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हॉट भाबी सेक्स स्टोरी मेरे पड़ोस में रहने वाली भाबी की है. मैं उसकी चूत चुदाई के सपने देखता था. एक दिन एक चिट्ठी लिखकर भाबी को दी. उसके बाद क्या हुआ?
हैलो फ्रेंड्स, सेक्स कहानी की बात कही जाए तो किसी भाभी की चुदाई करने में जो मज़ा आता है न दोस्तो, वो किसी और की चुदाई करने में नहीं आता है.
मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है, तो पत्नी या बीवी की चुदाई करने पर कैसा महसूस होता है, मुझे नहीं पता! और रही बात जीएफ की, तो अभी तक हम दोनों इतना भी करीब नहीं आए है कि ऐसा कुछ किया जाए.
अब बात आती है मेरी प्यारी भाभियों की चुदाई की … तो आज मैं यहां पर अपनी हॉट भाबी सेक्स स्टोरी सुनाने ही आया हूँ.
आगे बढ़ने से पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ. मेरा नाम सूर्या रॉय है. मैं बिहार के वैशाली जिला से हूँ, ये सेक्स कहानी मेरी भाभी की चुदाई की पहली कहानी है.
कहते है न कि आज तुमने जो भी अनुभव हुआ हो, उसकी शुरुआत कभी न कभी जरूर हुई होगी. इस लाइन का इधर ये अर्थ है कि मुझमें जो सेक्स के प्रति आकर्षण पैदा हुआ था, वो मैंने अपने मम्मी पापा की चुदाई देख कर ही अपने अन्दर जगाया था.
चुदाई या सेक्स क्या होता है, कैसे होता है … शुरुआत में मुझे इसका जरा सा भी अंदाजा नहीं था. लेकिन एक दिन मैंने देखा कि मेरे पापा, मम्मी के ऊपर नंगे होकर चढ़े हुए हैं और वो अपने शरीर को ऊपर नीचे कर रहे थे.
उस समय तो मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि ये सब क्या है. लेकिन धीरे धीरे मैं चुदाई के बारे में सब जानने लगा.
जब एक बार मैंने हाथ से लंड हिला कर मुठ मारी और वीर्यपात किया. उससे मुझे जो मजा आया, बस तभी से मुझे चुदाई करने का जुनून सवार हो गया.
मैं किशोरावस्था में था, जब मैंने पहली बार मुठ मारी थी. धीरे धीरे इसकी चाहत बढ़ती गयी और मैं रोज ही अपने लंड को हिला कर अपनी अन्तर्वासना को शांत करने लगा.
इस खेल में मुझे इतना अधिक मजा आने लगा था कि अब मैं एक दिन में कम से कम 3 बार मुठ मारता हूं. मुठ मारते समय अश्लील साहित्य को पढ़ना या सेक्स वीडियो देखने से मुठ मारने में दोगुना मजा आने लगा, तो मैंने ये सब भी करना चालू कर दिया था.
आज कभी कभी मैं सोचता हूँ कि शायद उस दिन मम्मी पापा को चुदाई करते नहीं देखता तो मैं भी अच्छे इंसान की तरह अपनी बीवी की पहली बार चुदाई करता. शायद मेरे लिए ये एक अभिशाप था, जो कभी खत्म नहीं होगा. लेकिन जब चुदाई का नशा चढ़ता है, तो चुत चोदने में बहुत ही मज़ा आता है.
सेक्स कहानी चूंकि विस्तार से लिख रहा हूँ तो हो सकता है कि थोड़ी लंबी हो जाए.
मैं अभी अपने रूम में एक कुर्सी पर बैठ कर मोबाइल से ये कहानी नोटबुक में लिख रहा था … तो इसे एक बार में पूरी नहीं लिखा सका था. जब जब मेरे मन में सेक्स जागता तो मैं उसी दिन सेक्स कहानी को आगे लिखने लगता था. इसे आप मेरी सेक्स डायरी भी कह सकते हैं.
सन 2020 की जुलाई की 17 तारीख को लिखना शुरू किया था.
अभी पूरे देश में लॉकडाउन पूरी तरह से नहीं खुला था. सभी शहरी लोग ज्यादातर अपने अपने घरों में ही रह रहे थे. लेकिन हमारे गांव में ऐसा कुछ नहीं था.
हम सभी के पड़ोस में कोई न कोई भाभी तो जरूर ही होती है, लेकिन उनमें से कुछ ही भाभी ऐसी होती हैं, जिनके साथ हम कुछ भी शेयर कर सकते हैं.
मैं अपने पड़ोस की दो भाभियों के साथ ज़्यादा खुला हूँ … या ये कह लो कि जब मैं उन्हें देखता हूँ, तो मुझे बहुत सुकून मिलता है.
पहली पिंकी भाभी हैं और दूसरी सोनिया भाभी हैं.
दोनों की दोनों किसी परी से कम नहीं हैं. मैं बिना कुछ सोचे उन दोनों भाभियों का कोई भी काम कर देता था.
मैंने अब तक कभी भी उन दोनों से सेक्स की बातें नहीं की थीं.
दोनों भाभियों के पति शहर में काम करते थे और साल में केवल दो बार ही घर आते थे.
जैसा कि हम सबको पता है कि भाभी नाम की मादक स्त्री जो होती है, वो बहुत ही रसीली सेक्सी और बहुत ही हॉट माल होती है.
इस सेक्स कहानी में मैं अपको पिंकी भाभी की जवानी के बारे में … और उनके साथ बिताई पहली रात के बारे में बताने जा रहा हूँ.
पिंकी भाभी को कोई एक बार भी देख ले, तो मेरा दावा है कि वो सब कुछ भूल कर उसी समय भाभी को चोदने के लिए तैयार हो जाएगा.
देखने में पिंकी भाभी बहुत ही सुंदर माल हैं. उनका शरीर मक्खन की तरह बिल्कुल मुलायम और धवल है. उनके स्तन एकदम गोल और बड़े बड़े, ऐसे लगते हैं, जैसे पानी से भरे हुए दो गुब्बारे मचल रहे हों.
भाभी के चूतड़ भी बहुत बड़े बड़े हैं. अगर उनके चूतड़ों को हल्का सा भी छुआ जाए, तो ऐसा लगता है … जैसे मक्खन के गोले को छुआ हो.
सन 2020 में एक्जाम खत्म ही हुए थे … और लॉकडाउन लग गया था. अकेले समय काटना भारी पड़ रहा था. मुझे इस समय सिर्फ भाभी की जवानी को देखने का ही सहारा था. वो भी मुझसे जिस समय हंस कर बात करतीं तो मुझे उनकी मदमस्त जवानी का नशा हो जाता था.
भाभी को देखना और उनसे बात करने से मुझमें एक आग सी लग जाती थी और लंड को शांत करने के लिए मैं हर रोज अन्तर्वासना की देसी हिंदी सेक्स कहानी को पढ़ कर लंड हिला लेता था.
एक दिन मैं पड़ोसन भाभी की चुदाई की कहानी पढ़ रहा था. तभी मैंने भी अपने मन में ठान लिया था कि पिंकी भाभी को हर हाल में चोदना ही है. बस मैंने भाभी कि चुदाई का प्लान बनाना चालू कर दिया.
अपने प्लान के अनुसार अब मैं हर रोज भाभी के घर जाने लगा. उनका घर मेरे घर से बगल में ही है. मेरी उनसे व्हाट्ससैप पर चैट होती थी तो मैं उनको रोज एक न एक फनी वीडियो देखने को दे देता और बातें भी कर लिया करता.
भाभी का हंसना और मुझसे मजाक करना मुझे इतना अधिक भाता था कि मैं उनकी जवानी की तपिश को अपने लंड के रस से बुझाने के लिए बस मरा जा रहा था.
एक दिन मैंने हिम्मत करके पिंकी भाभी को एक लाइट सेक्स वीडियो देखने को दे दिया. भाभी ने ये सेक्स वाली क्लिप देखी और आंख मारने वाला स्माइली भेज कर मुझे साहस दे दिया.
मैंने भाभी से पूछा कि आपको मजा आया? वो बोलीं- क्यों तुमको नहीं आया. मैंने हंस कर दांत दिखाने वाला इमोजी सेंड कर दिया.
उसी दिन शाम को भाभी से बात हुई तो मैंने उनसे पूछा- वैसा माल और भेजूं? भाभी ने हंस कर सर हिला कर हामी दे दी.
उसी रात मैंने हिम्मत करके उन्हें मस्त चुदाई का सेक्स वीडियो देखने को दे दिया.
उस वीडियो में एक फिरंगी लड़की की चार अफ्रीकन हब्शियों के द्वारा ग्रुप चुदाई का वीडियो था. उस क्लिप में अफ्रीकन हब्शियों के द्वारा उस अकेली लड़की की चुत गांड और मुँह की चुदाई को जबरदस्त तरीके से दिखाया गया था. उस एक लड़की के ऊपर सभी हब्शी बारी बारी से चढ़ कर उसकी चुदाई कर रहे थे और हब्शियों के लम्बे लंड लड़की की चुत में अन्दर बाहर होते साफ़ दिख रहे थे.
मैंने वीडियो भेजा और मेरा मन नहीं लगा तो मैं छत पर आ गया. सामने भाभी अपनी छत पर थीं. मैंने देखा कि पिंकी भाभी बड़ी शांति से वीडियो देख रही थीं.
मैं चुपचाप उधर बैठ गया. मुझे ये डर लग रहा था कि पता नहीं वीडियो देखने के बाद क्या होगा … कहीं भाभी जी मेरी मम्मी से शिकायत न कर दें. यदि ऐसा हुआ तो मेरी तो वाट ही लग जाएगी.
मगर उस समय मुझे भाभी को चोदने का पूरा नशा चढ़ा हुआ था. मैं इन्तजार करता रहा. न जाने कब मेरी आंख मुंद गई और एक सपना दिखाई देने लगा.
मैं सपने में देख रहा था कि वीडियो खत्म होने के बाद भाभी ने पलट कर मुझे देखा और वो एकदम से चौंक गईं. वो मेरे करीब आईं और मेरी आंखों में वासना से देखने लगीं.
मैं चुप होकर बस उनकी आंखों में अपनी आंखों को डाले अगले एक्शन का इंतजार कर रहा था.
भाभी- मुझे भी अपनी रंडी बनाओगे? मैंने थोड़ा इंतजार किया कि भाभी का अगला वाक्य क्या होता है.
भाभी में मेरी शर्ट की कॉलर पकड़ी और मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा कर धीमी आवाज में बोलीं- लेकिन इस रंडी के लिए सिर्फ तुम एक अकेले ही चोदू रहोगे. मैं समझ गया कि भाभी कि चुत सुलग उठी है.
बस उस रात मेरे और भाभी के बीच बड़े ही शानदार तरीके से चुदाई हुई. भाभी की चूचियां बड़ी ही रसदार थीं. मैंने उनकी चूचियों को जबरदस्त तरीके से चूसा और उन्होंने ही अपने हाथ से पकड़ पकड़ कर मुझे अपने चूचे चुसाए.
छत के अंधेरे में हम दोनों देवर भाभी के बीच लंड चुत का घमासान हुआ. अब भाभी एकदम तृप्त होकर मेरे लंड की शैदाई बन चुकी थीं.
इसके बाद के सपने में मैं देख रहा था कि एक बार चुदाई होने के बाद अब तो हर रोज मैं पिंकी भाभी की चुदाई अलग अलग तरीकों से करने लगा था.
मैं चाहता हूँ कि आप इस कहानी को इस तरीके से पढ़ें ताकि आपको लगे कि आप ऐसा अभी अपने भाभी के साथ कर रहे हो. इस कहानी को महसूस करके ही आप मजा लें. आप भी अपनी भाभी की चुत में अपना लंड डालकर चुदाई का मजा लें.
मेरा सपना टूटा तो मेरा हाथ लंड के रस से चिचिपा हो गया था. मैं मुठ मार ली थी.
मैंने सामने छत पर देखा तो भाभी जा चुकी थी.
मैं भी नीचे आ गया और अपने बिस्तर पर लेट कर सोचने लगा कि मैं भाभी को कैसे चोदने के लिए राजी करूं.
दूसरे दिन मुझे भाभी ने फोन करके मुझे बुलाया मैं समझा कि शायद भाभी मुझे चोदने के लिए बुला रही हैं. उनके फोन से मैं खुश हो गया और झट से उनके घर आ गया.
भाभी के घर में वो मुझे घूर कर देख रही थीं. मैं शर्म से अपना सिर नीचे कर लिया. कमरे का माहौल एकदम शांत था. मुझे अब गर्मी महसूस होने लगी थी.
तभी भाभी बिना मुझे देख कर बोलीं- तुम ऐसे वीडियो क्यों देखते हो? उनके इस सवाल से मैं चौंक गया. तब भी मैंने हिम्मत जुटा कर कहा- क्यों, इसमें क्या बुराई है?
भाभी- ऐसे वीडियो नहीं देखा करते. अभी तुम बच्चे हो. मैं- तो क्या हुआ?
भाभी- अभी तुम्हारी उम्र पढ़ने लिखने की है, तुम ऐसा कुछ मत देखा करो … समझे! मैं- ठीक है भाभी … लेकिन ये सब देखने में मुझे तो बहुत ही मज़ा आता है. आपको कैसा लगा … मज़ा आया न आपको भी?
भाभी जी कुछ नहीं बोल रही थीं. मुझे लग रहा था कि मज़ा तो इनको भी आ रहा था, तभी तो चुपचाप खड़ी थीं.
मैंने चुपके से अपनी जेब से एक कागज निकाल कर भाभी से पूछा- मैंने आपके लिए कुछ लिखा है क्या आप इसे पढ़ना चाहोगी? भाभी- हां … पहले दो तो सही.
मैं खुश हो गया लेकिन दूसरी तरफ डर भी लग रहा था कि लैटर पढ़ने के बाद क्या होगा.
भाभी जी ने लैटर लिया और चली गईं.
कुछ देर के बाद भाभी जी ने भी मुझे एक छोटा का कागज दे दिया और फिर बाहर हॉल में जाकर बैठ गईं.
मुझे लग रहा था कि उस कागज में सेक्स कब करना है वक्त, दिन और जगह वगैरह के बारे में लिखा होगा. लेकिन उस कागज में ऐसा कुछ नहीं था.
उसमें लिखा था कि मुझे ये सब बातें करना पसंद नहीं हैं. फिर कभी ऐसी बातें मत करना. भाभी के इस लैटर से मेरी गांड फट गई.
हॉट भाबी सेक्स स्टोरी के अगले भाग में मैं आगे लिखूंगा कि भाभी मेरे लंड से कैसे चुदीं.
आपके मेल का मुझे बेसब्री से इंतजार रहेगा. लड़कियां भी खुल कर मेल लिखें, झिझकने का कोई काम नहीं है. अन्तर्वासना का पटल अपने मन की बात को सेक्स कहानी के रूप में लिखने के लिए ही है. [email protected]
हॉट भाबी सेक्स स्टोरी का अगला भाग: भाभी की चुत सपने में चोदने के बाद- 2
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