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दोस्तो और मेरी सेक्सी प्यारी भाभियो और लड़कियो,
मैं एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी जिन्दगी की एक सेक्स कहानी लेकर!
यह बात पिंकी की चुदाई के बाद की है, पिंकी और सोनी की चुदाई करके मेरा मन अब और ज्यादा हो गया था कि दुबारा से दोनों बहनों की चूत चुदाई करने को मिले, पर अब घर में सब थे।
अब भी पिंकी और सोनी दोनों से कभी कभी मजे ले लिया करता था, जब मुझे कभी थोड़ा मौका मिलता तो मैं उसे खाली नहीं जाने देता था। पर मेरे लंड को तो अब चूत की भूख लगी थी।
वो जनवरी का महीना था तो ठण्ड भी बहुत थी, अब मेरे भाई लोगों को तो पता ही होगा कि क्या हालत होती है अगर ठण्ड में चूत ना मिले।
पर मेरे तो पास में चूत है पर चुदाई नहीं कर सकता।
पिंकी की एक सहेली थी उसका नाम रूचि था, दिखने में मस्त थी, उसका फिगर 30 26 30 होगा, गोरी थी, काली आँखें पर उसके लिए अभी मेरे मन में गलत बात नहीं थी।
वो जब भी पिंकी के घर आती या मुझे देखती तो मुझे देख कर मुस्कुराती थी। फिर लोहड़ी का का त्यौहार भी था और पिंकी की किसी सहेली का बर्थडे था तो उन सबने मिल कर प्लान बनाया और रूचि के घर में पार्टी रखी।
पिंकी ने मुझे छत पर बुलाया, बोली- यश, आपको मेरे एक काम करना है, बोलो करोगे? मैंने कहा- ठीक है, बोलो? पिंकी बोली- लोहड़ी के दिन मेरी सहेली का बर्थडे है और हमने रूचि के घर पार्टी रखी है, सब तुमसे मिलना चाहती हैं।
मैंने कहा- मुझसे क्यों? पिंकी बोली- रूचि ने मेरी फ्रेंड्स सबको बता दिया है कि मेरी फ्रैंडशीप हो गई है तो अब सब आपसे मिलने के लिए बोल रही हैं मिलने को!
तो मैंने हाँ बोल दिया। मेरे मन में आया ‘क्या बात है… मस्त लड़कियों के साथ डांस करने को मिलेगा, क्या पता कोई मस्त माल भी आये!तो पिंकी बोली- कल 6 बजे चलना है, आप तैयार हो जाना! मैंने कहा- ठीक है।
मैंने कहा- यार, एक बात बताओ, रूचि के घर में जाना है तो कोई लड़का जायेगा तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी उसको? तो पिंकी बोली- अभी 3 दिन उसके घर में कोई नहीं है, रूचि के मम्मी पापा बाहर गए हुए हैं, उसके घर में बस उसका 5 साल का भाई और रूचि ही है बस!
मैंने कहा पिंकी से- क्या रूचि को हम दोनों के सेक्स के बारे में पता है? तो पिंकी बोली- हाँ उसे पता है।
मैंने कहा- बेबी, एक बात कहूँ, करोगी? पिंकी बोली- हाँ, बोलो? ‘क्या तुम रूचि से बात कर सकती हो कि हम दोनों उसके घर पर सेक्स कर सकें।’
थोड़ी देर पिंकी सोचने लगी और बोली- ठीक है, पर पक्का नहीं बोल सकती। मैंने कहा- ठीक है।
अब रात हुई और मैं खाना खाकर लेटा हुआ था कि पिंकी का मैसेज आया, उसने लिखा था- मैंने रूचि से बात कर ली है, उसने हाँ कहा है और 3 बजे अपने घर पर बुलाया है, तुम स्कूल मत जाना।
अब मुझे नींद कहाँ आने वाली थी, पिंकी की दुबारा से चुदाई की बात सोच सोच कर मुझसे रहा नहीं गया, मैंने मुठ मारी और सो गया।
अगले दिन पिंकी और सोनी रोज की तरह स्कूल जा रही थी, दोनों ने प्यारी सी स्माइल पास करी और दोनों चली गई।
अब मेरा दिन काटना मुश्किल हो रहा था। 2 बजे पिंकी स्कूल से आईम, मुझे देखा, इशारे से कहा- जल्दी तैयार हो जाओ! मैं तैयार हो कर बाहर खड़ा था, कुछ देर बाद पिंकी आई। मैं तो उसे देख कर अपने होश न रहा, पिंकी ने लाल रंग का सूट एकदम टाइट पहना हुआ था जिससे अब मुझसे और भी न रहा जा रहा था।
पिंकी ने छत पर आने का इशारा किया, मैं छत पर गया, छत पर पहुँचने पर पिंकी ने कहा- तुम पहले गली के बाहर जाओ, फिर मैं आती हूँ। मैंने कहा- ठीक है।
मैंने ऐसा ही किया।
कुछ ही दूर पर रूचि का घर था, हम दोनों रूचि के घर पहुँचे, पिंकी ने घर की घंटी बजाई। कुछ ही देर में अंदर से रूचि बहार निकल कर आई।
मैं तो रूचि को पहचान ही नहीं पाया, क्या मस्त माल बनी हुई थी… घुटनों तक की गुलाबी फ़्रॉक पहनी हुई थी। उसकी चिकनी टाँगें और देख कर तो मेरा मन ही बदल गया, मन किया कि पिंकी की बाद में, पहले रूचि की ही चुदाई कर दूँ।
पिंकी ने रूचि से मिलवाया, हम घर में गए। रूचि का घर बड़ा था, 5 कमरे नीचे थे, दो मंजिल का घर था।
रूचि मुझसे बोली- यश आप क्या पियोगे? मैंने कहा- आप जो प्यार से पिला दो, हम पी लेंगे।
रूचि किचन में चली गई, इतने में मैंने पिंकी की कमर को सहलाना शुरू कर दिया। पिंकी बोली- थोड़ा सब्र कर लो बेबी!
मैंने कहा- जब इतनी प्यारी सी लड़की मेरे साथ हो तो सब्र कैसे किया जा सकता है।
इतने में रूचि चाय बना कर ले आई। हम बात करने लगे, पर मेरी नजर तो रूचि की टाँगों पर ही जा रही थी।
इतने में ही पिंकी ने रूचि से पूछा- सब लोग कितने बजे आएंगे? रूचि बोली- सबको 6 बजे का बोल रखा है।
रूचि पिंकी से बोली- आप दोनों मेरे रूम में चले जाओ, मैं थोड़ी घर की सफाई कर लेती हूँ।
हम दोनों रूचि के रूम में गए।
रूचि का रूम बड़ा और सुंदर भी था, बाथरूम साथ ही था। मैंने जल्दी से दरवाजा बंद किया और पिंकी के पीछे से ही उसके कमर में हाथ डाल कर उसके शर्ट के ऊपर से ही उसकी चूची को दबाने लगा। पिंकी का हाथ अब मेरी जींस पर से ही लंड को सहला रही थी।
अब मैंने पिंकी के शर्ट में हाथ डाला और उसके पेट को प्यार से सहलाने लगा तो पिंकी की प्यारी आवाज निकलने लगी- ह्हह्हाआ आया ऊऊओ… मैंने अब उसी हाथ को नीचे लगाया उसकी चूत पर और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा।
इधर मेरे लंड का भी बुरा हाल हो रहा था। मैंने पिंकी के शर्ट और सलवार दोनों को ही जल्दी ही उतार दिया, पिंकी ने सफ़ेद रंग की ब्रा और काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी।
मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए, अब मैं अंडरवियर में था पर इतने दिन बाद पिंकी को ऐसे देखा तो रहा नहीं गया, मैंने पिंकी को कस के गले लगा लिया और दोनों हाथ से उसकी गांड को मसलने लगा और उसकी नंगी पीठ पर हाथ से सहलाने लगा।
पिंकी ने अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरा लंड को बाहर निकाला और लंड को आगे पीछे करने लगी। मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसकी गर्दन पर जोर जोर से चूमने लगा, एक हाथ को उसकी पैंटी में डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा जिससे पिंकी और भी गर्म और सिसकारियाँ लेने लगी।
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैंने पिंकी की पैंटी को भी उतार दिया, अपने अंडरवियर को भी उतार दिया और पिंकी के लबों को चूमते हुए बाथरूम में ले गया। बाथरूम भी बहुत बड़ा था, मैंने देर करना ठीक न समझा मैंने शावर को चालू किया तो गर्म पानी आ रहा था।
मैंने उसकी चूत में एक उंगली डाली तो पिंकी की प्यारी सी आवाज निकल गई- आआह्ह्ह्ह! और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा।
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अब मैंने दूसरी भी उंगली उसकी चूत में डाल दी तो पिंकी आआह्हह्हह करते हुए मेरे होठों को काट लेती। पिंकी मेरे लंड को जोर जोर से आगे पीछे कर रही थी।
मैं बाथरूम के फर्श पर ही पीठ के बल लेट गया और पिंकी भी मेरे ऊपर पेट के बल लेट गई, हम अब 69 पोज़ में थे।
यानि की पिंकी की चूत को में चाट रहा था और पिंकी मेरे लंड को चूस रही थी। कितना मजा आ रहा था, ऊपर से गर्म पानी हम दोनों के ऊपर गिर रहा था, हम दोनों गीले थे।
हम दोनों एक दूसरे को प्यार कर रहे थे तो कुछ ही पल में एक दूसरे के मुँह में अपना पानी निकाल दिया।
अब हम दोनों खड़े हुए और एक दूसरे के बॉडी को साबुन लगा कर साफ़ करने लगे और फिर किस करने लगे।
यार कितना मजा आता है पानी में सेक्स करने का… और किसी सेक्सी लड़की के पूरे जिस्म पर किस करने में कितना मजा आता है। तभी तो अभी तक जितनी बार भी सेक्स किया और मैंने पास पानी में सेक्स करने का आप्शन थे तो मैंने जरूर किया।
पिंकी फिर से मेरे लंड को हाथ में ले कर आगे पीछे करने लगी, मैं भी पिंकी की चूत को जोर जोर से सहला रहा था। पिंकी आनन्द के मारे सिसकारियाँ भर रही थी।
मैंने पिंकी को नीचे घुटनों के बल बिठा दिया और उसके मुँह में अपना लंड डाल कर उसका मुख चोदन करने लगा।
कुछ टाइम ऐसे ही पिंकी की मुँह की चुदाई करने के बाद उसको खड़ा कर के उसका मुँह दिवार की तरफ कर दिया और उसको नीच झुका दिया, फिर उसकी चूत को चाटने लगा।
पिंकी को अब और भी मजे आने लगे, वो आआह्ह ऊऊओह्ह ह्हह्ह कर रही थी।
पिंकी घोड़ी बनी हुई थी, मैंने पिंकी की चूत पर लंड को रखा और हल्के से धक्का दिया। पिंकी की चूत बहुत टाइट थी क्योंकि महीने से ज्यादा ही हो गया था उसकी चुदाई नहीं करी थी। उसकी चूत पर मैंने थूक लगाया और अब फिर से पिंकी की चूत में अपना लंड रखा और धक्का दिया तो पिंकी आआह्हहह ऊऊऊऊ करते हुए अब हिलने लगी।
मैंने पिंकी को जोर से पकड़ा और फिर से धक्का दिया तो आधा लंड पिंकी की चूत में चला गया, पिंकी की चीख निकल गई पर पिंकी अब हिलने लगी थी।
पिंकी को दर्द हो रहा था तो वो हिल रही थी पर मैंने उसे हिलने नहीं दिया और उसकी चूची को दबाने लगा और एक हाथ से उसकी पीठ को सहलाने लगा।
कुछ ही देर में पिंकी अब अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी, मैं समझ गया कि अब इसे मज़ा आ रहा है। मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज की तो पिंकी की सिसकारियाँ निकलने लगी- ओःह्ह ह्ह्ह्ह्हाआ ह्हस्स ह्ह्म्म ह्ह्ह ह्ह्ह्हू ऊऊओ आह्ह।
पिंकी भी जोर जोर से अपनी गांड को पीछे कर रही थी। मैंने उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर जोर से पिंकी की चुदाई करने लगा और पानी ऊपर से गिरता तो और भी मजा आता। ऐसे ही 5 मिनट चोदने के बाद पिंकी को उठा कर मैं बेड पर ले गया और उसको पीठ के बल लेटा दिया और फिर उसकी टाँगों के बीच आकर उसकी चूत को चाटने लगा। पिंकी आअहह हह्हम्ममि ह्ह्ह्हूऊऊ हाआआ ह्ह्ह ह्ह्हआआ कर रही थी।
अब मैंने पिंकी की दोनों टाँगो को खोल कर अलग कर दिया और उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा। पिंकी बोली- आअह ऊईह यश, तड़पाओ मत, डाल दो ना!
मैंने पिंकी की चूत पर लंड को रखा और एक धक्का दिया, आधा लंड उसकी चूत में चला गया जल्दी ही दूसरा धक्का मारा तो पिंकी फिर से ऊह्ह आह कर रही थी।
अब मैं रुका नहीं और जल्दी ही जोर जोर से पिंकी की चूत की चुदाई करने लगा। पिंकी तो जैसे पागल ही रही थी और जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी- आह्ह यश ह्हऊऊओऊ… यश चोदो… और चोदो… जोर जोर से ह्ह्हआआ ह्ह्यश!
कुछ देर में पिंकी बोली- मेरा पानी आने वाला है! तो मैंने कहा- मैं अंदर करूँ या बाहर? पिंकी बोली- आपकी मर्जी है!
मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी, पिंकी ने आह्ह करते हुए अपना पानी निकाल दिया।20 से 30 धक्के मारने के बाद मैंने सारा माल उसके बाहर निकाल दिया।
और कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे। घड़ी में देखा तो 5:30 बज रहे थे, हम दोनों ने रूम ठीक किया और बाहर आये।
मैंने रूचि को देखा तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और पर मैंने अपने पर काबू रखा।
तो दोस्तो, यह थी अभी तक की मेरी सेक्स कहानी… आगे क्या हुआ वो अगले भाग में!
और मुझे प्यारी लड़कियों और भाभियों के मेल का इन्तजार रहेगा। [email protected]
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