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मेरा नाम सागर है, उम्र 20 साल है। मैंने भाभी की कमर को गर्म पानी से सेक करवाने के बहाने कैसे चोदा, अपनी यह सेक्स कहानी आज आप सभी के सामने लिख रहा हूँ।
मैं अपने कॉलेज द्वारा उपलब्ध किए हुए हॉस्टल में रहता हूँ।
बात तकरीबन 2 महीने पहले की है। मैं अपने हॉस्टल के पास रहने वाली भाभी को 2 महीने से नज़र में रख रहा था।
हमारे बाथरूम में एक रोशनदान की खिड़की है.. जिसमें अन्दर से बाहर का देखा जा सकता है.. लेकिन बाहर से अन्दर का नजर कोई नहीं देख पाता।
एक रोज़ की बात है जब मैं सुबह-सुबह अपनी बाल्कनी में अपनी गर्लफ्रेंड से बात कर रहा था, तभी भाभी अपनी छत पर आईं और अपने कपड़े सूखने के लिए डालने लगीं। उसमें उनकी 3 ब्रा थीं, एक रेड कलर और दो ब्लैक थीं। जब भाभी अपनी ब्रा सूखने डालने लगीं। तभी भाभी ने मेरी तरफ देखा और इशारे में बोलीं- अन्दर जाओ।
मैं समझ गया कि कुछ गड़बड़ है। तभी उनकी छोटी लड़की आई और भाभी की नाइटी खींचने लगी।
मैं फिर से बाहर आया और मैंने भाभी को इशारे में कहा- आपकी लड़की बहुत क्यूट है। इस पर भाभी हँस कर नीचे चली गईं।
जब मैं कॉलेज जाने को तैयार होकर हॉस्टल के गेट से बाहर आया.. तभी मैंने देखा कि भाभी अपने घर के गेट के पास खड़ी हैं। उस वक्त मैंने भाभी को फिर से एक स्माइल दी.. पर उस वक़्त भाभी ने मेरी तरफ कोई रेस्पॉन्स ही नहीं दिया। मुझे बहुत बुरा लगा और मैं कॉलेज चला गया।
मैं जब कॉलेज से वापस आया तो देखा कि भाभी के घर में लॉक लगा हुआ है। मैंने कुछ देर वेट किया.. पर भाभी के घर का ताला नहीं खुला।
इस तरह 3 दिन बीत चुके थे भाभी घर पर वापस नहीं आईं। मुझे थोड़ा टेंशन होने लगी और मैंने जानने की कोशिश करने की सोची। मैं सबके पास से उनका फ़ोन नम्बर ढूंढने लगा, मुझे कहीं से भी नम्बर नहीं मिला।
जब मैं शाम को बाहर जा रहा था.. तभी मैंने देखा कि भाभी के गेट पर उनका नम्बर लिखा हुआ है। नंबर के ऊपर ‘टू-लैट’ का बोर्ड लगा हुआ था। तो मैंने नम्बर ले लिया।
अब मैंने एक फेक नम्बर से कॉल किया और पूछा- आपके घर में किराए पर देने का बोर्ड लगा हुआ है.. क्या वो पूरा घर आपको रेंट पर देना है?
तब भाभी बोलीं- नहीं.. पूरा नहीं.. सिर्फ़ ऊपर वाला हिस्सा रेंट पर देना है। मैंने तुरंत कॉल काट दिया।
उसके बाद अगले दिन भाभी अपने घर आ गईं। जब सुबह मैं फिर से अपनी गर्लफ्रेण्ड से बात कर रहा था.. तब भाभी बोलीं- किससे बात कर रहे हो? मैंने कहा- गर्लफ्रेण्ड से.. भाभी बोलीं- कुछ किया भी है कि बस यूं ही?
मैं कुछ ना बोलते हुए अन्दर चला गया।
उसके बाद मैं सोचने लगा कि भाभी के घर कैसे जाऊँ। तभी दिमाग़ में एक ख्याल आया कि भाभी को बाथरूम से गिरने का बहाना करके उनके घर जाकर अपनी कमर को सेकने के लिए गरम पानी माँग लूँ।
जब मैं नहाने गया, तब मैंने जानबूझ कर बाथरूम में गिरने का बहाना किया और मैंने अपने दोस्तों से कहा कि मैं आज कॉलेज नहीं जाऊँगा।
उसके बाद मैं भाभी के घर पहुँचा और दरवाजे पर दस्तक दी। भाभी आईं और बोलीं- क्या हुआ?
मैंने कहा- भाभी मैं बाथरूम से गिर गया था.. तो मेरी कमर में चोट आई है। मुझे थोड़ा गरम पानी मिलेगा? भाभी बोलीं- गरम पानी क्यों.. मूव लगा लो। मैंने कहा- वो मेरे पास नहीं है। भाभी बोलीं- मेरे पास है.. अन्दर आ जाओ।
मैं अन्दर गया और देखा कि घर में उनकी दो साल की लड़की सिवाए और कोई नहीं है।
तब मैंने भाभी से पूछा- भैया कहाँ हैं? भाभी बोलीं- वो तो कनाडा में हैं। वो वहाँ जॉब करते हैं?
मैंने कहा- कब आएँगे भैया? भाभी बोलीं- उन्हें गए हुए दो साल हो चुके हैं.. अब वे आने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। उनके स्वर में कुछ उदासी आ गई थी।
फिर भाभी अन्दर गईं और मूव लेकर आ गईं। भाभी ने कहा- ये लो मूव लगा लो। मैंने कहा- मेरे चार हाथ थोड़ी ना हैं कि खुद से लगा लूँ। भाभी हँस कर बोलीं- तो मैं लगा दूँ क्या? मैंने कहा- हाँ भाभी, आप लगा दो तो अच्छा रहेगा।
भाभी बोलीं- बदमाश हो तुम! मैंने भी हँस कर कहा- वो तो पैदायशी ही हूँ। भाभी बोलीं- सोफे पे लेट जाओ.. मैं लगा देती हूँ।
तब मैं सोफे पर लेट गया और भाभी मूव लगाने लगीं।
आहह हहा.. क्या मुलायम हाथ थे भाभी के.. भाभी के हाथ मेरे कमर को छूते ही मैं गरम हो गया। मेरा लम्बा लंड एकदम से खड़ा हो गया।
उसके बाद भाभी धीरे-धीरे मेरी गाण्ड पर मूव लगाने लगीं। फिर मैंने कहा- भाभी मुझे वहाँ पर दर्द नहीं हो रहा है। भाभी बोलीं- कोई बात नहीं.. फिर भी लगा देती हूँ।
तो मैंने धीरे से कहा- ठीक है लगा दो.. वैसे भी मज़ा तो आ ही रहा है.. तो मज़ा क्यूँ ना लूँ। यह बात भाभी सुन ली और जानबूझ कर पूछने लगीं- क्या बोला? मैं चुप रहा।
थोड़ी देर बाद भाभी उठ कर अन्दर के कमरे में चली गईं। फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे अन्दर से आवाज देकर बुलाया और कहा- अब बताओ.. दर्द कर रहा है या नहीं? मैंने कहा- हल्का दर्द हो रहा है। वो बोलीं- ठीक है.. बिस्तर पर सो जाओ।
तो मैं लेट गया.. भाभी फिर से मूव लगाने लगीं और बोलीं- तुम्हारी कमर तो बहुत अच्छी है। मैंने कहा- हाँ भाभी.. मेरा और भी बहुत कुछ अच्छा है। बोलीं- क्या मतलब? मैंने कहा- कुछ नहीं… भाभी बोलीं- मैं समझ गई।
तो मैंने कहा- आप बहुत समझदार हो। वो बोलीं- मैं तेज भी हूँ.. मैंने कहा- जैसे कि.. भाभी बोलीं- कुछ नहीं..
मैं समझ गया था कि भाभी को मेरे में इंटरेस्ट है। फिर मैंने कहा- भाभी आपके हाथ बड़े सॉफ्ट हैं। तब उन्होंने भी मेरा डायलॉग मारा ‘मेरा और भी बहुत कुछ सॉफ्ट है।’ तब मैंने कहा- क्या मैं देख सकता हूँ.. क्या है वो सॉफ्ट चीज़?
वो मुस्कुराती हुई उठ कर वहाँ से बाथरूम चली गईं। मेरा हथियार तो वैसे ही गरम हो चुका था। मैं भाभी के आने का इंतज़ार कर रहा था।
कुछ देर बाद वो बाहर आईं लेकिन कुछ अलग ही अंदाज़ में आईं। उन्होंने सिर्फ़ नाइटी ही पहनी हुई थी अन्दर कुछ नहीं पहना था।
दोस्तो आप सोच रहे होंगे कि ये मुझे कैसे पता चला.. क्योंकि उनके निप्पल साफ दिख रहे थे। तब भाभी बोलीं- मैं कैसी दिख रही हूँ? मैंने कहा- आप बुरा तो नहीं मानोगी ना.. आप बहुत हॉट लग रही हो। भाभी बोलीं- तुम बहुत नाटी हो। मैंने कहा- वो तो पहले से ही हूँ।
भाभी कामुक निगाहों से मुझे देखने लगीं। थोड़ी देर बाद मैंने भाभी से कहा- ठंडा पानी मिलेगा पीने को। तब भाभी बोलीं- दूध है.. पीओगे? मैंने कहा- किसका दूध है? वो इठला कर बोलीं- मेरा है। मैंने कहा- तब तो मैं ज़रूर पीऊँगा।
वो मेरे करीब को आईं.. अगर मुझे कुछ अलग नज़र से ही देखने लगीं। मैं पूरा बेचैन सा हो गया। भाभी मेरे पास आईं और उन्होंने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया.. और हाथ घुमाने लगीं।
अब तक मेरा लंड पूरा टाइट हो गया। भाभी बोलीं- अच्छा लग रहा है। मैंने कहा- लंड पकड़ोगी तो और भी अच्छा लगेगा।
उन्होंने झट से मेरा लंड ज़ोर से पकड़ लिया और फिर उन्होंने पैन्ट के अन्दर ही हाथ डाल दिया।
मैंने उनके गाल पर किस किया.. तब वो बोलीं- लिपकिस करो। मैं करने लगा.. और वो भी साथ देने लगीं।
फिर मैंने उनके मम्मों को दबाना शुरु कर दिया। उन्होंने मेरी पैन्ट निकाल दी और मेरा लंड हिलाने लगीं। उनके कुछ ही देर तक लंड हिलाने से ही मेरा झड़ गया।
भाभी बोलीं- बस इतना ही सह सकते हो? मैंने कहा- एक बार अन्दर लो तो बताऊँ कि कितना सह सकता हूँ। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
अब हम दोनों खड़े-खड़े ही किस करने लगे। मैं उनकी चूत पर हाथ घुमाने लगा और वो ‘आआहह.. उउऊहह..’ करने लगीं। मैंने उनकी नाइटी निकाल दी। आह्ह.. क्या नज़ारा था.. उनके वो गोरे-गोरे मम्मे और शेव्ड चूत।
मैं उनके मम्मों पर चूमा करने लगा और निप्पलों होंठों से भर कर चुभलाने लगा। भाभी सिर्फ़ ‘उउम्म्म्म.. आआहह..’ कर रही थीं।
तब भाभी बोलीं- बस करो। वो बिस्तर पर बैठ गईं.. मैं उनके पास गया और बोला- क्या हुआ? तब भाभी बोलीं- ये सब कुछ ज़्यादा ही हो रहा है। तो मैंने कहा- वैसे भी मैंने आपको न्यूड देख ही लिया है.. तो और कुछ करने में बुराई थोड़ी ना है।
इतना बोल कर मैंने भाभी के मम्मों पर हाथ रखा और दबाने लगा। फिर मैंने भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी चूत को देखा।
मैंने कहा- भाभी आपकी चूत तो बहुत ही मस्त है.. इसको चोदने में बहुत मज़ा आएगा। भाभी बोलीं- तो देर क्यों कर रहे हो.. जल्दी आओ मेरे ऊपर.. और मुझे चोद दो। मैंने कहा- अभी बहुत कुछ करना बाकी है। भाभी बोलीं- जैसे कि..
मैं भाभी को किस करने लगा.. फिर मम्मों पर किस करने लगा.. पेट पे.. और फिर अंत में उनकी चिकनी चूत चाटने लगा।
भाभी बोलीं- आह्ह.. बहुत मज़ा आ रहा है.. और ज़ोर से चाटो। मैं चूत और दम से चाटने लगा। भाभी ‘आआहह.. आआअहह.. स्स्सिईई..’ की आवाजें निकालने लगीं।
फिर मैंने उनकी चूत में उंगली डाली.. तो भाभी ने अपने पैर एक साथ कर लिए क्योंकि उनको कुछ दर्द सा हो रहा था।
मैंने उनके पैर फैला दिए.. फिर से चूत में उंगली डाल दी, पहले तो मैंने एक उंगली डाली, फिर एक साथ 3 उंगलियां डाल दीं। भाभी ज़ोर से चिल्लाईं- आआहह.. इतना मत करो.. दर्द हो रहा है..
मैं रुका नहीं और ज़ोर-ज़ोर से उंगली डालने लगा। वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगीं ‘उइईईई माँआ.. आआअहह आआहह.. बस बस करो.. धीरे उंगली डालो..’
तब मैंने उंगली निकाल दी और मैं अपना लंड उनके मुँह के पास ले गया। वो मेरा लौड़ा मुँह में लेने लगीं। अब मैं 69 के पोज़ में आ गया और देर तक इसी पोज़िशन में हम दोनों चुसाई करते रहे।
फिर भाभी बोलीं- अब बस करो.. कितना तड़पाओगे?
मैंने अपना लंड उनकी चूत के पास लगाया और चूत पर घिसने लगा। भाभी बोलीं- अब मत तड़पाओ.. चोदो मुझे…
मैं लंड को भाभी की चूत में डालने लगा और अभी आधा ही गया था कि वो ज़ोर से चिल्लाईं- आआअहह.. ऊऊऊऊहह.. बहुत दर्द हो रहा है।
मैं रुका नहीं.. लगातार धक्का देने लगा।
कुछ ही देर में लौड़े ने चूत में जगह बना ली तो मैं और ज़ोर-ज़ोर से धक्का देने लगा। वो चिल्लाने लगीं- आआहह.. आहहा.. मर गई रे.. धीरे करो..
मैं भाभी को चोदते-चोदते मेरा माल चूत के अन्दर ही झड़ने को हुआ और मैंने लंड को चूत से निकाल कर भाभी के मुँह में डाल दिया। वो मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं।
मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था। मैं फिर से भाभी को चोदने लगा।
अब मैंने सोचा कि भाभी की गाण्ड मारना चाहिए, मैंने भाभी से पूछा- तेल कहाँ है? भाभी बोलीं- क्यों? मैंने कहा- बोलो ना.. कहाँ है?
तब उन्होंने बताया.. मैं ले आया और मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने को कहा। वो कुतिया बन गईं। मैंने उनकी गाण्ड और अपने लंड में तेल लगाया।
मैंने भाभी के गाण्ड में लंड डाला तो वो ज़ोर से चिल्लाईं- आआहह.. मर गई चूतिए.. हरामी गाण्ड में डालने को किसने कहा था। मैं उनकी चीख को अनसुनी करते हुए धक्का देता रहा। कुछ पलों के बाद वो भी साथ देने लगीं।
अब वो मेरे ऊपर आ गईं और वो मेरे लंड पर उछल-उछल कर चुदवाने लगीं। मेरा लौड़ा फिर से उनकी गाण्ड में झड़ गया पर वो नहीं रुकीं.. क्योंकि वो पूरी गरम हो चुकी थीं और देर तक चुदवाना चाहती थीं।
मैंने भी हार नहीं मानी.. मैं उनको और चोदने लगा.. फिर जब मैं थक गया तो भाभी लौड़ा हिलाने लगीं.. चूसने लगीं।
मैंने भाभी से कहा- बस.. अब फिर कभी सेक्स करेंगे। फिर मैं वहाँ से कपड़े पहन कर हॉस्टल चला गया।
फ्रेंड्स, यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है। मुझे मेल करें।
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