन भी आया कि वो शाम 8 बजे तक पहुंचेगा। हिना ने बढ़िया सा लंच बना कर पैक किया और 2 बजे करीब माही के ऑफिस अपने ड्राईवर के साथ पहुंची।
जैसा उन दोनों का तय हुआ था, हिना ने लंच अपने ड्राईवर से अंदर भिजवाया, खुद गाड़ी में बैठी रही, तो माही खुद आया और उसे भी अंदर ले गया।
हिना ने साड़ी पहनी थी क्योंकि मार्किट में ऑफिस था।
माही उसे अन्दर बिठा कर बाहर वाले ऑफिस में चला गया और उसके लिए कोल्ड ड्रिंक भिजवा दी। थोड़ी देर बाद माही अंदर आया और डोर लॉक करके दोनों चिपक गए।
माही हिना के साथ बिताये हर पल से खुश था।
हालाँकि हिना की चुदाई पिछले 24 घंटे में भरपूर हो चुकी थी पर मन अभी भरा नहीं था। माही ने उसे वहाँ पड़ी सेटी पर लिटा कर एक बार पूरा पेल कर चुदाई करी और अपने हेंकी को उसे पोंछने को दे दिया, जिसे हिना ने अपनी चूत में ही फिट कर लिया, क्योंकि इतनी चुदाई हुई थी उसकी और उसकी चूत को इतना माल मिला था पीने को कि चूत लगातार टपक रही थी।
माही ने धीरे से गेट का लॉक खोल दिया और दोनों लंच करने लगे।
माही ने बीच में किसी काम से अपने सर्वेंट को अंदर बुलाया ताकि यह सबूत रहे कि उसने और हिना दोनों ने लंच अलग अलग किया था।
रात को श्वेता और रवि अपने अपने घर 8.30 तक पहुँच गए। रात को श्वेता ने भी माही का और हिना ने रवि का लंड यह कह कर खूब निचोड़ा कि ‘दो दिन हो गए चूत प्यासी है…’
और माही और रवि ने भी चुदाई घमासान की यह कह कर कि दो दिन से माल रुका हुआ है तुम्हारी चूत के इंतज़ार में…
तो यह थी कहानी, ऐसे पति पत्नी जो एक दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे और अब उनकी चूत और लंड भी ऐसे हो गए कि उन्हें कोई चाहिए चाहे उनका अपना हो या दोस्त का…
दोनों युगल खुश… दोनों जानते हैं कि वे बेवफाई कर रहे हैं पर दोनों यह सोचते हैं कि उनका पार्टनर सिर्फ उनका है।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी! [email protected]
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