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मेरा नाम राजू है और मेरी उम्र 26 साल है। मैं यमुना नगर का रहने वाला हूँ और मुझे अन्तर्वासना की हिन्दी सेक्स कहानियां बहुत अच्छी लगती हैं। मैं इसकी कहानियां लम्बे समय से पढ़ रहा हूँ, जब भी मैं अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ता हूँ.. मुझे कुछ कुछ होने लगता है।
मुझे सेक्स करना अच्छा लगता है और मैंने कई लड़कियों से फ्रैंडशिप भी इसी लिए की है। मुझे जब भी कोई सुन्दर लड़की दिखती है.. मैं उसके साथ सेक्स करने के बारे में सोचने लगता था।
मैं अपने बॉस की घरवाली के साथ भी सेक्स करना चाहता था। मैं उनका नाम नहीं बताना चाहता हूँ। वो एक बहुत सुन्दर औरत थीं। उसकी उम्र लगभग 27 साल के आस-पास थी और वो दिखने में एक परी सी लगती थीं।
उनका फिगर 36-30-34 का रहा होगा, वो अक्सर बड़े गले का सूट पहनती थीं, उसमें से उनके चूचे साफ़ नज़र आते थे। उनके चूचों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
एक दिन मेरी इच्छा पूरी हो गई। उस दिन सर ने किसी काम से मुझे अपने घर भेजा।
मैं उनके घर गया तो उनकी घरवाली नहाने गई हुई थी।
मैंने उन्हें आवाज़ लगाई.. तो बाथरूम से आवाज़ आई, वो उनकी ही आवाज़ थी, उन्होंने कहा- मैं नहा रही हूँ.. तुम थोड़ी देर बाहर गेस्टरूम में बैठ जाओ, मैं थोड़ी देर में नहा कर आती हूँ।
मैं उनके कहने पर बाहर गेस्टरूम में बैठ गया।
मैं जब वहाँ बैठा था.. तो मेरे मन में ख्याल आया कि उनको नहाते हुए देखने की कोशिश करता हूँ.. लेकिन मैं बार-बार ये सोच कर घबरा रहा था कि अगर उन्होंने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया.. तो मेरी नौकरी चली जाएगी।
लेकिन मैंने थोड़ी हिम्मत की और सोचा कि अगर आज नहीं देख पाया तो कभी नहीं देख पाऊँगा। मैंने हिम्मत करके एक स्टूल लिया और बाथरूम के बाहर खिड़की के पास रख कर उसके ऊपर चढ़ कर बाथरूम में देखने की कोशिश की।
पहले तो मुझे कुछ नहीं दिखा.. फिर मैंने स्टूल को थोड़ा साइड में करके फिर देखा। जैसे ही मैंने बाथरूम में देखा तो मुझे वो दिखीं.. वो पूरी नग्न अवस्था में थीं।
उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने अपने लंड को अपनी पैन्ट की चैन खोलकर बाहर निकाला। वो पूरी तरफ सलामी दे रहा था और पूरा तना हुआ था।
मैं बता दूँ कि मेरा लंड बहुत मोटा है और मैंने आज तक भी जिन लड़कियों को चोदा है.. वो मेरी दीवानी हो गई हैं।
मैंने अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया, उन्हें देख-देख कर मैं मुठ्ठ मारने लगा। उनके चूचे बहुत ही मस्त लग रहे थे।
मेरा मन कर रहा था कि अभी इनको मुँह में लेकर चूस लूँ लेकिन उनकी चूत मुझे नज़र नहीं आ रही थी। उनका रंग बहुत ही गोरा था।
थोड़ी देर में ही मेरा पानी निकल गया और इतने में उनका नहाना भी हो गया था। इससे पहले वो बाहर आएं.. इतने में मैं नीचे उतर कर स्टूल को अपनी जगह रख कर.. वहीं गेस्टरूम में बैठ गया।
मेरे बैठने के बाद ही वो भी बाहर आ गईं।
इस वक्त क्या क़यामत लग रही थीं वो.. बाल खुले और नीचे पजामी वाला सूट पहना था। सूट का गला भी बहुत बड़ा था.. जिसमें उनके चूचे नज़र आ रहे थे।
उन्हें देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं अपने लंड को अपने हाथों से धीरे-धीरे नीचे कर रहा था। मैंने फिर से उनकी तरफ देखा.. तो वो मेरी तरफ ही देख रही थीं। उन्होंने मुझे ऐसे करते देख लिया था।
फिर वो बोली- क्या हुआ? मैं बोला- कुछ नहीं। वो बोली- फिर तुम्हारा पप्पू ऐसे ही खड़ा हो गया?
मैं एकदम दंग रह गया कि वो क्या बोल रही हैं। वैसे मेरे सर यानि उनके पति काम में ज्यादा बिजी रहते हैं इसलिए उनकी सेक्स करने की इच्छा पूरी नहीं होती होगी।
उन्होंने मुझसे कहा- मैंने तुम्हें बाथरूम में झाँकते हुए देख लिया था। मैं सन्न रह गया। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
तभी वो मेरे पास आकर मेरे साथ चिपक कर बैठ गईं, मेरी तो मुराद पूरी हो रही थी और मेरा मन कर रहा था कि उन्हें एकदम पकड़ लूँ लेकिन मुझे डर भी लग रहा था।
जैसे ही वो मेरे पास बैठीं.. मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था। उन्होंने मेरी पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया। मुझमें पूरा जोश आ गया था। वो बोलीं- तुमने तो मेरा सब कुछ देख लिया.. जरा अपने पप्पू के दर्शन भी करवा दो।
मुझे मजा आ रहा था, मैंने अपनी पैन्ट की चैन खोलकर अपने पप्पू को बाहर निकला। उसका साइज उस टाइम पूरे आकार का हो गया था।
उन्होंने मेरा पप्पू देखा और अपने हाथों में पकड़ लिया और कहने लगीं- तुम्हारा पप्पू तो बहुत बड़ा और मोटा है। तुम्हारे सर का तो 5 इंच का ही है.. और वैसे भी वो काम में ज्यादा बिजी रहते हैं। वो मेरी तरफ ज्यादा ध्यान ही नहीं देते.. जिससे मेरी इच्छा पूरी नहीं होती। मैं कब से सोच रही थी कि मुझे कोई ऐसे लड़का मिले, जो मेरी इच्छा पूरी कर सके।
इतना कहते ही उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में हूँ। फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी कमर पर रख दिया और उनकी कमर सहलाने लगा। उन्हें भी बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैं धीरे-धीरे अपने हाथों से उनके चूचे सहलाने लगा। वो काफी देर तक मेरे लंड को चूसती रहीं।
इसके बाद मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और उनके बेडरूम में ले गया, उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया और अपने होंठ उनके होंठों पर रख कर चूसने लगा। वो अपनी जीभ से पूरा मज़ा ले रही थीं।
फिर मैंने धीरे-धीरे उनके चूचे शर्ट के ऊपर से ही चूसने शुरू कर दिए। वो सिसकारियाँ ले रही थीं।
मैंने उनका सूट उतार दिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा-पैंटी में थीं। मैंने अपना हाथ उनकी पीठ पे ले जाकर उनकी ब्रा का हुक खोल दिया।
उनके नंगे चूचे मेरे सीने से रगड़ रहे थे, मैंने उन्हें बहुत मज़े से चूसना चालू कर दिया था।
मैंने उनकी पैंटी की तरफ देखा.. वो गीली हो चुकी थी। मैं समझ गया था कि ये चुदवाने के लिए तैयार हो गई हैं। मैंने धीरे-धीरे उनकी पैंटी भी उतार दी और उनके पूरे शरीर को चूमने लगा। कुछ ही पलों बाद मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।
मैं अपनी जीभ से उनकी चूत के दाने को धीरे-धीरे रगड़ रहा था। फिर मैं अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा। वो जोर-जोर से कामुक सिसकारियां ले रही थीं।
कुछ देर बाद हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए, उनके मुँह की तरफ मेरा लंड और मेरी मुँह की तरफ उनकी चूत थी। वो मेरे लंड को बड़े मज़े से चूस रही थीं और मैं उनकी चूत को बड़े मज़े से चूस रहा था।
वो जोर-जोर से मादक सिसकारियाँ भर रही थीं वो बार-बार कह रही थीं- जानू अब बर्दाश्त नहीं होता.. अब और मत तड़पाओ.. अब डाल भी दो।
मैं भी उनको चोदने के लिए पूरे जोश में था। फिर मैंने देर न करते हुए अपना लंड धीरे उनकी चूत में डालना शुरू कर दिया। जैसे ही मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा.. वो जोर-जोर सिसकारियां लेने लग गईं।
मैंने पहले थोड़ा सा धक्का लगाया, मेरा लंड जैसे ही उनकी चूत में गया.. तो वो चिल्लाने लगीं, कहने लगीं- आराम से.. तुम्हारे सर का लंड छोटा है.. और तुम्हारा लंड बड़ा.. मैंने आज तक इतना बड़ा लंड नहीं लिया।
मैं धीरे-धीरे से अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा। उनको अब बहुत मज़ा आने लगा था, वो अपने नाख़ून मेरे पीठ पर गड़ाए जा रही थीं और जोर-जोर से चिल्ला भी रही थीं।
थोड़ी देर में ही वो झड़ गईं और उनका पानी निकल गया.. लेकिन मैं अब तक नहीं झड़ा था, मैं और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। फिर थोड़ी देर में ही मैं भी झड़ गया।
मुझे आए हुए काफी देर हो चुकी थी.. तो मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और उन्हें एक लम्बा सा किस दिया। उन्होंने मेरा नंबर लिया और मुझे कहा- क्या तुम मेरी सहेलियों को भी खुश कर दोगे?
मैंने मना कर दिया। वो मेरे से रिक्वेस्ट करने लगीं और कहने लगीं- मुझे इसके बदले पैसे भी मिलेंगे।
मैंने ‘हाँ’ कर दी और फिर मैं वापिस ऑफिस चला गया। उसके बाद मैंने कई बार उनको और उनकी सहेलियों को चोदा।
अगर आपको मेरी स्टोरी अच्छी लगी हो.. तो मुझे इस मेल आईडी पर मेल करें। [email protected]
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